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Social Welfare

जनजातीय दिवस 2025: जनजातीय सशक्तिकरण के जरिए समावेशी भारत का निर्माण

Posted On: 08 AUG 2025 10:39AM

मुख्य बातें

जनजातीय कार्य मंत्रालय का बजट 4,498 करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 13,000 करोड़ रुपये हुआ। पिछले दशक में डीएपीएसटी के तहत 42 मंत्रालयों में कुल जनजातीय व्यय पाँच गुना बढ़कर 1,24,908 करोड़ हो गया।

25.11 लाख जनजातीय परिवारों को वन अधिकार अधिनियम के तहत मान्यता मिली।

• 479 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय 1.38 लाख जनजातीय छात्रों को शिक्षित कर रहे हैं, 1.56 करोड़ छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियाँ मिलीं और छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए 16,216.22 करोड़ रुपये वितरित किए गए (2019-20 से 2024-25 तक)

वीडीवीके ने संयुक्त बिक्री से 129.86 करोड़ रुपए अर्जित किए, आदि महोत्सव के ज़रिए वैश्विक मान्यता मिली।

 

प्रस्तावना

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाते हुए, आइए समाज के प्रति अपनी संवेदनशीलता और करुणा को और गहरा करें। आइए, हम अपने समुदाय के प्रत्येक सदस्य—गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी—को शामिल करने का संकल्प लें और इस संकल्प के साथ आगे बढ़ें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, 15 अगस्त, 2024

 

 

इस विश्व जनजातीय दिवस (9 अगस्त) पर, जिसे आधिकारिक तौर पर, संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित विश्व के स्वदेशी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में जाना जाता है, भारत जनजातीय समुदायों के परिवर्तनकारी सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करता है। भारत के 10.42 करोड़ जनजातीय समुदाय के लोग, 90 देशों के 47.6 करोड़ स्वदेशी लोगों में शामिल हैं।

भारत सरकार भारत के अनुसूचित जनजाति समुदायों की बेहतरी के लिए समर्पित है। जनजातीय कार्य मंत्रालय का बजट पिछले एक दशक में लगभग तीन गुना हो गया है, जो 2014-15 में 4,497.96 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 13,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत की विकास यात्रा में कोई भी जनजातीय समुदाय पीछे न छूटे, इसके प्रमुख कार्यक्रम "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के अंतर्गत, 42 मंत्रालय या विभाग हर साल अपने बजट का 4.3 प्रतिशत से 17.45 प्रतिशत तक जनजातीय विकास के लिए आवंटित करते हैं। डीएपीएसटी में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, आजीविका और स्वच्छता सहित प्रमुख क्षेत्रों की 200 से अधिक योजनाएँ शामिल हैं। डीएपीएसटी के लिए वित्त पोषण पिछले एक दशक में पाँच गुना से भी ज़्यादा बढ़ा है, जो 2013-14 में 21,525.36 करोड़ रुपये (वास्तविक व्यय) से बढ़कर 2024-25 में 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

पिछले 5 वर्षों के दौरान केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा डीएपीएसटी के अंतर्गत किया गया व्यय इस प्रकार है:

वर्ष

व्यय (करोड़ रुपये में)

 

2020-21

48,084.10

 

2021-22

82,530.58

 

2022-23

90,972.76

 

2023-24

1,03,452.77

 

2024-25

1,04,436.24 (अनंतिम)

 

भारत सरकार ने जनजातीय कार्य मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और पहलों के ज़रिए जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

विकास कार्यक्रम

भारत सरकार विभिन्न प्रमुख योजनाओं और पहलों के ज़रिए बुनियादी ढाँचे और शिक्षा सहित कई विकास संबंधी कमियों को दूर करती है, आदिवासी संस्कृतियों को बढ़ावा देती है तथा आदिवासी अधिकारों की रक्षा करती है।

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान: जनजातीय ग्राम विकास कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर 2024 को झारखंड के हजारीबाग से भारत के सबसे बड़े आदिवासी ग्राम विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के नाम से भी लोकप्रिय इस कार्यक्रम का बजट 79,156 करोड़ रुपये है और इसमें 17 संबंधित मंत्रालय 31 मार्च, 2029 तक करीब 63,843 जनजाति बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों (भारत के सबसे अविकसित जिलों में से 112) में सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका में मौजूद फासले को पाटने के लिए सहयोग कर रहे हैं।

जुलाई 2025 तक की प्रगति इस प्रकार है:

