प्रधानमंत्री कार्यालय

03 फरवरी, 2019 को श्रीनगर में छात्रों के साथ प्रधानमंत्री के संवाद का मूल पाठ

Posted On: 03 FEB 2019 9:00PM by PIB Delhi

प्रश्‍न - Dear honorable Prime Minister I am K. Deepika pursuing B.A. Journalism Final year from government degree college for women Begumpet Hyderabad, Telangana.  Sir we have seen many initiatives for education in the last five years. Are you satisfied with your efforts in the education sector? Thank you for giving me this opportunity.   

एंकर - ह‍मने पिछले पांच सालों में शिक्षा के क्षेत्र में कई नए initiatives देखें हैं क्‍या आप education sector में आपके प्रयासों से संतुष्‍ट है। माननीय कृपया बताएं।

प्रधानमंत्री : मैं आपका आभारी हूं इस सवाल के लिए और देश भर में करीब ढाई करोड़ युवकों के साथ मुझे बातचीत करने का मौका मिला है। Thanks to technology.  एक ही चीज को दो तरीके से देखा जा सकता है। जहां तक  प्रयास का सवाल है मुझे इस बात का संतोष है कि हम सही दिशा में है। हम निश्चित टाइम टेबल के साथ आगे बढ़ रहे हैं और दुनिया में शिक्षा की जो मानदंड बने हैं। उस ग्‍लोबल standard को हम achieve करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे देश के उन सब नौजवानों को ये अवसर मिलना चाहिए अगर वो जिंदगी में शिक्षा के जिस क्षेत्र में जाना चाहता है। सरकार का एक काम है कि उन व्‍यवस्‍थाओं को विकसित करे। आधुनिक भारत के लिए जिस प्रकार के institutions की रचना होनी चाहिए। उसको हम बल दे रहे हैं। IIT हो IIM हो उसके विस्‍तार के लिए बहुत तेजी से काम चल रहा है। उसी प्रकार से skill development एक बहुत बड़ा क्षेत्र है जिस पर हम बल दे रहे हैं। हमारी ये कोशिश है कि हमारे देश के नौजवान आज बहुत बड़ी मात्रा में शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए विदेश जाते हैं। अरबों, खरबों रुपया हमारा विदेश चला जाता है। हम ऐसी शिक्षा व्‍यवस्‍थाओं का निर्माण करें। जिससे हमारे देश के लोग बाहर जाएं उसके बजाए दुनिया के देश के लोग भारत में आए। इस सपने को लेकर के मैं काम कर रहा हूं। जहां तक दिशा का सवाल है मैं बहुत ही संतुष्‍ट हूं। साढ़े चार साल के कम कार्यकाल में जितना काम हुआ है। मैं क्‍या, कोई भी संतुष्‍ट होगा लेकिन मैं संतोष अपनी पीठ थपथपाने के लिए कभी करता नहीं हूं। मेरा संतोष का मतलब है नए सपनों को जन्‍म देना, मेरे संतोष का मतलब होता है नए लक्ष्‍य तय करना, मेरे संतोष का मतलब होता है उन लक्ष्‍यों को पार करने के लिए फिर एक चल पड़ना। और संतोष सोने के लिए नहीं है, संतोष नए सपनों को साकार करने के लिए है। धन्‍यवाद......          

एंकर – धन्‍यवाद माननीय प्रधानमंत्री जी, माननीय अब हम देश के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र असम से जुड़ रहे हैं जहां Cotton University के अनामित्रा महंता आपसे कुछ पूछना चाहते हैं....           

प्रश्‍न - Dear honorable Prime Minister I am Anamitra Mahanta from Assam. Sir, we are seeing many uses of this digital India in a day to day live including education. How do you see its impact on our country and our people? That concludes my question thank you. 

एंकर - सर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हम digital India के कई उपयोगों को देख रहे हैं। जिसमें शिक्षा भी शामिल है। आज हमारे देश और यहां के लोगों में इसकी वजह से क्‍या बदलाव आप देख रहे हैं। माननीय कृपया बताएं।

