Social Welfare
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
जीवन को सुरक्षित करने, भविष्य को सशक्त बनाने के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न
Posted On: 08 MAY 2025 10:08AM
जीवन में अच्छे और बुरे समय का मिश्रण न हो तो क्या है? कई लोगों के लिए, यह संघर्षों और छोटी-छोटी जीतों से भरा सफर है। मध्य प्रदेश के हरदा जिले के एक शांत गांव की 27 वर्षीय मां ज्योति निहाल के लिए जब जीवन ने दर्दनाक मोड़ लिया, तो उनके पास टूटने का हर कारण मौजूद था। उनके पति मुरलीधर निहाल की एक दुर्घटना में अचानक मृत्यु हो गई। वह परिवार में कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति थे। दो छोटे बच्चों और ज्योति को उन्होंने टूटे दिल, डर, बिना किसी आय और अनिश्चित भविष्य के साथ छोड़ दिया।

लेकिन पति द्वारा लिया गया एक छोटा सा फैसला सबसे बुरे समय में उनके लिए जीवन रेखा बन गया। मुरलीधर ने सिर्फ़ 12 रुपए प्रति वर्ष (वर्तमान में प्रति सदस्य 20 रुपए प्रति वर्ष) में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) में नामांकन कराया था। यह सरकार द्वारा समर्थित दुर्घटना बीमा योजना है। जब मुरलीधर का निधन हुआ, तो ज्योति को इस योजना से 2 लाख रुपए मिले। यह सिर्फ़ पैसे नहीं थे - यह सम्मान, राहत और पुनर्निर्माण का मौका था।
उस राशि ने उसे परिवार के कर्ज चुकाने, अपने बच्चों को फिर से स्कूल भेजने, अपने छोटे से घर की मरम्मत करने और यहां तक कि अपना खुद का छोटा व्यवसाय शुरू करने का सपना देखने की हिम्मत दी। इसने एक दुखी मां को अपने दर्द को ताकत में बदलने में मदद की। वह कहती है, "इस योजना ने मुझे सिर्फ़ आर्थिक रूप से ही सहारा नहीं दिया। इसने मुझे मेरी उम्मीद, मेरा साहस और अपने बच्चों को सम्मान के साथ पालने की शक्ति वापस दी।"
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के एक दशक पूरे होने पर ज्योति जैसी कहानियां हमें याद दिलाती हैं कि यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है। पिछले दस वर्षों में, पीएमएसबीवाई चुपचाप देश भर में लाखों परिवारों के लिए ताकत के स्तंभ के रूप में खड़ा रहा है - न केवल बीमा, बल्कि सुरक्षा, आशा और फिर से शुरू करने का मौका भी प्रदान करता है ।
भारत के रोजमर्रा के नायकों के साथ खड़े रहने के 10 वर्षों का जश्न - क्योंकि कभी-कभी प्रति वर्ष 20 रुपये भी जीवन बदल सकते हैं।
असुरक्षित को सुरक्षित करना
9 मई 2015 को शुरू की गई प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना ने अब दुर्घटना मृत्यु और दिव्यांगता कवरेज प्रदान करने का एक दशक पूरा कर लिया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के वित्तीय समावेशन प्रयासों के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में इसके विकास को दर्शाता है, जो आम नागरिकों - विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के जीवन की सुरक्षा के लिए समर्पित है। पिछले दस वर्षों में इस योजना ने लाखों लोगों को सस्ती सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे सरकार की अधिक समावेशी और सुरक्षित समाज के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिला है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत उपलब्धियां
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) ने पूरे देश में दुर्घटना बीमा कवरेज प्रदान करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। 19 मार्च, 2025 तक, इस योजना ने 50.54 करोड़ व्यक्तियों का संचयी नामांकन हासिल कर लिया है, जो इसकी व्यापक पहुंच को दर्शाता है।

9 मई 2015 को अपनी शुरुआत से लेकर मई 2024 तक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) में 44.34 करोड़ नामांकन दर्ज किए गए । इनमें से 20.34 करोड़ महिला लाभार्थी (50.16 प्रतिशत) थीं, जबकि 29.30 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों (72.24 प्रतिशत) और 11.26 करोड़ शहरी क्षेत्रों (27.76 प्रतिशत) से थीं। इस अवधि के दौरान कुल 1,80,812 दावे प्राप्त हुए और 1,37,404 दावों का सफलतापूर्वक निपटान किया गया, जिससे बीमा भुगतान में 2,728.85 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई।