 

• 4 लाख से ज़्यादा पक्के घर पूरे

• 692 छात्रावास स्वीकृत

• 70 मोबाइल मेडिकल यूनिट तैनात

• 8,654 घरों में बिजली

• 2,212 गाँवों में मोबाइल कनेक्टिविटी

• 282 आँगनवाड़ी केंद्र (बाल देखभाल केंद्र) अब चालू हैं

• 26,513 गाँवों में पाइप से जलापूर्ति

प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान: विशेष रूप से वंचित लोगों को लक्षित करना

हमारी जनजातीय आबादी छोटी है, लेकिन देश भर में दूरदराज के इलाकों में बहुत छोटे छोटे समूहों में फैली हुई है और सरकार उनके कल्याण और विकास के लिए चिंतित है। यह सुनिश्चित करना कि प्रधानमंत्री जनमन योजनाओं का लाभ गाँवों, पहाड़ियों और जंगलों में विभिन्न दूरदराज की बस्तियों में रहने वाले हर व्यक्ति तक पहुँचे, सरकार के लिए एक चुनौती है, लेकिन हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, 15 अगस्त, 2024

 

 

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह, अनुसूचित जनजातियाँ हैं, जिनमें ये विशेषताएँ पाई जाती हैं:

कृषि-पूर्व तकनीक का स्तर

साक्षरता का निम्न स्तर

आर्थिक पिछड़ापन

 घटती या स्थिर जनसंख्या

चित्र 2: अधिकारियों ने पीएम जनमन के तहत सितंबर 2024 में आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) के लिए एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा मोबाइल एप्लिकेशन-आधारित आवास सर्वेक्षण के आधार पर, अनुमान है कि 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 47.50 लाख पीवीटीजी रहते हैं।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान 75 पीवीटीजी समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कार्य करता है। इस योजना का कुल बजट 24,104 करोड़ रुपये है।

प्रधानमंत्री जनमन के अंतर्गत प्रगति का विवरण इस प्रकार है:

 

मंत्रालय का नाम

गतिविधि  

मिशन, लक्ष्य (2023-2026) और 30 जून, 2025 तक की पूर्ण दरें

 
 

ग्रामीण विकास मंत्रालय:

पक्के मकानों का प्रावधान

4.90 लाख मकान

90,892 मकान पूरे बन चुके हैं

 

संपर्क सड़कें

8000 किमी सड़क

205 किमी. पूरी हो चुकी हैं

 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ

1000 एमएमयू (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार सभी को कवर करने के लिए 733 एमएमयू पर्याप्त हैं)

687 एमएमयू स्वीकृत

 

जल शक्ति मंत्रालय

पाइप से जलापूर्ति

19375 गाँव

6737 गाँवों में पाइप से जलापूर्ति है

 

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण और संचालन

2500

1001 चालू

 

शिक्षा मंत्रालय

छात्रावासों का निर्माण और संचालन

500

52 छात्रावासों पर काम शुरू

 

संचार मंत्रालय

मोबाइल टावरों की स्थापना

4543 बस्तियों का कवरेज

901 बस्तियाँ शामिल

 

विद्युत मंत्रालय

अविद्युतीकृत परिवारों का विद्युतीकरण

1.43 लाख घर

92,311 घरों का विद्युतीकरण

 

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय

नई सौर ऊर्जा योजना के अंतर्गत स्वीकृत घर

विद्युत मंत्रालय द्वारा सभी पात्र और अछूते घर

1934 घरों में सौर ऊर्जा आपूर्ति

 

जनजातीय कार्य मंत्रालय

बहुउद्देशीय केंद्र

1000 एमपीसी

532 एमपीसी जहाँ काम शुरू हो चुका है

 

500 वीडीवीके की स्थापना

500

156 वीडीवीके जहाँ व्यवसाय शुरू हो चुका है

 

 

आदि कर्मयोगी

आदि कर्मयोगी: उत्तरदायी शासन कार्यक्रम जनजातीय कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों को मजबूत करते हुए निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित कर जन-केंद्रित शासन चलाने के लिए सक्षम बनाता है:

कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन

  • अंतर विभागीय अभिसरण

सहभागी शिक्षण और सामुदायिक सहभागिता

पारदर्शी और जवाबदेह शासन तंत्र

इस पहल का मकसद पीएम जनमन और पीएम जुगा के अनुरूप, जनजातीय क्षेत्रों में सेवाओं की पहुंच को मज़बूत करने के लिए 20 लाख आदिवासी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और ग्राम-स्तरीय परिवर्तन नेताओं का निर्माण करना है।

