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विश्व दूरसंचार दिवस 2025
डिजिटल संसार में लैंगिक अंतर को समाप्त करना
Posted On: 17 MAY 2025 10:34AM
परिचय
विश्व दूरसंचार और सूचना सोसाइटी दिवस (ड्ब्ल्यूटीआईएसडी) प्रति वर्ष 17 मई को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की स्थापना और 1865 में पहले अंतर्राष्ट्रीय तार समझौते पर हस्ताक्षर करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य इंटरनेट और अन्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के उपयोग से समाज और अर्थव्यवस्थाओं में आने वाली संभावनाओं और डिजिटल अंतर को दूर करने के तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 2025 के लिए, ड्ब्ल्यूटीआईएसडी का विषय "डिजिटल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना" है जो डिजिटल संसार में लैंगिक समानता पर केंद्रित है। यह विषय यह सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता के बारे में बताता है कि महिलाओं और लड़कियों की आईसीटी और डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए आवश्यक कौशल तक समान पहुँच हो।
भारत की दूरसंचार क्षेत्र में उपलब्धि
आज की दुनिया में, इंटरनेट से जुड़ा होना दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। ऑनलाइन कनेक्टिविटी लोगों को सूचना तक पहुँचने, आवश्यक सेवाएँ प्राप्त करने, दूर से काम करने, शिक्षा प्राप्त करने, वित्तीय लेन-देन का प्रबंधन करने और रिश्ते बनाए रखने में सक्षम बनाती है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) का मानना है कि प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल समावेशन महत्वपूर्ण है। समय पर कार्रवाई के बिना, डिजिटल सेवाओं तक पहुँच में अंतर बढ़ सकता है जिससे समाज के बड़े वर्ग कनेक्टिविटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले समावेशी विकास के लाभों से वंचित रह जाएँगे।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम: सशक्तीकरण की शक्ति
इस परिवर्तन में सबसे आगे डिजिटल इंडिया है। यह भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि से एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसे 1 जुलाई, 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि से प्रारम्भ किया गया था। डिजिटल इंडिया सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी, डिजिटल अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों का विस्तार करके सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बना रहा है। यह निम्नलिखित स्तंभों पर आधारित है:

राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम)
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2019 में प्रारम्भ किया गया था। इसका जिसका उद्देश्य ब्रॉडबैंड सेवाओं तक सभी के लिए समान पहुँच प्रदान करना है। एनबीएम 1.0 के तहत प्रगति के कारण ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या बढ़कर 94.49 करोड़ हो गई है और ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) की लंबाई 25 मार्च, 2025 तक 42.13 लाख किलोमीटर तक हो गई है। एनबीएम 2.0, कई पहलों के माध्यम से दूरदराज और कठिन क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की चुनौतियों से निपटने में सहायता करेगा।
इससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में प्रभावी, प्रतिस्पर्धी कनेक्टिविटी के लिए सैटेलाइट ब्रॉडबैंड को बढ़ावा मिलेगा।
पर्वतीय और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए विद्युत क्षेत्र से ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (ओपीजीडब्ल्यू) का उपयोग करने के लिए विद्युत मंत्रालय के साथ समन्वय किया जाएगा।


भारतनेट
भारतनेट ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी का आधार है। इसे देश भर में मांग के आधार पर सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) और जीपी से परे गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। इसका पहला चरण दिसंबर 2017 में पूरा हुआ। यह 1 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने पर केंद्रित था। दूसरे चरण में ऑप्टिकल फाइबर, रेडियो और सैटेलाइट तकनीकों का उपयोग करके अतिरिक्त 1.5 लाख जीपी तक कवरेज को बढ़ाया गया। संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (एबीपी) का उद्देश्य वलयाकार स्थानों में जीपी को ऑप्टिकल फाइबर (ओएफ) से जोड़ना और शेष गैर-जीपी गांवों को मांग के आधार पर ओएफ कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इसमें 5जी प्रौद्योगिकियों को शामिल करके और बैंडविड्थ क्षमता बढ़ाकर नेटवर्क को भविष्य के लिए सुरक्षित बनाना शामिल है।
टेलीफोन और ब्रॉडबैंड कनेक्शन में वृद्धि