अगले चरण में, जून 2024 से 16 अप्रैल 2025 तक योजना में 36.86 करोड़ नामांकन (नवीनीकरण सहित) जोड़े गए। इस दौरान महिला लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 19.79 करोड़ (53.68 प्रतिशत) हो गई और ग्रामीण लाभार्थियों की संख्या 27.14 करोड़ (73.61 प्रतिशत) जबकि शहरी लाभार्थियों की संख्या 9.73 करोड़ (26.39 प्रतिशत) रही। इस अवधि में 33,906 दावे प्राप्त हुए और 19,024 दावों का निपटान किया गया, जिसकी कुल राशि 377.73 करोड़ रुपए थी।
मीट्रिक
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9 मई 2015-मई 2024
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जून 2024 – 16 अप्रैल 2025
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कुल नामांकन
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44.34 करोड़
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36.86 करोड़ (नवीनीकरण सहित)
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महिला लाभार्थी (प्रतिशत)
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20.34 करोड़ (50.16 प्रतिशत )
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19.79 करोड़ (53.68
प्रतिशत)
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ग्रामीण लाभार्थी (प्रतिशत)
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29.30 करोड़ (72.24 प्रतिशत )
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27.14 करोड़ (73.61 प्रतिशत )
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शहरी लाभार्थी (प्रतिशत)
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11.26 करोड़ (27.76 प्रतिशत )
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9.73 करोड़ (26.39 प्रतिशत )
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प्राप्त दावे
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1,80,812
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33,906
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दावे वितरित
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1,37,404
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19,024
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कुल वितरित दावा राशि
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₹2,728.85 करोड़
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₹377.73 करोड़
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योजना का अवलोकन:
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) एक वर्षीय व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना है, जिसका हर साल नवीकरण किया जा सकता है। यह दुर्घटना के कारण मृत्यु/दिव्यांगता के लिए कवरेज प्रदान करती है।
अधिमूल्य
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प्रति सदस्य प्रति वर्ष 20 रुपये । योजना के अंतर्गत प्रत्येक वार्षिक कवरेज अवधि के 1 जून को या उससे पहले ' ऑटो डेबिट' सुविधा के माध्यम से खाताधारक के बैंक/डाकघर खाते से प्रीमियम काट लिया जाएगा।
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कवरेज अवधि:
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प्रीमियम के सफल भुगतान पर बीमा कवर 1 जून से 31 मई तक एक वर्ष के लिए वैध है।
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दुर्घटना कवर आश्वासन समाप्ति
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निम्नलिखित परिस्थितियों में बीमा कवर समाप्त हो जाएगा या प्रतिबंधित हो जाएगा:
- जब सदस्य 70 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है (निकटतम जन्मदिन के आधार पर)।
- यदि सदस्य का बैंक या डाकघर खाता बंद हो गया है , या प्रीमियम काटने के लिए पर्याप्त शेष राशि नहीं है।
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यदि कोई सदस्य एक से अधिक खातों के माध्यम से नामांकित है और प्रीमियम गलती से कई बार प्राप्त हो जाता है, तो भी बीमा लाभ केवल 2 लाख रुपये तक ही सीमित रहेगा।

कौन आवेदन कर सकता है?