प्रधानमंत्री – देखिए मानव निरंतर विकास करता रहा है। technology एक बहुत बड़ा driving force रहा है। नए-नए Innovations ने मानव जीवन को लगातार बदला है। लेकिन आज 40 साल पहले जिस रफ्तार से दुनिया बदली। Innovations technology intervention ने दुनिया को पिछले 200-300 साल में बदलते बदलते जहां लाकर के खड़ा कर दिया था। पिछले 40-50 साल में technology ने एक ऐसा जंप लगाया है। जिसकी हम कल्‍पना नहीं कर सकते हैं। अगर पिछले 200-300 साल की तुलना में देंखे तो इन 40-50 साल एक quantum jump है। नए dimensions है। और वो स्‍पेस हो, समुद्री तल की बात हो। धरातल की बात हो और डिजिटल वर्ल्‍ड ने इसमें बहुत बड़ा रोल प्‍ले किया है। अब आज मैं आपसे इतना आराम से बात कर पा रहा हूं। मैं श्रीनगर में बैठा हूं और श्रीनगर से मैं हिन्‍दुस्‍तान के हर कोनें में ढाई करोड़ नौजवानों से शिक्षा के संबंध में बात कर रहा हूं। यही सबसे बड़ा प्रभाव है। अभी आपने देखा बांदीपुरा में एक बीपीओ का उद्घाटन हुआ और पहला बीपीओ अब ये digital revolution का परिणाम है। Digital revolution का सबसे बड़ा फायदा, अब आप देखिए हमारा आधार एक प्रकार से digital revolution का ही हिस्‍सा है। दुनिया को जब मैं कहता हूं कि हमारे पास 120 करोड़ लोगों का इतना डिटेल हमारे पास डेटा है। जगत के लोगों को बड़ा आश्‍चर्य होता है। ऐसी wealth है हमारे पास, ये digital revolution का परिणाम है। हम JAM Trinity शुरू की है भारत सरकार ने JAM Trinity के द्वारा आधार, मोबाइल, जनधन कोई भी सामान्‍य व्‍यक्ति सरकार को कुछ सामान भेजना चाहता है, गांव गरीब होगा तो ऑनलाइन आएगा, भेज सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में आज इतनी ऐप भांति-भांति available है और कई तो बहुत बिना खर्च किए है। उसके कारण विद्यार्थी नई-नई शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए ऐप के माध्‍यम से कुछ होम वर्क करता है। शायद हो सकता है एक जमाना ऐसा आएगा कि जो ट्यूशन और कोचिंग कलासिस की दुनिया ही खत्‍म हो सकती है। इतनी ताकत ये डिजिटल इंडिया में है। digital world ने governance में बहुत बड़ा रोल किया है। Transparency के लिए बहुत बड़ी ताकत digital world है! अरे एक प्रकार से शिक्षा नहीं, समग्र जीवन व्‍यवस्‍था में एक प्रकार से digital world हमारे शरीर का एक नया हिस्‍सा बना गया है। हम उसके बिना जी नहीं सकते ऐसी स्थिति बन गई है। और इसलिए इसका प्रभाव हम उसका सही उपयोग कैसे करें, अधिकतम लोगों के कल्‍याण के लिए कैसे उपयोग करें। इस पर अगर हम बल देंगे। तो एक ये digital power एक बहुत बड़ा revolution हमारे सामने है। दूसरा long distance education. हम गरीब से गरीब व्‍यक्ति तक दूर से दूर पहाड़ों में जंगलों में long distance education के माध्‍यम से quality education दे सकते हैं digital connectivity उसके लिए बहुत बड़ा रोल कर सकती है। और मैं देख रहा हूं कि बहुत नौजवान virtual lab के द्वारा आज बच्‍चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं। और वैसे ही वो पढ़ पाते हैं जैसे actually उन्‍होंने lab में जाकर के काम किया हो। उसका confidence level बढ़ जाता है। 3D projection के कारण आज विद्यार्थी अगर उसको हार्ट के संबंध में पढ़ना है, पहले टीचर कितना ही समझाते थे आज अगर 3डी उसको दिखा दें तो तुरंत उसका समझ आ जाता है कि हार्ट ऐसे काम करता है और बच्‍चा उसको receptive होता है। मैंने एक बार जब मैं मुख्‍यमंत्री था तो मैंने एक छोटा सा सर्वे करवाया था। कि मध्‍यांह भोजन योजना के तहत primary government school में क्‍या  impact होता है। और वहां पर अगर हम digital smart class room बनाएं तो क्‍या फर्क होता है। कुछ स्‍कूल ऐसे जहां smart class room बनवाया था कुछ स्‍कूल थी जहां smart class room नहीं था। मध्‍यांह भोजन पर बल था। smart class room थे वहां भी मध्‍यांह भोजन था फिर अनुभव आया कि smart class room ने बच्‍चों को ऐसा आकर्षित किया था। झुग्‍गी-झोंपड़ी के बच्‍चे वहां पढ़ते थे उनको बड़ा मजा आता था सीखने का आकर के बैठ जाते थे उनको मध्‍यांह भोजन की परवाह नहीं थी। वो मध्‍यांह भोजन के लिए उनको खींच-खींच के ले जाना पड़ता था। जबकि जहां मध्‍यांह भोजन था वहां पर उतनी बड़ी मात्रा में संख्‍या नहीं आती थी। वहां भी  मध्‍यांह भोजन में रुचि नहीं थी लेकिन smart class नहीं होने के कारण वो जाकर के बैठने में रुचि नहीं लेता था। अब ये जो प्रभाव है। वो डिजिटल प्रभाव है और आने वाले दिनों में हायर एजुकेशन में उसका बहुत बड़ा रोल होने वाला है। धन्‍यवाद......

एंकर - माननीय कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी हरियाणा से गौरव आपसे बात करने के लिए उत्‍सुक हैं गौरव....

प्रश्‍न – माननीय प्रधानमंत्री मेरा नाम गौरव है और मैं कुरुक्षेत्र विश्‍वविद्यालय हरियाणा से हूं... Sir, it pains us to see poverty in our country we have seen your efforts to remove poverty in our country. Do you think we can become poverty free India in future?    

एंकर – हमारे देश में गरीबी को देखकर बहुत दर्द होता है। गरीबी को दूर करने के आपके प्रयासों को हमने देखा है। क्‍या आपको लगता है कि निकट भविष्‍य में हमारा देश गरीबी मुक्‍त बन सकता है। माननीय कृपया बताएं।

