श्रम और रोजगार मंत्रालय

कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या - मई, 2021

Posted On: 18 JUN 2021 4:14PM by PIB Delhi

मुख्य बातें

  • कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार: 1986-87=100) माह, मई 2021 के लिए 8 अंक बढ़कर क्रमशः 1049 (एक हजार उनचास) और 1057(एक हजार सत्तावन) रहे।
  • कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के सामान्य सूचकांक में वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य समूह सूचकांक (क्रमशः 6.67 और 6.16 अंक) में वृद्धि के कारण हुई क्योंकि गेहूं आटा, बकरी का मांस, ताजा मछली, सरसों तेल, मूंगफली तेल, दालें, सब्जियां और फल आदि की कीमतों में वृद्धि हुई ।
  •  सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई 2021 में बढ़कर 2.94 प्रतिशत और 3.12 प्रतिशत हो गई। यह अप्रैल, 2021 में क्रमश: 2.66 प्रतिशत और 2.94 प्रतिशत थी।   
  • इसी तरह सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल पर आधारित खाद्य सूचकांक अप्रैल 2021 के क्रमशः 1.24 प्रतिशत और 1.54 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर मई में क्रमशः 1.54 प्रतिशत और 1.73 प्रतिशत रहा।
  • राज्यों के बीचः

ए. कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम वृद्धि महाराष्ट्र राज्य (+17 अंक) द्वारा दर्ज की गई और ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह वृद्धि महाराष्ट्र और जम्मू और कश्मीर राज्यों (+14 अंक प्रत्येक) द्वारा दर्ज की गई।

बी. कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम गिरावट त्रिपुरा द्वारा(- 3 अंक) दर्ज की गई और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अधिकतम गिरावट तमिलनाडु और त्रिपुरा राज्यों (-2 अंक प्रत्येक) द्वारा दर्ज की गई।

 

कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या (आधार: 1986-87=100) माह मई 2021 के लिए 8 अंक बढ़ी और क्रमशः 1049 (एक हजार उनचास) और 1057 (एक हजार और सत्तावन) अंक रही। कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के सामान्य सूचकांक वृद्धि में प्रमुख योगदान खाद्य सामग्रियों गेहूं आटा, मांस बकरी, मछली ताजा, सरसों के तेल, मूंगफली का तेल, दालें, सब्जियां और फल आदि की कीमतों में क्रमशः (+)6.67 अंक और (+) 6.16 अंक की वृद्धि का रहा। 

सूचकांक में वृद्धि/गिरावट एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न रही। कृषि श्रमिकों के मामले में 18 राज्यों में 1 से 17 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई और जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा राज्यों में क्रमशः 2 और 3 अंकों की कमी दर्ज की गई। 1247 अंकों के साथ तमिलनाडु सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर रहा जबकि 815 अंकों के साथ हिमाचल प्रदेश का स्थान सबसे नीचे रहा।

ग्रामीण श्रमिकों के मामले में 18 राज्यों में 1 से 14 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई और तमिलनाडु और त्रिपुरा प्रत्येक में 2 अंकों की कमी दर्ज की गई। 1231 अंकों के साथ तमिलनाडु सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर रहा जबकि 855 अंकों के साथ बिहार सबसे नीचे रहा। 

राज्यों के बीच कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम वृद्धि महाराष्ट्र द्वारा (+17 अंक) दर्ज की गई और ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर राज्यों द्वारा (+14 अंक प्रत्येक) दर्ज की गई। ऐसा मुख्य रूप से चावल, गेहूं-आटा, ज्वार, दालें, सरसों तेल, मूंगफली तेल, सब्जियां और फल, मछली ताजा/सूखा, मांस बकरी, दूध, चीनी, गुड़, शर्टिंग कपड़े (मिल), मिट्टी का तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण हुआ। इसके विपरीत, कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम कमी त्रिपुरा द्वारा (-3 अंक) दर्ज की गई और ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह तमिलनाडु और त्रिपुरा द्वारा (-2 अंक प्रत्येक) दर्ज की गई। ऐसा चावल, प्याज, मछली ताजा, मिर्च हरी, हल्दी आदि की कीमतों में गिरावट के कारण हुआ।  

सीपीआई-एएल तथा सीपीआई-आरएल पर आधारित अंक-दर अंक मुद्रास्फीति मई 2021 में क्रमशः 2.94 प्रतिशत और 3.12 प्रतिशत रही। अप्रैल 2021 में यह क्रमशः 2.66 प्रतिशत और 2.94 प्रतिशत थी। पिछले वर्ष की इसी माह के दौरान मुद्रास्फीति की दर क्रमशः 8.40 प्रतिशत और 8.12 प्रतिशत थी। इसी प्रकार खाद्य मुद्रास्फीति मई 2021 में 1.54 प्रतिशत और 1.73 प्रतिशत रही। अप्रैल 2021 में यह क्रमश: 1.24 प्रतिशत और 1.54 प्रतिशत थी। पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान यह दर क्रमशः10.40 प्रतिशत और 10.21 प्रतिशत थी।

    1. अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या (सामान्य तथा समूह के अनुसार):

समूह

कृषि श्रमिक

ग्रामीण श्रमिक

 

अप्रैल,2021

मई,2021

अप्रैल,2021

मई,2021

सामान्य सूचकांक

1041

1049

1049

1057

खाद्य

983

992

990

999

पान,सुपारी आदि

1802

1809

1815

1822

ईंधन एवं प्रकाश

1125

1131

1120

1126

कपड़े,बिस्तर,जूते

1053

1056

1068

1070

विविध

1094

1097

1097

1101

 

 

केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष गंगवार ने ताजा सूचकांक के बारे में बताते हुए कहा है कि सीपीआई-एएल और आरएल में वृद्धि से कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में लगे श्रमिकों की आय पर मजदूरी में वृद्धि से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

श्रम ब्यूरो के महानिदेशक श्री डीपीएस नेगी ने सूचकांक जारी करते हुए कहा कि कृषि श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों के सामान्य सूचकांक में वृद्धि मुख्य रूप से गेहूं आटा, मांस बकरी, मछली ताजा, सरसों के तेल, मूंगफली का तेल, दालें, सब्जियां और फल, दवा, जलाऊ लकड़ी और केरोसिन आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है। श्री डीपीएस नेगी ने यह भी कहा कि अन्य मूल्य सूचकांकों की तरह सीपीआई एएल और आरएल ने भी इस महीने के दौरान मुद्रास्फीति में वृद्धि देखी।

 

जून, 2021 के लिए सीपीआई-एएल और आरएल 20 जुलाई, 2021 को जारी किया जाएगा।

****

एमजी/एएम/एजी/डीवी



(Release ID: 1728307) Visitor Counter : 308


Read this release in: English , Urdu , Punjabi