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18 से 70 वर्ष की आयु वाले ऐसे व्यक्ति जिनके पास सहभागी बैंक या डाकघर में बचत खाता और ऑटो-डेबिट सहमति हो ।
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पीएमएसबीवाई का कार्यान्वयन और समर्थन
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के सहयोग से सार्वजनिक और निजी बीमा कंपनियों के माध्यम से पेश की जाती है। जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार और एलआईसी जैसी बीमा कंपनियों ने बड़े पैमाने पर आउटरीच अभियान शुरू किए। एक आधिकारिक वेबसाइट, www.jansuraksha.gov.in कई भाषाओं में सभी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करती है। सरकार नियमित रूप से दावा निपटान की निगरानी करती है और बैंकों और बीमा कंपनियों के समन्वय में किसी भी शिकायत का तुरंत समाधान किया जाता है।
पीएमएसबीवाई के लिए आवेदन प्रक्रिया
ऑफलाइन

ऑनलाइन:
कोई भी व्यक्ति अपने बैंक की नेट बैंकिंग सुविधा का उपयोग करके ऑनलाइन भी पीएमएसबीवाई के अंतर्गत कवर प्राप्त कर सकता है।
वित्तीय समावेशन और पीएमएसबीवाई कवरेज को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख पहल
कम नामांकन और सीमित जागरूकता जैसे मुद्दों से निपटने के लिए सरकार ने राज्य प्राधिकरणों के साथ मिलकर कई पहल की हैं:
1. स्थानीय अभियान: ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष अभियान का उद्देश्य पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई और अन्य वित्तीय योजनाओं के अंतर्गत व्यक्तियों को नामांकित करना है।
2. एसएलबीसी समन्वय: राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियां योजना कवरेज का विस्तार करने के लिए बैंकों, सरकारी एजेंसियों और बीमा कंपनियों के बीच प्रयासों का समन्वय करती हैं।
3. वित्तीय साक्षरता: आरबीआई का वित्तीय साक्षरता केंद्र (सीएफएल) वित्तीय मामलों पर समुदाय-आधारित जागरूकता को बढ़ावा देता है।
4. बैंकिंग संवाददाता (बीसी): लगभग 13 लाख बीसी अंतिम-मील नामांकन और सेवा वितरण का समर्थन करते हैं।
5. डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयूएस): बैंकों द्वारा स्थापित 107 डीबीयूएस (दिसंबर 2024 तक) खाता खोलने, धन हस्तांतरण और ऋण जैसी सेवाएं प्रदान करती हैं।
6. ऑनलाइन ऋण प्लेटफार्म: जनसमर्थ जैसे पोर्टल, 59 मिनट में पीएसबी ऋण और स्टैंड-अप मित्र ऋण तक आसान और त्वरित पहुंच प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के 10 साल पूरे होने पर यह स्पष्ट है कि यह पहल सिर्फ़ एक सरकारी योजना नहीं रह गई है - यह लाखों लोगों के लिए सुरक्षा, सशक्तिकरण और उम्मीद का प्रतीक बन गई है। सबसे कमज़ोर लोगों को किफ़ायती दुर्घटना बीमा प्रदान करके, पीएमएसबीवाई ने अनगिनत परिवारों को जीवन की अनिश्चितताओं से सुरक्षित करने में मदद की है। सपनों की सुरक्षा से लेकर सम्मान बहाल करने तक, यह "सभी के लिए सुरक्षा" के अपने वादे को पूरा करता है। 50 करोड़ से ज़्यादा नामांकन और लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव के साथ, पीएमएसबीवाई समावेशी शासन और समय पर सहायता की शक्ति का एक प्रमाण है।
संदर्भ:
· वित्त मंत्रालय
· https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/184/AS96_yZ9h3R.pdf?source=pqals
· https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1526183
· https://www.myscheme.gov.in/schemes/pmsby#documents-required
· https://www.youtube.com/watch?v=59cttxRP1EQ
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