प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री ने कन्‍याकुमारी में विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद  संबोधन दिया  

Posted On: 01 MAR 2019 5:33PM by PIB Delhi

दोस्तों,

मुझे यहां कन्याकुमारीआकर बहुत प्रसन्‍नता हो रही है।

मैं अपना संबोधन सम्मानित अम्मा, जयललिता जी को श्रद्धांजलि देकर शुरू करता हूं।

तमिलनाडु के लोगों के लिए जयललिता जी के अच्छे काम को पीढ़ियों तक याद किया जाएगा।

मुझे खुशी है कि तमिलनाडु की सरकार उनके डेवलपमेंट विजन को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

मुझे गर्व है कि भारत की पहली महिला रक्षा मंत्री, निर्मला जी तमिलनाडु से हैं।

हर भारतीय को गर्व है कि बहादुर विंग कमांडर, अभिनंदन तमिलनाडु से हैं।

मैं विवेकानंद केंद्र को कुछ दिनों पहले गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर भी बधाई देताहूं।

इस केंद्र के सामुदायिक सेवा प्रयास सराहनीय और प्रेरणादायक हैं।

दोस्तों।

कुछ समय पहले, हमने सड़कों, रेलवे और राजमार्गों से संबंधित कई विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

मैंने मदुरै और चेन्नई के बीच सबसे तेज ट्रेन ‘तेजस’ को हरी झंडी दिखाई।

यह सबसे आधुनिक रेलगाड़ियों में से एक है और चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में निर्मित ‘मेक इन इंडिया’का एक बेहतरीन उदाहरण है।

रामेश्वरम और धनुषकोडि के बीच आज एक रेलवे लाइन की आधारशिला भी रखी गई है।

यह लाइन1964 की आपदा के बाद क्षतिग्रस्त हो गई थी, लेकिन पचास वर्षों से इस लाइन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था।

लेकिन, देर आए, दुरुस्त आए!

आपको खुशी होगी कि अब नया पम्बन रेल पुल का निर्माण होने जा रहा है।

दोस्तों,

आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है।

भारत अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे को रिकॉर्ड गति से बना रहा है।

हम सबसे बड़े स्टार्ट-अप इको-सिस्टम वाले देशों में से एक हैं।

भारत में,दुनिया में सबसे बड़ा स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है- आयुष्मान भारत।

दोस्तों,

21वीं सदी के भारत को गति और एक निर्धारित लक्ष्‍य के साथ काम करना है, जो कि एनडीए सरकार कर रही है।

पिछले रविवार को, इस साल के बजट में घोषित की गई प्रधानमंत्री किसान निधि का शुभांरभ किया गया था।

इस योजना के तहत, पाँच एकड़ भूमि वाले किसानों को तीन किश्तों में केंद्र सरकार से प्रति वर्ष छह हजार रुपये की आर्थिकसहायता दी जाएगी।

1.1 करोड़ से अधिक किसानों केबैंक खातों में पहली किस्त सीधे अंतरित की जा चुकी है।

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि पहली फरवरी को घोषित किसी योजना को उसी महीने में धरातल पर लागू किया जा सकता था। लेकिन यह वास्‍तविकता है।

हमने चौबीस घंटे काम किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चौबीस दिनों में यह योजना लागू की जा सके।

दोस्तों,

जैसे लीप इयर्स और फुटबॉल वर्ल्ड कप चार साल में एक बार आते हैं, वैसे ही कांग्रेस कीआधी-अधूरी कर्जमाफी चुनाव से ठीक पहले आतीहै।

किसानों के लिए कुछ नहीं करने के बाद, वे आ‍खरी समय पर आकर कहेंगे - हम आपके ऋणों को माफ कर देंगे।

वास्तव में, कांग्रेस के कर्ज माफी से कुछ ही किसानों को फायदा होता है।

एनडीए सरकार की किसान सम्मान निधि योजना ऐसी नहीं है कि ये कुछ वर्षों में आई कोई योजना है।

इस योजना में हर साल लाभदिया जाएगा और दस वर्षों में लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये मेहनतकश किसानों को प्राप्‍त होंगे।

जब कोई सरकार गति और निर्धारितलक्ष्‍य के साथ काम करती है, तो यह स्पष्ट रूप से दिखता है।

दोस्तों,

महान ऋषि तिरुवल्लुवर ने कहा था "जब दुर्लभ अवसर आता है, तो इसे दुर्लभ कार्य करने के लिए पकड़ लो।"

2014 में, तीस साल बाद संसद में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था।

