सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

पूर्वाभ्यास के दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की गणतंत्र दिवस 2025 की झांकी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

Posted On: 23 JAN 2025 8:05PM by PIB Delhi

कला, मूर्तिकला और सांस्कृतिक विविधता के एक अनूठे मिश्रण के साथ गणतंत्र दिवस 2025 के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की झांकी भारतीय संविधान के 75 वर्षों को प्रदर्शित कर रही है। इसने 23 जनवरी, 2025 को कर्तव्यपथ, नई दिल्ली में पूर्वाभ्यास के दौरान दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001S6TMfgfgfgfU36M.jpg 

भारत का संविधान न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के लिए मार्गदर्शक शक्ति है, और इसकी नींव प्रदान करता है। यह विकास और उन्नति के लिए एक ढाँचा प्रदान करता है, जिससे आर्थिक समावेशन के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से ऊपर उठाया जा सके। यह झांकी संविधान में मौजूद जटिल चित्रणों को जीवंत करती है। इसमें ज़ेबू बैल - जो शक्ति और नेतृत्व का प्रतीक है (हड़प्पा की मुहर से लिया गया), अशोक की लाट - जो लचीलापन और एकता का प्रतिनिधित्व करता है, और घूमने वाला चक्र - जो निरंतर प्रगति दिखाता है, शामिल हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002GCA5.jpg 

किनारों पर बनी जटिल रूप से तराशी गई आकृतियाँ आप्टिक्स के सिद्धांत का उपयोग करती हैं, जिससे दर्शकों को उनका पीछा करने का आभास होता है, और इस प्रकार एकता और भाईचारे का संदेश फैलाया जाता है। संविधान में श्री नंदलाल बोस की कलाकृतियों को मूर्तिकला पैनलों पर प्रमुखता से दर्शाया गया है। मुख्य आकर्षण संविधान की एक प्रतिकृति है, जिसमें प्रस्तावना को प्रमुखता से दिखाया गया है। विविध क्षेत्रों के लोगों के जीवंत दृश्य झांकी में नवीनता जोड़ते हैं।

***

एमजी/आरपीएम/केसी/एसके



(Release ID: 2095613) Visitor Counter : 32


Read this release in: English , Urdu