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Social Welfare

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

माताओं का सशक्तिकरण, पीढ़ियों का निर्माण

Posted On: 25 AUG 2025 10:38AM

 

मुख्य बातें

  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत सरकारी मातृत्व लाभ योजना।
  • महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति का हिस्सा।
  • गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं, विशेष रूप से वंचित पृष्ठभूमि की महिलाओं को सहायता प्रदान करना।
  • पहली संतान के लिए 5,000 रुपये; दूसरी बालिका के लिए 6,000 रुपये (पीएमएमवीवाई 2.0)
  • संस्थागत प्रसव के लिए जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के लाभ से जुड़ा (~कुल 6,000 रुपये)।
  • बालिकाओं के प्रति स्वास्थ्य संबंधी देखभाल, पोषण और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा।

भूमिका

भारत में अनेक महिलाओं के लिए कुपोषण एक व्यापक मुद्दा बना हुआ है। यहां हर तीसरी महिला कुपोषित और हर दूसरी महिला एनीमिया से पीड़ित है। पोषण संबंधी इस कमी के कारण अक्सर कुपोषित मां कम वजन वाले बच्चे को जन्म देती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो गर्भ में ही शुरू हो जाती है और जिसके बड़े पैमाने पर अपरिवर्तनीय प्रभाव पूरे जीवन चक्र में फैल सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी इन चुनौतियों को और भी बदतर बनाते हुए, आर्थिक एवं सामाजिक परेशानियां कई महिलाओं को गर्भावस्था के अंतिम चरण तक काम करते रहने के लिए मजबूर करती हैं तथा उन्हें बच्चे के जन्म के बाद भी समय से पहले ही काम पर लौटना पड़ता है। यह निरंतर श्रम उनके शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ होने से रोकता है और पहले छह महीनों के दौरान अपने शिशुओं को स्तनपान कराने की उनकी क्षमता को बाधित करता है।

स्रोत: विकसित भारत का अमृत काल सेवा,

सुशासन, गरीब कल्याण के 11 साल

इन गंभीर चुनौतियों से निपटने हेतु, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का शुभारंभ 1 जनवरी 2017 को किया गया था। यह मातृत्व लाभ से जुड़ा एक कार्यक्रम है। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जाती है और महिला सशक्तिकरण से संबंधित भारत सरकार के ‘मिशन शक्ति’ का एक प्रमुख घटक है।

‘सामर्थ्य’ उप-योजना के तहत, पीएमएमवीवाई महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और समग्र विकास पर केन्द्रित है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण को बेहतर बनाने और उनकी दिहाड़ी में होने वाली हानि की भरपाई हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करता है। अप्रैल 2022 में, पीएमएमवीवाई 2.0 ने दूसरी जीवित संतान (यदि लड़की हो) के लिए मातृत्व लाभ को बढ़ाया और लड़कियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने तथा जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार लाने का प्रयास किया। मिशन शक्ति से संबंधित दिशानिर्देश राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पीएमएमवीवाई 2.0 के कार्यान्वयन का समर्थन करते हैं।

लक्ष्य

• दिहाड़ी में होने वाली हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति हेतु नकद प्रोत्साहन प्रदान करना ताकि महिला पहले बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त आराम कर सके; 

• गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्लू एंड एलएम) के बीच स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार में सुधार लाना।

• यदि दूसरी संतान बालिका है, तो उसके लिए अतिरिक्त नकद प्रोत्साहन प्रदान करके बालिकाओं के प्रति सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना।

 

 

नामांकन के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक https://pmmvy.wcd.gov.in/  है।

जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं (जैसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या आशा कार्यकर्ता) के लिए पीएमएमवीवाई मोबाइल ऐप डाउनलोड करने हेतु, लाभार्थी उसी पोर्टल पर जाकर “पीएमएमवीवाई ऐप डाउनलोड करें” खंड देख सकते हैं। यह ऐप मुख्य रूप से जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के लिए है ताकि लाभार्थियों के नामांकन में आसानी हो और यह आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध है।

वैकल्पिक रूप से, पात्र महिलाएं https://web.umang.gov.in/  पर उमंग प्लेटफॉर्म (नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन) के माध्यम से भी सीधे नामांकन कर सकती हैं। यह प्लेटफॉर्म अन्य सरकारी योजनाओं के साथ-साथ पीएमएमवीवाई सेवाओं को सुलभ कराता है।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज: मातृ एवं शिशु संरक्षण (एमसीपी) कार्ड और पात्रता प्रमाण (जैसे, बीपीएल कार्ड)।

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निगरानी, ​​रिपोर्टिंग और मूल्यांकन

