नीति आयोग

नये भारत के लिए नीति कार्यालय – भारत को समग्र, निरंतर, पारदर्शी, कागज रहित बनाकर बदलाव की ओर


केन्‍द्रीय मंत्रियों हरदीप एस.पुरी और जितेन्‍द्र सिंह द्वारा उद्घाटन

प्रविष्टि तिथि: 27 FEB 2019 2:07PM by PIB Delhi

नये भारत के लिए नीति कार्यालय का आज पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह तथा आवास और शहरी मामलों के राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस.पुरी ने उद्घाट‍न किया। यह कार्यालय नीति आयोग की पांचवी मंजिल में बनाया गया है।

नीति किस प्रकार सरकारी कामकाज की संस्‍कृति को बदल रहा है, यह इस बात का प्रमुख उदाहरण है कि 40,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली पांचवीं मंजिल को कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाने, प्रशासन में अधिकतम कार्य क्षमता और काम करने के माहौल में सुधार के लिए आठ महीने के रिकॉर्ड समय के भीतर बदला गया है।

नीति आयोग की पांचवीं मंजिल में स्थित नये भारत का नीति कार्यालय स्‍वच्‍छ, खुला है और यहां मिलकर काम करने के लिए जगह बनाई गई है। बैठने की क्षमता को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है और यह 122 से बढ़कर 300 हो गई है।

करीब 2000 वर्ग फुट में जोरदार, हरी दीवारों के साथ पारिस्थितिकी प्रणाली को ध्‍यान में रखा गया है, जिसका उद्देश्‍य निजी समृद्धि और पेशेवर जरूरतों को पूरा किया गया है।

पर्याप्‍त प्राकृतिक रोशनी के साथ कोलाहल-मुक्‍त डिजाइन, मोड्यूलर वर्क स्‍टेशन ऐसे माहौल को बढ़ावा देगा, जहां भिन्‍न-भिन्‍न विचारों को रखा जा सके और चर्चाएं हो सकें और ऐसा परिवेश हो, जहां नये भारत के उत्‍साह को शामिल किया जा सके।

नीति आयोग की 2015 में स्‍थापना के साथ, बदलाव के साथ नई व्‍यवस्‍था शुरू की गई और प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता को ध्‍यान में रखते हुए नई प्रक्रियाएं तैयार की गई, ताकि प्रतिभाशाली व्‍यक्तियों की जरूरतों का निपटारा किया जा सके, युवा पेशवरों और परामर्शदाताओं को शामिल करने के लिए पारदर्शी दिशा-निर्देश तैयार किये गये।

सभी ऑफलाइन, वास्‍तविक फाइलों को ऑनलाइन में बदलने के लिए ई-फाईलिंग व्‍यवस्‍था सुनिश्चित की गई। नीति आयोग ने न्‍यूनतम सरकार और अधिकतम शासन की प्रधानमंत्री की परिकल्‍पना का प्रबंधन किया। नीति में 20,000 से अधिक फाइलों को ई-फाइलों में बदला गया और 99 प्रतिशत कार्य आज ई-कार्यालय के जरिये किया जाता है, जिसकी फरवरी, 2019 में डीएआरपीजी ने सराहना की थी।

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आर.के.मीणा/एएम/केपी/जीआरएस

 


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