प्रधानमंत्री – अगर देश तय कर ले हमें गरीबी से मुक्‍त होना है। तो दुनिया की कोई ताकत हमें गरीब नहीं रख सकती। सवा सौ करोड़ देशवासियों में इतना सामर्थ्‍य है अगर उस हमारे natural resources  या human resources इसका अगर हम सही ढंग से प्‍लान करके आगे बढ़े। गरीबी से मुक्ति पाना मुश्किल नहीं है। मैं साढे चार के अनुभव से कह सकता हूं। इन दिनों दुनिया में दो चीजें उभर कर आई हैं। एक दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली बड़ी इकोनॉमी में भारत नंबर एक है। ये कोई भारतीय को गर्व होगा। दूसरा यूएन समेत इंटरनेशनल एजेंसी का कहना है कि विश्‍व में भारत पहले नंबर पर है। जो तेज गति से गरीबी से बाहर निकल रहा है। बहुत तेजी से न्‍यू मीडिल क्‍लास का बल बढ़ रहा है। और उस पर ये भी उन्‍होंने कहा है कि भारत का schedule caste  के लोग और भारत के मुसलमान ये दो लोग इसके सबसे ज्‍यादा beneficiary हैं वो सबसे तेज गति से गरीबी से बाहर आ रहे हैं। अब किसी ने सोचा था, महात्‍मा गांधी कि आजादी और स्‍वच्‍छता दोनों में से मुझे एक पसंद करना होगा तो मैं पहले स्‍वच्‍छता पसंद करूंगा। गांधी जी ने बहुत प्रयास किए। आजादी का आंदोलन भी चल रहा था, स्‍वच्‍छता के लिए भी बात चल रही थी। आजाद होने के बाद हम उस काम को आसानी से आगे बढ़ा सकते थे। लेकिन वो चलता है, कोई अगर कर ले तो कर ले न करे तो न करे। मैंने लालकिले से आवाह्न किया, देश को आग्रह किया और यह देश अपने प्रयत्‍नों से स्‍वच्‍छता के विषय में आज तेज गति से संतोषजनक आगे बढ़ रहा है। जम्‍मू-कश्‍मीर, मैंने ये अफसर यहां बैठे है, अनंतनाग में थे पहले,  शायद वो स्‍वच्‍छता का इनाम मेरे हाथ से ले गए थे। बहुत बड़ा काम किया था जी, बहुत बड़ा काम किया था और देश के लोगों को बड़ा गर्व हुआ था। अब इतना बड़ा काम आज open defecation free  जम्‍मू–कश्‍मीर का होना ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। जब 2014 में हम आए तो हमारे देश में rural sanitation 38 percent था आज वो 98 percent है। ये सिर्फ सरकार के कारण हुआ है ऐसा मैंने कभी नहीं कहा। एक बार देश की जनता ठान लेती है कैसे परिणाम लाती है ला पा रही है। इस देश ने तय किया, देश में बैंकों का राष्‍ट्रीयकरण बहुत लंबे समय से हुआ था लेकिन खाते नहीं खुलते थे गरीबों के लिए। हमने तय किया हर गरीब का खाता खुलना चाहिए। आज हिन्‍दुस्‍तान में 2014 में 40 प्रतिशत लोगों के बैंक अंकाऊट थे आज करीब-करीब 100 प्रतिशत बैंक अंकाऊट हैं। हमारे देश कुल 25-26 करोड़ परिवार हैं और मुझे आर्थिक हिसाब से मोटा-मोटा बताया गया था। क्‍योंकि राज्‍य जो आंकड़े देते थे। करीब 4 करोड़ परिवार ऐसे होंगे जहां बिजली नहीं है। हमने बीड़ा उठाया है। हर घर में बिजली होनी चाहिए और मुझे खुशी है कि आज जम्‍मू-कश्‍मीर ने इस काम को पूरा कर दिया। यानी एक बार हमारा देश तय करे कि इस समस्‍या से निकलना है, निकलेगें। अब जम्‍मू-कश्‍मीर ने एक सपना देखा है कि वो टैप वाटर घरों तक देंगे, ये बहुत बड़ा सपना है। ये मुझे विश्‍वास है जम्‍मू-कश्‍मीर की टोली है करके रहेगी। यहां की bureaucracy इसको भी achieve करके रहेगी। हमारे देश में हमने बस तय करना है। हमने गरीबी से लड़ना है और गरीबी से लड़ने का तरीका रेवड़ी बांटने से नहीं होता है। गरीब को empower करना होता है उसका सशक्तिकरण करना होता है। उसके भीतर गरीबी को पार करने का यानी एक प्रकार से मिजाज भर देना पड़ता है। और मुझे लगता है कि अगर स्‍वभाव उसमें पैदा कर सकते हैं, तो वो करेगा। जब हम आवाज देते हैं, शिक्षा देते हैं, आयुष्‍मान भारत से हेल्‍थ की बात करते हैं तो गरीब को भी लगता है कि अब मेरे दिन आ चुके हैं, मैं आगे बढ़ सकता हूं। मेरे मां-बाप ने गरीबी में जिंदगी गुजारी, मैं अपने बच्‍चों को गरीबी में जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर नहीं करूंगा। ये मैं वातावरण देख रहा हूं और जिस दिशा में चल रहे हैं। बहुत तेजी से गरीबी घटती चली जाएगी। गरीबी से मुक्ति मिलती चली जाएगी। और वो दिन होगा जब हम लोगों ने जीवित रहते हुए अपनी आंखों से देखा होगा, कि देश गरीबी से मुक्‍त हुआ है।         

एंकर – धन्‍यवाद माननीय आज देश को बदला हुआ देखकर आज का जो यूथ है वो बहुत ही ज्‍यादा उत्‍साहित है माननीय अंकिता है जो उत्‍कल विश्‍वविद्यालय उड़ीसा से है आपसे कुछ कहना चाहती है।    

प्रश्‍न - माननीय प्रधानमंत्री मैं अंकिता उत्‍कल विश्‍वविद्यालय उड़ीसा से हूं हमारे यहां अनेक heritage sides और शानदार beach हैं कई बार मेरा मन करता है कि मैं यहां के टूरिज्‍म को बढ़ावा देने के लिए कुछ कंरू, लेकिन फिर कुछ समझ नहीं आता। आपकी राय में हम किस तरह से education को tourism के साथ जोड़कर उड़ीसा के लिए कुछ कर सकते हैं।              

