कोयला मंत्रालय
कोयला मंत्रालय ने विशेष अभियान 5.0 के लिए निर्धारित लक्ष्य को पार किया
Posted On:
04 NOV 2025 11:06AM by PIB Delhi
कोयला मंत्रालय ने विशेष अभियान 5.0 के सफल समापन के बाद अपने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के साथ मिलकर तैयारी के चरण के दौरान चिन्हित गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला का कार्यान्वयन किया है।
मंत्रालय ने कार्यान्वयन चरण (2 - 31 अक्टूबर 2025) के दौरान , 56,85,76,462 रुपये का कुल राजस्व अर्जित करके और 1,28,527 फाइलों का निपटारा करके अपने निर्धारित लक्ष्यों को उल्लेखनीय रूप से पार कर लिया। मंत्रालय ने अभियान पोर्टल पर 3,107 ट्वीट और 28 प्रेस विज्ञप्तियां अपलोड करके अपनी मज़बूत डिजिटल उपस्थिति भी बनाए रखी जो सक्रिय संचार और आउटरीच के प्रयासों को दर्शाती है।
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क्र. सं.
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मापदण्ड
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लक्ष्य
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उपलब्धियां
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उपलब्धियों का प्रतिशत
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1
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स्वच्छता अभियान स्थल
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1,439
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1,741
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121
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2
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स्वच्छता अभियान के अंतर्गत क्षेत्रों की सफाई (वर्ग फुट)
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82,51,511
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1,12,89,378
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137
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3
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निपटाए गए कबाड़ की मात्रा (मीट्रिक टन)
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8,678
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14,017
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162
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4
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सांसदों के संदर्भ
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4
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4
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100
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5
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आईएमसी संदर्भ
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2
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2
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100
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6
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लोक शिकायतें
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166
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166
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100
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7
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पीएमओ संदर्भ
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61
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61
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100
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8
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भौतिक फ़ाइलों की समीक्षा
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1,23,830
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1,90,841
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154
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9
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ई-फाइलों की समीक्षा
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32,182
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65,637
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203
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विशेष अभियान 5.0 के दौरान कुछ उल्लेखनीय सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का विवरण नीचे दिया गया है:
- लघु फिल्म - "एक कदम बदलाव की ओर" - भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल)
बीसीसीएल के चांच विक्टोरिया क्षेत्र ने विशेष अभियान 5.0 के तहत “एक कदम बदलाव की ओर” शीर्षक से प्रेरणादायक लघु फिल्म प्रस्तुत की जिसमें कोयला क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में स्वच्छता, अनुशासन और मिलकर कार्य करने की व्यवस्था की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया गया।

2. योग और ध्यान कक्ष – कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)
सीआईएल आवासीय परिसर के क्लब-सह-सामुदायिक केंद्र में समर्पित योग एवं ध्यान कक्ष का उद्घाटन किया गया। यह पहल कर्मचारियों की भलाई और चैतन्य, स्वस्थ एवं संतुलित कार्यस्थल वातावरण को बढ़ावा देने के प्रति सीआईएल की प्रतिबद्धता पर बल देती है।

3. महिला-संचालित लागत और बजट अनुभाग – वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल)
डब्ल्यूसीएल ने अपने मुख्यालय में पूर्णतः महिला-संचालित लागत और बजट अनुभाग का उद्घाटन किया। यह महिलाओं को वित्तीय रणनीति और निर्णय लेने में नेतृत्व प्रदान करने में सशक्त बनाने की अग्रणी पहल है। यह उपलब्धि समावेशिता, सशक्तिकरण और नेतृत्व उत्कृष्टता के प्रति डब्ल्यूसीएल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और कोयला क्षेत्र में लैंगिक रूप से संतुलित शासन का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करती है।

4. बेकार कांच से मूर्तिकला - सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल)
मगध-संघमित्रा क्षेत्र में लगभग 0.2 टन अजैव-अपघटनीय कचरे से एक कोयला खनिक की 7 फुट ऊंची कांच की मूर्ति कलात्मक रूप से तैयार की गई। इसमें विभिन्न स्थलों से स्वच्छता अभियान के दौरान एकत्र की गई कांच की बोतलों और टूटे हुए टुकड़ों का उपयोग किया गया। यह मूर्ति रचनात्मकता, स्थिरता और राष्ट्र को शक्ति प्रदान करने वाले कार्यबल के प्रति सम्मान का प्रतीक है।

5. अपशिष्ट से कला प्रतियोगिता- महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल)
एमसीएल के बसुंधरा क्षेत्र ने विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत डीएवी पब्लिक स्कूल, बसुंधरा क्षेत्र में "अपशिष्ट से कला" रचनात्मक प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसका उद्देश्य छात्रों को अपशिष्ट "कम करें, पुनः उपयोग करें और पुनर्चक्रण करें" के अभ्यास के लिए प्रेरित करना था। इसमें युवा प्रतिभागियों ने अपशिष्ट पदार्थों को कला की अद्भुत कृतियों में ढालकर स्वच्छ, हरित भविष्य के लिए दीर्घकालिक सामूहिक जिम्मेदारी का सशक्त संदेश दिया।


6. स्क्रैप टू सर्विस- ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल)
ईसीएल के सतग्राम क्षेत्र ने "स्क्रैप टू सर्विस" नाम की संवेदनशील पहल को लागू किया जिसके तहत बंद पड़े इनडोर अस्पताल (2017 से बंद) से पुन: उपयोग में लाने योग्य वस्तुओं को दुमका में भारत सेवाश्रम संघ, पंथरा, रानीश्वर नाम के प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन को दान कर दिया गया। इसके अंतर्गत बिस्तर, मेज, किताबें, पाइप और कांच की सामग्री जैसी वस्तुओं को पुन: उपयोग में लाया गया जिससे समाज कल्याण और उत्तरदायित्वपूर्ण अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा मिला।

