जनजातीय कार्य मंत्रालय
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आदि कर्मयोगी: उत्तरदायी शासन के लिए संपूर्ण राष्ट्र आंदोलन: 20 लाख जनजातीय परिवर्तन नेताओं के माध्यम से विकसित भारत का निर्माण

आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत बेंगलुरु में पहली क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) का शुभारंभ

Posted On: 10 JUL 2025 5:38PM by PIB Delhi

वर्ष 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए,प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आज, आदि कर्मयोगी - राष्ट्रीय उत्तरदायी शासन मिशन की पहली क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) का शुभारंभ किया। इस अग्रणी पहल का उद्देश्य 20 लाख जनजातीय जमीनी कार्यकर्ताओं और ग्राम-स्तरीय परिवर्तनकारी नेताओं का एक गतिशील कैडर तैयार करना है, जो जनजातीय क्षेत्रों में समावेशी विकास को गति प्रदान करेंगे और अंतिम छोर तक सेवा वितरण को सुदृढ़ करेंगे।

बेंगलुरु के होटल रॉयल ऑर्किड सेंट्रल में आयोजित आरपीएल इस महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मिशन की परिचालन शुरुआत का प्रतीक है। यह एक रणनीतिक क्षमता निर्माण केन्‍द्र के रूप में कार्य करता है, जहाँ कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्य मास्टर प्रशिक्षकों (एसएमटी) को प्रशिक्षण दिया जाता है। यह शुभारंभ प्रतीकात्मक रूप से गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हुआ, जो ज्ञान, सहानुभूति और कर्म के माध्यम से शासन में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध जमीनी स्तर के "गुरुओं" की एक नई पीढ़ी को पोषित करने के आध्यात्मिक महत्व पर जोर देता है।

जमीनी स्तर पर शासन की पुनर्कल्पना

आदि कर्मयोगी एक कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है—यह भारत के आदिवासी लोकाचार में निहित और स्थानीय समर्थकों के नेतृत्व में, नीचे से ऊपर तक शासन की पुनर्कल्पना करने के लिए एक कार्य-आह्वान है। पीएम-जनमन और दजगुआ जैसी प्रमुख पहलों के साथ, यह मिशन अभिसरण, समुदाय और क्षमता के स्तंभों पर निर्मित शासन नवाचार के अगले अध्याय का सूत्रपात करता है।

यह आत्मा और संरचना दोनों के साथ शासन का प्रतिनिधित्व करता है - जहां आदिवासी युवाओं की आकांक्षाएं उत्तरदायी संस्थानों से मिलती हैं, और जहां नीति लोगों तक सम्मान, समयबद्धता और उद्देश्य के साथ पहुंचती है।

दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता के स्‍वर

केन्‍द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने कहा, "आदि कर्मयोगी जनजातीय भारत के लिए एक क्रांतिकारी परिवर्तनकारी कदम है। यह अंत्योदय की सच्‍ची अभिव्‍यक्ति- सेवा, संकल्प और समर्पण की भावना का प्रतिनिधित्व करता है बीस लाख परिवर्तनकारी नेताओं के इस दल के माध्यम से, हम अपने देश के सुदूरवर्ती कोनों में सम्मान, जवाबदेही और सेवा वितरण को संस्थागत रूप दे रहे हैं। इसी तरह जमीनी स्तर से लेकर ऊपर तक विकसित भारत का निर्माण होगा।

जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने कहा, "यह अभियान केवल शासन के बारे में नहीं है—यह हमारे जनजातीय समुदायों के गौरव, पहचान और आवाज़ को पुनर्स्थापित करने के बारे में है। प्रशिक्षित आदि कर्मयोगी आशा और परिवर्तन के वाहक बनेंगे।"

जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव, श्री विभु नायर ने इस अभियान को उत्तरदायी जनजातीय शासन के एक नए प्रतिमान के निर्माण हेतु एक "ऐतिहासिक अवसर" बताया। उन्होंने अंतर-विभागीय तालमेल की सहायता से स्थान निर्धारित करने, संदर्भ-विशिष्ट समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जनजातीय समुदायों को "परिवर्तन के अग्रदूत" बनने का आह्वान करते हुए, उन्हें जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और अंतिम छोर तक शासन की कमी को पाटने के उत्प्रेरक के रूप में देखा।

कर्नाटक सरकार की मुख्य सचिव डॉ. शालिनी रजनीश ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और इस अभियान की सराहना करते हुए इसे आदिवासी विकास परिदृश्य में एक "सही समय पर और परिवर्तनकारी हस्तक्षेप" बताया। उन्होंने सांस्कृतिक रूप से आधारित और स्थानीय स्तर पर प्रासंगिक कार्यक्रमों के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, एसएमटी और डीएमटी को सशक्त बनाने के लिए एसआईआरडी मैसूर, विस्तार प्रशिक्षण केन्‍द्रों और पंचायत-स्तरीय सुविधाओं जैसे प्रशिक्षण बुनियादी ढाँचे के माध्यम से पूर्ण संस्थागत समर्थन प्रदान करेगा।

