वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बंदरगाहों, जहाजरानी और लॉजिस्टिक्स को भारत की आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताया

श्री गोयल ने भारत में जहाजों की फ्लैगिंग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग से सुझाव मांगे

श्री गोयल ने नाविकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रस्तावित किया हाइब्रिड प्रशिक्षण मॉडल

Posted On: 25 FEB 2025 8:14PM by PIB Delhi

बंदरगाह, जहाजरानी और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को पोषित करने वाली जीवन रेखाएं हैं। व्यापार नदियों की तरह स्वतंत्र रूप से बहता है और जहाजरानी क्षेत्र दुनिया भर के अवसरों को भारत से जोड़ता है। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में बंदरगाह, जहाजरानी और लॉजिस्टिक्स 2025 पर 12वें द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन के दौरान कही।

श्री गोयल ने कहा कि देश में जहाज निर्माण के अवसर बहुत अधिक हैं और सरकार इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार कर रही है। उन्होंने उद्योग से भारत में जहाजों के फ्लैगिंग को आकर्षक बनाने के तरीके सुझाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "भारत के पास जहाजों के तटीय व्यापार की अनुमति देने और डब्ल्यूटीओ के नियमों के भीतर अनुमति प्राप्त भारतीय ध्वज वाले जहाजों में आने वाले आयात को बढ़ावा देने का लाभ है, लेकिन नियमों का लाभ उठाने के लिए पर्याप्त ध्वज वाले जहाज नहीं हैं।" मंत्री ने प्रतिभागियों से राज्य और केंद्र स्तर पर कंपनियों को भारत में ध्वज वाले जहाजों में लाने में मदद करने के तरीके सुझाने का आग्रह किया।

श्री गोयल ने आगे कहा कि भारत ने पिछले एक दशक में अपनी बंदरगाह क्षमता को दोगुना कर दिया है और जहाजों के टर्नअराउंड समय को काफी कम कर दिया है। हालाँकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में काम अभी भी बाकी है।

उन्होंने बताया कि भारत के कुल व्यापार की मात्रा का 95% बंदरगाहों से होकर गुजरता है और 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा व्यापार के लिए एक प्रमुख सहायक के रूप में कार्य करती है, उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बंदरगाहों पर वर्तमान यातायात को संभालने के लिए लॉजिस्टिक्स प्रणाली को अधिक अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "लॉजिस्टिक्स में सहायता के लिए एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) पेश किया गया है, लेकिन बंदरगाहों पर पूरे इकोसिस्टम से जुड़ी लॉजिस्टिक्स प्रदान करने के लिए और अधिक आयडिया  की आवश्यकता है।"

मंत्री ने आगे इस क्षेत्र में नाविकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण के एक हाइब्रिड मोड का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कंटेनर स्वामित्व, कंटेनर निर्माण, निर्यात की तेज गति, भीड़भाड़ में आसानी जैसे क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें इस क्षेत्र को सुधार करने की आवश्यकता है।

मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक व्यापार अशांति के बीच एक नखलिस्तान के रूप में खड़ा है, उन्होंने उम्मीद जताई कि देश आगे बढ़ता रहेगा और दुनिया की भलाई में योगदान देगा। उन्होंने समुद्री व्यापार और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को विकसित भारत के लिए रीढ़ की हड्डी बताया।

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