सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों -एमएसएमई के लिए व्यापार सुगमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और व्यावसायिक विकास में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई को परिभाषित करने के मानदंडों में संशोधन किया गया है।
कोरोना काल के बाद विवाद से विश्वास योजना के तहत एमएसएमई विक्रेताओं के 60 हज़ार से अधिक दावों का निपटान किया गया है।
एमएसएमई-संबंध पोर्टल केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों, विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा की जाने वाली खरीद की सक्रिय निगरानी में सहायक है।
विशेष ऋण संबद्ध पूंजी सब्सिडी योजना इच्छुक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को नए उद्यम स्थापित करने में सक्षम बनाती है।
प्रविष्टि तिथि:
18 DEC 2025 2:43PM by PIB Delhi
केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए व्यापार सुगमता बढ़ाने और उन्हें अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- एमएसएमई को परिभाषित करने के लिए नए संशोधित मानदंड 2020 में अपनाए गए थे। प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और व्यावसायिक प्रगति और एमएसएमई में बदलाव को बढ़ावा देने तथा उनके विस्तार में सहयोग के लिए इसे 01.04.2025 से संशोधित किया गया है।
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की व्यापार सुगमता के लिए उद्यम पंजीकरण पोर्टल 01.07.2020 से आरंभ किया गया।
- खुदरा और थोक व्यापारियों को 02.07.2021 से एमएसएमई में शामिल किया गया है।
- एमएसएमई की स्थिति में सुधार होने पर गैर-कर लाभ 3 वर्षों के लिए विस्तारित किए जाते हैं।
- अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को औपचारिक दायरे में लाने और प्राथमिकता क्षेत्र योजना के तहत ऋण लाभ के लिए 11.01.2023 को उद्यम प्लेटफॉर्म आरंभ किया गया।
- एमएसएमई में इक्विटी निवेश हेतु आत्मनिर्भर भारत कोष का संचालन शुरू किया गया।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना के तहत, सदस्य ऋण प्रदाता संस्थाओं को उनके द्वारा लघु एवं लघु उद्यमों को दिए गए ऋण के लिए बिना किसी संपार्श्विक या तृतीय-पक्ष अदायगी के वायदे के गारंटी प्रदान की जाती है । केंद्रीय बजट 2023-24 की घोषणा के अनुसार, सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी निधि ट्रस्ट कोष में 9,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि डाली गई। इससे ऋण की लागत कम कर दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण प्रदान किया जा सकेगा।
सूक्ष्म, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित व्यवसायों के लिए 5 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) आरंभ की गई। यह योजना 31.03.2023 तक चली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की आपातकालीन ऋण गारंटी योजना पर 23.01.2023 की शोध रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 14.6 लाख एमएसएमई खाते, जिनमें से लगभग 98.3 प्रतिशत खाते सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (एमएसएमई) श्रेणी में थे, को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीआर) श्रेणी में जाने से बचाया गया।
कोरोना काल के बाद एमएसएमई को राहत और सहायता प्रदान करने के लिए, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा 11.04.2023 को विवाद से विश्वास प्रथम – एमएसएमई राहत योजना शुरू की गई थी। इसके तहत, कोविड-19 काल में किए गए सरकारी अनुबंधों के लिए काटी गई प्रदर्शन सुरक्षा, बोली सुरक्षा और निर्धारित क्षतिपूर्ति राशि के 95 प्रतिशत की वापसी कर राहत प्रदान की गई। अनुबंधों के निष्पादन में चूक के कारण प्रतिबंधित एमएसएमई को भी राहत प्रदान की गई। योजना के तहत एमएसएमई विक्रेताओं के 60 हज़ार से अधिक दावों का निपटारा किया गया। इसके अतिरिक्त पीपीपी अनुबंध सहित सभी अनुबंधों के लिए कार्य पूर्ण करने की अवधि को बिना किसी जुर्माने के 3 से 6 महीने तक बढ़ाई गयी।
सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (एमएसई) सार्वजनिक खरीद नीति आदेश, 2012 के सुचारू कार्यान्वयन के लिए, एमएसएमई मंत्रालय द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, जिनका विवरण निम्नानुसार है:
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने 8 दिसंबर, 2017 को "एमएसएमई-संबंध पोर्टल" का शुभारंभ किया। यह पोर्टल केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा की जाने वाली खरीद की सक्रिय निगरानी में सहायक है।
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, नीति के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के साथ बेहतर समन्वय हेतु वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। आवश्यकता पड़ने या अनुरोध किए जाने पर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय सार्वजनिक खरीद नीति पर सूचनाएं और स्पष्टीकरण भी जारी करता है।
- ऑनलाइन पोर्टल सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का उपयोग मंत्रालयों/विभागों/सीपीएसई द्वारा खरीद के लिए किया जा रहा है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को सहयोग देने के लिए जीईएम के साथ नियमित रूप से संपर्क रखा जाता है।
- खरीद एवं विपणन सहायता योजना के अंतर्गत विक्रेता विकास कार्यक्रम लघु एवं उद्यम उद्यमों (एमएसई) के लिए मंच के रूप में कार्य करते हैं, जहां वे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के साथ ही अन्य हितधारकों के साथ भी जुड़ सकते हैं। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला स्वामित्व वाले एमएसई के लिए विभागों/सीपीएसयू द्वारा विशेष विक्रेता विकास कार्यक्रम/खरीदार-विक्रेता बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब योजना के अंतर्गत विशेष ऋण संबद्ध पूंजी सब्सिडी योजना (एससीएलसीएसएस)- इच्छुक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों द्वारा नए उद्यमों की स्थापना और सार्वजनिक खरीद में उनकी बेहतर भागीदारी के लिए उनकी क्षमता निर्माण को बढ़ावा देती है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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पीके/केसी/एकेवी/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2206004)
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