प्रधानमंत्री - एक तो मैं आपको बधाई देता हूं कि आपकी शिक्षा का एक प्रभाव जो मैं देख रहा हू आपमें कि आप उड़ीसा की ताकत को जानती हैं और आप उसको कैसे उपयोग किया जाए इस पर सोच रही हैं, मेरे सामने मैं देख रहा हूं, पंखे चल रहे है। श्रीनगर वालों को अचरज होता होगा। ये बात सही है कि हमारे देश में tourism का बहुत potential  है, लेकिन हमनें tourism के संबंध में कुछ उदासीनता बरती। Tourism की पहली शर्त होती है। कि आपको अपनी चीजों पर गर्व करना सीखना पड़ता है। हमारी आदत हो कि हमारा तो सब बेकार है नहीं वो कुछ नहीं है, वो तो ठीक है, अगर हमीं हम नहीं देखेंगे। उसका गर्व नहीं करेगे तो दुनिया क्‍यों आएगी भई... आपने देखा होगा दुनिया में जहां भी tourism बढ़ा है। एक छोटा सा खंभा भी होगा तो गाइड ले जाकर ऐसी ऐसी उसकी कथा सुनाएगा, ऐसा गौरवगाण करेगा कि हमको लगता है कि यही कुछ है। और हम ... हां यार बना होगा.... अरे छोड़ों यार सब पैसे बर्बाद करते है.... देखिए tourism दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला अगर इकोनॉमी को कोई सेक्‍टर है तो tourism है। Trillions of dollar का business tourism का बढ़ रहा है और बढ़ने वाला है। दुनिया को मुझे बराबर याद है मैं बहुत साल पहले अमेरिकन government के निमंत्रण से एक बार यूएस गया था तो वो पूछते है कि आपका interest क्‍या है। मैनें जो लिखकर के भेजा पता नहीं, मेरे जैसा इंसान पहले मिला नहीं होगा, मैंने उन्‍हें कहा कि मुझे गांव में जाकर आपके यहां खेती की प्रक्रिया क्‍या है वो देखना है। दूसरा मैंने कहा कि मुझे बिल्‍कुल ठेठ गांव की कोई स्‍कूल है तो वो देखना है। तीसरा मैंने कहा कि गांव के अंदर में जो हेल्‍थ सेक्‍टर है बिल्‍कुल गांव का जहां छोटी बस्‍ती रहती है वो मुझे देखना है और चौथा मैंने कहा कि अमेरिका की सबसे कोई पुरातन की चीज हो जिसके लिए अमेरिका गर्व करता हो वो मुझे देखनी है। अब हमारे यहां किसी गली में जाओ तो ये बताएगा ये तो 2 हजार साल पुराना है, 3 हजार साल पुराना है। कितनी महान परंपरा हमारे पास है। लेकिन हमने इसका जितना जज्‍बे के साथ करना चाहिए नहीं किया। Tourism बहुत रोजी-रोटी देता है अब आप देखिए उड़ीसा इतना richness है, इतनी richness है। वहां के beaches देखिए, स्‍थापतय देखिए, कोर्णाक देख लीजिए, technology की दृष्टि से  भी वो एक नयापन है। उसको पता है उस रचनाकार को 2000 साल पुराना है। अपने आपमें ये बहुत अदभूत चीज है। हमें tourism को बढ़ावा देना चाहिए। ये बात सही है कि पिछले कुछ समय से tourism बहुत बड़ा है हमारे देश में, पहले करीब 70 हजार tourist आते थे, इस वर्ष 1 करोड़ tourist आए हैं, विदेश से पहले करीब 18 मिलियन डालर ये tourist जो आते थे उनसे हमें विदेशी मुद्रा मिलती थी। वो इस 27 मिलियन पर पहुंची है। यानी 50 प्रतिशत वृद्धि हुई है। तो tourist आने लगे हैं भारत का आकर्षण बढ़ा है। लेकिन स्‍वच्‍छता उसमें बहुत बड़ी ताकत देखी। नागरिकों का स्‍वभाव भी tourist को स्‍वीकार करने वाला है और आप जो विद्यार्थी मेरे साथ पढ़ रहे हैं, उड़ीसा से जुड़ने वाले हैं, technology से जुड़ने वाले हैं। मैं मानता हूं उबेर की लाइन पर आप नौजवान एक बहुत बड़ा बिजनेस स्‍टार्ट कर सकते हैं tourism का उबेर की लाइन पर। कौन परिवार होम स्‍टे देना चाहते हैं उस पर हो, कोई भी व्‍यक्ति एक ऐसा ऐप बना सकते हैं कि अगर वो भारत में tourism चाह सकते है तो अपने घर से निकल कर अपने घर पहुंचने तक आप उबेर की तरह पूरा एक mechanism develop  कर सकते हैं। आऊटस्‍टोर करके क्राऊड सोरसिग करके और दुनिया को जोड़ सकते हैं और मैं चैलेंज देता हूं आज नौजवानों को कि उबेर की तरह देश भर में कौन होम स्‍टे देने वाले हैं, आप होम स्‍टे देने वाले हिन्‍दुस्‍तान में आपको आज जितने होटलों के कमरे है न इससे दस गुना ज्‍यादा कमरे नए मिल जाएंगे। मैंने अभी बनारस में प्रवासी भारतीय दिवस का कार्यक्रम किया था, मैं काशी का एमपी हूं लोगों से मैंने कहा और मैं हैरान था जी, हजारों की तादाद में लोग आए कि विदेश के मेहमान को हम एक कमरा देंगें, हमारे घर में, अब ये धीरे-धीरे काशी का होम स्‍टे का एक बहुत बड़ा बिजनेस डेवलेप हो जाएगा। उनको आदत हो गई हम भी होम स्‍टे आज पूरी दुनिया में popular है। अगर हम ऐसी उबेर जैसी ऐप बना करके इस बात को और मैं चाहूंगा कि मेरे सामने इतने सारे नौजवान हैं, technology के साथ जुड़े हुए नौजवान हैं, आइए आप मैदान में आइए उबेर से भ्‍ज्ञी आप आगे जाएंगे। ये मैं विश्‍वास देता हूं आपको.

एंकर – धन्‍यवाद माननीय प्रधानमंत्री जी, माननीय प्रधानमंत्री जी आप गुजरात से हैं और इस वक्‍त हम गुजरात ही चल रहे हैं। विजय कुमार from M.N. College, Gujarat से आपसे कुछ जानना चाह रहे हैं।

प्रश्‍न - माननीय प्रधानमंत्री श्री नमस्‍कार, मैं विजय कुमार एम.एन कॉलेज, विस नगर, गुजरात से बोल रहा हूं। सर जब से बजट आया है मैं चारों और किसानों के बारे में जो योजना लागू की गई है। उसकी चर्चा सुन रहा हूं, वाकई में कोई सोच नहीं सकता कि किसानों के बारे में इतनी बड़ी योजना लागू की जाएगी और सर मैंने ये भी सुना है कि आपने पश्चिम बंगाल में ये कहा कि अगले दस सालों में सरकार किसानों के लिए 7 लाख 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। सर मेरा प्रश्‍न ये है कि सरकार इतने पैसे लाएगी कहां से.... धन्‍यवाद।  

