सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
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केन्‍द्रीय मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने गुरुग्राम में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर 4 फ्लाईओवर और 9 फुटओवर ब्रिज की आधारशिला रखी

राजमार्ग नेटवर्क 2014 के 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 2024 में 1.46 लाख किलोमीटर; निर्माण की गति प्रतिदिन 2.8 गुना बढ़कर 33.8 किलोमीटर हुई

चार या अधिक लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 2.6 गुना बढ़कर 48,422 किलोमीटर हुई; सड़क क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में 2014 से 570 प्रतिशत वृद्धि

Posted On: 26 AUG 2025 5:41PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग तथा कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री, श्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने आज हीरो कंपनी के नजदीक पंचगांव चौक, राठीवास और सहलावास में 4 नए फ्लाईओवर, एनएच-48 के गुड़गांव-कोटपुतली-जयपुर खंड पर 9 रणनीतिक स्थानों - शिकोहपुर, मानेसर, बिनौला, राठीवास, मालपुरा, जयसिंहपुरखेड़ा, सिधरावली, खरखरा और खिजुरी - पर फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) और अन्य इंजीनियरिंग कार्यों की आधारशिला रखी, जिसकी अनुमानित लागत 282 करोड़ रुपये है। इस अवसर पर सांख्यिकी और योजना मंत्री और संस्कृति राज्य मंत्री, डॉ. इंद्रजीत यादव, मानेसर की मेयर, श्रीमती राज रानी मल्होत्रा, गुरुग्राम के मेयर, श्री तिलक राज मल्होत्रा, स्थानीय पार्षद और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी भी मौजूद थे।

श्री मल्होत्रा ​​ने कहा कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी की एक ऐसे विकसित भारत की कल्‍पना में योगदान देने के लिए आभारी हैं, जहां विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा एक सपना नहीं बल्कि वास्तविकता है।

श्री मल्होत्रा ​​ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और श्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में, सरकार ने पूरे भारत में कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर और समन्वित प्रयास किए हैं, तथा एक समग्र, भविष्य के लिए तैयार दूरदर्शिता के साथ कई विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा किया है।

मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 2014 में 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर से अधिक हो गया है, जिससे यह विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बन गया है, जिसमें हाई-स्पीड कॉरिडोर केवल 93 किलोमीटर से बढ़कर 2,474 किलोमीटर हो गया है, और चार लेन और उससे अधिक वाले राजमार्गों में पिछले दशक में 2.5 गुना वृद्धि हुई है।

श्री मल्होत्रा ​​ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत अब प्रतिदिन 34 किलोमीटर की रिकॉर्ड गति से सड़कें बना रहा है, जिसे मंत्रालय के खर्च में 6.4 गुना वृद्धि और 2014 से बजट आवंटन में 570 प्रतिशत की वृद्धि से सहयोग मिला है। चार या अधिक लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग खंड 2014 में 18,371 किलोमीटर से 2.6 गुना बढ़कर 2024 में 48,422 किलोमीटर हो गए हैं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 2014-15 में 12.1 किलोमीटर/प्रतिदिन से 2.8 गुना बढ़कर 2023-24 में 33.8 किलोमीटर/प्रतिदिन हो गई है।

मंत्री महोदय ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में, सरकार ने गुरुग्राम को एक गतिशील शहरी और आर्थिक महाशक्ति के रूप में नया रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। द्वारका एक्सप्रेसवे, शहरी विस्तार सड़क-II (यूईआर-II), मेट्रो रेल विस्तार, गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड कॉरिडोर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसी ऐतिहासिक बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं ने दिल्ली-एनसीआर में क्षेत्रीय संपर्क को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है।

श्री मल्होत्रा ​​ने गुड़गांव के विकास में मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह के योगदान पर प्रकाश डाला, जो गुरुग्राम को एक आधुनिक शहरी केन्‍द्र में बदलने और गुड़गांव को एक अग्रणी आर्थिक और तकनीकी केन्‍द्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

