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मसालों का व्यापार: मसाला अर्थव्यवस्था का उदय
Posted On: 01 MAY 2025 4:03PM
परिचय
भारत को 'मसालों की भूमि' के रूप में जाना जाता है। भारत विश्व में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। अंतर्राष्ट्रीय संगठन मानकीकरण (आईएसओ) द्वारा मान्यता प्राप्त 109 मसालों में भारत 60 से अधिक किस्मों की खेती करता है। मसाला क्षेत्र भारत के कुल कृषि निर्यात में लगभग 9 प्रतिशत और बागवानी निर्यात में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। 200 से अधिक देशों में फैले मसाला बाजार में भारत 225 से अधिक अद्वितीय मसाला उत्पादों का निर्यात करता है। इससे भारत की कच्चे और मूल्यवर्धित मसालों के एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थिति मजबूत होती है। अपने औषधीय गुणों के लिए ऐतिहासिक रूप से मूल्यवान, मसाले भारतीय विरासत और वैश्विक स्वास्थ्य-सचेत बाजारों दोनों का अभिन्न अंग बने हुए हैं।
निर्यात रुझान

भारत मसालों और मसाला वस्तुओं का सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में 4.45 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने के साथ अग्रणी वैश्विक निर्यातक के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी। 2013-14 और 2024-25 के बीच , मसाला निर्यात में मात्रा में 88 प्रतिशत और मूल्य (अमरीकी डॉलर) में 97 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह वैश्विक मसाला बाजार में भारत की बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है। कुल निर्यात में 23.53 प्रतिशत के साथ गुजरात सबसे आगे रहा, उसके बाद केरल और आंध्र प्रदेश का स्थान रहा। इसकी तुलना में, 2013-14 के दौरान, मसाला निर्यात 817,250 मीट्रिक टन था, जिसका मूल्य 2,267.67 मिलियन अमरीकी डॉलर था , जो पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
प्रमुख निर्यात स्थान
भारत ने वित्त वर्ष 2025 (दिसंबर 2024 तक) तक दुनिया भर में 200 स्थानों को मसाले और मसाला उत्पाद निर्यात किए हैं। शीर्ष 10 देशों- चीन, अमरीका, यूएई, बांग्लादेश, थाईलैंड, मलेशिया, यूके, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और जर्मनी से सामूहिक रूप से वित्त वर्ष 2025 (फरवरी 2025 तक) में कुल निर्यात आय का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शामिल है।
भारत से अमरीका द्वारा किये जाने वाले प्रमुख आयातों में अजवाइन, जीरा, करी पाउडर, सौंफ, मेथी, लहसुन, मिर्च और पुदीना उत्पाद शामिल थे।

भारत से क्षेत्रवार कुल निर्यात
मूल्य आधार पर भारत के सर्वाधिक निर्यातित मसाले
वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, मिर्च भारत से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख मसालों के रूप में उभरी, जिसका कुल निर्यात मूल्य 1,508.94 मिलियन अमरीकी डॉलर रहा। इसके बाद जीरा और मसालों का तेल और ओलियोरेसिन का स्थान रहा, जिसका निर्यात मूल्य क्रमशः 700.23 मिलियन अमरीकी डॉलर और 498.01 मिलियन अमरीकी डॉलर दर्ज किया गया। अन्य उल्लेखनीय निर्यातों में पुदीना उत्पाद , हल्दी और करी पाउडर/पेस्ट शामिल थे, इनमें से प्रत्येक ने समग्र निर्यात मात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

