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Social Welfare

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज

आयुष्मान भरत – प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना

Posted On: 01 NOV 2025 11:27AM

मुख्य बिन्दु

  • आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा योजना है  इसका उद्देश्य प्रत्येक पात्र परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना है।
  • एबी-पीएमजेएवाई  सात साल पहले 23 सितंबर, 2018 को शुरू की गयी थी।
  • एबी-पीएमजेएवाई 12 करोड़ से अधिक कमजोर परिवारों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को और अधिक किफायती बनाती है।
  • एबी-पीएमजेएवाई लाभार्थियों के लिए 42 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं।
  • इस योजना में 86 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को  नामांकित किया गया है।
  • यह कई घटकों के साथ आयुष्मान भारत योजना का एक हिस्सा है;  एक साथ ये  सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती हैं।

परिचय

स्वास्थ्य सेवा में निवेश समुदायों को अधिक लचीला, सक्षम और उत्पादक बनाता है। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज यह सुनिश्चित करती है कि सबसे कमजोर परिवारों सहित सभी को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलें, जिससे वे स्वस्थ और पूर्ण जीवन जी सकें[1]

जैसे-जैसे देश की आर्थिक वृद्धि का रुझान ऊपर की ओर बढ़ रहा है, सरकार "सबका साथ, सबका विकास" के अनुरूप सस्ती सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम रही है ताकि लोग अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण का लाभ ले सकें और विकसित भारत @ 2047 का निर्माण कर सकें।

सरकार ने  सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने के लिए 23 सितंबर, 2018 को आयुष्मान भारतप्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई)  की शुरूआत की थी। यह दुनिया की सबसे बड़ी ऐसी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा योजना है, जिसमें करोड़ों कमजोर भारतीय परिवारों का  नामांकन किया गया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 देश में बदलती स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का समाधान करती है क्योंकि प्रौद्योगिकी में प्रगति, सामाजिक-आर्थिक स्थितियां विकसित होती हैं, और रोग पैटर्न में बदलाव होता है – जैसे कि पारंपरिक संक्रामक रोगों के साथ-साथ गैर-संचारी रोगों जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का आना। इस नीति के अनुरूप, एबी-पीएमजेएवाई 2018 में शुरू की गई बड़ी आयुष्मान भारत योजना का एक स्तंभ है, जो विशेष रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए समान स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के लिए तैयार की गई एक स्वास्थ्य पहल है।

आयुष्मान भारत के तहत अन्य स्तंभों में शामिल योजनाएं इस प्रकार हैं:

  • आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम)  यह सुनिश्चित करते हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा लोगों के लिए उनके घरों के पास या फोन कॉल के माध्यम से सुलभ हो।
  • आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) गांव के क्लीनिकों से लेकर बड़े अस्पतालों तक सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को डिजिटल रूप से जोड़ता है। यह डॉक्टरों को दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन जैसे वीडियो कॉल और ऑनलाइन परामर्श के माध्यम से रोगियों का इलाज करने में सक्षम बनाता है।[2]
  • 2021 में शुरू किया गया पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम), ग्राम स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक मजबूत स्वास्थ्य सेवा क्षमता का निर्माण करता है
  • आयुष्मान भारत प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक तीनों स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाती है।

    आयुष्मान भरतप्रधान मंत्री जैन आरोग्य योजना

    एबी-पीएमजेएवाई नामांकित सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल सेवाओं और अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करती है। इससे उन्हें भयावह चिकित्सा के दौरान खर्च के बोझ से बचाया जा सकता है। यह योजना पैनल में शामिल सरकारी वित्त पोषित और निजी अस्पतालों में  बिना पैसे  उपचार मुहैया कराती है।

     

    एबी-पीएमजेएवाई योजना पर प्रगति

    देश के नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण (2024-25) के अनुसार, अपनी शुरुआत के बाद से, एबी-पीएमजेएवाई ने परिवारों को बिना जेब ढीली किये स्वास्थ्य देखभाल खर्चों में 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है।[3]

    योजना के लाभार्थियों के लिए बनाए गए आयुष्मान कार्ड के अनुसार, एबी-पीएमजेएवाई में 42 करोड़ से अधिक लोग नामांकित हैं।4 70 वर्ष से अधिक आयु के 86.51 लाख से ज़्यादा वरिष्ठ नागरिक इस योजना में नामांकित हैं।5 देश भर में 33,000 से ज़्यादा अस्पताल - 17,685 सरकारी और 15,380 निजी - एबी-पीएमजेएवाई के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं।6

    इस योजना के तहत लाखों लोगों ने सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया (28 अक्टूबर, 2025 तक)7।

     

    विशेषज्ञता

    Total Count

    Total Amount in Rupees

    सामान्य चिकित्सा

    21741389

    183725535263

    नेत्र विज्ञान

    4499544

    25218529234

    मेडिकल ऑन्कोलॉजी

    4141188

    45971190452

    प्रसूति एवं स्त्री रोग

    3564071

    26921505469

    सामान्य शल्य चिकित्सा

    3334123

    51359883676

    हड्डी रोग

    2445678

    81185282099

    मूत्रविज्ञान

    1995470

    36603974579

    आपातकालीन कक्ष पैकेज (12 घंटे से कम समय तक रुकने वाली देखभाल)

    1976059

    3097080136

    हृदय रोग

    1282206

    86730606349

    नवजात शिशु देखभाल पैकेज

    1104752

    23200653194

     

