उप राष्ट्रपति सचिवालय
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भारतीय राजस्व सेवा के 76वें बैच के विदाई समारोह में उपराष्ट्रपति के भाषण का मूल पाठ  

Posted On: 15 APR 2024 9:30PM by PIB Delhi

सदैव एक सा नहीं रहता। चीजें बदल गई हैं। यहाँ मैं हूँ, पहले की तरह का आदमी नहीं जो मैं था और आप पहले जैसे नहीं हो। परिवर्तन ही स्थिर है।

फैकल्‍टी के सम्‍मानित सदस्य, एक संस्थान का समर्पित, प्रतिबद्ध, सूचित, विद्वान संकाय के बिना कोई अर्थ नहीं है। यह उपहार में मिला है।

मैंने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की, मैंने वहां अंकित वाक्‍य देखे, गांधी जी ने कहा था, " आप जब भी संदेह में हों, या जब स्वयं आपके साथ आत्‍महित बहुत अधिक हो जाए, तो यह कसौटी पर कसें। सबसे गरीब और सबसे कमजोर व्‍यक्ति का चेहरा याद करें, जिसे आपने देखा हो, और स्‍वयं से पूछें, क्या आप जो कदम उठाने जा रहे हैं वह उसके लिए किसी काम का होगा।

महात्मा गांधी जी का एक तिलिस्म "मैं आपकी स्वतंत्रता की परवाह करता हूं क्योंकि मैंने अपनी स्‍वतंत्रता को महत्व दिया है। जरा सोचिए उन्होंने क्या कहा!

आप उस राष्ट्र में छलांग लगा रहे हैं जो आगे बढ़ रहे हैं और एक लोक सेवक के रूप में आपका काम वृद्धिशील प्रक्षेपवक्र को बनाए रखना होगा।

मैं विशेष रूप से भूटान रॉयल सर्विसेज के दो अधिकारियों का उल्लेख करना चाहूंगा। वे हमारे सद्भावना के संदेश को भूटान के लोगों तक ले जाएंगे और यह संबंध दोनों पक्षों के प्रति आभारी रहेगा। जीवन भर इस संबंध को बनाए रखें। भूटान एक प्यारा देश है। उन्हें बधाई।

एक समय था जब कुछ अन्य सेवा प्राथमिक स्थान रखती थी। यह ठीक उसी तरह है जैसे यदि आप दिल्ली जाते हैं, आप दिल्ली के विभिन्न कॉलेजों में जाते हैं, और आप एक कॉलेज में जाते हैं और दूसरे कॉलेज से पूछते हैं, तो वे कहेंगे कि सड़क के उस पार का कॉलेज। मैं जिस कॉलेज का जिक्र कर रहा हूं वह वह सेंट स्टीफन कॉलेज है जिसमें राज्य सभा के महासचिव विद्यार्थी थे। कोई पूछे हिन्दू कॉलेज कहाँ है तो नाम नहीं लेंगे। वे सड़क के उस पार का कॉलेज कहेंगे। यह सेवाओं को लेकर भी होता था, अब नहीं होता। भारतीय राजस्व सेवा विशिष्‍ट है; इसकी अपनी स्थिति है। दूसरों द्वारा इसे प्रतिद्वंद्विता की जा रही है। भारतीय राजस्व सेवा हमारी कराधान प्रणाली के संरक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका रखती है। क्योंकि लोकतंत्र आर्थिक शक्ति से चलता है और आप उससे अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं।

राजस्व अधिकारियों के रूप में आप केवल कर प्रशासक नहीं हैं; आपको हमारे राजकोषीय ढांचे का प्रबंधन सौंपा गया है, जो हमारे लोकतंत्र के कामकाज और सार्वजनिक सेवाओं के प्रावधान के लिए आवश्यक है।

