विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

भारत सरकार हरित समुद्री गतिशीलता को सुदृढ़ करने हेतु प्रतिबद्ध: भारत-कनाडा सहयोगात्मक औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम के तहत टीडीबी-डीएसटी का गोवा स्थित विजय मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को व्यापक सहयोग

प्रविष्टि तिथि: 30 DEC 2025 4:36PM by PIB Delhi

स्वच्छ परिवहन, तकनीकी आत्मनिर्भरता और उद्योग-संचालित नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अनुरूप, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने ‘वीएसीई द्वारा स्मार्ट सी परियोजना’ के कार्यान्वयन हेतु गोवा स्थित मेसर्स विजय मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (वीएमएसपीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह कार्यक्रम भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और कनाडा की राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद (एनआरसी) तथा ग्लोबल अफेयर्स कनाडा के बीच एक द्विपक्षीय पहल है, जिसका उद्देश्य संयुक्त औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। इस सहयोग के माध्यम से बाजार के लिए तैयार प्रौद्योगिकियों का विकास, औद्योगिक विस्तार और व्यापक सामाजिक लाभ सुनिश्चित किए जाते हैं।

इस परियोजना के अंतर्गत 20 यात्रियों की क्षमता वाली एक इलेक्ट्रिक नाव का विकास एवं प्रदर्शन किया जाएगा, जो पर्यावरण-अनुकूल जलमार्गों को बढ़ावा देने, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और सतत पर्यटन विकास के भारत के व्यापक लक्ष्यों में योगदान देगी। परियोजना के तहत, विजय मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (वीएमएसपीएल) भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के मानकों के अनुरूप एक उच्च-शक्ति एवं हल्के वजन वाली एफआरपी नाव का डिजाइन और निर्माण करेगी, जिसमें कनाडाई भागीदार एसीईएल पावर इंक द्वारा विकसित इलेक्ट्रिक आउटबोर्ड मोटर, बैटरी प्रणाली तथा डिजिटल कंसोल इंटरफेस का एकीकरण किया जाएगा।

यह पहल स्वच्छ अंतर्देशीय एवं तटीय जल परिवहन के लिए एक उन्नत प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म विकसित करने में सहायक होगी, जिसमें कम उत्सर्जन, न्यूनतम ध्वनि प्रदूषण और बेहतर परिचालन दक्षता सुनिश्चित की जाएगी। यह प्रयास ऊर्जा-कुशल एवं स्वच्छ गतिशीलता प्रणालियों को प्रोत्साहित करने वाली भारत सरकार की नीतियों को भी प्रभावी सहयोग प्रदान करेगा।

विजय मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड एक आईएसओ 9001:2008 प्रमाणित भारतीय शिपयार्ड है, जो विजय मरीन शिपयार्ड का संचालन करती है। इसे समुद्री जहाजों के डिजाइन, निर्माण, कमीशनिंग और जलावतरण में विशेषज्ञता प्राप्त है। इस परियोजना के अंतर्गत संयुक्त रूप से विकसित विद्युत प्रणोदन प्रणाली को भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप, विशेष रूप से अंतर्देशीय सहायक जलमार्गों तथा पर्यटन से जुड़े जलमार्गों के उपयोग को ध्यान में रखते हुए अनुकूलित किया जाएगा।

मुख्य परियोजना परिणाम:

जल टैक्सी सेवाओं, पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन मार्गों और नदी आधारित यात्री परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक नौकाओं का विकास।

संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्रों के लिए उपयुक्त, कम शोर वाले और प्रदूषण रहित जहाजों के माध्यम से जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देना।

बेहतर टिकाऊपन और प्रदर्शन के लिए कार्बन फाइबर प्रबलित प्लास्टिक (सीएफआरपी) और वैक्यूम-इन्फ्यूजन निर्माण तकनीकों को अपनाया गया है।

यह प्रदर्शित किया गया है कि इलेक्ट्रिक नावें पारंपरिक डीजल प्रणालियों के समान स्थायित्व और विश्वसनीयता प्रदान कर सकती हैं।

इस अवसर पर टीडीबी के सचिव राजेश कुमार पाठक ने कहा: भारत सरकार भारत–कनाडा सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम के माध्यम से उद्योग-उन्मुख अनुसंधान को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है, जिससे उपयोगी और बाजार के लिए तैयार प्रौद्योगिकियों का विकास संभव हो सके। यह परियोजना हरित जलमार्गों को सहायता प्रदान करती है, समुद्री अभियांत्रिकी में नवाचार को गति देती है और उन्नत गतिशीलता प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में घरेलू क्षमताओं को सुदृढ़ करती है।

विजय मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) से प्राप्त सहयोग भारतीय परिचालन परिस्थितियों के अनुरूप डिजाइन की गई, व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य इलेक्ट्रिक नौकाओं की तैनाती को सुगम बनाएगा। इससे सुरक्षित, स्वच्छ एवं अधिक दक्ष जल परिवहन प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0015YGR.jpg

***

पीके/केसी/एनके/एसएस


(रिलीज़ आईडी: 2209913) आगंतुक पटल : 106
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: Urdu , English