क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशालाएँ एक व्यापक प्रशिक्षण मॉडल का उपयोग करती हैं, जहाँ राज्य के मास्टर प्रशिक्षक, राज्य प्रक्रिया प्रयोगशालाओं का नेतृत्व करते हैं, जो ज़िला मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करती हैं। पहली प्रयोगशाला जुलाई 2025 में बेंगलुरु में शुरू की गई और अगस्त 2025 तक सात प्रयोगशालाएँ खोलने की योजना है।

आजीविका और उद्यमिता

प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन: जनजातीय आजीविका को बढ़ावा देना

भारत की प्रमुख जनजातीय आजीविका योजना के रूप में 2021 में शुरू किया गया प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएम जेवीएम), भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) के ज़रिए संचालित होता है, ताकि जनजातीय उद्यमिता और वन-आधारित आजीविका को 100 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण के साथ बढ़ावा दिया जा सके।

ट्राइफेड ने 79 कारीगर मेलों और 50 प्रदर्शनियों का आयोजन किया, जिसमें प्रचार व्यय 2022-25 तक 145 लाख रुपये से बढ़कर 289 लाख रुपये हो गया।

वन धन विकास केंद्र: जनजातीय उद्यमिता को बढ़ावा देना

वन धन योजना: प्रत्येक वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) क्लस्टर में 15 आदिवासी स्वयं सहायता समूह शामिल हैं, जिनके 300 लाभार्थी हैं। केंद्र द्वारा वित्त पोषित इस पहल के तहत प्रति क्लस्टर 15 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है, जिससे 11.83 लाख आदिवासी व्यक्तियों को कुल 587 करोड़ रुपये का लाभ मिलता है।

प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:

• 4,661 वन धन विकास केंद्र स्वीकृत

• 12.80 लाख लाभार्थी

वन धन विकास केंद्र ने अब तक करीब 129.86 करोड़ रुपये की संयुक्त बिक्री की है।

आदिवासी उद्यमी

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अप्रैल 2025 में धरती आबा ट्राइबप्रेन्योर्स कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 45 आदिवासी स्टार्टअप्स को नवाचारों का प्रदर्शन करने और निवेशकों तथा स्टार्टअप नेताओं के साथ नेटवर्क बनाने के लिए एक साथ लाया गया।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से दो स्टार्टअप को राष्ट्रीय मान्यता मिली:

सिक्किम के ऑवरगेस्ट ट्रैवल्स ने पूर्वोत्तर भारत के पहले ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर के रूप में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर अवार्ड जीता।

नगुरी ऑर्गेनिक को सतत् कृषि कार्य के लिए एग्रीटेक अवार्ड मिला।

 

मंत्रालय ने अनुसूचित जनजातियों के लिए 50 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया और आईआईएम, आईआईटी, आईएफसीआई और मेटा जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ साझेदारी की।

एनएसटीएफडीसी

जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी), अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को आय सृजन और उद्यमिता से जुड़े कार्यों के लिए किफायती ऋण प्रदान करता है। पिछले पाँच वर्षों (2020-25) में, एनएसटीएफडीसी ने 16,650 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए हैं।

ट्राइफेड

सरकार की जनजातीय विपणन एजेंसी, ट्राइफेड, 117 खुदरा दुकानों का संचालन करती है और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर 13,000 से अधिक जनजातीय उत्पादों को सूचीबद्ध करती है, जिससे 200 से अधिक जनजातीय समुदायों को ग्राहकों तक पहुँचने में मदद मिलती है। ट्राइफेड ने पाँच सालों में आदिवासी कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों से 97.18 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पाद खरीदे हैं, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों और राजनयिक साझेदारियों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दिया है।

पिछले पाँच वर्षों में ट्राइफेड को प्रदान की गई वित्तीय सहायता नीचे दी गई है:

 

वर्ष

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

2024-25

राशि

(करोड़ रुपये में)

170.74

255.90

135.27

151.28

111.70

 

शिक्षा एवं स्वास्थ्य

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना राष्ट्रीय विकास की कुंजी है, क्योंकि यह समानता, आर्थिक विकास और वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देता है।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं और उनके स्वास्थ्य एवं विकास में सहायक होते हैं। वर्तमान में, 479 संचालित विद्यालयों में 1.38 लाख छात्र पढ़ते हैं, और 3.5 लाख छात्रों के लिए 728 विद्यालय स्थापित करने की योजना है।

