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संसदीय प्रश्न: क्वांटम फैब्रिकेशन और केंद्रीय सुविधाओं की स्थापना

प्रविष्टि तिथि: 17 DEC 2025 5:17PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के अंतर्गत, क्वांटम कंप्यूटिंग चिप्स और क्वांटम सेंसरों के निर्माण को स्वदेशी बनाने के लिए आईआईटी बंबई और आईआईएससी बेंगलुरु में दो प्रमुख अत्याधुनिक क्वांटम निर्माण और केंद्रीय सुविधाएं स्थापित की गई हैं। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर में दो अतिरिक्त लघु-स्तरीय सुविधाएं भी स्थापित की गई हैं। इन सुविधाओं के उद्देश्य और लक्ष्य निम्नलिखित हैं:

  1. आईआईटी बंबई और आईआईटी कानपुर में क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी सुविधाएं - सामाजिक और रणनीतिक अनुप्रयोगों के लिए उन्नत सेंसर प्लेटफॉर्म को सक्षम बनाकर क्वांटम सेंसिंग में अभूतपूर्व प्रगति को गति प्रदान करती हैं।

  2. आईआईएससी बेंगलुरु में क्वांटम कंप्यूटिंग निर्माण सुविधा - सुपरकंडक्टिंग, फोटोनिक और स्पिन क्यूबिट्स पर आधारित क्वांटम कंप्यूटिंग चिप्स के निर्माण को सक्षम बनाती है, जो स्केलेबल क्वांटम आर्किटेक्चर के निर्माण के लिए प्रमुख हैं।

  3. आईआईटी दिल्ली में क्वांटम मैटेरियल्स एंड डिवाइसेस निर्माण सुविधा - विभिन्न क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विस्तार के लिए क्वांटम मैटेरियल्स और डिवाइस निर्माण के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देती है।

क्वांटम फैब्रिकेशन और केंद्रीय सुविधाओं की स्थापना में कुल 720 करोड़ रुपये का व्यय होने का अनुमान है।

आईआईटी बंबई, आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी कानपुर और आईआईटी दिल्ली में क्वांटम फैब्रिकेशन और केंद्रीय सुविधाओं को राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जा रहा है। परियोजना की मंजूरी के बाद, प्रत्येक संस्थान ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त विशेषीकृत क्लीनरूम, क्रायोजेनिक सिस्टम और उन्नत फैब्रिकेशन उपकरणों की खरीद, स्थापना और चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान आकलन के अनुसार, सभी केंद्रों में कार्यान्वयन की समय-सीमा लगभग 2028 तक पूरी होने का संकेत देती है। ये सुविधाएं देश के भीतर विश्व स्तरीय क्वांटम फैब्रिकेशन और उपकरण विकास क्षमताओं के लिए स्थापित की जा रही हैं, जिससे शोधकर्ताओं और स्टार्टअप को स्वदेशी रूप से प्रोटोटाइप क्वांटम प्रोसेसर, सेंसर और सामग्री विकसित करने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के अंतर्गत, उद्योग-अकादमिक सहयोग कार्यान्वयन ढांचे का एक प्रमुख हिस्सा है। आईआईएससी बेंगलुरु (क्वांटम कंप्यूटिंग), सी-डॉट के सहयोग से आईआईटी मद्रास (क्वांटम संचार), आईआईटी बॉम्बे (क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी) और आईआईटी दिल्ली (क्वांटम सामग्री और उपकरण) में स्थापित चार विषयगत केंद्र (टी-हब) 14 तकनीकी समूहों और 17 परियोजना टीमों के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास संगठनों, स्टार्टअप और उद्योग को एक साथ लाते हैं, जिनमें 43 संस्थानों के 152 शोधकर्ता शामिल हैं। ये टी-हब प्रौद्योगिकी विकास, उद्यमिता, उद्योग सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी में लगे हुए हैं। डीएसटी ने आठ क्वांटम स्टार्टअप - क्वनु लैब्स, क्यूपीआईएआई, दिमिरा टेक्नोलॉजीज, प्रेनिश्क, क्वप्रयोग, प्रिस्टीन डायमंड्स, क्वानस्ट्रा और क्वान2डी टेक्नोलॉजीज - को भी समर्थन दिया है, जिससे क्वांटम प्रौद्योगिकी विकास में व्यापक राष्ट्रीय और वैश्विक भागीदारी संभव हो सकी है।

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पीके/केसी/एमकेएस

 


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