विधि एवं न्‍याय मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

लोक अदालतों में बुनियादी ढांचा

Posted On: 19 DEC 2024 6:35PM by PIB Delhi

लोक अदालतें न्यायालयों के गैर-कार्य दिवस पर आयोजित की जाती हैं ताकि न्यायालय के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग आवधिक लोक अदालतों के लिए किया जा सके। हर साल, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) राष्ट्रीय लोक अदालतों के आयोजन के लिए कैलेंडर जारी करता है। वर्तमान वर्ष के दौरान, राष्ट्रीय लोक अदालतें 9 मार्च, 11 मई, 14 सितंबर और 14 दिसंबर को आयोजित की गईं। इसी तरह, वर्ष 2025 के दौरान 8 मार्च, 10 मई, 13 सितंबर और 13 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालतें आयोजित की जानी हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) की सभी हितधारकों के साथ समन्वय करके अपने राज्य में लोक अदालतों के आयोजन में एक विशिष्ट भूमिका होती है।

केंद्र सरकार द्वारा एसएलएसए को प्रदान की जाने वाली सहायता अनुदान राशि का उपयोग केवल लोक अदालतों के आयोजन सहित विभिन्न कानूनी सेवा गतिविधियों और कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग स्थानीय न्यायालयों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नहीं किया जा सकता है। एसएलएसए ने सभी एसएलएसए को बुनियादी सुविधाओं की कमी के मामले को उठाने के निर्देश जारी किए हैं और संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों और उच्च न्यायालयों के साथ राज्य स्तर पर लोक अदालतों को सुदृढ़ बनाने के लिए जहां भी आवश्यक हो, कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

जिला और अधीनस्थ न्यायालयों को आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार की है। हालांकि, न्यायिक बुनियादी ढांचे के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तहत, संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार के संसाधनों के पूरक के लिए कोर्ट हॉल, न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास, अधिवक्ताओं के हॉल, शौचालय परिसर और डिजिटल कंप्यूटर कक्ष के निर्माण के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को धन जारी किया जा रहा है। वर्तमान में, योजना का फंड शेयरिंग पैटर्न 8 पूर्वोत्तर और 2 हिमालयी राज्यों के लिए 90:10 (केंद्र:राज्य) और शेष राज्यों के लिए 60:40 है। केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में 100 प्रतिशत सहायता का प्रावधान है। आज की तारीख तक, 1993-94 में न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) की शुरुआत के बाद से 11,758.55 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत न्यायालय कक्षों की संख्या 30.06.2014 को 15,818 से बढ़कर 30.11.2024 को 21,940 हो गई है।

केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्य सभा में यह जानकारी आज एक लिखित उत्तर में दी।

***

एमजी/केसी/एजे/एसएस



(Release ID: 2086190) Visitor Counter : 37


Read this release in: English , Urdu , Tamil