7. स्वच्छता पर जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक- भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल)
नासिर खान इप्टा कतरास टीम की ओर से बीसीसीएल के गोविंदपुर क्षेत्र-तृतीय कार्यालय में एक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया। इसमें कामकाज की जगहों, घरों और आसपास के समुदायों में स्वच्छता के महत्व पर बल दिया गया और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति तथा जागरूकता के माध्यम से कर्मचारियों को इससे जोड़ा गया।

8. वैज्ञानिक तरीके से खदान बंद करना
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पवन इनक्लाइन्स
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छेंडीपाड़ा सीपी
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स्वतंत्रता के बाद पहली बार पिछले वर्ष खदान बंद करने की स्वीकृत योजनाओं के अनुसार 11 कोयला खदानों को वैज्ञानिक रूप से बंद किया गया है। कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ) की ओर से इनके लिए खदान बंद करने के अंतिम प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वहां से कोयले का भंडार पूरी तरह से निकाल लिया गया है और खदानों को सुरक्षित तथा वैज्ञानिक रूप से बंद किया गया है। इसके अतिरिक्त कोयला कंपनियों ने खदान बंद करने की स्वीकृत योजनाओं के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 में बंद करने के लिए 22 खदानों की पहचान की है।

9. औद्योगिक कबाड़ से विशेष किस्म की बाड़ लगाना
सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड की टीम की ओर से की गई यह एक सचमुच सराहनीय पहल है जो उनकी असाधारण रचनात्मकता और निर्माण कौशल को दर्शाती है। उन्होंने पुराने गियर, स्प्रोकेट और धातु के छल्ले जैसे औद्योगिक कबाड़ का कुशलतापूर्वक पुन: उपयोग करके कई क्षेत्रों के लिए विशेष बाड़ का डिज़ाइन और निर्माण किया है। इस प्रकार तैयार की गई बाड़ साफ-सुथरे और समर्पित हरित क्षेत्र का निर्माण करती हैं, कार्यशालाओं (जैसे ट्रांसमिशन और विद्युत मरम्मत अनुभाग) के सामने फूलों के बागीचों की सुरक्षा करती हैं। साथ ही एक पूर्ण पार्क क्षेत्र भी विकसित किया गया है जिसमें सजावटी मेहराबदार प्रवेश द्वार है और फर्नीचर भी रखा गया है। इस प्रकार एक साधारण जगह को कर्मचारियों के मिलने-जुलने और विश्राम के लिए आकर्षक स्थल में बदला गया है।


10. लाइव्स फ्रेमवर्क
सीसीओ ने स्थायी खदान बंद करने और पुनः उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 04.09.2025 को लाइव्स (LIVES) फ्रेमवर्क लॉन्च किया है। लाइव्स फ्रेमवर्क तकनीकी पुनरुद्धार, पारिस्थितिकी को बहाल करने, सामुदायिक विकास और दीर्घकालिक स्थिरता को आपस में जोड़ता है ताकि भूमि का फिर से उपयोग किया जा सके, पर्यावरण को फिर से हरा-भरा बनाया जा सके, पारिस्थितिक तंत्रों का पुनर्निर्माण हो और समुदायों को मज़बूत बनाने के लिए स्पष्ट और कार्यान्वयन योग्य मार्ग उपलब्ध हो। इस पुस्तिका का उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्रों को पुनः उपयोग योग्य बनाने के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं, नीति-निर्धारकों, समुदायों सहित इस कार्य से जुड़े सभी लोगों के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करना है।

11. अर्था फ्रेमवर्क
कोयला नियंत्रक संगठन ने संबंधित विषय पर दृष्टिकोण और उसके कार्यान्वयन के बीच सेतु का निर्माण करने के लिए 04.09.2025 को अर्था (ARTHA) फ्रेमवर्क लॉन्च किया जो हरित वित्त जुटाने की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। अर्था (संरेखन-रैंक करना-लक्ष्य-उपयोग-अनुकूलन) पांच चरणों का व्यावहारिक दृष्टिकोण है जो खदानों के पुनः उपयोग से जुड़े कार्यों का मूल्यांकन करने, परियोजनाओं को वर्गीकृत और प्राथमिकता देने तथा उन्हें सबसे उपयुक्त हरित वित्तपोषण तंत्रों के साथ जोड़ने में शामिल विभिन्न हितधारकों का मार्गदर्शन करता है।

12. सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सा लाभ (पीआरएमबी) प्रकोष्ठ (सेवार्थ)
ईसीएल में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए "सेवार्थ" नाम के सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सा लाभ (पीआरएमबी) के नए प्रकोष्ठ का निर्माण और डिजिटलीकरण किया गया है। इसके फ्रंट ऑफिस में केवल महिला कर्मचारियों को ही तैनात किया गया है ताकि पूर्व कर्मचारियों को अपना दावा प्रस्तुत करते समय उचित देखभाल और मानवीय स्पर्श मिल सके। इसके अतिरिक्त, ईसीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर एक डिजिटल बिल ट्रैकिंग पोर्टल भी शुरू किया गया है जिससे सदस्य अपने चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।


विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत उल्लेखनीय उपलब्धियां पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन के प्रति मंत्रालय की दृढ़ प्रतिबद्धता पर बल देती हैं। मंत्रालय ने पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को अपने परिचालन ढांचे में समाहित करके स्वच्छ और अधिक टिकाऊ कोयला क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए कार्यक्षमता में वृद्धि जारी रखी है।
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पीके/केसी/केके/एचबी
(Release ID: 2186181)