रक्षा मंत्रालय
नौसेना के कमांडर कोच्चि में सामरिक गतिविधि संबंधी विचार-विमर्श करेंगे
Posted On:
17 MAR 2019 2:24PM by PIB Delhi
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा कल (18 मार्च,2019) कोच्चि में भारतीय नौसेना के सबसे बड़े वार गेम -थिएटर लेवल ऑपरेशनल रेडिनेस एक्सरसाइज ( टीआरओपीईएक्स-19) पर आयोजित जानकारी संबंधी बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस सैन्य अभ्यास की शुरूआत 07 जनवरी 2019 को हुई थी और 10 मार्च 2019 को यह अभ्यास समाप्त होने वाला था। परन्तु 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ पर जेईएम द्वारा किये गये आतंकी हमले के कारण भारतीय नौसेना की तैनाती उत्तरी अरब सागर में की गई।
भारतीय नौसेना की प्रमुख युद्ध इकाइयों को अभ्यास से हटाकर सामरिक गतिविधि के लिए तैनात किया गया। इनमें आईएनएस विक्रमादित्य तथा इसके कैरियर बैटल ग्रुप, न्यूक्लियर पनडुब्बियां, अन्य जहाज, पनडुब्बियां तथा हवाई जहाज आदि शामिल थे। तैनाती का कारण भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव था। 28 फरवरी 2019 को हुये तीनों सेनाओं के संवाददाता सम्मेलन में एक स्पष्ट और दृढ़ संदेश दिया गया था कि भारतीय नौसेना देश के समुद्री क्षेत्र में पाकिस्तान की किसी कार्रवाई को रोकने तथा पराजित करने के लिए तैयार है।
टीआरओपीईएक्स-19 में भारतीय नौसेना के 60 जहाजों, भारतीय तटरक्षक के 12 जहाजों और 60 हवाई जहाजों ने भाग लिया था। इस अभ्यास के दौरान नौसेना ने भूमिका परिवर्तन में अपनी दक्षता सिद्ध की। अभ्यास में बड़ी संख्या में युद्ध के लिए तैयार जहाजों व सैन्य साजो-समान का उपयोग हुआ था। इससे भारतीय नौसेना को तीनों सेनाओं के साथ समन्वय करते हुए बदलती परिस्थियों में तेजी से प्रतिक्रिया देने के अभ्यास का अवसर मिला। तीनों आयामों में भारतीय नौसेना की उत्कृष्टता को देखते हुए पाकिस्तान नेवी ने भी मकरान तट पर ही तैनात रही और इसने खुले समुद्र में आगे बढ़ने का साहस नहीं किया।
इसके पहले टीआरओपीईएक्स-19 अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आयोजित हुआ था। इसमें नौसेना के साथ भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना भी शामिल थी। इसके बाद 22 जनवरी-23 जनवरी 2019 को सबसे बड़ा समुद्र तट रक्षा अभ्यास आयोजित हुआ। इसका नाम सी-विजिल था। इस अभ्यास में सभी 13 तटीय राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश शामिल हुए थे।
नौसेना प्रमुख द्वारा सभी कमांडरों के साथ टीआरओपीईएक्स-19 की समीक्षा का उद्देश्य अभ्यास परिचालन का परीक्षण करना तथा भारतीय नौसेना के सामरिक गतिविधि संबंधी तैयारी का मूल्यांकन करना है। भारतीय नौसेना की तैनाती और युद्ध लड़ने की क्षमता का वास्तविक आकलन किया जाएगा। अभ्यास के अनुभवों से नीति तैयार करने वालों को बल की संराचनात्मक आवश्यकताओं, परिचालन संबंधी लॉजिस्टिक तथा प्रशिक्षण संबंधी जरूरतों की जानकारी प्राप्त होगी।
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आर.के.मीणा/एएम/जेके/एनके-675
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