लोक सेवक के रूप में आपको आचरण, अनुशासन, सत्यनिष्ठा, विनम्रता, लोकाचार और प्रतिबद्धता की भावना का उदाहरण देना होता है। आप युवाओं की एक ऐसी श्रेणी में हैं जिसे देखा और ईर्ष्या की जा रही है। आप स्वाभाविक रोल मॉडल हैं, और इसलिए आपको पूरे देश में युवा मस्‍तिष्‍कों के लिए प्रेरणादायक और प्रेरक होना चाहिए।

विश्‍व असाधारण गति से बदल रहा है। यह सेकंड से बदल रहा है। अपना स्‍वयं का डोमेन लें, जहां आप बड़ा कदम उठाएंगे। कर प्रशासन और संग्रह की गतिशीलता में परिवर्तनकारी बदलाव आया है।

हम मुख्यत: पारंपरिक, कागज-आधारित प्रणाली से एक आधुनिक प्रौद्योगिकी-संचालित इकोसिस्‍टम में चले गए हैं जहां सूचना सहज सुलभ है और अधिकारियों और करदाताओं दोनों के लाभ के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाया गया है।

इस परिवर्तन ने हमारे कर प्रशासन के तरीके में क्रांति ला दी है, जिससे यह अधिक कुशल, यूजर अनुकूल और पारदर्शी हो गया है। वे दिन गए जब टैक्स फाइलिंग एक बोझिल और जटिल प्रक्रिया थी, जो आम जनता को डराती थी।

लोग चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास जाने के लिए अपनी सेवा से छुट्टी लेते थे और कई दिनों तक काम करते थे, इस डर से कि उनका टैक्स रिटर्न सटीक नहीं भी हो सकता। अब ऐसी बात नहीं। विभाग ने ऐसी प्रगति की है कि आप अपना रिटर्न अपने कंप्यूटर पर दाखिल करने दाखिल कर सकते हैं।

एक और पहलू जिसे आप पसंद करेंगे, और हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है, यह है कि प्रणाली कितनी आश्चर्यजनक रूप से अनुकूल हो गई है। अन्यथा, कर निरीक्षक या अधिकारी की एक यात्रा या संदेश आपकी नींद हराम कर देता था और आप चिंता में रहते थे कि उनके साथ कैसे जुड़ना है। लेकिन अब, सिस्टम अनुकूल और सहयोगी है। इसे कर संग्रह से कर सुविधा में बदल दिया गया है। यह परिवर्तन महत्वपूर्ण है और देश के करदाताओं की मानसिकता को बदल रहा है। मैं उनमें से एक हूं और मैं आश्चर्य करता हूं कि अब रिटर्न कितनी जल्दी प्रोसेस होते हैं।

करदाता शक्तिशाली और आश्चर्यजनक रूप से त्वरित रिफंड और समस्‍याओं के समय पर समाधान से प्रभावित हैं।

अब पारदर्शिता और जवाबदेही नए मानक बन गए हैं। औपचारिक अर्थव्यवस्था तेजी से अर्थव्यवस्था की अनौपचारिक संरचना का स्‍थान ले रही है। प्रौद्योगिकी को अपनाओ। लोग महसूस कर रहे हैं कि अनौपचारिक अर्थव्यवस्था की तुलना में औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनना हमेशा लाभकारी है। औपचारिक अर्थव्यवस्था आपको कानूनी रूप से लिखित तरीके से संतुष्टि और विकास देती है, जबकि दूसरी अर्थव्यवस्था समस्याएं और कष्ट लाती है।

करदाता और नागरिक तेजी से मांग कर रहे हैं। वे आशा करते हैं कि कर प्रशासन अपने सभी पहलुओं और गतिविधियों में निष्पक्षता, न्‍याय और पारदर्शिता दिखाएगा। कर प्रशासन को चुनौती दी जाती है कि वह गति बनाए रखे, करदाताओं की नई आवश्‍यकताओं और अपेक्षाओं का जवाब दे, जबकि कर धोखाधड़ी को दूर रखे।