प्रधानमंत्री – आप विरोध पक्ष की अखबार पढ़ते लगते हैं, खैर आप मेरे गांव के पड़ोसी हैं, मेरा गांव वडनगर है, आप विसनगर के हैं बिल्‍कुल बगल में ही हम दोनों का गांव है वहीं से आप बोल रहे हैं। मुझे खुशी हुई कि विसनगर से अपने  गांव को भी आज ताजा कर रहा है मोदी। ये बात सही है जिस इलाके से आप हैं वहां किसानों को बहुत दिक्‍कत है, पानी की बहुत किल्‍लत है, एक प्रकार से सूखा इलाका है और वहीं से आप बोल रहे हैं क्‍योंकि मैं वहां से पैदा वहीं हुआ हूं तो मुझे पता है। बहुत दिक्‍कत वाली वो जगह है। देखिए हमारे देश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। दुर्भाग्‍य ये है कि भारत के एक प्रधानमंत्री ने कहा था एक रुपया निकलता है 15 पैसे पहुंचता है। अब फायदा ये है कि 1 रुपया पहुंचता है पूरा 100 पैसा पहुंचता है। सबसे बड़ा कारण ये है। दूसरा जब आप पाई-पाई का सही उपयोग करते हैं। तो जो tax payers होते है उसको भी ईमानदारी से टैक्‍स पे करने का मन करता है। क्‍योंकि वो देखता है कि मेरे पैसों का सही उपयोग होता है। आप कल्‍पना कर सकते हैं मैंने देश के लोगों को कहा कि आपको गैस की सब्सिडी की जरूरत नहीं है तो छोड़ दीजिए न, कोई कानून नहीं बनाया था, सिर्फ request की थी और मेरे देश के सवा करोड़ परिवारों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी उसका परिणाम है कि सवा करोड़ गरीबों को गैस पहुंच गया। अब काम हो गया। इतनी ताकत है मैंने अभी रेलवे में senior citizens को रेलवे टिकट में कनसेशन मिलता है, सब्सिडी मिलती है, तो ऐसे मैंने कहा फार्म में लिखो तो सही कि मैं सब्सिडी सेरेंडर करना चाहता हूं, कोई अपील नहीं की, मैंने कभी भी अपील नहीं की है। किसी अखबार में भी नहीं छपवाया। अगर फार्म भरकर के मैंने देखा इस देश में 42 लाख ऐसे पैसेंजर निकले जिन्‍होंने सब्सिडी छोड़ दी। रेलवे को पूरा पैसा दिया अपना पैसा छोड़ दिया। पैसे ऐसे आते हैं। अगर एक बार ईमानदारी का माहौल बनता है, तो लोग पैसे देने के लिए तैयार होते हैं, पैसों के कारण कोई रुकावट कभी नहीं आती है। आज हम अनुभव कर रहे हैं, कि देश बहुत तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की तरफ जा रहा है। और मैं आपको एक रहस्‍य बता दूं, कि आपके जो चीफ सेक्रेटरी हैं वो कभी प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करते थे। पहले वो डॉक्‍टर मनमोहन सिंह जी के साथ काम करते थे। जब मैं आया तो मैं भी उनको छोड़ नहीं रहा था, उन्‍होंने मुझे एक दिन बताया था कि साहब आप भाषण करने जा रहे हो, आप बताओ हमारा देश 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा, दो साल पहले उन्‍होंने मुझे बताया था। वो विचार मेरे मन में, और आज मैं देख रहा हूं कि हिन्‍दुस्‍तान 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनकर रहेगा, हमारी आंखों के सामने बनकर रहेगा और इसलिए पैसों की कोई कमी नहीं होती है। सही इस्‍तेमाल और आपने सही कहा आने वाले दस साल में जो हमने योजनाएं इस बजट में की हैं। किसानों को दस साल में साढ़े 7 लाख करोड़ रुपया उनकी जेब में जाएगा जी, वो किसी भी परिस्थिति में मुकाबला करने की ताकत करने वाला बन जाएगा और मुझे विश्‍वास है कि इस योजना से देश का किसान एक आत्‍मविश्‍वास के साथ आगे बढेगा। धन्‍यवाद.....             

एंकर – बहुत-बहुत धन्‍यवाद प्रधानमंत्री जी, इस वक्‍त बहुत सारे students इस कार्यक्रम से जुड़े हुए है और आपको उन्‍होंने सुना, screen पर आप देख सकते हैं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद माननीय प्रधानमंत्री जी, सभी students को प्रोत्‍साहित करने के लिए और उनकी हौसला अफजाई करने के लिए और राष्‍ट्र को नई रोशनी देने के लिए, अपने आपको देश का प्रधान सेवक मानने वाले माननीय प्रधानमंत्री जी देश की सेवा में जी-जान से जुटे हुए हैं।

प्रधानमंत्री भाषण

जिन नौजवानों से बात करने का मुझे मौका मिला आज आप सभी का आत्‍मविश्‍वास और भविष्‍य के प्रति आपकी जो एक positivity जो मुझे अनुभव आई, मेरे लिए भी उत्‍साहजनक है, मेरी ऊर्जा बढ़ाने वाली है। मैं सबसे पहले तो इन प्रश्‍नकर्ता और कार्यक्रम में आए देश भर के नौजवानों का आभार करता हूं। देश भर से जो साथी जुड़ें हैं उनको मैं फिर बता दूं कि यहां पर श्रीनगर में तापमान काफी नीचे है। हो सकता है रात होते-होते माइनस हो जाएगा। इसके बावजूद मौजूद यहां मेरे युवा साथी अनेक कश्‍मीरी भाई-बहन मौजूद हैं। ये कश्‍मीर की spirit को दिखाता है। कश्‍मीरियों की भावना को दिखाता है।

मंच पर विराजमान जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल श्रीमान सतपाल मलिक जी, मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी डॉ. जितेंद्र सिंह, यहां उपस्थित सभी मेरे भाईयो और बहनों।

