कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने मेडागास्कर की मंत्री के साथ सिविल सेवा प्रशिक्षण और शासन सुधारों पर द्विपक्षीय वार्ता की

भारत ने समावेशी और पारदर्शी शासन के लिए जन धन, आधार और मोबाइल- त्रिमूर्ति, यूपीआई और नागरिक शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म - सीपीजीआरएएमएस को वैश्विक मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया

स्वच्छ भारत, पेंशन डिजिटलीकरण और मिशन कर्मयोगी को नवाचार के रूप में उद्धृत करते हुए प्रशासनिक सुधारों का उल्लेख किया

मेडागास्कर के लिए, यह सहयोग प्रशासनिक क्षमता निर्माण के नए मार्ग खोलेगा, जबकि भारत के लिए यह दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करेगा

Posted On: 09 SEP 2025 5:20PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और मेडागास्कर की श्रम, रोजगार और लोक सेवा मंत्री श्रीमती हनीत्रा फिटियावाना रजाकबोआना के बीच भारत की शासन पद्धतियों और पारदर्शिता एवं दक्षता में प्रौद्योगिकी के उपयोग से हुई सुधारों को मेडागास्कर के लोक सेवकों को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित बैठक हुई। इससे भारत के सुशासन और प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों के अनुभव का लाभ मेडागास्कर के सिविल सेवकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मिलेगा।

आज हुई चर्चा में डॉ. जितेंद्र सिंह ने शिकायतों के समयबद्ध निवारण सुनिश्चित करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित भारत के नागरिक शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म - सीपीजीआरएएमएस और फेसलेस, निर्बाध और कागज़ रहित सेवा वितरण का उल्लेख किया, जिससे व्यापक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि भारत में 85 प्रतिशत से अधिक सरकारी सेवाएं अब डिजिटल माध्यम से संचालित हैं, जिससे कार्य निष्पादन में कम समय लग रहा है और भ्रष्टाचार का सफाया हो रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्रों के माध्यम से पेंशन वितरण में सुधार और ड्रोन के उपयोग से संपत्ति के डिजिटलीकरण की चर्चा की। उन्होंने जैम त्रिमूर्ति—जन धन खाते, आधार और मोबाइल कनेक्टिविटी—की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित किया जिससे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण संभव हुआ है और भारत यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान में विश्व में अग्रणी बन गया है।

श्रीमती रजाकबोआना ने भारत की पहल का स्वागत करते हुए इस पर ज़ोर दिया कि मेडागास्कर के अधिकारियों को इन प्रक्रियाओं से अवगत कराने से उन्हें अपनी प्रणालियों को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने भागीदारी मौजूदा तीन-वर्षीय कार्यक्रम को आगे विस्तारित करने में अपने देश की रुचि प्रदर्शित की। मेडागास्कर के कई सिविल सेवक पहले ही भारत के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस) में नेतृत्व पाठ्यक्रम में भाग ले रहे हैं, जहां उनकी प्राथमिकता अनुसार कृषि और खाद्य सुरक्षा से लेकर शहरी विकास तथा श्रम सुधारों तक प्रशिक्षण दिया जाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के तहत भारत के हाल के सुधारों का उल्लेख किया, जिनमें सूचना का अधिकार द्वितीय चरण, सरकारी सूचनाओं तक त्वरित पहुंच के लिए मोबाइल ऐप, और सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम, मिशन कर्मयोगी शामिल हैं। डॉ. सिंह ने अवसरों के लोकतांत्रिकरण के उदाहरण के तौर पर बताया कि ग्रुप सी और डी के पदों के लिए साक्षात्कार समाप्त कर दिए गये हैं, साथ ही बहुभाषी भर्ती परीक्षाएं अब 13 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध हैं जिन्हें सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में विस्तारित करने की योजना है।

डॉ. सिंह ने वित्तीय समावेशन पर बताया कि वैश्विक डिजिटल लेनदेन में भारत का योगदान आधा है। भारत में केवल अक्टूबर 2024 में ही 16.8 अरब से अधिक लेनदेन हुए, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विस्तारित प्रभाव को दर्शाता है। डॉ. सिंह ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत कार्यालयों में कबाड़ के निपटान से 2,300 करोड़ रुपये से अधिक का अर्जन हुआ। उन्होंने सरकार की अन्य पहल में 2023 में नागरिक शिकायत निवारण के उपरांत प्रतिक्रिया जानने के लिए एक मानव डेस्क सेटअप स्थापित किये जाने का भी उल्लेख किया।

डॉ. सिंह और मेडागास्कर की मंत्री श्रीमती रजाकबोआना के बीच बातचीत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति की भी चर्चा हुई। डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क स्थापित किये जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता और वर्तमान में चल रहे आदित्य-एल1 सौर मिशन सहित अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की चर्चा की। चंद्रयान-3 के सफल अभियान से भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बनने की उपलब्धि हासिल हुई।

डॉ. सिंह ने एकल पेंशन फॉर्म, फ़ेलोशिप और उच्च शिक्षा के लिए एकीकृत पोर्टल, और 1,600 से अधिक पुराने नियम-कानूनों को निरस्त करने जैसे सरलीकरण उपायों का भी ज़िक्र किया। युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराने को बढ़ावा देने वाले रोज़गार मेलों जैसी पहल का भी उन्होंने उल्लेख किया। नागरिक सेवाओं को सुगम बनाने की दिशा में पेंशनभोगियों के लिए चेहरे की पहचान के आधार पर जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करने के अभियान का भी उदाहरण दिया गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने संक्षेप में कहा कि भारत का शासन मॉडल तकनीकी उपायों से नागरिकों और सरकार को निकट लाने के साथ ही, आवश्यकतानुसार मानवीय देखरेख सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। श्रीमती रजाकबोआना ने विशेष रूप से डिजिटल भुगतान, शिकायत निवारण और पेंशन के क्षेत्र में सुधारों को मेडागास्कर के लिए उपयोगी सबक बताया।

जनवरी 2024 में कार्यभार संभालने से पहले श्रम एवं सिविल सेवा प्रशासन में वरिष्ठ पदों पर रह चुकीं हनीत्रा फितियावाना रजाकबोआना ने वार्ता में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जबकि भारत की ओर से बातचीत में डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग सचिव श्री वी. श्रीनिवास और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में साझेदार देशों के साथ शासन की सर्वोत्तम प्रथा साझा करने की भारत की बढ़ती भूमिका परिलक्षित हुई। यह सहयोग मेडागास्कर के लिए प्रशासनिक क्षमता निर्माण के नए मार्ग खोलता है जबकि भारत के लिए यह दक्षिण-दक्षिण सहयोग (विकासशील देशों के बीच सहयोग) और उसके शासन सुधारों की वैश्विक प्रासंगिकता को सुदृढ़ करता है।

 

 

 

 

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