लोगों का संदेश स्पष्ट था- वे ऐसी सरकार चाहते थे जो साहसिक और कठोर निर्णय ले।

लोग ईमानदारी चाहते थे, वंशवाद नहीं।

लोग विकास चाहते थे, खाली बातें नहीं।

लोग प्रगति चाहते थे, नीतिगत सुस्‍ती नहीं।

लोग अवसर चाहते थे, बाधा नहीं।

लोग सुरक्षा चाहते थे, ठहराव नहीं

लोग समावेशी विकास चाहते थे, वोटबैंक की राजनीति नहीं।

‘सबका साथ, सबका विकास’की सोच और 130 करोड़ भारतीयों की सक्रिय भागीदारी के साथ, एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय हित में कुछ ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।

मैं आपको कुछ स्थानीय और राष्ट्रीय उदाहरण देता हूं।

तमिलनाडु एक तटीय राज्य है, जहाँ मत्स्य क्षेत्र वाइब्रेंट है।

हमारे कई मछुआरे भाई-बहन अपना जीवनयापन करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

यह एनडीए सरकार है जिसने मत्स्य पालन के लिए एक नया विभाग बनाया।

पिछली सरकारें आपके वोट लेने के लिए आती थीं, लेकिन जब मछुआरों के लिए काम करने की बात आई, तो उनके पास दिखाने के लिए कुछ था ही नहीं।

किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ हमारे मछुआरों और महिलाओं के लिए भी शुरू किया गया है।

केंद्र ने तमिलनाडु में गहरे पानी में मत्‍स्‍यन पोत के निर्माण के लिए तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी कीहै।

मछुआरों को समुद्र में अंतरिक्ष से मदद मिलती है।

हमने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की मदद से विकसित किए गए नेवी डिवाइस उपलब्‍ध कराए हैं। ये उपकरण स्थानीय भाषा में जानकारी प्रदान करते हैं।

यह नेविगेशन डिवाइस न केवल मछली पकड़ने के क्षेत्र का विवरण प्रदान करता है, बल्कि मछुआरों को मौसम संबंधी चेतावनी भी प्रदान करता है।

दोस्तों,

हम समझते हैं कि अगर हम मछुआरे भाइयों और बहनों की आय में वृद्धि करना चाहते हैं, तो हमें मत्स्य पालन से जुड़े बुनियादी ढांचे को विकसित करना होगा।

रामनाथपुरम जिले में मुकायुर फिशिंग हार्बर और नागपट्टिनम में पम्पुहर फिशिंग हार्बर के निर्माण कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं।

दोस्तों,

भारत सरकार, मछुआरों की सुरक्षा और कल्याण के लिए सबसे अधिक संवेदनशील है।

मई 2014 से निरंतर राजनयिक प्रयासों के कारण, श्रीलंका के अधिकारियों द्वारा उन्नीस सौ से अधिक मछुआरों को रिहा किया गया है।

दोस्तों,

एनडीए सरकार ने लोगों की कनेक्टिविटी और समृद्धि पर जोर देने के साथ हमारे तटीय क्षेत्रों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया है।

बंदरगाह विकास से एक कदम आगे बढ़कर, हम बंदरगाह से विकासकार्य करने पर काम कर रहे हैं।

ज्‍यादा पोर्ट बनाए जा रहे हैं।

मौजूदा बंदरगाहों की क्षमता और दक्षता में सुधार किया जा रहा है। सागरमाला परियोजना भी हमारी दृष्टि का एक हिस्सा है।

इस परियोजना पर न केवल वर्तमान, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है।

दोस्तों,

मुझे रक्षा और सुरक्षा की भी बात करनी चाहिए।

हमारे पूर्व सैनिकों के आशीर्वाद से, हमने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को हकीकत बनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया।

यह बहुत अच्‍छा कार्य था।

जिन्होंने इतने वर्षों तक देश पर शासन किया, उन्होंने कभी भी ओआरओपी के बारे में ठीक से सोचा तक नहीं।

दोस्तों,

भारत वर्षों से आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहा है।

लेकिन, अब एक बड़ा अंतर है- आतंक के मद्देनजर भारत अब असहाय होकर नहीं बैठेगा।

2004 से 2014 तक हम पर कई आतंकी हमले हुए।

हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, पुणे और अन्य स्थानों पर विस्फोट हुए।

राष्ट्र को उम्मीद थी कि आतंक के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

26/11 हुआ, भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

लेकिन, जब उरी हुआ तो आपने देखा कि हमारे बहादुर सैनिकों ने क्या किया।

पुलवामा हुआ और आपने देखा कि हमारे बहादुर वायु सैनिकों ने क्या किया।

मैं उन सभी को सलूट करता हूं, जो राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।