    एबी-पीएमजेएवाई बजट

    यह योजना पूरी तरह से सरकार और सम्बंधित राज्य और संघ-शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा वित्त पोषित है, दोनों कार्यान्वयन की लागत साझा करते हैं।  पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार के बजट अनुमानों में वृद्धि हुई है, इसमें 2025-26 के लिए 9,406 करोड़ रुपये का बजट अनुमानित है।8

    पिछले कुछ वर्षों में एबी-पीएमजेएवाई के लिए केंद्रीय बजट:

    वित्तीय वर्ष बजट अनुमान (करोड़ रुपये में)

    वित्तीय वर्ष बजट अनुमान (करोड़ रुपये में)

    2019-20

    6,556

    2020-21

    6,429

    2021-22

    6,401

    2022-23

    7,857

    2023-24

    7,200

    2024-25

    7,500

    2025-26

    9,406

         

     

    आयुष्मान आरोग्य मंदिर

    आयुष्मान भारत का दूसरा स्तंभ, आयुष्मान आरोग्य मंदिर(एएएम,) प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को लोगों के घरों के और भी नज़दीक और सुलभ बनाते हैं। इनका उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा, गैर-संचारी रोगों, उपशामक और पुनर्वास देखभाल, मुख, नेत्र और ईएनटी देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य और आपात स्थितियों व आघात के लिए प्रथम-स्तरीय देखभाल, इसमें निःशुल्क आवश्यक दवाएं और नैदानिक ​​सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करना है।

    आयुष्मान आरोग्य मंदिर में प्राथमिक और उप-स्वास्थ्य देखभाल केंद्र शामिल हैं, ये सभी आवश्यक संसाधनों से लैस हैं,  इनमें शामिल घटक इस प्रकार हैं:9

  • उन्नत बुनियादी ढांचा
  • अतिरिक्त मानव संसाधन
  • आवश्यक दवाएं और निदान
  • आईटी सिस्टम, आदि।
  • ग्रामीण क्षेत्रों सहित देश भर में सभी प्रचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में टेलीकंसल्टेशन सेवाएं भी उपलब्ध हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में (सितम्बर 2025 तक) में 39.61 करोड़ से अधिक टेलीकंसल्टेशन आयोजित किए गए।10

    आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन

    एबीएचए स्वास्थ्य सेवा इको सिस्टम में लोगों के लिए विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान संख्या बनाती है। यह स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न स्तरों पर देखभाल की निरंतरता और दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों सहित प्रत्येक जगह सेवाओं की उपलब्धता को सक्षम बनाती है।

    योजना पर प्रगति (5 अगस्त, 2025 तक):11

  • 79,91,18,072 एबीएचए खाते बनाए गए
  • 4,18,964 स्वास्थ्य सुविधाओं का पंजीकरण किया गया है
  • 6,79,692 स्वास्थ्य पेशेवरों को पंजीकृत किया गया है
  • 67,19,65,690 स्वास्थ्य रिकॉर्ड को आभा से जोड़ा गया है
  • पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन

    कोविड-19 के दौरान, सरकार ने संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए तुरंत प्रतिक्रिया दी। महामारी ने दिखाया कि देश की स्वास्थ्य प्रणालियों को स्थानीय क्लीनिकों से लेकर प्रमुख अस्पताल, सभी स्तरों पर बेहतर सुविधाओं की आवश्यकता है इन अंतरालों को दूर करने के लिए, पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) को 25 अक्टूबर, 2021 को बजट 2021-22 के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था। 

    पीएम-एबीएचआईएम का मुख्य लक्ष्य शहरों और गांवों दोनों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, रोग निगरानी और स्वास्थ्य अनुसंधान में महत्वपूर्ण कमी को ठीक करना है, ताकि भारत भविष्य की महामारियों को अपने दम पर संभाल सके। यह 2005 के बाद से देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना योजना है, इसका कुल बजट 2021-2026 की अवधि के लिए 64,180 करोड़ रुपये। इस राशि में से राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के लिए 54,205 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के लिए 54,205 करोड़ रुपये  आवंटित किए गए हैं। 9,340 करोड़ रुपये केंद्रीय कार्यक्रमों के लिए है। यह देश भर में भारत के अस्पतालों, क्लीनिकों और स्वास्थ्य अनुसंधान सुविधाओं को उन्नत करने के लिए एक प्रमुख 5 साल की योजना है, ताकि देश भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सके।12

    आयुष्मान भारत योजना: प्रदर्शन अवलोकन

    2025 तक योजना पर प्रगति:13 14

    A diagram of numbers and a diagram of numbersAI-generated content may be incorrect.

    वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2024-25 के बीच, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सामूहिक रूप से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के विकास और संचालन पर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए।

    निष्कर्ष

    एबी-पीएमजेएवाई यह सुनिश्चित करती है कि समाज के कमजोर वर्गों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा का लाभ प्राप्त हो, और आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को लोगों के घरों के पास लाते हैं। आभा (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) योजना प्रत्येक नागरिक को एक अद्वितीय डिजिटल स्वास्थ्य आईडी प्रदान करती है ताकि वे सभी सुविधाओं में अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को निर्बाध रूप से बनाए रख सकें। पीएम-एबीएचआईएम अंतर्निहित स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे गांव से लेकर जिला स्तर तक अस्पतालों, प्रयोगशालाओं और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण को मजबूत करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रणाली गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान कर सके और आपात स्थिति का सामना किया जा सके।

    आयुष्मान भारत और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत ये योजनाएं सभी के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करते हुए सस्ती, अच्छी गुणवत्ता और व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती हैं।

    SK/RK

    संदर्भ

     

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