संस्‍कृति मंत्रालय

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947) के शहीदों के शब्दकोश का विमोचन

Posted On: 07 MAR 2019 8:41PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग में आयोजित कार्यक्रम में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के शब्दकोश का विमोचन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पांच खंडों वाले इस शब्दकोश में 1857 में आजादी की पहली लड़ाई से लेकर 1947 में भारत की आजादी तक के शहीदों का वर्णन है।

उन्होंने कहा कि इसमें जलियांवाला बाग नरसंहार, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन के शहीदों के साथ साथ आजाद हिंद फौज के वो सैनिक भी शामिल हैं जिन्होंने शहादत प्राप्त की। उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर शहीदों के नाम संग्रहीत करने का ये पहला प्रयास है। इस संग्रहण में शामिल लोगों और इसके पीछे के प्रयास की उन्होंने प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जो राष्ट्र उन लोगों को याद नहीं करता और सम्मान नहीं देता जिन्होंने उनके इतिहास का निर्माण किया है या उसका महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, अकसर उस राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस लिहाज से ये प्रयास न सिर्फ अतीत को संजोने का एक तरीका है बल्कि ये हमारे भविष्य को सुरक्षित करने का भी एक रास्ता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को खासतौर पर इस प्रयास के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रयास हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों के वीर प्रयासों को याद करने और उनका पोषण करने का है। उन्होंने कहा कि इसका भविष्य की पीढ़ियों पर सकारात्मक असर होगा और उन्हें "इंडिया फर्स्ट" सोचने के लिए प्रेरित करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास स्वतंत्रता के बाद से अब तक कोई भी युद्ध स्मारक नहीं था। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय समर स्मारक इस मुल्क को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि इसी तरह राष्ट्रीय पुलिस स्मारक भी निर्मित किया गया है। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में बनाई गई दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस और आजाद हिंद फौज की स्मृति में लाल किले में क्रांति मंदिर भी स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा रहे आदिवासी नायकों के साहसिक कार्यों को याद करने के लिए संग्रहालय भी निर्मित किए जा रहे हैं।

केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा भी इस मौके पर मौजूद थे।

पृष्ठभूमि

सन् 1857 की क्रांति की 150वीं वर्षगांठ का उत्सव मनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के "शहीदों के शब्दकोश" का संकलन करने की परियोजना सौंपी थी।

इस शब्दकोश में एक शहीद को ऐसे व्यक्ति के तौर पर परिभाषित किया गया है जो भारत की मुक्ति के लिए राष्ट्रीय आंदोलन में हिस्सा लेने के दौरान की गतिविधि में या कारावास में मारा गया या उसे मृत्युदंड की सजा दी गई।

इसमें भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) और फौज के पूर्व सदस्य भी शामिल हैं जो ब्रिटिश हुकूमत से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।

इसमें 1857 की क्रांति, जलियांवाला बाग नरसंहार (1919), असहयोग आंदोलन (1920-22), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34), भारत छोड़ो आंदोलन (1942-44), क्रांतिकारी आंदोलनों (1915-34), किसान आंदोलनों, आदिवासी आंदोलनों, रियासतों में उत्तरदायी सरकार के लिए आंदोलन (प्रजामंडल), भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए, 1943-45), रॉयल नौसेना विद्रोह (आरआईएन, 1946) आदि के शहीद शामिल है। इन शब्दकोशों में 13,500 शहीदों की सूचना दर्ज की जा चुकी है।

इस प्रकाशन को पांच खंडों में (ज़ोन अनुसार) लाया गया है जो निम्नलिखित हैः

 

  • "शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 1, भाग 1 और 2। इस खंड में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के 4400 से ज्यादा शहीदों को सूचीबद्ध किया गया है।     

 

  • "शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 2, भाग 1 और दो। इस खंड में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और जम्मू एवं कश्मीर के3500 से ज्यादा शहीदों को सूचीबद्ध किया गया है।

 

  • "शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 3। इसमें 1400 से ज्यादा शहीदों को शामिल किया गया है। इस खंड में महाराष्ट्र, गुजरात और सिंध के शहीद सूचीबद्ध हैं।

 

  • "शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 4। इस खंड में शामिल किए गए शहीदों की संख्या 3300 से अधिक है। इस खंड में बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के शहीदों को शामिल किया गया है।

 

  • "शहीदों का शब्दकोशः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)", खंड 5। इस खंड में शामिल किए गए शहीदों की संख्या 1450 से अधिक है। इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के बलिदानियों को सूचीबद्ध किया गया है।

 

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आर.के. मीणा/एएम/जीएसबी


(Release ID: 1569346)
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