कर धोखाधड़ी से निपटना समाज के लिए खतरा है, व्यवस्था के लिए खतरा है। आपको इससे सख्ती से निपटना होगा; आपके अध्यक्ष ने संकेत दिया कि सुधारों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाना होगा और निवारकों का प्रदर्शन भी उतना ही आवश्यक है।

लेन-देन और धन छुपाने पर अधिक फोकस की आवश्यकता है। कुछ लोग अभी भी नहीं सुधरते हैं; वे अभी भी सोचते हैं कि वे आपके तकनीकी इनपुट, आपकी बुद्धिमत्ता को दरकिनार कर सकते हैं। वे गलत हैं; वे निश्चित रूप से आपके जाल में होंगे। लेकिन जाल में लाने से बेहतर है उन्हें परामर्श देना, सूचना का प्रसार करना ताकि इन तत्वों को सिस्‍टम में लाया जा सके। उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि राष्ट्र में योगदान करने का एकमात्र अच्छा तरीका विधि के शासन का पालन करना है।

लोगों को इसके खतरों के प्रति जागरूक बनाने की जरूरत है। टेक्नोलॉजी लगातार उन पर आधार, पैन कार्ड के जरिए नजर रख रही है, लेन-देन की जानकारी जरूरी तौर पर दी जा रही है, विभाग को पूरी जानकारी है कि क्या हो रहा है। कर धोखाधड़ी श्रेणी में आप सिस्टम को मात नहीं दे सकते। देर-सवेर आप जाल में फंस जायेंगे। यह सलाह उनके लिए काफी है। कर धोखाधड़ी सामाजिक व्यवस्था के लिए एक चुनौती है। उसे गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति मिलती है जो विभाग के प्रति जवाबदेह नहीं होती। सावधानीपूर्वक कदम उठाएं, टेक्नोलॉजी का उपयोग करें, आपको इसका आसान उत्‍तर मिल जाएगा।

ऑनलाइन पोर्टल, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और स्वचालित प्रणालियों की शुरूआत ने कर अनुपालन को सरल बना दिया है, जिससे व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए अपने दायित्वों को पूरा करना आसान और अधिक सुविधाजनक हो गया है और देश में व्यापार करने में सुगमता बढ़ गई है।

 

भारत में कर प्रशासन का बढ़ता डिजिटलीकरण वास्तव में प्रशंसनीय है। वास्तव में विश्व बैंक सहित वैश्विक संस्थाओं ने हमारी डिजिटल पहुंच की सराहना की है। हमारे लेन-देन डिजिटल हैं; उन्होंने औपचारिक अर्थव्यवस्था के विकास में व्‍यापक स्‍तर पर योगदान दिया है।

फेसलेस ई-असेसमेंट प्रणाली पहले ही भू-भागीय क्षेत्राधिकार से गतिशील क्षेत्राधिकार में एक आदर्श बदलाव ला चुकी है। इसने आयकर निर्धारण में गुमनामी की शुरुआत की है और पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपील की है  और 'ईमानदार का सम्मान' करने के अपने उद्देश्य को पूरा कर रहा है।

मित्रों, हम एक कठिन समय में रह रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एडवांस्‍ड एनालिटिक्स जैसी नई प्रौद्योगिकियां कर प्रशासन में सुधार कर रही हैं और कर चोरी पर अंकुश लगाने में सहायता कर रही हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे सिस्टम में करदाता का विश्वास बढ़ता है, जो परिणामस्वरूप अधिक अनुपालन को प्रोत्साहित करता है। युवा पेशेवर के रूप में आपको विघटनकारी प्रौद्योगिकी से जूझना होगा। आपको उन्हें अपने करिक्‍यूलम से परे अपनाना होगा। उदाहरण के तौर पर ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग को लें। ये दोनों प्रौद्योगिकियां आपके काम और राष्ट्र के प्रति आपके दायित्वों का उत्कृष्ट निर्वहन करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगी।

