संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
'ग्राउंड-आधारित प्रसारकों के लिए नियामक ढांचा'
Posted On:
15 JAN 2025 3:29PM by PIB Delhi
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी 'भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश 2022 जिसमें टीवी प्रसारण सेवाओं के लिए नियम और शर्तें शामिल हैं। जिसमें प्रसारकों के लिए वितरण प्लेटफॉर्म ऑपरेटरों (डीपीओ) को अपने चैनल प्रदान करने के लिए उपग्रह माध्यम का उपयोग करना जरूरी है।
प्रौद्योगिकी की उन्नति ने प्रसारकों के लिए अपने टेलीविजन चैनलों को स्थलीय रूप से भी डीपीओ को उपलब्ध कराना संभव बना दिया है, अर्थात स्थलीय संचार प्रौद्योगिकियों जैसे वायरलाइन (जैसे केबल/फाइबर, आदि) या वायरलेस (जैसे सेलुलर/माइक्रोवेव/वाई-फाई, आदि)/इंटरनेट/क्लाउड का उपयोग करना। स्थलीय रूप से प्रसारित चैनलों को पुनः प्रसारण के लिए एक साथ कई डीपीओ नेटवर्क पर ले जाया जा सकता है। इन विकासों को ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित करने के लिए एक सक्षम ढांचा स्थापित करना आवश्यक है जिससे की सेवा प्रदाता तकनीकी प्रगति का पूरी तरह से लाभ उठा सकें।
एमआईबी ने 22 मई 2024 के अपने पत्र के माध्यम से ट्राई अधिनियम, 1997 की धारा 11(1)(ए) के तहत “ग्राउंड बेस्ड ब्रॉडकास्टर्स के लिए नियामक ढांचे” पर ट्राई से सिफारिशें मांगी हैं।
तदनुसार, ट्राई ने 18 अक्टूबर 2024 को 'ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टर्स के लिए विनियामक ढांचा' शीर्षक से एक परामर्श पत्र जारी किया। परामर्श प्रक्रिया में प्राप्त टिप्पणियां और प्रति-टिप्पणियां ट्राई की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। परामर्श प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, 20 दिसंबर 2024 को ओपन हाउस चर्चा (ओएचडी) आयोजित की गई।
प्राप्त टिप्पणियों, प्रति-टिप्पणियों, ओएचडी के दौरान एकत्रित इनपुट और अपने स्वयं के विश्लेषण के आधार पर, ट्राई ने 'ग्राउंड-आधारित प्रसारकों के लिए नियामक ढांचे' पर सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है। सिफारिशों के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- भू-आधारित प्रसारकों के लिए रूपरेखा, पारंपरिक उपग्रह-आधारित प्रसारकों के लिए 'भारत में उपग्रह टेलीविजन चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022' में निहित रूपरेखा के समान होगी, जो उपग्रह संचार माध्यम से संबंधित प्रावधानों को छोड़कर, भू-आधारित प्रसारण मॉडल पर लागू होगी।
- भू -आधारित प्रसारकों का कार्यक्षेत्र स्थलीय संचार माध्यम का उपयोग करके वितरण प्लेटफार्म परिचालकों (डीपीओ) को आगे पुनः प्रसारण के लिए टेलीविजन चैनल उपलब्ध कराना होगा।
- ग्राउंड-आधारित ब्रॉडकास्टर डीपीओ को चैनल प्रदान करने के लिए किसी भी स्थलीय संचार माध्यम का उपयोग कर सकता है। स्थलीय संचार प्रौद्योगिकियों/प्रणालियों के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा और इकाई अपने व्यावसायिक निर्णय के अनुसार एक से अधिक ऐसी प्रणालियों का उपयोग कर सकती है।
- अनुमति प्राप्त चैनल के लिए, ग्राउंड-आधारित ब्रॉडकास्टर (जीबीबी) केंद्र सरकार की अनुमति से प्रसारण के लिए सैटेलाइट माध्यम पर स्विच कर सकता है या अतिरिक्त रूप से उसका उपयोग कर सकता है। इसी तरह, सैटेलाइट-आधारित ब्रॉडकास्टर (एसबीबी) केंद्र सरकार की अनुमति से प्रसारण के लिए स्थलीय संचार माध्यम पर स्विच कर सकता है या अतिरिक्त रूप से उसका उपयोग कर सकता है।
- ग्राउंड-आधारित प्रसारणकर्ता के लिए सेवा क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर का होगा।
- एमआईबी यह जांच कर सकता है कि क्या निःशुल्क विज्ञापन-समर्थित स्ट्रीमिंग टेलीविज़न (एफएएसटी) चैनल मौजूदा दिशा-निर्देशों/नीति ढांचे के अनुरूप हैं। यदि आवश्यक हो, तो एमआईबी ट्राई के परामर्श से ऐसे चैनलों के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर सकता है।
- प्राधिकरण ने 2 मई 2023 को 'दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में कारोबार करने में आसानी' पर अपनी सिफारिशों को दोहराया, जो ग्राउंड-आधारित प्रसारकों पर लागू हैं।
सिफारिशें ट्राई की वेबसाइट (www.trai.gov.in) पर दी गई हैं। किसी भी स्पष्टीकरण या जानकारी के लिए, ट्राई की सलाहकार (बीएंडसीएस) डॉ. दीपाली शर्मा से +91-11-20907774 पर संपर्क किया जा सकता है।
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