भारत में मसाला उत्पादन में अग्रणी राज्य
2023-24 में, मध्य प्रदेश 3.63 मिलियन टन के साथ भारत के मसाला उत्पादन में सबसे आगे रहा, उसके बाद गुजरात 1.29 मिलियन टन और आंध्र प्रदेश 1.28 मिलियन टन का स्थान आता है। राजस्थान और तेलंगाना ने भी क्रमशः 1 मिलियन टन और 793,000 टन से अधिक उत्पादन करके महत्वपूर्ण योगदान दिया । ये शीर्ष पांच राज्य वैश्विक मसाला बाजार में भारत के नेतृत्व को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सरकारी पहल
भारतीय मसाला बोर्ड की स्थापना 1987 में 52 मसालों और मसाला उत्पादों के निर्यात को विकसित करने, बढ़ावा देने और विनियमित करने के लिए की गई थी। यह इसके दायरे में आते हैं। यह छोटी और बड़ी दोनों इलायची के उत्पादन, प्रसंस्करण, घरेलू विपणन और निर्यात को बढ़ावा देने में भी संलग्न है।
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दृष्टिकोण- मसालों और मूल्यवर्धित मसाला उत्पादों के वैश्विक व्यापार में नेतृत्व बनाए रखना, जिससे भारत से कृषि निर्यात की वृद्धि में योगदान मिल सके।
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मिशन- वैश्विक मसाला बाजार के औद्योगिक और खुदरा क्षेत्रों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और मूल्यवर्धित मसालों और मसाला उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय प्रसंस्करण केंद्र और प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनना।
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1.मसालों का निर्यात विकास और संवर्धन
भारतीय मसाला बोर्ड द्वारा शुरू की गई स्पाइस्ड (निर्यात विकास के लिए प्रगतिशील, अभिनव और सहयोगी हस्तक्षेपों के माध्यम से मसाला क्षेत्र में स्थिरता) योजना का उद्देश्य मसालों के निर्यात को बढ़ाना , इलायची की उत्पादकता में सुधार करना और मसालों की कटाई के बाद की गुणवत्ता को बढ़ाना है। 422.30 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ , यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग चक्र के लिए लागू की जाएगी ।
इस योजना के प्रमुख घटकों में मसालों में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना , किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) , लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) और एससी/एसटी समुदायों को समर्थन देना और मिशन मूल्य संवर्धन , मिशन स्वच्छ और सुरक्षित मसाले जैसे कार्यक्रम शुरू करना और जीआई-टैग वाले मसालों को बढ़ावा देना शामिल है। यह योजना किसान समूहों को सशक्त बनाने, इलायची की खेती में उत्पादकता में सुधार लाने और कटाई के बाद के तौर-तरीकों को बेहतर बनाने पर केंद्रित है।
इसका उद्देश्य तकनीकी सहायता , बाजार विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए मसाला इनक्यूबेशन केंद्रों के लिए वित्त पोषण प्रदान करके वैश्विक मसाला बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूती प्रदान करना है।
2.सामान्य प्रसंस्करण (मसाला पार्क) के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना और रखरखाव
मसाला बोर्ड ने मसाला प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और निर्यात अवसरों को बढ़ाने के लिए पूरे भारत में आठ फसल-विशिष्ट मसाला पार्क स्थापित किए हैं। ये पार्क स्थानीय किसानों , व्यापारियों , निर्यातकों और अन्य हितधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए मसालों की सफाई, छंटाई, ग्रेडिंग, पीसने, तेल निकालने और पैकेजिंग के लिए सामान्य सुविधाएं प्रदान करते हैं।
मसाला पार्क का नाम
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राज्य
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मसालों का नाम
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छिंदवाड़ा
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मध्य प्रदेश
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लहसुन और मिर्च
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गुना
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मध्य प्रदेश
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धनिया
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गुंटूर
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आंध्र प्रदेश
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मिर्च
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जोधपुर
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राजस्थान
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जीरा
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रामगंजमंडी
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राजस्थान
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धनिया
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पुट्टडी
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केरल
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इलायची और काली मिर्च
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रायबरेली
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उत्तर प्रदेश
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पुदीना
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शिवगंगा
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तमिलनाडु
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मिर्च और हल्दी
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ये पार्क निर्यातकों, व्यापारियों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को अपनी प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए जमीन भी प्रदान करते हैं। इन पार्कों की स्थापना का उद्देश्य महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा करना और मसाला उद्योग के विकास को गति देना है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और देश की मसाला निर्यात क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष:
भारत का मसाला क्षेत्र एक अग्रणी मोड़ पर है, जो सदियों पुरानी विरासत को प्राकृतिक स्वास्थ्य और कल्याण की बढ़ती वैश्विक मांग के साथ जोड़ता है । कोविड के बाद, दुनिया हल्दी, अदरक और लहसुन जैसे मसालों का उपयोग प्रतिरक्षा-बढ़ाने और सूजन-रोधी लाभों के लिए कर रही है।
स्पाइस्ड और आधुनिक मसाला पार्क जैसी पहलों के सहयोग से भारत स्वच्छ, मूल्य-वर्धित, वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी मसाला निर्यात की ओर बढ़ रहा है। भारत 200 से अधिक देशों में उपस्थिति और 60 से अधिक किस्मों के उत्पादन के साथ न केवल आगे बढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक मसाला आंदोलन का नेतृत्व भी कर रहा है ।
संदर्भ
कृपया पीडीएफ फाइल देखें
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