श्री मल्होत्रा ​​ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जा रही है, वे गुरुग्राम, रेवाड़ी और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों और यात्रियों, विशेष रूप से सेवा पेशेवरों के लिए एक सुरक्षित और सुगम यात्रा अनुभव सुनिश्चित करेंगी और खेड़की धौला से हरियाणा-राजस्थान सीमा तक एनएच-48 कॉरिडोर पर यातायात की भीड़, जलभराव और सड़क सुरक्षा की दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करेंगी। हीरो कंपनी के नजदीक पंचगांव चौक, राठीवास और साहलावास में 4 फ्लाईओवर परियोजनाओं का उद्देश्य सड़क पर टकराव को खत्म करना और दुर्घटना संभावित ब्लैकस्पॉट्स का समाधान करना है।

मंत्री महोदय ने आगे बताया कि एनएच-48 के गुड़गांव-कोटपुतली-जयपुर खंड पर नौ रणनीतिक स्थानों पर पैदल ऊपरी पुलों (एफओबी) पर रैंप और सीढ़ियाँ लगाई जाएँगी ताकि सभी के लिए, जहाँ आवश्यक हो, दोपहिया वाहनों सहित, सुगमता सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, रात के समय सुरक्षा और उपयोगिता बढ़ाने के लिए, पुलों पर विशेष प्रकाश व्यवस्था होगी, जिससे पैदल यात्रियों से संबंधित दुर्घटनाओं और मौतों में उल्लेखनीय कमी आएगी और साथ ही समग्र राजमार्ग सुरक्षा और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

मंत्री महोदय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये परियोजनाएं क्षेत्र में समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी, जिससे न केवल सड़क सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान भी होगा तथा सामाजिक और आर्थिक खुशहाली को बढ़ावा मिलेगा।

श्री मल्होत्रा ​​ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में रणनीतिक रूप से भीड़भाड़ कम करने के लिए 80,545 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनकी लंबाई 1,679 किलोमीटर है और 7,084 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा 23,850 करोड़ रुपये की परियोजनाएं योजना के चरण में हैं, जिनमें यूईआर-II के माध्यम से दिल्ली-अमृतसर-कटरा और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का विस्तार, यूईआर-II का नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद तक पूर्वी विस्तार, द्वारका एक्सप्रेसवे से नेल्सन मंडेला मार्ग तक 5 किलोमीटर लंबी सड़क सुरंग, एम्स से महिपालपुर बाईपास तक 20 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर जो गुड़गांव-फरीदाबाद रोड तक फैला है और ओखला बैराज के पास कालिंदी कुंज में 0.5 किलोमीटर लंबा इंटरचेंज शामिल है।

श्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने आगे कहा कि सार्वजनिक बुनियादी ढाँचा आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, व्यापार और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार की रीढ़ है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, भारत ने पिछले एक दशक में बुनियादी ढाँचे के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है, और बुनियादी ढाँचे पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये का देश के सकल घरेलू उत्पाद पर 3.2 गुना प्रभाव पड़ता है।

मंत्री महोदय ने कहा कि यह बुनियादी ढाँचागत परिवर्तन एकीकृत विकास, आर्थिक सशक्तिकरण और क्षेत्रीय संतुलन के लिए है और प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के अंतर्गत, निर्बाध गतिशीलता सुनिश्चित करने और आर्थिक संभावनाओं को उजागर करने के लिए लॉजिस्टिक्स, रेलवे, बंदरगाहों और शहरी नियोजन के साथ तालमेल बिठाकर बुनियादी ढाँचे का विकास किया जा रहा है। श्री मल्होत्रा ​​ने अधिकारियों को निर्धारित समय में परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि इन्हें निर्धारित समय पर आम जनता के लिए खोला जा सके।

मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने अंत में कहा कि बुनियादी ढांचे का विकास केवल सड़कों के निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत को एक आर्थिक महाशक्ति में बदलने की नींव रखेगा और तत्पश्चात विकसित भारत की दिशा में एक प्रमुख मानदंड होगा।





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