जल शक्ति मंत्रालय

जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दीनापुर और रमना में नमामि गंगे एसटीपी परियोजनाओं का निरीक्षण किया


उन्होंने तैरते गंगा संग्रहालय ‘गंगा तारिणी’ और गंगा पर चलते-फिरते आजीविका केंद्र का भी दौरा किया  

Posted On: 18 JUN 2019 6:36PM by PIB Delhi

 

 

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज वाराणसी में चल रही नमामि गंगे परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने 140 मिलियन लीटर डे (एमएलडी) दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निरीक्षण किया। उनके साथ राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा भी थे।

श्री शेखावत ने दीनापुर एसटीपी के अधिकारियों को समय-समय पर रासायनिक जांच करने के निर्देश दिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके हो कि सीवेज में कोई औद्योगिक या अन्य विषाक्त पदार्थ न जाए। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत, दीनापुर और गोइठा (120 एमएलडी) संयंत्र अभी हाल में पूरे हुए हैं। इनमें से दीनपुर एसटीपी का प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन पिछले साल नवंबर 2018 में किया था। इसके अलावा, रमना में निर्मित 50 एमएलडी एसटीपी शहर की मौजूदा सीवेज उपचार क्षमता को बढ़ाएगा।

श्री शेखावत ने नाव द्वारा वाराणसी के सभी 84 प्रतिष्ठित घाटों का निरीक्षण किया।  इनमें विशेष रूप से वे 26 घाट भी शामिल हैं जहां नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मरम्मत/ नवीनीकरण की परियोजनाएँ शुरू की गई हैं। उन्होंने 84 घाटों की नियमित सफाई के साथ-साथ नदी की सतह की सफाई परियोजनाओं की भी समीक्षा की। इन्हें गंगा नदी के अंदर और आसपास की सफाई सुनिश्चित करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

उन्होंने एक हाउस बोट पर बनाए गए गंगा तारिणी नामक तैरते संग्रहालय का भी निरीक्षण किया। इस संग्रहालय में गंगा और इसकी समृद्ध जैव विविधता पर एक फिल्म प्रदर्शन भी किया जाता है। यह सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक पहलुओं के साथ-साथ सहित नदी के विभिन्न पहलुओं के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराता है। एनएमजीसी के सहयोग से गंगा तारिणी को भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) द्वारा विकसित किया गया है।

श्री शेखावत ने 'जलज नामक नाव का भी दौरा किया, जो वाराणसी के घाटों और आस-पास के गांवों में चलती है और गंगा प्रहरियों और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा तैयार उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री करती है। यह बेहतर आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देती है। प्रशिक्षित गंगा प्रहरियों ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को गंगा नदी,  उसकी जैव विविधता और स्वच्छता के बारे में शिक्षित किया।

 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आईपीएस/सीएस-1641   

 



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