ईएमआरएस की फंडिंग 2020-21 में 922.39 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 4,053.87 करोड़ रुपये हो गई है। आदिवासी छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसाइटी इसके कार्यान्वयन का इंतजाम देखती है। पिछले पाँच वर्षों में, एनईएसटीएस को जारी की गई धनराशि, जो स्कूलों के निर्माण और आवर्ती लागतों की ज़रुरत के अनुसार राज्यों को आवंटित की जाती है, 2020-21 में 1,200 करोड़ रुपये से लगभग चार गुना बढ़कर 2024-25 में 4,748.92 करोड़ रुपये हो गई है। 38,480 स्वीकृत पदों में से 9,075 संकाय और कर्मचारियों के पद भरे जा चुके हैं।

 

श्रेणी

कार्यक्रम/पहल

विवरण

लाभार्थी

डिजिटल शिक्षण अवसंरचना

स्मार्ट कक्षाएँ

डिजिटल बोर्ड (ईआरएनईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय)

सभी ईएमआरएस छात्र

 

एकलव्य डीटीएच टीवी चैनल

सीआईईटी-एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यक्रम-आधारित शिक्षण (कक्षा 9-12)

कक्षा 9-12 के छात्र

 

कंप्यूटर लैब और विज्ञान लैब

इंटरनेट एक्सेस और विज्ञान प्रयोगशालाएँ

सभी ईएमआरएस छात्र

 

अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम

लर्निंग लिंक्स फ़ाउंडेशन द्वारा इंटरैक्टिव मॉड्यूल के माध्यम से कंप्यूटर विज्ञान शिक्षा

430 ईएमआरएस

 

कौशल लैब

व्यावहारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण और उद्योग-प्रासंगिक कौशल (कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय)

200 ईएमआरएस (400 लैब)

कैरियर तैयारी और कौशल विकास

टाटा मोटर्स कौशल्या कार्यक्रम

कक्षा 12 के स्नातकों के लिए कौशल-आधारित शिक्षा और रोजगार के रास्ते (जुलाई 2025 से 5-वर्षीय कार्यक्रम)

5 वर्षों में 50,000 कक्षा XII के छात्र

 

आईआईटी-जेईई और नीट कोचिंग (अवंती) फेलो)

ईएमआरएस भोपाल में उत्कृष्टता केंद्र, प्रीमियम कोचिंग के साथ (2025-26 तक 5-वर्षीय साझेदारी)

80 चयनित छात्र

 

आईआईटी-जेईई/नीट कोचिंग (टाटा मोटर्स और पूर्व नवोदयन फाउंडेशन)

व्यापक परीक्षा कोचिंग (2025-26 तक 5-वर्षीय समझौता ज्ञापन)

1,38,336 नामांकित छात्र

छात्र सहायता कार्यक्रम

तलाश पहल

मनोमितीय मूल्यांकन, करियर परामर्श और जीवन कौशल विकास (एनसीईआरटी के तमन्ना मॉडल पर आधारित यूनिसेफ साझेदारी)

1,38,336 छात्र, 75 ईएमआरएस के 189 शिक्षक प्रशिक्षित

 

राष्ट्रपति विवेकाधीन अनुदान

कक्षा 12 के मेधावी छात्रों के लिए प्रति छात्र 7,500 रुपये (2024-25)

832 छात्र (कुल 62.40 लाख रुपये)

आवासीय एवं सहायक अवसंरचना

छात्रावास

आवासीय सुविधाओं के साथ लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग सुविधाएँ

सभी आवासीय ईएमआरएस छात्र

 

शैक्षणिक सुविधाएँ

पुस्तकालय, खेल के मैदान, खेल उपकरण, पाठ्येतर सुविधाएँ

सभी ईएमआरएस छात्र

 

स्वास्थ्य सेवाएँ

नियमित स्वास्थ्य जाँच और चिकित्सा सुविधाएँ

सभी ईएमआरएस छात्र

छात्रवृत्ति योजनाएँ

जनजातीय कार्य मंत्रालय आदिवासी बच्चों और युवाओं में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्तियाँ प्रदान करता है। ये इस प्रकार हैं:

योजना

 

लाभार्थी और वितरित राशि

(2019-20 to 2024-25)

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति

1.01 करोड़ रुपये; 13,380.86 करोड़ रुपये

 

