अंतरिक्ष विभाग

न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड, अंतरिक्ष विभाग की एक नई वाणिज्यिक शाखा के रूप में कार्य करेगा: वित्त मंत्री


कंपनी विभिन्न अंतरिक्ष उत्पादों के व्यावसायीकरण का प्रसार करेगी

Posted On: 05 JUL 2019 1:46PM by PIB Delhi

 केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम न्‍यू स्‍पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) को अंतरिक्ष विभाग की एक नई वाणिज्यिक शाखा के रूप में शामिल किया गया है। इसके माध्‍यम से इसरो द्वारा किए जा रहे अनुसंधान एवं विकास के लाभों में और वृद्धि की जा सकेगी।

यह कंपनी विभिन्‍न अंतरिक्ष उत्‍पादों जैसे लॉन्च वाहनों के उत्पादन, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण और अंतरिक्ष उत्पादों के विपणन के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देगी। वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर कम कीमत के साथ उपग्रहों को प्रक्षेपित करने और अन्‍य अंतरिक्ष उत्‍पादों से जुड़ी तकनीक और क्षमता को हासिल करने में एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरा है। उन्‍होंने कहा कि व्यावसायिक रूप से इस क्षमता का उपयोग करने का समय आ गया है।

वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजटीय अनुमानों 11,200 करोड़ रुपए की तुलना में वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में अंतरिक्ष विभाग के लिए 12,473.26 करोड़ रुपए के अनुमानित बजट का प्रावधान किया गया है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/SpaceOGYV.jpg

प्रमुख योजनाओं का परिव्यय:

योजनाएं

2018-19 (आरई)

2019-20 (बीई)

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (गगनयान सहित)

6993  करोड़ रुपए

8408 करोड़ रुपए

अंतरिक्ष अनुप्रयोग

1595 करोड़ रुपए

1885 करोड़ रुपए

INSAT सैटेलाइट सिस्टम

1330 करोड़ रुपए

884  करोड़ रुपए

                             

***

आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एसएस/एसएस-1926

 


(Release ID: 1577629) Visitor Counter : 285


Read this release in: English , Bengali , Punjabi