इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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भारतीय शैक्षणिक तथा अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, स्टार्टअप और कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने में एआई की क्षमता का पता लगाने का अवसर

इंडियाएआई मिशन ने नैतिक एवं जिम्मेदार एआई संबंधी नवाचार को बढ़ावा देने हेतु ईओआई के दूसरे दौर में प्रस्ताव मांगे; आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 9 जनवरी 2025 है

Posted On: 20 DEC 2024 7:24PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने एआई के क्षेत्र में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने और समाज के सभी वर्गों के बीच एआई के लाभों का लोकतांत्रीकरण करने के उद्देश्य से 7 मार्च, 2024 को इंडियाएआई मिशन शुरू किया। इस दृष्टिकोण को साकार करने हेतु, इंडियाएआई मिशन ने एआई से जुड़े घरेलू इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सात प्रमुख स्तंभों का शुभारंभ किया है।

इस पहल के भीतर ‘सुरक्षित एवं विश्वसनीय एआई’ स्तंभ एआई प्रशासन के लिए एक संतुलित, प्रौद्योगिकी की दृष्टि से समर्थ और भारत आधारित विशिष्ट दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देता है। इसमें ऐसे स्वदेशी तकनीकी उपकरणों, दिशानिर्देशों, ढांचों और मानकों का विकास शामिल है, जो भारत की असाधारण चुनौतियों एवं अवसरों के साथ-साथ हमारी सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषाई और आर्थिक विविधता के संदर्भों के अनुरूप हों।

ईओआई का पहला दौर

इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने हेतु, इंडियाएआई इंडिपेंडेंट बिजनेस डिवीजन (आईबीडी) ने रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) का पहला दौर शुरू किया और कई महत्वपूर्ण विषयों में जिम्मेदार एआई को बढ़ावा देने के लिए आठ परियोजनाओं का चयन किया। इनमें मशीन अनलर्निंग, सिंथेटिक डेटा जेनरेशन, एआई बायस मिटिगेशन, प्राइवेसी-एन्हांसिंग टूल्स, एक्सप्लेनेबल एआई, एआई गवर्नेंस टेस्टिंग, एआई एथिकल सर्टिफिकेशन और एल्गोरिथम ऑडिटिंग टूल्स शामिल हैं।

ईओआई का दूसरा दौर

महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने में एआई की क्षमता का पता लगाने का अवसर प्रदान करने हेतु, इंडियाएआई ने रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) का दूसरा दौर शुरू किया है, जो भारतीय शैक्षणिक संस्थानों/संगठनों, स्वायत्त निकायों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों/संगठनों, स्टार्ट-अप और कंपनियों के लिए खुला है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 9 जनवरी 2025 है।

पहचाने गए विषय

निम्नलिखित विषयों की पहचान की गई है, जिनके संबंध में संगठन अन्य भागीदारों के सहयोग से व्यावहारिक उपकरण एवं ढांचा विकसित करने हेतु अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं:

1. वॉटरमार्किंग एवं लेबलिंग: एआई-जनित कंटेंट को प्रमाणित करने के लिए ऐसा उपकरण विकसित करना, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि यह पता लगाने योग्य, सुरक्षित और हानिकारक सामग्रियों से मुक्त है।

2. नैतिक एआई संबंधी ढांचा: ऐसा एआई संबंधी ढांचा स्थापित करना, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप हो और यह सुनिश्चित करता हो कि एआई मानवीय मूल्यों का सम्मान करता है और निष्पक्षता को बढ़ावा देता है।

3. एआई जोखिम मूल्यांकन एवं प्रबंधन: सार्वजनिक सेवाओं में एआई की सुरक्षित तैनाती को बढ़ाने हेतु जोखिम प्रबंधन उपकरण और ढांचा बनाना।

4. तनाव परीक्षण उपकरण: चरम परिदृश्यों में एआई मॉडल कैसा प्रदर्शन करते हैं, इसका मूल्यांकन करने, कमजोरियों का पता लगाने और महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए एआई में विश्वास बनाने हेतु तनाव-परीक्षण उपकरण बनाना।

5. डीपफेक का पता लगाने वाले उपकरण (डीपफेक डिटेक्शन टूल्स): एक सुरक्षित एवं भरोसेमंद डिजिटल इकोसिस्टम के लिए गलत सूचना एवं नुकसान को रोकते हुए, डीपफेक की वास्तविक समय में पहचान और उससे निपटना संभव करने हेतु डीपफेक का पता लगाने वाले उपकरण (डीपफेक डिटेक्शन टूल्स) बनाना।

यह पहल समावेशी विकास के लिए एआई का लाभ उठाने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

विस्तृत जानकारी और आवेदन करने के लिए, https://indiaai.gov.in/article/expression-of-interest-for-safe-trusted-ai-projects-under-indiaai-mission पर जाएं।

इंडियाएआई, जोकि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) के तहत एक आईबीडी है, इंडियाएआई मिशन की कार्यान्वयन एजेंसी है, जिसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के बीच एआई के लाभों को लोकतांत्रिक बनाना, एआई के क्षेत्र में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करना, तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और एआई का नैतिक एवं जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करना है।

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