राष्ट्रीय फेलोशिप योजना

0.16 लाख रुपये; 671.41 करोड़ रुपये

 

उच्च श्रेणी शिक्षा योजना

0.22 लाख रुपये; 283.57 करोड़ रुपये

 

राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति

269; 28.74 करोड़ रुपये

 

प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति

54.41 लाख; 1851.64 करोड़ रुपये

 

 

सिकल सेल रोग उन्मूलन

सिकल सेल एनीमिया एक आनुवंशिक विकार है, जिसके चलते लाल रक्त कोशिकाएँ दरांती के आकार की हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा आती है और दर्द, संक्रमण और अंग क्षति होती है। यह रोग सामान्य आबादी की तुलना में जनजातीय आबादी में अधिक प्रचलित है।

इस चुनौती से निपटने के लिए, सरकार ने 2023 में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन शुरू किया, जिसका लक्ष्य जनजातीय बहुल क्षेत्रों में 0-40 वर्ष की आयु के 7 करोड़ लोगों की जाँच करके 2047 तक इस रोग का उन्मूलन करना है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और एम्स के साथ मिलकर एम्स, दिल्ली में भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय स्वास्थ्य पीठ और निदान एवं उपचार के लिए 14 राज्यों में 15 सक्षमता केंद्र स्थापित किए हैं।

अधिकार और शासन

भूमि एवं वन अधिकार

वन अधिकार अधिनियम 2006 (एफआरए) आदिवासी समुदायों और वनवासियों के पारंपरिक भूमि और वन अधिकारों को कानूनी मान्यता देता है और जबरन बेदखली के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।

मई 2025 तक, 25.11 लाख मान्यता स्वीकृत की जा चुकी हैं और आदिवासी व्यक्तियों और समुदायों को वितरित की जा चुकी हैं।

एनसीएसटी

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) पूरे भारत में आदिवासी समुदायों के लिए एक शिकायत निवारण प्रणाली, एनसीएसटीग्राम्स का संचालन करता है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 (7 अगस्त 2025 तक) में, इस प्रणाली के तहत 1,747 मामले दर्ज किए गए और 1,670 मामलों पर कार्रवाई की गई। अपनी स्थापना के बाद से, इस मंच ने 11,096 मामलों को संभाला है और 8,718 मामलों पर कार्रवाई की गई है।

स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान

जनजातीय कार्य मंत्रालय, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से जुड़ी जनजातीय कल्याण परियोजनाओं के लिए स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता प्रदान करता है।

वित्त पोषण 59.50 करोड़ रुपये (2020-21) से बढ़कर 175 करोड़ रुपये (2024-25) हो गया है, जिसमें पिछले एक दशक में करीब 200 गैर-लाभकारी संस्थाओं को लगभग 1,000 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन

जनजातीय अनुसंधान संस्थान

जनजातीय कार्य मंत्रालय, जनजातीय सांस्कृतिक विरासत, भाषाओं और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण के लिए 29 जनजातीय अनुसंधान संस्थानों को सहायता प्रदान करता है। सरकार ने 2020-25 के दौरान 265.94 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 2014 से अब तक 10 नए जनजातीय अनुसंधान संस्थानों के भवनों को मंजूरी दी है।

टीआरआई जनजातीय छात्रों के लिए शैक्षिक सामग्री विकसित करते हुए जनजातीय भाषाओं, पारंपरिक प्रथाओं और लोक कलाओं पर शोध और दस्तावेजीकरण करते हैं।

मंत्रालय ने 10 राज्यों में 11 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों को भी मंजूरी दी है, जिनमें से तीन का निर्माण पूरा हो चुका है। ये हैं: रांची में भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय, जबलपुर में राजा शंकर शाह रघुनाथ शाह संग्रहालय और छिंदवाड़ा में बादल भोई आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय।

 

जनजातीय संस्कृतियों को बढ़ावा देना (जनजातीय गौरव दिवस और आदि महोत्सव)

जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर को, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के सम्मान और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। 2024 में, बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर, प्रधानमंत्री ने 6,640 करोड़ रुपये की आदिवासी विकास परियोजनाओं की शुरुआत की।


आदि महोत्सव ट्राइफेड का प्रमुख वार्षिक राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव है, जो भारत की समृद्ध जनजातीय विरासत, संस्कृति, कला, शिल्प, व्यंजन और वाणिज्य का जश्न मनाता है, तथा जनजातीय विविधता को प्रदर्शित करने और उसके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के तौर पर कार्य करता है।

