इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

डिजिटल इंडिया पुरस्‍कार

Posted On: 21 FEB 2019 2:40PM by PIB Delhi

देशभर के विभिन्‍न सरकारी संस्‍थानों में डिजिटल मौजूदगी और उनके ई-शासन प्रयासों को मान्‍यता देने के लिए पिछले कुछ वर्षों में नेशनल इनफोरमेटिक्‍स सेंटर (एनआईसी) एक विश्‍वसनीय मंच के रूप में उभरा है। एनआईसी द्वारा संयोजित राष्‍ट्रीय पोर्टल के अंतर्गत डिजिटल इंडिया पुरस्‍कारों की शुरूआत 2009 में की गई थी। डिजिटल क्षेत्र में विभिन्‍न सरकारी संस्‍थानों के प्रयासों को सम्‍मान देने के लिए भारत में अपनी तरह का एक पुरस्‍कार है।

डिजिटल इंडिया पुरस्‍कारों ने ई-शासन के लिए एक प्रभावी साधन के रूप में विश्‍वव्‍यापी वेब-मंच के इस्‍तेमाल को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाई है। साथ ही अनेक विभागों को इससे प्रेरणा मिली है और उन्‍होंने नवोन्‍मेष का सफलतापूर्वक अनुकरण किया है, जिसे डिजिटल इंडिया पुरस्‍कार मंच पर मान्‍यता मिली है और पुरस्‍कृत किया गया है।

अपने अस्तित्‍व में आने के बाद से डिजिटल इंडिया पुरस्‍कारों ने चार संस्‍करण देखे है, जिनकी शुरूआत 2010 में हुई और हर दो वर्ष बाद 2012, 2014 और 2016 में इन पुरस्‍कार समारोहों का आयोजन किया गया। एनआईसी ने 22 फरवरी, 2019 को डिजिटल इंडिया का 5वां संस्‍करण आयोजित करने की पूरी तैयारी कर ली है। इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद समारोह की शोभा बढ़ायेंगे और पुरस्‍कार प्रदान करेंगे।

पिछले कुछ वर्षों में विभिन्‍न सरकारी विभागों को अनुकरणीय कार्य करने के लिए डिजिटल इंडिया पुरस्‍कार दिया जा चुका है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम चलन के साथ इन श्रेणियों को जोड़ा गया है। 5वें संस्‍करण में नि‍म्‍नलिखित श्रेणियां होंगी : उभरती हुई टेक्‍नालॉजी, सर्वश्रेष्‍ठ मोबाइल ऐप, अच्‍छी ऑन-लाइन सेवा, ओपन डेटा चैम्पियन, वेब-रत्‍न- मंत्रालय/विभाग, वेब-रत्‍न- राज्‍य/संघ शासित प्रदेश, वेब-रत्‍न- जिला, एक स्‍थानीय संस्‍था द्वारा की गई उल्‍लेखनीय डिजिटल पहल।

5वें संस्‍करण में विभिन्‍न सरकारी संस्‍थानों का उपरोक्‍त श्रेणियों में एक उच्‍च स्‍तरीय ज्‍यूरी ने मूल्‍यांकन किया है, जिसमें वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारी, शिक्षाविद् और औद्योगिक विशेषज्ञ शामिल थे। इस वर्ष के पुरस्‍कार में एक नई श्रेणी की शुरूआत की गई है, जिसे ‘उभरती हुई प्रौद्योगिकियां’ के रूप में जाना जायेगा। इस श्रेणी में ऐसी डिजिटल पहल की पहचान की जायेगी और उसे पुरस्‍कृत किया जायेगा जिसने उभरती हुई प्रौद्योगिकियों जैसे ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, नेचुरल लेंगवेज़ प्रोसेसिंग, वर्चुअल रिएलिटी, ब्‍लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स (आईओटी), वॉयस यूजर इंटरफेस, बिग डेटा एंड अनेलेटिक्‍स का अच्‍छा इस्‍तेमाल किया है।

डिजिटल इंडिया पुरस्‍कार प्रदान करने के अलावा, निम्‍नलिखित को जारी किया जायेगा :

·   डिजिटल इंडिया कॉफी टेबल बुक

·  डिजिटल इंडिया पुरस्‍कारों का सार-संग्रह

·   एसटीक्‍यूसी सुगम्‍यता प्रमाणन योजना

·   संदेश देने वाला समेकित मंच

·   सार्वजनिक डीएनएस सेवा

·     साइबर संकट प्रबंधन योजना 2019 (सीसीएमपी) और सीसीएमपी के लिए निर्देश की रूपरेखा

डिजिटल इंडिया कॉफी टेबल बुक- ‘’नये भारत के ओर डिजिटल स्‍वप्‍न को हकीकत में बदलना’’ कॉफी टेबल बुक आम आदमी की बेहतरी के लिए देशभर में डिजिटल इंडिया की सफलता के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्‍य से तैयार की गई है।  

