Economy
भारत के गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा
Posted On: 30 AUG 2025 9:52AM
मुख्य बातें
- भारत के गिग कार्यबल के वित्त वर्ष 2024-25 में 1 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2029-30 तक 2.35 करोड़ हो जाने का अनुमान है।
- सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को कानूनी मान्यता और सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करता है।
- ई-श्रम पोर्टल ने 3.37 लाख प्लेटफॉर्म श्रमिकों सहित 30.98 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों को पंजीकृत किया है।
- उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक पंजीकरण हैं, जिनमें महिलाओं की मजबूत भागीदारी है।
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परिचय: भारत के गिग कार्यबल का उदय
भारत के तेजी से बढ़ते गिग श्रम बल के कारण विश्व भर में आर्थिक बदलाव की एक नई लहर चल रही है। अपने लगभग 50 करोड़ लोगों के श्रम बल, विश्व की सबसे युवा आबादी, तेजी से बढ़ते शहरीकरण और स्मार्टफोन तथा डिजिटल उपकरणों के व्यापक उपयोग के साथ, देश इस रूपांतरण के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।
गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था राइडशेयरिंग, डिलीवरी सेवाओं, लॉजिस्टिक्स और पेशेवर काम जैसे क्षेत्रों में नए अवसर पैदा कर रही है। नीति आयोग के अनुसार, इस क्षेत्र में 2024-25 में 1 करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिलने की उम्मीद है, जिसकी संख्या 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ होने का अनुमान है।
सामाजिक सुरक्षा और गिग एवं प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए सहायता
संसद द्वारा पारित सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में पहली बार 'गिग श्रमिकों' और 'प्लेटफॉर्म श्रमिकों' को परिभाषित किया गया है और उनकी सामाजिक सुरक्षा के उपाय प्रदान किए गए हैं। इसमें जीवन और विकलांगता कवर, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य और मातृत्व लाभ और वृद्धावस्था संरक्षण जैसे लाभ शामिल हैं।
गिग श्रमिक पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी ढांचे के बाहर अपनी आजीविका अर्जित करते हैं। प्लेटफ़ॉर्म-आधारित कर्मचारी गिग श्रमिकों के उपवर्ग हैं जिनका काम एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के ऑनलाइन ऐप या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निर्भर करता है।
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देश की अर्थव्यवस्था में प्लेटफॉर्म श्रमिकों के योगदान को स्वीकार करते हुए, आम बजट 2025-26 ने निम्नलिखित के लिए प्रावधानों की घोषणा की
- ई-श्रम पोर्टल पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म श्रमिकों का पंजीकरण,
- पहचान पत्र जारी करना और
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत हेल्थकेयर कवरेज।
एबी-पीएमजेएवाई स्वास्थ्य योजना भारत में 31,000 से अधिक सार्वजनिक और निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का कवर प्रदान करती है। प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए एबी-पीएमजेएवाई स्कीम अभी आरंभ नहीं हुई है।
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (एसएस कोड, 2020) सामाजिक सुरक्षा से संबंधित नौ केंद्रीय श्रम कानूनों को समेकित और सरल बनाती है। इसका मुख्य लक्ष्य सभी कर्मचारियों और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करना है, जिसमें असंगठित, गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था शामिल हैं।
प्रमुख प्रावधान:
1. कानूनों का विलय
निम्नलिखित अधिनियमों को निरस्त कर दिया गया है और संहिता में विलय कर दिया गया है:
- कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923
- कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948
- कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
- रोजगार कार्यालय (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम, 1959
- मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961
- ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972
- सिने श्रमिक कल्याण निधि अधिनियम, 1981
- भवन और अन्य निर्माण श्रमिक उपकर अधिनियम, 1996
- असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008
2. व्यापक कवरेज
- संगठित क्षेत्र, असंगठित क्षेत्र, स्व-नियोजित और पहली बार गिग श्रमिकों और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करता है।
3. सामाजिक सुरक्षा योजनाएं
- केंद्र और राज्य सरकारें निम्नलिखित योजनाओं को तैयार कर सकती हैं:
- भविष्य निधि और पेंशन
- कर्मचारी राज्य बीमा (स्वास्थ्य, विकलांगता, दुर्घटना कवर)
- ग्रेच्युटी
- मातृत्व लाभ
- अन्य लाभ जैसे लाइफ कवर, वृद्धावस्था सुरक्षा और क्रेच सुविधाएं