ब्लॉकचेन तकनीक एक उन्नत डेटाबेस तंत्र है जो एक व्यावसायिक नेटवर्क के भीतर पारदर्शी जानकारी साझा करने की अनुमति देता है। एक ब्लॉकचेन डेटाबेस उन ब्लॉकों में डेटा संग्रहीत करता है जो एक चेन में एक साथ जुड़े हुए हैं। इस उभरती कर व्यवस्था के भावी संरक्षक के रूप में, मैं आपमें से प्रत्येक से सकारात्मक परिवर्तन के प्रवर्तक के रूप में प्रौद्योगिकी को अपनाने का आग्रह करता हूं। प्रौद्योगिकी नकदी के अनौपचारिक प्रबंधन को भी हतोत्साहित करती है, जो समाज के लिए बेहद हानिकारक है। इस तरह के कदमों से सिस्टम में असाधारण पारदर्शिता और जवाबदेही आई है, जो आज भारत में भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहिष्णुता के नए मानदंड के अनुरूप है। सत्ता के गलियारों में भ्रष्ट तत्वों को विधिवत निष्क्रिय कर दिया गया है। भ्रष्टाचार अब अवसरों और अनुबंधों का पासवर्ड नहीं रह गया है; भ्रष्टाचार एक ऐसी जगह का रास्ता है जो जेल है।

सतत और निरंतर कौशल उन्नयन और कराधान के नए पहलुओं जैसे अंतर्राष्ट्रीय कराधान और कर संधि के निहितार्थ से अवगत होना भी भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।

प्रभावी कर प्रशासन सुनिश्चित करने और कर चोरी के खिलाफ रोकथाम बनाने में आपकी भूमिका आपको राष्ट्र-निर्माण के कार्य में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाती है।

मैंने समाचार पत्रों की रिपोर्ट से यह जानकारी प्राप्त की है कि आपने उन लोगों तक पहुंचने के लिए व्‍यवस्‍था शुरू की है और संख्या 15 मिलियन से अधिक है या जिन्हें कर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता थी, उन्होंने इसे दाखिल नहीं किया है। मैं इस देश के प्रत्येक नागरिक से इस पर ध्यान देने का आग्रह करता हूं। हमारे पास 8 करोड़ या उससे अधिक करदाता हैं, लेकिन हम 1.4 अरब की आबादी वाले देश हैं, इस संख्या को बढ़ाना होगा। अनुनय, परामर्श, सहयोग के साथ यह सुनिश्चित करते हुए कि अंत में उनमें से प्रत्येक रिटर्न दाखिल करे। उन्हें गर्व महसूस कराएं कि अपने कर का भुगतान करके रिटर्न दाखिल करके आप राष्ट्र के विकास में भागीदार बन रहे हैं जो बढ़ रहा है और वृद्धि रोकने योग्‍य नहीं है।

इस विश्‍व के किसी भी बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक आशा है।

भारत अब संभावनाओं वाला या सोया हुआ विशाल देश नहीं रह गया है। भारत वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

अब हम आशा और संभावना की भूमि हैं, निवेश और अवसर का एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य हैं, भारत स्‍वयं को भविष्य की वैश्विक महाशक्ति के रूप में तैयार कर रहा है।

बाहर और अंदर संशयवादी हैं, वे संशयवादी सार्वजनिक स्थान पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें मेरा संदेश है, हमारे तेज विकास और अविरल वृद्धि के के प्रति संशय रखने वालों को आशा और संभावना के वातावरण का अनुभव करने के लिए "बुलबुले" से बाहर निकलने की जरूरत है।

यह एक अलग भारत है,  विश्‍व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। हम वैश्विक विमर्श को अनेक तरह से परिभाषित कर रहे हैं। भारत ने विश्‍व को योग दिया; 21 जून को पूरे विश्‍व में योग दिवस मनाया जाता है। हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में पहल की और बहुत कम समय में बड़ी संख्या में देश इसके समर्थन में आगे आये।

भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्यालय है। अपने परिदृश्य को देखिए; यह सौर ऊर्जा, जैव ईंधन, बाजरा, ग्‍लोबल साउथ की आवाज़ से समृद्ध है। यदि आप आगे बढ़ें तो आप पाएंगे कि हमारी सॉफ्ट कूटनीतिक शक्ति अत्याधुनिक है। अब, जी-20 की अध्यक्षता के दौरान, भारत ग्‍लोबल साउथ की आवाज़ बन गया। देखिए कि वे किस प्रकार की जीडीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं, किस जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं, और वहां कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। यह अब एक प्रमुख मंच पर है, भारत को, हमारे दूरदर्शी नेतृत्व को धन्यवाद।

स्‍वतंत्रता के बाद एक समय भारत विश्‍व के सबसे गरीब देशों में से एक था। 60 के दशक में अपने अस्तित्व के लिए हम बाहर से, विशेषकर अमेरिका से सहायता की प्रतीक्षा करते थे। जब मैं 1989 में संसद के लिए चुना गया और मुझे उस सरकार में मंत्रालय में रहने का सौभाग्य मिला, तो मैं आपको बताता हूं कि 1991 में हमारी अर्थव्यवस्था का आकार क्या था, आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। हमारी अर्थव्यवस्था, जिसे एक समय में "सोने की चिड़िया" के नाम से जाना जाता था, हमारे आकार के दो अलग-अलग शहरों पेरिस और लंदन की अर्थव्यवस्था से भी छोटी थी। और अब, हम यूके, कनाडा और फ्रांस से आगे हैं। अगले दो वर्ष में हम जापान और जर्मनी से आगे होंगे।

भारत 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत की औसत जीडीपी वृद्धि दर के साथ विश्‍व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।

मित्रों, विकसित भारत@2047 की दिशा में रास्ता आप जैसे युवा मस्तिष्‍क ही तय करेंगे। उत्कृष्टता के प्रति आपका समर्पण, निष्ठा और प्रतिबद्धता आने वाले वर्षों में हमारे देश के आर्थिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

आपको लोगों में यह भावना पैदा करनी होगी कि सफलता का निश्चित मार्ग कर अनुपालन और कानून का पालन करना है। दैनिक जिंदगी में अगर आप शॉर्टकट अपनाएंगे तो यह सबसे लंबा, दर्दनाक रास्ता बन जाएगा। जब आपको शॉर्टकट की आवश्यकता होती है, यदि आप कानून के साथ, कानूनी व्यवस्था के साथ, कर व्यवस्था के साथ शॉर्टकट अपनाएंगे तो आपको असहनीय पीड़ा होगी।

संभावित करदाताओं को औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा होने के लाभों और ऐसा न होने के खतरों के बारे में बताने की आवश्यकता है।

भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाने के लिए मैं आपसे अथक परिश्रम करने का आह्वान करता हूं। आप एक सेकंड भी नहीं निकाल सकते क्योंकि हमारे देश में, दूसरों के विपरीत, 5000 वर्षों से अधिक पुरानी सभ्यता है। हम अमृत काल में एक वैश्विक नेता बनने के लिए तैयार हैं। हमने 2047 में अपनी नींव और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। आप जैसे लोग, आपकी श्रेणी के युवा ये विकसित भारत@2047 के इस मैराथन मार्च की मुख्य शक्ति हैं।

मैं आपसे अपनी सामूहिक आकांक्षाओं को प्राप्त करने की दिशा में काम करने का आह्वान करता हूं। करदाताओं को जानकारी के साथ सशक्त बनाएं, पारदर्शिता के माध्यम से विश्वास को बढ़ावा दें और अपने पेशेवर आचरण में ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें।

प्रत्‍येक व्‍यक्ति के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब हम उदात्तता, आध्यात्मिकता, नैतिक मानकों या अखंडता से विचलित होना चाहते हैं। उस कमज़ोर क्षण के सामने झुकना मत, क्योंकि वह उपजा हुआ क्षण हमेशा आपके कानों में गूंजता रहेगा। यदि आप प्रलोभन के आगे झुक जाते हैं, जो अधिक क्षणिक है, जो स्थायी नहीं है, तो उसका शिकार न बनें। आपके, आपके परिवार, आपके मित्रों और देश के लिए आपके करियर को फलना-फूलना होगा।