डिजिटल इंडिया पुरस्‍कारों का सार-संग्रह- डिजिटल इंडिया पुरस्‍कारों का सार-संग्रह अनुकणीय डिजिटल पहलों का एक संकलन है, जिसमें प्‍लेटिनम, स्‍वर्ण और रजत पुरस्‍कारों की आठ श्रेणियों में से प्रत्‍येक को पुरस्‍कृत किया जा चुका है। सार-संग्रह में ज्‍यूरी के चयन और विशेष उल्‍लेख पुरस्‍कारों का भी जिक्र है।         

एसटीक्‍यूसी सुगम्‍यता प्रमाणन योजना- एस3डब्‍ल्‍यूएएएस ढांचा सरकारी संस्‍थानों को यह अधिकार प्रदान करता है कि वे सुरक्षित, मापनीय और सुगम्‍य वेबसाइट बनाएं, जिन्‍हें थोड़े से समय में एनआईसी समूह में तैयार किया जाए। एस3डब्‍ल्‍यूएएएस की शुरूआत पिछले वर्ष की गई थी, जिसका उद्देश्‍य थोड़े समय में देश के सभी जिलों को शामिल करना था।     

संदेश देने वाला समेकित मंच-

·   एमईआईटीवाई सरकारी संदेशों को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से पहुंचाने के लिए शासनादेश के तहत अपना संदेश देने वाला समेकित मंच जारी कर रही है।

·  इसकी बड़े पैमाने पर मौजूदगी के लिए एनआईसी कार्यान्‍वयन एजेंसी है।  ई-मेल और मैसेजिंग ई-शासन की रीढ़ हैं।

·  ई-मेल सेवा का आधार बढ़ा है 2014 में इसके उपयोगकर्ताओं की संख्‍या 0.45 मिलियन थी जो 2018 में बढ़कर 2 मिलियन हो गई और रोजाना 2 करोड़ से अधिक ई-मेल की आवाजाही होती है।

·  एनआईसी का एकीकृत मैसेजिंग मंच केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के 50 लाख अधिकारियों को ई-मेल सेवा प्रदान करता है, जिसका डोमेन [at]gov[dot]in/@state.gov.in (for e,g @bih.gov.in) है।

·   यह सेवा एमईआईटीवाई द्वारा भारत सरकार के लिए ‘’ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर अपनाने की नीति’’ के अनुसार ओपन सोर्स समाधान के जरिये तैयार की गई है, जो समाधान के बारे में सरकार का रणनीतिक नियंत्रण सुनिश्चित करती है। ·  सेवा एक बहुभाषी मंच प्रदान करती है, जिसमें अंग्रेजी और हिन्‍दी में गो-लाइव के साथ अन्‍य स्‍थानीय 11 भाषाओं में शामिल किया गया है।

·  यह सेवा सुरक्षा, प्रदर्शन, अतिरेक और एक समृद्ध फीचर सेट के अलावा सेवा जारी रखना सुनिश्चित करती है।    

    सार्वजनिक डीएनएस सेवा-

·     एमईआईटीवाई जल्‍दी ही भारत के लिए पब्लिक डोमेन सर्वर लागू करने जा रही है।

·   एनआईसी ऐसी व्‍यवस्‍था कर रही है जिसकी सभी नागरिकों के समक्ष पेशकश की जायेगी। डीएनएस से तात्‍पर्य डोमेन नेम सिस्‍टम से है।

·    भारत का सार्वजनिक डीएनएस तेजी से पहुंच, बढ़ी हुई उपलब्‍धता, सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करेगा, भारत के भीतर डेटा की निजता और डेटा के स्‍थानीयकरण को बनाये रखेगा और इं‍टरनेट का लचीलापन सुनिश्चित करने के प्रमुख घटकों में से एक होगा।     

  साइबर संकट प्रबंधन योजना (सीसीएमपी)-

·    साइबर हमलों और साइबर आतंकवाद से निपटने के लिए साइबर संकट प्रबंधन योजना (सीसीएमपी) एक ढांचागत दस्‍तावेज है, जो साइबर से जुड़ी घटनाओं से निपटता है। 

·       सीईआरटी-आईएन भारतीय साइबर स्‍पेस में चल रहे केन्‍द्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों/राज्‍यों और महत्‍वपूर्ण संगठनों के-सीसीएमपी के कार्यान्‍वयन की अगुवाई कर रहा है। सीसीएमपी - 2019 के साथ सीईआरटी-आईएन ने सीसीएमपी के लिए निर्देश तैयार किये हैं जो सरकार के मंत्रालयों/विभागों/संस्‍थानों सहित विभिन्‍न संस्‍थानों को अपने प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत अपने सीसीएमपी तैयार करने और उन्‍हें लागू करने के लिए सक्षम बनायेगी।  

तकनीकी सत्र

सरकार की इन्‍सटेंट मैसेजिंग (जीआईएम)

जीओवी मेल – नई विशेषताएं

बड़े डेटा और एनालिटिक्‍स – चुनौतियां और मुद्दे

सरकार में अत्‍याधुनिक एनालिटिक्‍स के लिए अवसर

 

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आर.के.मीणा/एएम/केपी/एसएस   



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