विधि एवं न्याय मंत्रालय
सुप्रीम कोर्ट में मामले प्रबंधन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग
Posted On:
20 MAR 2025 3:24PM by PIB Delhi
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मामले प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) आधारित टूल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनका इस्तेमाल संविधान पीठ के मामलों में मौखिक दलीलों को लिखने में किया जा रहा है। एआई की सहायता से लिखी गई दलीलों को सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट से देखा जा सकता है। सक्षम प्राधिकारी ने नियमित सुनवाई के दिनों यानी हर गुरुवार को मौखिक दलीलों को लिखने पर विचार करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री भी राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के साथ मिलकर एआई और एमएल आधारित टूल्स का उपयोग कर रही है, ताकि अंग्रेजी भाषा से 18 भारतीय भाषाओं जैसे असमिया, बंगाली, गारो, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, खासी, कोंकणी, मलयाली, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संताली, तमिल, तेलुगु और उर्दू में निर्णयों का अनुवाद किया जा सके। सर्वोच्च न्यायालय के ईएससीआर पोर्टल के माध्यम से निर्णयों को देखा जा सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने आईआईटी, मद्रास के साथ मिलकर दोषों की पहचान करने के लिए रजिस्ट्री के इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत एआई और एमएल आधारित टूल्स विकसित और तैनात किए हैं। हाल ही में, 200 एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को प्रोटोटाइप की पहुँच प्रदान की गई है, ताकि वे इसका उपयोग कर सकें और न्याय तक पहुँच के अधिकार और न्याय प्रशासन के अधिकार को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिक्रिया साझा कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री भी आईआईटी, मद्रास के सहयोग से दोषों को ठीक करने, डेटा, मेटा डेटा निष्कर्षण के लिए एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) टूल्स के प्रोटोटाइप्स का परीक्षण कर रही है। इस एआई और एमएल आधारित टूल को इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग मॉड्यूल और केस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर, अर्थात् इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम (आईसीएमआईएस) के साथ एकीकृत किया जाएगा।
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया में किसी भी एआई और एमएल आधारित टूल्स का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
एआई आधारित टूल, सुप्रीम कोर्ट पोर्टल असिस्टेंस इन कोर्ट एफिशिएंसी (एसयूपीएसीई), जिसका उद्देश्य मामलों की पहचान करने के अलावा पूर्व निर्णयों की बुद्धिमानी से खोज के साथ मामलों के तथ्यात्मक मैट्रिक्स को समझने के लिए एक मॉड्यूल विकसित करना है, अपने परीक्षण के लिए विकास के प्रयोगात्मक चरण में है। ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट (यूनिट) और टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट जैसी अन्य नवीनतम प्रौद्योगिकी-आधारित इकाइयों की खरीद और तैनाती के बाद एसयूपीएसीई का उपयोग किया जा सकता है।
विधि एवं न्याय मंत्रालय में (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह जानकारी आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी ।
***
एमजी/आरपी/केसी/आईएम/एसवी
(Release ID: 2113276)
Visitor Counter : 149