साथियों, आज जब मैं श्रीनगर आया हूं तब मैं शहीद नजीर अहमद वाणी सहित उन सैंकड़ो वीरों को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं जिन्‍होंने शांति के लिए राष्‍ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्‍च बलिदान दिया। शहीद नजीर अहमद वाणी उनके इसी अदम्‍य साहस और वीरता के लिए कृतज्ञ राष्‍ट्र ने अशोक चक्र से सम्‍मानित किया है। शहीद वाणी जैसे युवा ही जम्‍मू-कश्‍मीर और देश के हर नौजवान को देश के लिए जीने और देश के लिए समर्पित होने का रास्‍ता दिखाते हैं। मैं जम्‍मू-कश्‍मीर के लाखों लोगों को बधाई देता हूं। जिन्‍होंने सालों बाद पंचायतों और शहरी निकायों के चुनाव करवाए और अपने नुमाइंदे चुने।

लोकतंत्र के प्रति आपकी ये निष्‍ठा नफरत से भरे लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है। कुछ लोगों द्वारा negativity फैलाने की कोशिश के बीच धमकियों से बेपरवाह आप जिस संख्‍या में पोलिंग बूथ तक पहुंचे हैं वो आपके अपने बच्‍चों के भविष्‍य जम्‍मू और कश्‍मीर के विकास की भावना को और पुख्‍ता करता है।

साथियों, आज मुझे यहां करीब 7 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्‍यास और लोकार्पण करने का अवसर मिला है। ये तमाम प्रोजेक्‍टस श्रीनगर और आस पास के इलाकों के लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद करने वाले हैं। शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और infrastructure से जुड़ी इन परियोजनाओं के लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

साथियों, जैसे कि आपने देखा आज श्रीनगर देश की शिक्षा व्‍यवस्‍था से जुड़े एक बहुत बड़े कार्यक्रम की मेहरबानी कर रहा है। आपमें से बहुत लोगों ने नोटिस किया होगा कि चार साढ़े चार वर्ष पहले जितने भी बड़े कार्यक्रम लॉन्‍च होते थे या फिर केंद्र सरकार कोई योजना शुरु करती थी। वो सब कुछ दिल्‍ली के विज्ञान भवन में होता था। लेकिन हमने पुरानी सरकारों की संस्‍कृति को ही बदल दिया है।

हमारी सरकार ने आयुष्‍मान भारत योजना की शुरुआत झारखंड से की, उज्‍ज्‍वला योजना की शुरुआत उत्‍तर प्रदेश से की, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति योजना पश्चिम बंगाल में जाकर की, हेंडलूम से जुड़े राष्‍ट्रीय अभियान की शुरुआत तमिलनाडू से की, बे‍टी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शुरुआत हरियाणा से की, पोषण अभियान की शुरुआत राजस्‍थान जाकर के की।

अब आज पूरे देश से जुड़े एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम के लिए हम सभी आज श्रीनगर में मौजूद हैं और देश भर के कार्यक्रम का लॉन्‍चिंग आज मैं श्रीनगर की धरती से कर रहा हूं। आज यहां राष्‍ट्रीय उच्‍च स्‍तर शिक्षा अभियान यानी रूसा के दूसरे फेज से जुड़े प्रोजेक्‍ट की शुरुआत की गई है, यहीं से देश भर 70 नए मॉडल डिग्री कॉलेज, 11 प्रोफेशनल कॉलेज, एक महिला यूनिवर्सिटी, 60 से अधिक entrepreneur, innovation और carrier hub  का शिलान्‍यास और उद्घाटन किया गया है। इनमें से अनेक संस्‍थान यहीं जम्‍मू-कश्‍मीर के लिए भी है।

साथियों, ये दिखाता है कि न्‍यू इंडिया किस दिशा में चल रहा है। नए भारत के निर्माण के‍ लिए हमारा रास्‍ता क्‍या है। research, innovation, incubation or startup के लिए एक नया  temperament  देश में विकसित किया जा रहा है। देश भर स्‍कूलों में बन रही अटल टिंकरिंग लैबस को, अटल incubation centers  को जय जवान जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का हमारा संकल्‍प और सशक्‍त हो रहा है। इस सशक्तिकरण का गवाह हमारा श्रीनगर बना है, जम्‍मू-कश्‍मीर बना है।

साथियों, ये startup India अभियान का ही असर है कि आज भारत चीन और अमेरिका के बाद तीसरा सबसे बड़ा startup nation बन गया है। बीते तीन-चार वर्षों में 15 हजार से अधिक startups recognize किए जा चुके हैं। इनमें से भी लगभग 50 प्रतिशत startups टीयर वन टीयर टू शहरों में स्‍थापित रहे हैं।

साथियों, startups के साथ-साथ देश इनके ग्रामीण इलाकों में टेक्‍नोलॉजी का विस्‍तार भी हमारी प्राथमिकता में है। आज देश भर में तीन लाख से अधिक common service centre ग्रामीणों को डिजिटल सेवाएं तो दे ही रहे हैं। लाखों युवाओं को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। आज बांदीपुरा में राज्‍य का पहला बीपीओ भी खुल गया है इससे बांदीपुरा के युवाओं के लिए नए अवसर का द्वार खुला है।  

भाईयो-बहनों जितने भी प्रोजेक्‍ट का शिलान्‍यास और उद्घाटन आज किया गया है। ये देश के ऐसे जिलों में शुरू किया जा रहा है जो विकास की दौड़ में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। रूसा के दूसरे चरण में देश के पौने चार सौ जिलों में उत्‍कृष्‍ट शिक्षण संस्‍थान तैयार किए जा रहे हैं। अवसरों की समानता की तरफ एक और बड़ा कदम है। मुझे विश्‍वास है कि इन सभी जिलों के युवाओं को जब अपने घर के पास ही अच्‍छे संस्‍थान मिल जाएंगे तो अपने टेलेंट को और निखार पाएंगे, अपनी skill को और तराश पाएंगे।

साथियों, जब मैं न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की बात करता हूं तो उसके पीछे एक ठोस आधार रहता है। जम्‍मू-कश्‍मीर की बेटी नौ साल की तजामुल इस्‍लाम जैसे देश के अनेक साथी हैं जो मुश्किल हालात में भी कुछ करने के लिए आगे बढ़ते हैं।