भारत में कुल टेलीफोन कनेक्शन मार्च 2014 में 933 मिलियन से बढ़कर अक्टूबर 2024 में 1188.70 मिलियन हो गए हैं। भारत में कुल टेली-घनत्व मार्च 2014 में 75.23% था। यह अक्टूबर 2024 में बढ़कर 84.49% हो गया। शहरी क्षेत्रों में टेलीफोन कनेक्शन मार्च 2014 में 555.23 मिलियन की तुलना में अक्टूबर 2024 में बढ़कर 661.36 मिलियन हो गए है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन कनेक्शन मार्च 2014 में 377.78 मिलियन से बढ़कर अक्टूबर 2024 में 527.34 मिलियन हो गए।
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इंटरनेट कनेक्शन मार्च 2014 में 25.15 करोड़ से बढ़कर जून 2024 में 96.96 करोड़ हो गए है। इसमें 285.53% की वृद्धि दर्ज की गई है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन मार्च, 2014 में 6.1 करोड़ से बढ़कर अगस्त, 2024 में 94.92 करोड़ हो गए हैं। इसमें 1452% की वृद्धि हुई है।
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कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी)
कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) इस बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के पूरक हैं। ये कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) आवश्यक सार्वजनिक उपयोगी सेवाओं, सामाजिक कल्याण संबंधी योजनाओं, स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय, शिक्षा और कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए पहुँच केन्द्र के रूप में कार्य करते हैं। सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी-एसपीवी) को भारतनेट के तहत वाई-फाई एक्सेस पॉइंट और एफटीटीएच कनेक्शन के माध्यम से जीपी में अंतिम-मील तक कनेक्टिविटी प्रदान करने का काम सौंपा गया था।
उभरती प्रौद्योगिकियाँ और अन्य डिजिटल पहल
प्रसारण में गहन तकनीकों (एआर/वीआर) का उपयोग
संवर्धित वास्तविकता (एआर), आभासी वास्तविकता (वीआर) और मिश्रित वास्तविकता (एमआर) जैसी प्रौद्योगिकियाँ प्रसारण में सामग्री निर्माण और उपयोग में क्रांति ला सकती हैं। प्रौद्योगिकी नवोन्मेषकों के साथ-साथ प्रसारण क्षेत्र के विशेषज्ञों ने उपयोग के मामलों को उदाहरण दिया ताकि यह बताया जा सके कि कैसे गहन प्रौद्योगिकियाँ दर्शकों की सहभागिता को बढ़ा सकती हैं, बेहतर अनुभव प्रदान कर सकती हैं और मीडिया सामग्री वितरण के भविष्य को नया रूप दे सकती हैं।

डी2एम और 5जी प्रसारण[1]
नई डायरेक्ट टू मोबाइल (डी2एम) तकनीकें न केवल टेलीविजन बल्कि हाथ में पकड़े जाने वाले उपकरणों- मोबाइल फोन, पैड आदि पर भी स्थलीय प्रसारण के लिए रोमांचक सामग्री की संभावनाएं उत्पन्न करती हैं, वह भी कहीं भी, किसी भी समय, और वह भी इंटरनेट की आवश्यकता के बिना। नेक्स्ट जेन ब्रॉडकास्टिंग जैसे प्रसारण के अभिनव विकल्पों की संभावना न केवल हमारे समाज के सभी वर्गों को सेवा प्रदान करने के लिए व्यापक पहुंच सुनिश्चित करती है बल्कि लगातार विकसित हो रहे उपयोगकर्ता अनुभव के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी काम करती है। दो प्रमुख तकनीकी मानक अर्थात् एटीएससी 3.0 और 5जी प्रसारण (3जीपीपी मानक पर आधारित) मोबाइल हैंडसेट पर सामग्री के निर्बाध प्रत्यक्ष प्राप्ति की सुविधा प्रदान करते हैं और उपयोगकर्ताओं की मीडिया तक पहुंच और उपयोग के तरीके को बदल सकते हैं। [2]

पीएम-वाणी
प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वाणी) तंत्र एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करके पूरे भारत में इंटरनेट पहुंच का विस्तार करना है। इसका प्रमुख लक्ष्य डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को आगे बढ़ाना और इससे जुड़े सामाजिक-आर्थिक लाभ प्राप्त करना है। इस तंत्र के तहत, सार्वजनिक डेटा कार्यालय (पीडीओ) अपनी स्वयं की तकनीकी और वाणिज्यिक रणनीतियों के आधार पर वाणी के अनुरूप वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करने, संचालन करने और रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं। उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए, पीडीओ को सार्वजनिक डेटा कार्यालय सेवा समूह केन्द्र (पीडीओए) के साथ सहयोग करना चाहिए। 20 मार्च, 2025 तक, देश भर में कुल 2,78,439. पीएम-वाणी वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए गए हैं। पीएम-वाणी-अनुरूप वाई-फाई हार्डवेयर बाजार में आसानी से उपलब्ध है। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डीओटी) के अनुसार, इस तरह के हार्डवेयर को सी-डीओटी के तकनीक हस्तांतरण (टीओटी) भागीदारों के माध्यम से भी उपलब्ध कराया जाता है जिससे सेवा प्रदाताओं के लिए पहुँच में आसानी सुनिश्चित होती है।