कर्नाटक के जनजातीय कल्याण सचिव, श्री रणदीप डी. ने पीएम- जनमन और दजगुआ जैसी प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन में कर्नाटक के मज़बूत रिकॉर्ड पर प्रकाश डाला। उल्लेखनीय प्रगति की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी मिशन एक मज़बूत, कैडर-आधारित क्षमता-निर्माण मॉडल के माध्यम से अंतिम छोर तक पहुँचने में आने वाली महत्वपूर्ण कमी को पूरा करने में मदद करेगा।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, श्री अनंत प्रकाश पांडे ने बेंगलुरु को "नवाचार का केन्‍द्र" बताया और गुरु पूर्णिमा के सबसे उपयुक्त दिन पर प्रधानमंत्री की मिशन कर्मयोगी कल्‍पना के अनुरूप विभिन्‍न तत्‍वों के मिलकर नवोन्मेषी शासन मॉडल के रूप में आदि कर्मयोगी के शुभारंभ का वर्णन किया, क्योंकि आदि कर्मयोगी ही जनजातीय कल्याण शासन प्रणाली में परिवर्तन लाने वाले गुरु होंगे। उन्होंने शिक्षार्थी और नेतृत्वकर्ता के रूप में एसएमटी की दोहरी भूमिका पर ज़ोर दिया और शासन उत्कृष्टता के एक अनिवार्य तत्व के रूप में भारत के जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक समृद्धि की सराहना की।

जनजातीय कार्य मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार, श्रीमती अथिरा बाबू ने आरपीएल को "जमीनी स्तर के ज्ञान का एक ऐसा संगम" बताया जो व्यवस्थागत परिवर्तन लाने के लिए तैयार है। जनजातीय मिशनों के विकासक्रम—पीएम-जनमन (संपूर्ण सरकार) से लेकर दजगुआ (संपूर्ण समाज) और अब आदि कर्मयोगी (संपूर्ण राष्ट्र) तक—का वर्णन करते हुए, उन्होंने विभिन्न विभागों के बीच एकीकरण का आह्वान किया ताकि अलगाव को समाप्त किया जा सके और समन्वित परिणाम प्राप्त किए जा सकें।

तमिलनाडु की जनजातीय कल्याण सचिव श्रीमती जी. लक्ष्मी प्रिया ने राज्य के सभी जनजातीय गाँवों को आदि कर्मयोगी के दायरे में लाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने उत्तरदायी, समावेशी जनजातीय नीतियों के निर्माण में मेल, जमीनी स्तर की भागीदारी और सह-निर्माण की शक्ति पर ज़ोर दिया।

आदि कर्मयोगी: प्रत्येक हितधारक के लिए एक मिशन

आदि कर्मयोगी मिशन, निचले स्तर से ऊपर की ओर दृष्टिकोण, वास्तविक समय पर शिकायत निवारण और सहयोगात्मक कार्यान्वयन के माध्यम से उत्तरदायी शासन को बढ़ावा देता है। यह जनजातीय कार्यों, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, जल शक्ति, स्कूली शिक्षा और वन सहित प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय पर आधारित है।

बेंगलुरु स्थित क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) एक व्यापक मॉडल के अंतर्गत कई क्षमता निर्माण केन्‍द्रों में से पहला है। यहाँ प्रशिक्षित एसएमटी राज्य प्रक्रिया प्रयोगशालाओं (एसपीएल) का नेतृत्व करेंगे, जो बदले में जिला मास्टर प्रशिक्षकों (डीएमटी) को प्रशिक्षित करेंगे। यह कार्यक्रम सहभागी शिक्षण और स्थानीय संदर्भीकरण को मज़बूत करने के लिए नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) को भी जोड़ता है।

आदिकारिता राष्ट्रीय सम्मेलन में परिवर्तन दूतों का सम्मान

नवाचार, सेवा और प्रतिबद्धता को सम्मानित करने के लिए मंत्रालय शीघ्र ही “आदिकारिता राष्ट्रीय सम्मेलन” का आयोजन करेगा, जहां उत्कृष्ट एसएमटी और डीएमटी को भारत के जनजातीय सशक्तिकरण चैंपियन के रूप में मान्यता दी जाएगी - जो शासन परिवर्तन के सच्चे कर्मयोगी होंगे।

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एमजी/केसी/केपी/एसएस



(Release ID: 2143861)


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