उनकी सतर्कता हमारे राष्ट्र को सुरक्षित रखती है।

एक समय था जब समाचार रिपोर्टें छपती थी - 26/11 के बाद वायु सेना सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहती थी, लेकिन यूपीए ने उसे रोक दिया।

और आज, हम एक ऐसे युग में हैं जहां समाचार छपते हैं- सशस्त्र बलों को पूरी छूट दी गई है,जैसा वे चाहते हैं।

आतंकवादियों और आतंकवाद के प्रभाव पर लगाम कस दी गई है और इस पर अभी और अधिक लगाम लगेगी।

यह नया भारत है।

यह एक ऐसा भारत है, जो आतंकवादियों द्वारा किए गए नुकसान को ब्याज के साथ लौटाएगा।

दोस्तों,

पिछले कुछ दिनों की घटनाओं ने हमारे सशस्त्र बलों की ताकत को फिर से प्रदर्शित किया है।

इसने हमारे राष्ट्र को भी करीब ला दिया है।

जिस तरह से राष्ट्र ने हमारी सशस्त्र सेनाओं का समर्थन किया है, वह असाधारण है और मैं उसके लिए हर भारतीय को नमन करता हूं।

अफसोस की बात है कि मोदी से नफरत करने वाले कुछ राजनीतिक दलों ने भारत से नफरत करना शुरू कर दिया है।

इसमें कोई आश्चर्य नहीं, जबकि पूरा देश हमारे सशस्त्र बलों का समर्थन करता है, वे सशस्त्र बलों पर संदेह कर रहे हैं।

दुनिया आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन कर रही है, लेकिन हमारे ही कुछ विपक्षी दलों को आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई पर संदेह है।

ये वही लोग हैं जिनके बयान पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं और भारत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

ये वही लोग हैं जिनके बयानों को पाकिस्तान की संसद और पाकिस्तान के रेडियो में बड़ी खुशी के साथ क्‍वोट किया जा रहा है।

मैं उनसे पूछना चाहता हूं- क्या आप हमारे सशस्त्र बलों को सपोर्ट करते हैं, या उन पर संदेह करते हैं?

उन्हें स्पष्ट करना चाहिए- क्या वे हमारे सशस्त्र बलों पर विश्‍वास करते हैं, या वे उन ताकतों को मानते हैं जो हमारी धरती पर आतंकवाद को सपोर्ट करते हैं?

मैं इन पार्टियों से कहना चाहता हूं- मोदी आएगा और जाएगा, भारत हमेशा रहेगा।

कृपया अपनी खुद की राजनीति को मजबूत करने के लिए भारत को कमजोर करना बंद करें।

रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में, हम सबसे पहले भारतीय हैं, और केवल भारतीय हैं।

आपकी राजनीति इससे हट कर भी हो सकती है,परयह हमारे राष्ट्र की सुरक्षा का सवाल है,जिसे दांव पर नहीं लगाया जाना चाहिए।

दोस्तों,

अब मैंभ्रष्टाचार और काले धन पर बात करता हूं।

भारत ने ऐसे प्रधानमंत्रियों को देखा है जिन्होंने कहा था- प्रत्येक रुपये में से केवल पंद्रह पैसे गरीबों तक पहुँचते हैं।

भारत ने उन अभिमानी कैबिनेट मंत्रियों को देखा है, जोलाखों करोड़ रुपये के घोटाले के बाद भी कहते थे ‘जीरो लॉस’ यानी कोई नुकसान नहीं हुआ।

कुछ लोग भ्रष्टाचार को जीवन का एक हिस्‍सा समझते हैं।

यह उन्हें स्वीकार्य होगा, लेकिन मुझे नहीं।

एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।

नकली कंपनियों को बंद कर दिया गया है, नकली लाभार्थियों को हटा दिया गया है।

भ्रष्टाचारियों को अब अपने गतल कृत्‍यों के लिए जवाब देना होगा।

देश का एक प्रसिद्ध वरिष्‍ठ मंत्री, जिन्होंने मध्यम वर्ग का अपमान करते हुए लोगों के साथ कभी अच्‍छा नहीं किया, उन्हें अब अपनी पार्टी के फर्स्‍ट फैमिली की तरह अपने पूरे परिवार की जमानत के लिए आवेदन देना पड़ रहा है।

दोस्तों,

एक तरफ हमने भ्रष्टाचार पर भारी लगाम लगाई है, दूसरी ओर उसी समय हमने ईमानदार करदाताओं को भी लाभान्वित किया है।

ठीक एक महीने पहले बजट के दौरान, यह घोषणा की गई थी कि पाँच लाख रुपये तक की आय वाले लोग आयकर का भुगतान नहीं करेंगे!

क्या इतने लंबे समय तक भारत पर राज करने वाले लोग मध्यम वर्ग के बारे में सोचते थे, या उन्हें कर में छूट देते थे?