आप में से प्रत्येक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक है, जिसमें आर्थिक प्रगति का लाभ हमारे विविध समाज के हर कोने तक ले जाने की क्षमता है।

मैं एक बार फिर यहां से जाने वाले अधिकारियों को इस यादगार उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं। आगे आने वाली चुनौतियों को उत्साह और मानवता की सेवा की भावना के साथ स्वीकार करें। आप सिर्फ भारतीय राजस्व सेवा के सदस्य होने से कहीं आगे हैं। आप जिस सेवा में हैं, उसके आधार पर आप समाज की प्रीमियम श्रेणी में हैं। इस पद का उपयोग राष्ट्र कल्याण के लिए करें।

मैं आपसे अपील करता हूं, लोकल के लिए वोकल बनें। अब, टैक्‍स प्रशासकों के रूप में आप जानते होंगे कि परिहार्य आयात हमारे विदेशी मुद्रा पर अरबों की सीमा तक भारी बोझ हैं। वे हमारे युवाओं के कामों से वंचित करते हैं, उनके विकास को उद्यमिता तक पहुंचाने में बाधक हैं। आप व्यापार से जुड़े लोगों के साथ बातचीत करेंगे। आप उन्हें प्रबुद्ध बना सकते हैं, आप उनमें राष्ट्रवाद की भावना को भर सकते हैं, देश में क्या उपलब्ध है, हमें उसका आयात क्यों करना चाहिए, उन्हें उसके दुष्प्रभावों के बारे में बताएं, केवल इसलिए कि बाहर से फर्नीचर, बाहर से पर्दे, मोमबत्तियां, पतंग, बच्चों के खिलौने आयात करने से किसी को वित्तीय लाभ हो सकता है। एक बार जब आप इसे कर लेते हैं, तो आप तीन पहलुओं में सकारात्मक बदलाव लाएंगे:

1. विदेशी मुद्रा बाहर नहीं जाएगी।

2. रोजगार सृजन होगा।

3. उद्यमिता एक बड़ी छलांग लगाएगी।

इसी तरह, मित्रों, लोगों को समझाइए, कच्चे माल का निर्यात करना अच्छा विचार नहीं है, निश्चित रूप से अच्छी अर्थव्यवस्था नहीं है, अच्छी राष्ट्रीय भावना भी नहीं है। हम मूल्य जोड़ने में सक्षम हैं। विश्‍व हमारे पास आ रहा है, लेकिन केवल इसलिए कि कोई जलाशय के ऊपर बैठा है, चलो एक प्राकृतिक संसाधन कहते हैं, मुझे क्यों परेशान होना चाहिए, मुझे इसे निर्यात करने दें जैसा कि यह है, मुझे पैसा मिलता है। आप इसे कर सकते हैं, इसे ध्यान में रखें।

मैं आप जैसे युवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का अच्छा काम करने के लिए राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी को बधाई देता हूं।

एक बहुत अच्छी नौकरी! उन्हें बधाई!

मैं आयकर विभाग और सक्षम नेतृत्व को विकास के राष्ट्रीय मानदंड के अनुरूप चलने और कभी-कभी उससे भी आगे रहने के लिए बधाई देता हूं। जिस विभाग के बारे में लोगों ने सोचा था कि वह कभी लोगों का हितैषी नहीं होगा, वह कभी भी लोगों का हितैषी नहीं बनेगा, वह इस समय हाथ पकड़ने के मामले में सबसे आगे है, पारदर्शी और जवाबदेह है। विभाग को बधाई।

मित्रों, जैसे ही आप अपने करियर के इस नए अध्याय की शुरुआत करते हैं, आपको हमारे प्यारे भारत की सेवा करने में पूर्णता और उद्देश्य मिल सकता है।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। जय हिन्द!

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