4. असंगठित, गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए प्रावधान
- गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिक (जैसे, ऐप-आधारित श्रमिक) को संहिता में मान्यता प्राप्त है।
- वे सरकार, एग्रीगेटर्स/प्लेटफार्मों और कभी-कभी स्वयं श्रमिकों द्वारा वित्त पोषित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए पात्र हैं।
- ऐसे श्रमिकों की सहायता के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि की स्थापना।
संहिता में गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के कल्याण की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के गठन का भी प्रावधान है।
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ई-श्रम पोर्टल: असंगठित श्रमिकों के लिए एक डेटाबेस

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 26 अगस्त 2021 को असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीयूडब्ल्यु) बनाने के लिये ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया, जिसमें प्लेटफॉर्म श्रमिकों, प्रवासी श्रमिक, कृषि श्रमिक आदि शामिल हैं।
ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को स्व-घोषणा के आधार पर एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) प्रदान करके उनका पंजीकरण और सहायता करना है।
3 अगस्त 2025 तक, 30.98 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है, जिसमें 3.37 लाख से अधिक प्लेटफॉर्म और गिग श्रमिक शामिल हैं।
ई-श्रम पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए कदम
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण को बढ़ावा देने और असंगठित श्रमिकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जैसे:
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ नियमित समीक्षा बैठक
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सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के साथ निरंतर समन्वय
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रोज़गार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए ई-श्रम का राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) और स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल के साथ एकीकरण
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सरकारी योजनाओं तक सुगम पहुंच के लिए माईस्कीम पोर्टल के साथ एकीकरण
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श्रमिकों को सूचित करने और मार्गदर्शन देने के लिए एसएमएस अभियान
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जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग
सहायता प्राप्त पंजीकरण के लिए राज्य सेवा केंद्रों (एसएसके) और सीएससी के माध्यम से श्रमिकों के लिए समर्थन
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सीएससी, दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (डीटीएनबीडब्ल्यूईडी) और राज्य श्रम विभागों के सहयोग से पंजीकरण शिविरों और जागरूकता अभियानों का आयोजन
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सबसे ज्यादा पंजीकरण कराने वाले शीर्ष राज्य
पोर्टल ने उत्तर प्रदेश (8.39 करोड़) से सबसे अधिक पंजीकरण दर्ज किए हैं, इसके बाद बिहार (3.00 करोड़) और पश्चिम बंगाल (2.64 करोड़) हैं। ये संख्याएं इन राज्यों में असंगठित कार्यबल और देश भर में श्रमिकों को पंजीकृत करने और सहायता देने के सरकार के प्रयासों को दर्शाती हैं।
इन पंजीकरणों में महिलाओं की उल्लेखनीय हिस्सेदारी हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश में 4.41 करोड़ महिलाएं पंजीकृत हैं, इसके बाद बिहार (1.72 करोड़) और पश्चिम बंगाल (1.44 करोड़) हैं।
निष्कर्ष

भारत की गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था श्रम बाजार को तेजी से रूपांतरित कर रही है, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के मामले में अनूठी चुनौतियां पेश करते हुए नए अवसर पैदा कर रही है। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और ई-श्रम पोर्टल जैसी पहलों के माध्यम से सरकार गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को स्वीकृति प्रदान करने और रक्षा करने तथा उन्हें सशक्त बनाने के लिये ठोस कदम उठा रही है।
पंजीकरण की सुविधा प्रदान करके, स्वास्थ्य और दुर्घटना कवरेज उपलब्ध कराकर और लाभों तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के जरिए इन कदमों का उद्देश्य प्लेटफॉर्म श्रमिकों को मुख्यधारा में लाना और देश के कार्यबल को सुदृढ़ करना है। जैसे-जैसे यह सेक्टर बढ़ रहा है, निरंतर समर्थन, जागरूकता और नवोन्मेषी नीतिगत युक्तियां यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होंगे कि प्रत्येक गिग श्रमिक गरिमा, सुरक्षा और अवसर के साथ कार्य कर सके।
संदर्भ
श्रम और रोजगार मंत्रालय
नीति आयोग
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