रेल मंत्रालय
रेलवे भर्ती बोर्ड के लेवल-1 परीक्षा परिणामों के बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है
लेवल-1 परीक्षा परिणामों के लिए परीक्षा परिणाम तैयार करने की कोई नई प्रणाली लागू नहीं की गई
केन्द्रीकृत रोजगार अधिसूचना के अनुसार उम्मीदवार द्वारा प्राप्त किए गए अंक सामान्यीकरण के अधीन हैं
सामान्यीकरण पर उम्मीदवार के प्राप्तांक परीक्षा पत्र के कुल अंकों से अधिक हो सकते हैं
सामान्यीकरण प्रणाली का परिपालन लगभग 19 वर्षों से यानी वर्ष 2000 से किया जा रहा है
Posted On:
06 MAR 2019 3:20PM by PIB Delhi
रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा 10/02/2018 को प्रकाशित केन्द्रीकृत रोजगार अधिसूचना (सीईएन) संख्या 02/2018 के माध्यम से कुल 62,907 रिक्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। रिकॉर्ड संख्या में यानी 1,89,78,913 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए। विश्व की सबसे बड़ी कम्प्यूटर आधारित परीक्षा 51 दिनों में 152 पालियों में 17/09/2018 से 17/12/2018 तक आयोजित की गई। इस कम्प्यूटर आधारित परीक्षा के परिणाम 04/03/2019 को घोषित किए गए।
केन्द्रीकृत रोजगार अधिसूचना (सीईएन) 02/2018 के पैरा 7 के अंतर्गत ‘महत्वपूर्ण निर्देश’ शीर्षक में यह कहा गया है कि उम्मीदवारा द्वारा प्राप्त किए गए अंक सामान्यीकरण के अधीन होंगे।
रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम तथा इसके लिए अपनाई गई प्रणाली के संबंध में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने प्रतिवेदन दिए। उपरोक्त कम्प्यूटर आधारित परीक्षा के लिए परिणाम तैयार करने की कोई नई प्रणाली नहीं अपनाई गई। उम्मीदवारों की संक्षिप्त सूची पूरी तरह उम्मीदवार की मेधा (मेरिट) के आधार पर तथा समय की कसौटी पर खरी साबित सामान्यीकरण प्रणाली के आधार पर तैयार की गई।
उम्मीदवार (एक्सएन) के लिए सामान्यीकृत अंक
एक्सएन=(एस2/एस1)*(एक्स-एक्सएवी)+वाईएवी, जहां
एस2
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उच्चतम औसत अंक के साथ शिफ्ट का मानक अंतर (एसटी) सामान्यीकरण के लिए आधार माना गया है
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एस1
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सामान्यीकरण किए जाने वाले शिफ्ट के लिए मानक अंतर (बढ़ाकर एस2 किया जाएगा)
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एक्स
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उम्मीदवार का असम्पूर्ण अंक (रॉ स्कोर)
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एक्सएवी
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शिफ्ट का साधारण औसत
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वाईएवी
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उच्चतम औसत के साथ शिफ्ट से संबंधित औसत (सामान्यीकरण के लिए आधार रूप में लिया गया)
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वर्ष 2000 से आयोजित रेलवे भर्ती बोर्ड की सभी परीक्षाओं/कम्प्यूटर आधारित परीक्षा में यह सामान्यीकरण प्रणाली अपनाई गई है।
यह कोई असामान्य बात नहीं कि सामान्यीकरण पर उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंक परीक्षा पत्र के कुल अंकों से अधिक हो सकते हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड की पूर्व परीक्षाओं में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां उम्मीदवारों के सामान्यीकृत अंक कुल अंकों से अधिक थे। सीईएन-02/2018 परिणामों में कोई असामान्यता नहीं है क्योंकि उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त असम्पूर्ण अंक (रॉ स्कॉर) उनकी सामान्यीकृत अंकों के निर्धारण में महत्वपूर्ण निर्धारक होते हैं।
लेवल-1 (सीईएन 02/2018) कम्प्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) में किसी उम्मीदवार का अधिकतम सामान्यीकृत अंक 126.13 है। इससे अधिक कोई भी अंक पूरी तरह मनगढ़ंत है।
परिणामों के प्रकाशन से पहले सभी उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र, मास्टर उत्तर कुंजी (मास्टर आंसर की) तथा उनके द्वारा मूल्यांकित उत्तर पत्रक (आंसर शीट) दिखाए गए थे। 14 जनवरी, 2019 से 20 जनवरी, 2019 तक उम्मीदवारों के लिए ‘ऑब्जेक्शन ट्रैकर’ उपलब्ध था। इस दौरान 1.58 लाख उम्मीदवारों ने अपनी आपत्तियां दर्ज कीं, जिनपर विचार किया गया और उनकी समीक्षा की गई।
यह ध्यान देने योग्य है कि 1.5 लाख नौकरियों के अतिरिक्त रेलवे अगले दो वर्षों में 2.3 लाख और लोगों की भर्ती करेगा। जारी प्रक्रिया के साथ कुल मिलाकर भारतीय रेलवे द्वारा 4 लाख नौकरियां दी जाएंगी।
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आर.के.मीणा/एएम/एजी/डीके-377
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