फरवरी 2025 में आयोजित होने वाले इस महोत्सव के दौरान 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 600 से अधिक आदिवासी कारीगरों और 500 कलाकारों ने विभिन्न आदिवासी संस्कृतियों और नृत्यों का प्रदर्शन किया। डिज़ाइन संस्थानों और कॉर्पोरेट घरानों के साथ 25 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। ट्राइफेड ने सीधे ग्राहकों को बिक्री से आगे बढ़कर, आदिवासी उत्पादों की व्यावसायिक बिक्री के लिए मीशो और रिलायंस रिटेल जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ साझेदारी की। प्रमुख साझेदारियों में उत्पाद डिज़ाइनों में सुधार के लिए राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ सहयोग, प्रसंस्करण तकनीक को उन्नत करने के लिए हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम के साथ सहयोग, और वैश्विक बाज़ार तक पहुँच के लिए तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियाँ शामिल हैं।

निष्कर्ष

भारत का जनजातीय विकास, हाशिए से सशक्तिकरण की ओर एक बड़े बदलाव की नुमाइंदगी करता है, जो स्वदेशी लोगों के विकास से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों के अनुरूप है। पीएम जुगा के ज़रिए 79,156 करोड़ रुपये और पीएम जनमन के ज़रिए 24,104 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, सरकार ने जनजातीय समुदायों को भारत के विकास एजेंडे के केंद्र में रखा है।

जैसे-जैसे भारत 2047 की ओर आगे बढ़ रहा है, जनजातीय समुदायों का समावेशी विकास यह तय करता है कि "सबका साथ, सबका विकास" को मूर्त रूप देते हुए और भारत की सामाजिक नींव को मजबूत करते हुए, राष्ट्र की प्रगति में कोई भी पीछे न छूट जाए।

संदर्भ

प्रेस सूचना ब्यूरो:

  • 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का मूल पाठ : https://www.pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2045560

 

 

 

 

 

 

 

  • वन धन विकास केंद्र:

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2147301

 

  • ओडिशा में जवाबदेह प्रशासन को बढ़ावा देने और जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए चौथी आदि कर्मयोगी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला का आयोजन: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2151552

 

  • आदि कर्मयोगी - उत्तरदायी शासन के लिए एक संपूर्ण राष्ट्रीय आंदोलन: 20 लाख परिवर्तन नेताओं के माध्यम से एक विकसित भारत का निर्माण: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2146975

 

 

  • दूरियों को पाटकर भविष्य का निर्माण: सीआईएल ने छत्तीसगढ़ में ईएमआरएस को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2145787

 

 

 

 

  • राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) ने देश भर में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने और आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2146509

 

  • राष्ट्रीय जनजातीय विद्यार्थी शिक्षा समिति और टाटा मोटर्स लिमिटेड ने जनजातीय युवाओं को कौशल-आधारित शिक्षा और रोज़गार के अवसरों से सशक्त बनाने के लिए समझौता किया: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2143713

 

  • एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के छात्रों में समग्र उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए ‘तलाश’ पहल शुरू की गई: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2143712

 

 

  • धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य सम्मेलन 2025 - जनजातीय समुदायों के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाना: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2095264

 

 

 

 

  • ट्राइफेड ने आदिवासियों के उद्यमिता विकास के लिए रिलायंस रिटेल, एचसीएल फाउंडेशन और तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

 

 

  • ट्राइफेड ने एनआईएफटी और एचपीएमसी जैसे संगठनों के साथ मिलकर जनजातीय उत्पादों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये व्यापक बाजार पहुंच प्रदान करने का लक्ष्य रखा है: केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री दुर्गा दास उइके: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2117730

 

 

 

  • केंद्र सरकार 440 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) स्थापित करेगी, प्रत्येक ब्लॉक में एक ईएमआरएस स्थापित किया जाएगा, जिसमें 50% से अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी और कम से कम 20,000 आदिवासी लोग होंगे (जनगणना 2011 के अनुसार): https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2117788

 

 

  • एनईएसटीएस ने जेईई/नीट परीक्षाओं के लिए आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से टाटा मोटर्स और पूर्व नवोदयन फाउंडेशन के साथ ऐतिहासिक साझेदारी की: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2143711

 

 

 

 

  • प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की जयंती पर झारखंड के हजारीबाग से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत की: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2061196

 

 

 

 

 

अन्य स्रोत:

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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