मार्च 2023 में शुरू किए गए नए विकसित पीएमएमवीवाई सॉफ्टवेयर (पीएमएमवीवाईसॉफ्ट) का उपयोग करते हुए, प्रशासन के विभिन्न स्तरों - राष्ट्रीय, राज्य, जिला, प्रखंड (ब्लॉक)/परियोजना और गांव - पर सक्रिय रूप से पीएमएमवीवाई के कार्यान्वयन की निगरानी और पर्यवेक्षण किया जाता है। यह  डिजिटल प्लेटफॉर्म पारदर्शिता, दक्षता और लाभार्थी कवरेज को बढ़ाने के उद्देश्य से डिजाइन किए गए विभिन्न सुधारों के जरिए योजना की सुलभता की निर्बाध निगरानी (ट्रैकिंग) और मूल्यांकन को संभव बनाता है।

1. वास्तविक समय में प्रमाणीकरण और सत्यापन:

यह प्रणाली यूआईडीएआई के माध्यम से आधार-आधारित प्रमाणीकरण और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा सत्यापन को शामिल करती है ताकि आधार से जुड़े बैंक या डाकघर खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) सुनिश्चित किया जा सके, जिससे धन वितरण पर वास्तविक समय में नजर रखना संभव हो सके।

पीएमएमवीवाई पोर्टल पर चेहरे की पहचान का उपयोग करके बायोमेट्रिक सत्यापन पंजीकरण के समय सटीक पहचान सुनिश्चित करता है ताकि दोहराव और धोखाधड़ी को रोका जा सके

यह पोर्टल आधार प्रमाणीकरण और डीबीटी-सक्षम खातों जैसे प्रमुख मानदंडों का पहले से सत्यापन अनिवार्य करता है,  ताकि प्रक्रिया के निपटारे  में लगने वाले समय में तेजी आए और देरी कम हो।

 

2. डिजिटल रिपोर्टिंग और जमीनी स्तर पर सुलभता:

  • पूरी तरह कागजरहित पीएमएमवीवाई पोर्टल एवं मोबाइल ऐप, आंगनवाड़ी स्तर से शुरू करके जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों के डेटा और सेवाओं की आपूर्ति की स्थिति के बारे में लाभार्थियों के दरवाजे से ही तुरंत और सटीक रूप से रिपोर्ट करने की अनुमति देता है।
  • लाभार्थी और अधिकारी वास्तविक समय में आवेदन की स्वीकृति और भुगतान की स्थिति को खोज व उसपर नजर रख सकते हैं, जिससे पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा मिलता है।

3. पारदर्शिता:

  • एक टोल-फ्री, बहुभाषी हेल्पलाइन (14408) प्रश्नों एवं शिकायतों का समर्थन करती है और निरंतर फीडबैक एवं कार्यक्रम के मूल्यांकन में योगदान देती है।
  • आवेदकों और लाभार्थियों को प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरणों (पंजीकरण, अस्वीकृति, भुगतान) से संबंधित 12 विभिन्न भाषाओं में स्वचालित तरीके से एसएमएस के रूप में अद्यतन जानकारी मिलती हैं, जिससे पारदर्शी संवाद सुनिश्चित होता है और उपयोगकर्ताओं की सहभागिता बढ़ती है।
  • शिकायत दर्ज करने और स्थिति से संबंधित एक एकीकृत मॉड्यूल हितधारकों को शिकायतों की कारगर तरीके से रिपोर्ट व निगरानी करने में समर्थ बनाता है तथा त्वरित समाधान के लिए उन्हें सीधे कार्यान्वयन प्राधिकारियों तक पहुंचाता है।

4. प्रशिक्षण और जागरूकता:

  • सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने हेतु, अधिकारियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
  • पीएमएमवीवाई पोर्टल के उपयोग के बारे में चरण-दर-चरण मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु यूट्यूब वीडियो ट्यूटोरियल तैयार व प्रसारित किए गए हैं।
  • योजना एवं प्रणाली की कार्यक्षमता आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु व्यापक आईईसी सामग्रियां तैयार व वितरित की गई हैं।

निष्कर्ष

पीएमएमवीवाई पारदर्शिता और प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने हेतु बहु-स्तरीय प्रशासन, डिजिटल निगरानी, प्रत्यक्ष धन हस्तांतरण और सामुदायिक समीक्षाओं से लैस एक सुव्यवस्थित प्रणाली का उपयोग करती है। स्वास्थ्य की जांच, अच्छे पोषण और वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देकर, यह योजना महिलाओं को अपने जीवन पर नियंत्रण हासिल करने में मदद करती है और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लक्ष्य का समर्थन करती है।

संदर्भ

पीआईबाई स्रोत

  1. pib.gov.in – PMMVY Guidelines
  2. pib.gov.in – PMMVY 2.0 Notification
  3. https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1841498

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

1.     pmmvy.wcd.gov.in – PMMVY Portal

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