विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
संसदीय प्रश्न: क्वांटम टेक्नोलॉजी को बढ़ावा
प्रविष्टि तिथि:
18 DEC 2025 4:13PM by PIB Delhi
सरकार ने क्वांटम प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान, विकास और प्रायोगिक उपयोग (डिमॉन्स्ट्रेशन) को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) आठ वर्षों की अवधि के लिए ₹6,003.65 करोड़ के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) को लागू कर रहा है। इस मिशन के अंतर्गत चार थीमैटिक हब स्थापित किए गए हैं—आईआईएससी बेंगलुरु में क्वांटम कंप्यूटिंग, आईआईटी मद्रास में (सी-डॉट के सहयोग से) क्वांटम संचार, आईआईटी बॉम्बे में क्वांटम सेंसिंग एवं मेट्रोलॉजी तथा आईआईटी दिल्ली में क्वांटम मैटेरियल्स एवं डिवाइसेज़। ये हब क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास को समर्थन देते हैं, जिनमें फैब्रिकेशन, टेस्टबेड की स्थापना और सहयोगी अनुसंधान एवं विकास शामिल हैं। इसके साथ ही मानव संसाधन विकास, उद्यमिता को बढ़ावा, उद्योग के साथ सहयोग तथा अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह कार्य 14 तकनीकी समूहों और 17 परियोजना टीमों के माध्यम से किया जा रहा है, जिनमें 43 संस्थानों के 152 शोधकर्ता शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत आईआईएससी बेंगलुरु और आईआईटी बॉम्बे में दो प्रमुख क्वांटम फैब्रिकेशन सुविधाओं की स्थापना को समर्थन दिया गया है। साथ ही आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर में छोटी क्वांटम फैब्रिकेशन सुविधाएँ भी स्थापित की जा रही हैं, ताकि देश में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम सेंसिंग और क्वांटम सामग्री प्रौद्योगिकियों का स्वदेशी विकास और अधिक सशक्त हो सके।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर–फिजिकल सिस्टम मिशन (NM-ICPS) को भी लागू कर रहा है। इस मिशन के तहत पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) में क्वांटम प्रौद्योगिकियों के लिए एक प्रौद्योगिकी नवाचार हब (टीआईएच) स्थापित किया गया है, जिसके लिए ₹170 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। यह टीआईएच क्वांटम प्रौद्योगिकी से जुड़े टेस्टबेड और प्रशिक्षण सुविधाओं के विकास पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत स्वदेशी निर्माण क्षमताओं के साथ 20-क्यूबिट आयन-ट्रैप क्वांटम कंप्यूटिंग प्रणाली विकसित की गई है। साथ ही, एक क्वांटम प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है, जो क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम सेंसिंग, न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेज़ोनेंस (एनएमआर) आधारित क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम ऑप्टिक्स से जुड़े प्रयोगों को सहयोग प्रदान करती है। ये पहलें राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) को पूरक रूप से मजबूत करती हैं, क्योंकि इससे देश की अनुसंधान क्षमता का विस्तार होता है और शिक्षा जगत तथा उद्योग की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहन मिलता है।
सरकार क्वांटम अनुसंधान को व्यावहारिक उपयोगों में तेजी से बदलने के उद्देश्य से राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) को लागू कर रही है। इस मिशन के तहत चार थीमैटिक हब (टी-हब) राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं और क्वांटम अनुसंधान को उपयोगी तकनीकों में बदलने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं। इन हबों का एक प्रमुख उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना और उद्योग के साथ सक्रिय जुड़ाव सुनिश्चित करना है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के अंतर्गत क्वांटम स्टार्ट-अप्स को सहयोग देने के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिनके तहत वित्तीय सहायता, फैब्रिकेशन सुविधाओं तक पहुँच और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। अब तक क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार, सेंसिंग और क्वांटम सामग्री के क्षेत्र में आठ स्टार्ट-अप्स को समर्थन दिया गया है। इसके अलावा, स्टार्ट-अप्स और उद्योग-नेतृत्व वाली पहलों की पहचान और सहायता के लिए निरंतर प्रस्ताव आमंत्रण (रोलिंग कॉल फॉर प्रपोज़ल्स) भी शुरू किया गया है, जिससे तकनीक के व्यावहारिक उपयोग, पायलट परियोजनाओं और देश में एक मजबूत क्वांटम प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम के विकास को बढ़ावा मिल सके। इन पहलों के अंतर्गत कुछ प्रमुख कदम भी उठाए गए हैं। इनमें क्वांटम सेंसिंग एवं मेट्रोलॉजी पर आईआईटी बॉम्बे के टी-हब का क्वांटम इकोसिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूईटीसीआई) के साथ रणनीतिक सहयोग शामिल है, जिसका उद्देश्य इकोसिस्टम निर्माण, मानकीकरण और उद्योग से जुड़ाव को मजबूत करना है। इसके अलावा, टी-हब ने प्रयोगशाला में विकसित हीरे (लैब-ग्रोवन डायमंड) के विकास के लिए डायमंड एलिमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड तथा क्वांटम सेंसिंग उपकरणों के लिए आवश्यक नैनोपोज़िशनर तकनीकों के व्यावसायीकरण हेतु एक्सेल इनोवेटर्स एंड इंटीग्रेटर्स के साथ समझौते भी किए हैं।
सरकार क्वांटम अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और स्वदेशी व्यावसायीकरण को समर्थन देने के लिए एक मजबूत, उद्योग-उन्मुख और अनुसंधान-सक्षम कार्यबल तैयार करने हेतु विभिन्न कदम उठा रही है। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। भारत की क्वांटम प्रतिभा श्रृंखला को सशक्त करने के लिए, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के सहयोग से क्वांटम प्रौद्योगिकियों में स्नातक (यूजी) माइनर और एम.टेक कार्यक्रम शुरू किए हैं। इससे इस क्षेत्र में बुनियादी शिक्षा और उन्नत विशेषज्ञता के लिए एक सुव्यवस्थित शैक्षणिक मार्ग तैयार हुआ है। इसके अतिरिक्त, उच्च शिक्षण संस्थानों में क्वांटम टीचिंग लैबोरेटरी स्थापित करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्ताव आमंत्रण जारी किया गया है, और प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन पारदर्शी एवं कठोर समीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है।
मिशन अपने थीमैटिक हब्स (टी-हब्स) के माध्यम से क्वांटम प्रौद्योगिकियों में क्षमता निर्माण के लिए फेलोशिप, इंटर्नशिप, विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल और फैकल्टी विकास पहलों को भी समर्थन प्रदान करता है। इससे देश में क्वांटम क्षेत्र के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने में महत्वपूर्ण सहायता मिल रही है।
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पीके/केसी/वीएस
(रिलीज़ आईडी: 2206380)
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