दोस्तों,

कई वर्षों तक, कांग्रेस ने एक ऐसी आर्थिक संस्कृति को बढ़ावा दिया, जो केवल बड़े राजवंशों के दोस्तों और परिवार के सदस्यों को लाभान्वित करती थी।

आम आदमी के पास आर्थिक रूप से समृद्धि के लिए कोई प्रोत्साहन या सक्षमता नहीं थी।

अगर कोई ऐसा व्यक्ति था, जो कांग्रेस की आर्थिक संस्कृति के खिलाफ बोलता था, तो वह तमिलनाडु के

सी. राजगोपालाचारी का बेटा था।

आज हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था बनाकर राजाजी के सपनों को पूरा कर रहे हैं, जो सुधारवादी जन हितैषी हैं।

‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’में भारत की रैंकिंग 65 स्थानों तक बढ़ गई है।

हम अब 77 वें स्थान पर हैं, जबकि चार साल पहले हम 142 वें स्थान पर थे।

केंद्र सरकार ने पिछले साल एमएसएमई क्षेत्र के लिए कई लाभों की घोषणा की।

अब, 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त करना संभव है!

ऋण देने की गति,जितनी देर में चेन्नई पहुंचा जा सकता है, उससे भी तेज है।

दोस्तों,

हमारा लक्ष्‍य भारत के युवाओं और उनकी प्रतिभा पर है।

इसीलिए, युवा भारत की उद्यमिता की भावना को पंख देने के लिए मुद्रा योजना शुरू की गई है।

मुद्रा योजना के तहत, 15 करोड़ लोगों को कुल सात लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण दिए गए हैं।

इस योजना के तहत तमिलनाडु शीर्ष राज्यों में से एक है।

दोस्तों,

विपक्ष के पास सामाजिक न्याय के लिए कोई प्रतिबद्धता नहीं है।

दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार कांग्रेस के शासन में हुआ है।

कांग्रेस ने डॉ बाबासाहेब अंबेडकर को एक बार नहीं, बल्कि दो बार हरवाया।

कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को चालीस साल तक भारत रत्न नहीं दिया, और न ही कांग्रेस ने संसद के सेंट्रल हॉल में 
डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाई।

यह भाजपा समर्थित गैर-कांग्रेसी सरकार थी, जिसने इन दोनों चीजों को किया।

दोस्तों,

वर्तमान एनडीए सरकार ने एससी एसटी एक्ट में संबंधित लोगों के हित में सबसे सशक्‍त संशोधन किया है।

आर्थिक और सामाजिक न्याय हमारे लिए विश्वास के लेख हैं, न कि वोट जीतने के नारे।

दोस्तों,

2019 के लोकसभा चुनावों के दो अलग-अलग पक्ष हैं।

हमारा पक्ष शक्ति और स्थिरता प्रदान करता है।

हमारा विपक्ष कमजोरी और भेद्यता का भाव रखता है।

हमारा नेतृत्व और कामकाजी संस्कृति को पूरे भारत में जाना जाता है।

हमारा विपक्ष उलझन में रहता है।

उनके पास देश के अगले नेता के रूप में पेश करने के लिए कोई नाम नहीं है।

उनके पास भारत के विकास के लिए कोई लक्ष्य या दृष्टि नहीं है।

और उन्‍हें रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार करने में कोई शर्म नहीं आती है।

देशवासियों को 2009अच्‍छी तरह याद है, जब चुनावों के बाद डीएमके और कांग्रेस ने कैसे पोर्टफोलियो आवंटित किए थे।

मंत्रियों को प्रधानमंत्री द्वारा नहीं, बल्कि उन लोगों द्वारा चुना जाता था जिनका सार्वजनिक सेवा से कोई लेना-देना नहीं था।

मंत्री पदों के लिए टेलीफोन के जरिए सौदेबाजी हुई।

महामिलावट या खिचड़ी सरकार व्यक्तिगत अहं और वंशवादी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करेगी।

मेरा एकमात्र परिवार 130 करोड़ भारतीय है।

मैं उनके लिए जीऊंगा, उनके लिए मरूंगा।

मैं वंशवाद को आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक जीवन में नहीं हूं।

मैं यहां भारत के विकास के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं, उसे करने के लिए आया हूं।

मैं एक ऐसा भारत बनाने के लिए आपका समर्थन और आशीर्वाद चाहता हूं, जहां गरीब से गरीब व्यक्ति के सपने पूरे हों।

इतनी बड़ी संख्या में रैली में शामिल होने के लिए धन्यवाद।

भारत माता की जय।

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आर.के.मीणा/एएम/जीबीपी-



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