केंद्र सरकार आप सभी युवा सा‍थियों के इस उत्‍साह, इस उमंग को और उड़ान देना चाहती है। इसके लिए खेलो इंडिया अभियान के तहत एक बहुत बड़ा टेलेंट हंट कार्यक्रम देश में चल रहा है। छोटे-छोटे शहरों, कस्‍बों में स्‍पोर्टस की बेहतरीन सुविधाएं तैयार की जा रही है। यहां जम्‍मू-कश्‍मीर के 22 जिलों में भी multi purpose sports hall बनाने की योजना शुरू की गई है। आज भी गांदरबल में ऐसे ही एक इंडोर स्‍टेडियम का उद्घाटन किया गया है।

साथियों, जम्‍मू-कश्‍मीर में बीते 7-8 महीनों में विकास की गति को तेज करने का प्रयास किया गया है। यहां के सामान्‍य मानवी का जीवन आसान हो इसके लिए यहां का प्रशासन जुटा हुआ है। मुझे बताया गया है कि अनेक ऐसे प्रोजेक्‍टस जो दस-दस, बीस-बीस साल से अटके हुए थे वो भी अब पूरे कर लिए गए हैं बीते दो महीने में सैंकड़ों की डॉक्‍टरों की भर्ती हो, या बारामुला का पुल हो, ऐसे अनेक प्रोजेक्‍ट पूरे किए गए हैं। मैं जम्‍मू-कश्‍मीर के एक-एक नागरिक को बधाई देता हूं कि आप सभी ने पिछले साल सितंबर में तय समय से पहले ही राज्‍य को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित कर दिया है। आप बधाई के पात्र हैं। मुझे ये भी बताया गया है कि जम्‍मू-कश्‍मीर को देश का पहला ऐसा राज्‍य बनने का लक्ष्‍य रखा गया है जहां हर गांव, गांव तक पाइप से पीने का पानी उपलब्‍ध होगा, ये बहुत सराहनीय प्रयास है।   

साथियों, हमारी सरकार में तय समय सीमा में लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने का ईमानदार प्रयास किया जाता है। आप सभी को याद होगा कि लालकिले से मैंने एक हजार दिन के भीतर देश के 18 हजार से अधिक उन गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए ऐलान किया जो स्‍वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी अंधेरे में गुजारा करते थे। उस लक्ष्‍य को समय सीमा के भीतर ही पूरा कर लिया गया है। इसके बाद सौभाग्‍य योजना के तहत देश के करोड़ों परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्‍शन देने का अभियान चल रहा है। लगभग ढाई करोड़ कनेक्‍शन दिए जा चुके हैं। और बहुत जल्‍द बाकी घरों को भी रोशन किया जाएगा। मुझे खुशी है कि जम्‍मू–कश्‍मीर में भी अब करीब-करीब हर परिवार तक बिजली का कनेक्‍शन पहुंच चुका है। इसके लिए मैं यहां के लोगों को बिजली विभाग से जुड़े हर कर्मी को, हर इंजीनियर को हृयपूर्वक बधाई देता हूं। राज्‍य सरकार की पूरी टीम को बधाई देता हूं।  

साथियों, जम्‍मू–कश्‍मीर में हर घर तक बिजली पहुंचाने के साथ-साथ पर्याप्‍त बिजली देने की कोशिश भी की जा रही है। लेह, लद्दाख, कारगिल हो जम्‍मू हो या फिर अब श्रीनगर तीनों जगहों पर आज बिजली उत्‍पादन और ट्रांसमिशन से जुड़े अनेक बड़े प्रोजेक्‍टस का लोकार्पण और शिलान्‍यास एक ही दिन में करने का मुझे मौका‍ मिला है। यहां की बिजली जरूरतों को देखते हुए आजादी के बाद पहली बार इतने व्‍यापक स्‍तर पर काम हो रहा है। हमारी सरकार की कोशिश है कि पहले जो भारत के हक का पानी बेकार में बह जाता था। उसकी एक-एक बूंद का उपयोग जम्‍मू–कश्‍मीर के हित में किया जाए, इसी सोच के साथ अनेक पावर प्रोजेक्‍टस यहां शुरू किए गए हैं।

साथियों, ये तमाम प्रोजेक्‍टस देश भर में infrastructure को लेकर सरकार की प्राथमिकताओं का परिणाम है, सडक हो, बिजली हो, शिक्षा हो, या फिर स्‍वास्‍थ्‍य मूल सुविधाओं के निर्माण में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। जम्‍मू–कश्‍मीर के हेल्‍थ infrastructure को मजबूत करने के लिए जम्‍मू और पुलवामा में बनने वाले दो एम्‍स का आज ही शिलान्‍यास किया गया है। इन दोनों संस्‍थानों से राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य सेक्‍टर में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है।    ‍ 

साथियों, हम आधुनिक अस्‍पताल तो बना ही रहे हैं, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्‍थ केयर स्‍कीम आयुष्‍मान भारत पीएमजे भी चला रहे हैं। देश के इतिहास में इतनी बड़ी हेल्‍थ केयर स्‍कीम गरीबो के लिए पहले कभी नहीं हुई। इस योजना के तहत गरीबों का हर वर्ष पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित हुआ है।

देश के लगभग 50 करोड़ गरीब बहन भाई इसके दायरे में है। जिसमें से तीस लाख लाभार्थी जम्‍मू-कश्‍मीर के ही हैं।

साथियों, आयुषमान भारत योजना की वजह से अब तक देश में 10 लाख से अधिक गरीबों को मुफ्त इलाज किया जा चुका है। अभी तो इस योजना को 100 दिन अभी-अभी पूरे हुए हैं। इतने कम समय में 10 लाख लोगों के मेजर सर्जरी उनकी मुसीबत में एक प्रकार से जो दो-दो तीन-तीन साल से मौत का इंतजार कर रहे थे। उनको आज नई जिदगी मिलेगी। इस योजना के तहत  हर दिन दस हजार से अधिक हमारे गरीब भाई बहन मुफ्त इलाज पा रहे हैं। और ये पचास करोड़ लोग, ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको इनकी जो टोटल पापुलेशन है उससे ज्‍यादा लोगों के लिए हमारी आयुष्‍मान भारत योजना है। आप कल्‍पना कर सकते हैं कितना बड़ा काम है। 

