वित्त मंत्रालय
भारत ने आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए मध्य एशियाई गणराज्यों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्घाटन किया
पांच मध्य एशियाई देशों उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने जानकारी के आदान-प्रदान में भागीदारी की
Posted On:
22 APR 2025 7:38PM by PIB Delhi
राजस्व विभाग (डीओआर) ने विदेश मंत्रालय (एमईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) के सहयोग से मध्य एशियाई गणराज्यों (सीएआर) के लिए ‘क्रिप्टोकरेंसी, क्राउडफंडिंग और गैर-लाभकारी संगठनों के जरिए आतंकवाद को मिलने वाले वित्तपोषण (सीएफटी) का मुकाबला करने’ पर पहली बार क्षमता निर्माण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। दो दिवसीय कार्यक्रम 21-22 अप्रैल, 2025 को आयोजित किया गया।

पांच मध्य एशियाई देशों- उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के वरिष्ठ विशेषज्ञों को एक साथ लाने वाले इस कार्यक्रम ने आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में जानकारी के आदान-प्रदान और क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक मंच के तौर पर काम किया। प्रतिभागियों को भारतीय अधिकारियों की ओर से संचालित सत्रों की एक श्रृंखला से लाभ हुआ, जिसमें राजस्व विभाग, गृह मंत्रालय के वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) सेल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और वित्तीय खुफिया इकाई - भारत (एफआईयू-आईएनडी) के प्रतिनिधि शामिल थे। इसके अतिरिक्त, यूरेशियन ग्रुप (ईएजी), एक एफएटीएफ- शैली क्षेत्रीय निकाय (एफएसआरबी) के एक विशेषज्ञ ने गैर-लाभकारी और आभासी संपत्ति क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने (एएमएल/ सीएफटी) मानकों पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
मध्य एशियाई क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीकी क्षमता का निर्माण करना और उभरते आतंकवाद वित्तपोषण जोखिमों की समझ को गहरा करना था। संवादात्मक चर्चाओं, केस स्टडी और परिचालन संबंधी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के जरिए, इस पहल ने प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण को प्रोत्साहन दिया।
तकनीकी सत्रों में आतंकवाद से संबंधित जांच में वित्तीय खुफिया जानकारी के उपयोग, वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (वीएएसपी) के दुरुपयोग से पैदा होने वाले बढ़ते खतरे और क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के शोषण सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। अतिरिक्त चर्चाओं में कट्टरपंथीकरण के वित्तपोषण और आतंकवादी उद्देश्यों के लिए गैर-लाभकारी संगठनों (एनपीओ) के दुरुपयोग को शामिल किया गया।
यह पहल आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ क्षेत्रीय सहयोग और तन्यकशीलता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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एमजी/आरपीएम/केसी/एमएम
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