आईएफएफआई में गहन चर्चाएं और भव्य अंतरराष्ट्रीय प्रीमियर
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में आज अनेक गहन चर्चाओं का आयोजन किया गया जिनमें जानेमाने फिल्मकारों, कलाकारों और वैश्विक समारोहों की अग्रणी हस्तियों ने हिस्सा लिया। इन कार्यक्रमों में श्रोताओं को रचनात्मकता, अभिनय और सिनेमा के भविष्य पर गंभीर विचार-विमर्श सुनने को मिला। इन सत्रों में फिल्मकार विधु विनोद चोपड़ा, लेखक अभिजात जोशी, ट्रीशिया टटल (बर्लिनेल की समारोह निदेशक) को आईएफएफआई के महोत्सव निदेशक शेखर कपूर और थिएटर गुरू विनय कुमार (आदिशक्ति) के साथ बातचीत में देखा गया। इन विचार-विमर्शों से भागीदार फिल्म निर्माण कला, भावनात्मक अभिनय तथा कथा विधा और समारोहों पर एआई जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रभाव की गहरी समझ से रूबरू हुए।





इफ्फी में अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के भव्य प्रीमियर हुए और दर्शकों को बेहतरीन वैश्विक सिनेमा देखने का अवसर प्राप्त हुआ। इन फिल्मों में इतालवी-स्विस फिल्म 'मॉस्किटोज', अंग्रेजी की नवीनीकृत क्लासिक 'म्यूरियल्स वेडिंग', और फ्रेंच फिल्म 'रेनोइर' को प्रदर्शित किया गया जिसमें दर्शकों को समकालीन कथाओं और प्रशंसित सिनेमाई कलात्मकता का एक आकर्षक मिश्रण देखने को मिला।










इफ्फी के बारे में
1952 में शुरू हुआ, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया (इफ्फी) दक्षिण एशिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा फिल्म समारोह है। इसे राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम, सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार और एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ़ गोवा, गोवा सरकार द्वारा सयुंक्त रूप से आयोजित किया जाता है। यह समारोह सिनेमा के शक्तिशाली मंच के तौर पर उभरा है जिसमें साहसिक प्रयोग मिलते हैं और प्रसिद्ध फिल्मकार शामिल होते हैं। इफ्फी को वास्तव में आकर्षक बनाने वाली चीज़ है इसका रोमांचक मिश्रण जिसमें अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाएँ, सांस्कृतिक प्रदर्शन, मास्टरक्लासेस, श्रद्धांजलियां और ऊर्जा से भरपूर ‘वेव्स’ का फिल्म बाज़ार शामिल हैं और विचारों और सहयोगों को उड़ान मिलती है। गोवा के लुभावने तटों में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित होने वाला 56वाँ संस्करण भाषाओं, शैलियों, नवोन्मेष और आवाज़ों का एक शानदार समारोह है। यह विश्व मंच पर भारत की रचनात्मक प्रतिभा का एक गहन उत्सव है।
पीके/केसी/एसके/डीके
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