साथियों, आयुषमान भारत जैसी योजना एक भारत श्रेष्‍ठ भारत का भी सर्वोत्‍तम उदाहरण है। क्‍योंकि जम्‍मू–कश्‍मीर का लाभार्थी देश में कहीं भी इस योजना का लाभ ले सकता है। मान लीजिए आप यहां से मुंबई गए और बीमारी आ गई, आप यहां पर अगर रजिस्‍टर्ड हैं तो मुंबई के अस्‍पताल में भी आप बिना खर्च किए लाभ ले सकते हैं। मुंबई का कोई  यहां श्रीनगर कें अंदर घूमने-फिरने आया है कुछ मुसीबत आई वो यहां फायदा ले सकता है। सरकार ने सारी व्‍यवस्‍था करने के लिए व्‍यवस्‍था बनाई हुई है। संसाधनों की साझेदारी की यही शक्ति हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है। हर मुश्किल परिस्थिति में एक-दूसरे के काम आ सके, यही भारत की आत्‍मा है, यही कश्‍मीर की भावना है।  

साथियों, इसी कश्‍मी‍यरित का तकाजा है कि हिंसा के दौर जिन कश्‍मीरी पंडित भाईयो बहनों को यहां से अपना घर, अपनी जमीन, अपने पूर्वजों की यादों को छोड़ कर जाना पड़ा है। उनको पूरे सम्‍मान से यहां बसाया जाए।

प्रधानमंत्री विकास पैकेज के जरिये हम इसके लिए कोशिश कर रहे है, राज्‍य प्रशासन ने वैसु और सेफपुरा में ट्रांजिट आवास बनाने शुरू कर दिए हैं। आज मुझे बांदीपुरा और गांदेरबल में ट्रांजिट आवास की सुविधा का विस्‍तार करने वाली योजना का शिलान्‍यास करने का अवसर मिला है। ये योजना भी प्रधानमंत्री विकास पैकेज का ही हिस्सा है

साथियों, यहां पर करीब 7 सौ फ्लैट बन जाने के बाद विस्‍थापित परिवारों को नई छत मिलेगी। सरकार का प्रयास रहेगा कि जो भी यहां वापिस आना चाहते हैं। उन्‍हें पूरी सुरक्षा और सम्‍मान के साथ यहां जगह मिले।

साथियों, कश्‍मीरी विस्‍‍थापितों को रोजगार के अवसर देने के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है। वर्ष 2015 में घोषित PM Development Package के तहत राज्‍य प्रशासन ने तीन हजार नियुक्तियों की स्‍वीकृति दे दी है। मुझे विश्‍वास है कि जल्‍द ही ये भर्तियां हो जाएंगी।

साथियों, जैसा कि मैंने शुरू में जिक्र किया कि जम्‍मू-कश्‍मीर के हीरो शहीद नजीर अहमद वाणी, शहीद मुहम्‍मद ओरेंगजेब और तजामूर हुसैन जैसे युवा हैं। जो शांति और देश के बेहतर भविष्‍य के लिए समर्प्रित रहे है। हीरो वही है जो सपने पूरा करने के लिए जीता है, वो सबसे बड़ा कायर है। जो दूसरे के सपनों को मारता है।

आज पूरा देश निर्दोष, निहत्‍थे, कश्‍मीरी बेटे, बेटियों की हत्‍या देखकर आक्रोष में हैं सिर्फ इसलिए कि वो नौजवान शांति चाहते हैं, जीना चाहते हैं उन्‍हें आतंकवाद का शिकार बनाया जा रहा है। यही यहां के आतंकवाद की सच्‍चाई है। मैं आज आपको जम्‍मू–कश्‍मीर के नौजवानों को और पूरे देश को ये विश्‍वास दिलाता हूं कि इस आतंक का पूरी ताकत से मुकाबला किया जाएगा। हर आतंकी को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सर्जिकल स्‍ट्राइक करके हम पूरी दुनिया को बता चुके हैं। कि अब भारत की नई नीति और नई रीति क्‍या होती है।

हम जम्‍मू-कश्‍मीर में भी आंतकवाद की कमर तोड़ करके ही रहेंगे।  जम्‍मू-कश्‍मीर का विकास यहां के लोगों का विकास ये हमारी प्राथमिकता है। और हमेशा रहेगी, मैं एक बार फिर आप सभी को शिक्षा से जुड़ी योजनाओं की शुरूआत के लिए से infrastructure  परियोजनाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और मैं विश्‍वास दिलाता हूं। अटल बिहारी वाजपेयी जो सपना देखते थे, उन्‍होंने हमें विरासत में जो काम दिया है, उसमें एक रती भर भी पीछे नहीं हटेंगे। उस भावना को हम साकार करके दिखाएंगे और इसके लिए चाहे लद्दाख हो, चाहे श्रीनगर हो, चाहे जम्‍मू हो एक-एक नागरिक को साथ लेकर के सबका साथ-सबका विकास का मंत्र लेकर के हम वही खुशहाल कश्‍मीर, शांत कश्‍मीर, पूरे हिन्‍दुस्‍तान को न्‍योता देने वाला कश्‍मीर हरी-भरी इस वादियों में खुशहाली के दिन वाला कश्‍मीर उस सपनों को पूरा करने के लिए जो भी आवश्‍यक है वो कदम हम उठायेगें।

हमारा हर यहां का परिवार, हमारा हर यहां का हर बच्‍चा, उनका उज्‍ज्‍वल भविष्‍य, यही भारत के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य का जीता जागता संबंध है। उन संबंधों को बरकरार रखते हुए हम इस बात को आगे बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास करते रहेंगे इसी विश्‍वास के साथ मैं आप सबको हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।        

धन्‍यवाद.

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AKT/VJ/MS



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