संचार साथी
संचार साथी मोबाइल ऐप एक उपयोगकर्ता-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्म है। इसका उद्देश्य दूरसंचार सुरक्षा को बढ़ाना और नागरिकों को सशक्त बनाना है। एंड्रॉयड और आईओएस पर उपलब्ध संचार साथी मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं को उनकी दूरसंचार के साधनों की सुरक्षा करने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए आवश्यक उपकरण है। यह संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करना, मोबाइल कनेक्शन प्रबंधित करना, खोए या चोरी हुए उपकरणों को ब्लॉक करना और हैंडसेट की प्रामाणिकता सत्यापित करना जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है। भारत में 90 करोड़ से अधिक स्मार्टफ़ोन उपयोगकर्ताओं हैं। यह ऐप एक सरल, उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस के माध्यम से इन महत्वपूर्ण सेवाओं तक आसान पहुँच सुनिश्चित करता है।

डिजिटल प्रौद्योगिकीयों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना: भारत की पहल
महिलाओं के लिए डिजिटल सशक्तिकरण पर वैश्विक फ़ोकस के साथ तालमेल बिठाते हुए, भारत ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं:
महिला ई-हाट
यह महिला उद्यमियों की आकांक्षाओं और ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक पहल है। यह महिलाओं के लिए एक ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ प्रतिभागी अपने उत्पाद प्रदर्शित कर सकती हैं। यह ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टैंड अप इंडिया’ पहल के एक भाग के रूप में देश भर की महिलाओं के लिए एक पहल है। इस प्लेटफॉर्म की स्थापना भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय महिला कोष (आरएमके) के तहत की गई है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा)
इसे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए 2351.38 करोड़ रुपये[3] के स्वीकृत बजट परिव्यय के साथ फरवरी 2017 में शुरू किया गया था। पीएमजीदिशा का उद्देश्य 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से प्रत्येक परिवार में से एक व्यक्ति को बुनियादी डिजिटल कौशल प्रदान करना था। यह योजना 31 मार्च, 2024 को समाप्त हो गई है। इसमें 6.39 करोड़ व्यक्तियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया गया है। उल्लेखनीय है कि 8 दिसंबर, 2022 तक नामांकित लोगों में से 53% से अधिक प्रशिक्षित लोगों में से 54% से अधिक और पीएमजीदिशा के तहत प्रमाणित लोगों में से 56% से अधिक महिलाएं थी।

निष्कर्ष: समावेशी डिजिटल भविष्य की ओर
डिजिटल लैंगिक अंतर को समाप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता जी20 की अध्यक्षता के दौरान दृढ़ता से परिलक्षित हुई जिसमें नेताओं ने 2030 तक इस अंतर को आधा करने का संकल्प लिया। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) और सरकार-से-व्यक्ति (जी2पी) भुगतानों के माध्यम से वित्तीय समावेशन को सक्षम करने वाले एक मजबूत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के साथ, विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के लिए, भारत डिजिटल क्षेत्र में लैंगिक समानता को आगे बढ़ा रहा है। जैसे-जैसे दूरसंचार क्षेत्र विकास होता है वैसे-वैसे महिलाओं के लिए डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करना लैंगिक समानता प्राप्त करने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक हो जाता है। विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस 2025 मानना प्रगति और वास्तव में समावेशी डिजिटल भविष्य के निर्माण की निरंतर आवश्यकता दोनों को दर्शाता है जिसने महिलाओं और लड़कियों की जुड़ने, सीखने और सफल होने के अवसरों तक समान पहुँच हो।
संदर्भ
https://www.un.org/en/observances/telecommunication-day
https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2006304#:~:text=New%20Direct%20to,evolving%20user%20experience.
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2065735#:~:text=The%20second%20session%2C%20'D2M%20and,@trai.gov.in.
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2086701
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2108690
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1957411
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1882218
https://egovernance.vikaspedia.in/viewcontent/e-governance/women-and-e-governance/mahila-e-haat?lgn=en
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2093732
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2115285#:~:text=The%20Prime%20Minister's%20Wi%2DFi,India%20and%20consequential%20benefits%20thereon.
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2065992
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2065735
https://wcdhry.gov.in/women-helpline-number-181/
https://www.pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=1843847
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