जल शक्ति मंत्रालय

जल के समुचित उपयोग से भारत भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रह सकता है- श्री शेखावत


वाप्कोस ने “हमारी नदी, हमारा भविष्य” और “वृक्ष लगाए, जीवन बचाए” कार्यक्रम आयोजित किए

Posted On: 24 JUN 2019 2:45PM by PIB Delhi

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल उपलब्धता के मामले में भारत दुनिया के सबसे संवेदनशील देशों में एक है और बढ़ती जनसंख्या ने समस्या को और भी गंभीर बना दिया है। नई दिल्ली में आईटीओ के निकट स्थित छठ घाट पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह के तहत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शेखावत ने कहा कि पानी की प्रत्येक बूंद को बचाना व संरक्षित करना चाहिए तथा हम सभी को पानी के उचित उपयोग के लिए सम्मिलित प्रयास करना चाहिए।

श्री शेखावत ने कहा कि भारत ने खाद्यान्न निर्यात करने वाले देश की उपलब्धि हासिल की है। पहले हमारा देश में खाद्यान्न की कमी थी। निकट भविष्य में पानी की कमी से स्थिति खराब हो सकती है। आवश्यकता इस बात की है कि पानी के पारम्परिक स्रोतों का पुनरुद्धार किया जाना चाहिए और जल संरक्षण के लिए सशक्त प्रयास किए जाने चाहिए।

वाप्कोस की सराहना करते हुए श्री शेखावत ने कहा कि संगठन ने विकास कार्यों के लिए नवीन तरीके अपनाए है तथा चुनौतीपूर्ण सामाजिक समस्याओं के निदान के लिए भी योगदान दिया है। वाप्कोस का उद्देश्य है- विचारों के कार्यान्वयन के लिए रोडमैप तैयार करना और फिर इसे लागू करना।

केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत हुई थी। यह कार्यक्रम अब जनांदोलन का रूप ले चुका है। घरों को पाईप द्वारा जल आपूर्ति का कार्यक्रम भी सफल होगा, क्योंकि प्रधानमंत्री इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर वाप्कोस के सीएमडी श्री आर.के. गुप्ता ने कहा कि वाप्कोस तकनीकी परामर्श देने वाला और ईपीसी संगठन है। विश्व स्तर पर जल, ऊर्जा और अवसंरचना क्षेत्रों में संगठन की मजबूत उपस्थिति है। वाप्कोस ने एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व दक्षिण अमेरिका और प्रशांत सागर द्वीपों में परामर्श से संबंधित कार्यों को पूरा किया है। संगठन वर्तमान में 47 देशों में कार्यरत है।

इसके बाद केन्द्रीय मंत्रियों और सचिव श्री यू.पी. सिंह के साथ वाप्कोस के कर्मचारियों, एनजीओ के सदस्यों, आम लोगों ने यमुना नदी के छठ घाट, श्याम घाट, कुदसिया घाट और यमनेश्वर घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया और पौधारोपण किया। वाप्कोस का उद्देश्य वाक्य है- हमारी नदी, हमारा भविष्यऔर वृक्ष लगाए, जीवन बचाए

 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/जेके/डीके – 1719

 



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