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कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
महिला उद्यमियों के लिए समर्थन
प्रविष्टि तिथि:
17 DEC 2025 2:59PM by PIB Delhi
भारत सरकार ने महिलाओं में उद्यमशीलता की मानसिकता और क्षमताओं का निर्माण करने, महिला नेतृत्व वाले उद्यमों के विकास के लिए सहायता और बढ़ावा देने और महिलाओं में उद्यमशीलता विकास के लिए मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल की हैं।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) अपने स्वायत्त संगठनों, जैसे राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के माध्यम से देश भर में महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण, उत्थान और विकास के लिए कार्यरत है। इसके अलावा, मंत्रालय स्किल इंडिया मिशन के तहत देश भर में फैले कौशल विकास केंद्रों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से कौशलीकरण, पुनर्कौशलीकरण और कौशलोन्नयन कार्यक्रम चलाता है। पिछले तीन वर्षों में मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्यवार प्रशिक्षित महिलाओं की संख्या और आवंटित एवं व्यय की गई निधि का ब्यौरा अनुलग्नक-I में दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों सहित महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनको सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं/कार्यक्रम कार्यान्वित किए जा रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का ब्यौरा अनुलग्नक -II में दिया गया है।
अनुलग्नक-I
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा पिछले तीन वर्षों के दौरान देश भर में महिला उद्यमियों के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न उद्यमिता विकास पहलों का ब्यौरा निम्नलिखित है:
1. प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन)
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) अपने स्वायत्त संस्थानों, अर्थात् राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड़) और भारतीय उद्यमिता संस्थान, गुवाहाटी (आईआईई) के माध्यम से, जनजातीय मामलों के मंत्रालय की एक योजना, प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के कौशलीकरण एवं उद्यमिता घटक को मार्च 2024 से कार्यान्वित कर रहा है, जिसका उद्देश्य निजी जनजातीय समूहों (पीवीटीजीएस) का उत्थान करना है।
यह योजना एमएसडीई सहित 9 प्रमुख मंत्रालयों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है। मंत्रालय के प्रमुख क्रियाकलापों में से एक वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) में कौशल और उद्यमिता विकास को बढ़ावा देना है।
यह परियोजना जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (टीआरआईएफईडी) के सहयोग से देश भर के 15 राज्यों में कार्यान्वित की जा रही है, जिसके अंतर्गत 31 मार्च 2026 तक कुल 500 महिला एवं महिला विकास समितियों (वीडीवीके) की स्थापना की जानी है। 26.11.2025 तक, कुल 488 वीडीवीके कार्यरत हैं और उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 38,383 सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई 4.0) के अंतर्गत विशेष परियोजना के रूप में 23,47,14,629 रुपये की राशि आवंटित की गई है, जिसमें से 17,63,56,225 रुपये का उपयोग किया जा चुका है। पीएम जनमन के अंतर्गत महिला प्रतिभागियों की संख्या सहित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का राज्यवार ब्यौरा अनुलग्नक I-क में दिया गया है।
2. स्वावलंबिनी- कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच के साथ ज्ञान साझेदार के रूप में सहयोग करते हुए, फरवरी 2025 में असम, मेघालय, मिजोरम, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के छह उच्च शिक्षा संस्थानों/विश्वविद्यालयों में स्वावलंबिनी - एक महिला उद्यमिता कार्यक्रम का प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुभारंभ किया। मंत्रालय इस कार्यक्रम को अपने स्वायत्त संस्थानों, अर्थात् राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड़), नोएडा और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई), गुवाहाटी के माध्यम से कार्यान्वित कर रहा है।
स्वावलंबिनी परियोजना युवा महिलाओं को विचारों से लेकर सफल उद्यम निर्माण तक की यात्रा में सहायता करने के लिए एक संरचित, बहु-स्तरीय प्रशिक्षण पद्धति प्रस्तुत करती है। इस परियोजना का उद्देश्य छात्राओं में उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करना है, उन्हें उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के लिए आवश्यक उपलब्ध सहायता तंत्रों, योजनाओं, संसाधनों और नेटवर्कों के बारे में जागरूक करना है।
स्वावलंबिनी परियोजना के लक्षित समूह में उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआईएस) और विश्वविद्यालयों की 1200 छात्राएं शामिल हैं, जिन्हें उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (ईएपी) के माध्यम से उद्यमिता संबंधी प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें से, ईएपी प्रतिभागियों में से चयनित 600 छात्राओं को उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) में शामिल किया जाएगा, जिसमें कौशलीकरण, वित्त तक पहुंच, बाजार संपर्क, अनुपालन और कानूनी सहायता, व्यावसायिक सेवाएं और नेटवर्किंग के अवसर जैसे महत्वपूर्ण व्यावसायिक पहलुओं को शामिल करते हुए गहन उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके बाद, प्रतिभागियों को अपने विचारों को स्थायी उद्यमों में बदलने में मदद करने के लिए 21 सप्ताह का मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाएगी।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) कार्यक्रम के क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण और निगरानी की देखरेख करेगा, जबकि नीति आयोग कार्यशालाओं का आयोजन करेगा, परामर्श सहायता प्रदान करेगा, प्रारंभिक वित्तपोषण की सुविधा देगा और अवार्ड टू रिवार्ड (एटीआर) पहल के माध्यम से सफल उद्यमियों को सम्मानित करेगा।
इस मार्गदर्शन और सहायता कार्यक्रम के दौरान, उद्योग जगत के अग्रणी और सफल उद्यमी प्रतिभागियों को सलाह और व्यावहारिक सहायता प्रदान करके उनका मार्गदर्शन करेंगे। सफल उद्यमियों को अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, जिसमें वे उन चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे जिन पर उन्होंने विजय प्राप्त की और अपने व्यवसाय को स्थापित करने के लिए अपनाई गई कार्यनीतियों के बारे में बताएंगे।
दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए, कार्यक्रम में एक संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) भी शामिल है, जिसमें भाग लेने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों/विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र से गुजरना होगा। यह पहल शिक्षकों को अपने संस्थानों में महत्वाकांक्षी महिला उद्यमियों को सलाह और मार्गदर्शन देने के लिए आवश्यक कौशल से सुसज्जित करेगी। ब्यौरा अनुलग्नक-I-ख में उपलब्ध है।
3. उत्तर पूर्वी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में उद्यमिता विकास केंद्र (ईडीसी) और इन्क्यूबेशन केंद्र (आईसी) की स्थापना, विकास और प्रबंधन - इस परियोजना के अंतर्गत, आईआईई ने उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) के सहयोग से उत्तर पूर्वी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में 30 उद्यमिता विकास केंद्र (ईडीसी) और 4 इन्क्यूबेशन केंद्र (आईसी) स्थापित, विकसित और प्रबंधित किए हैं। दिनांक 1 दिसंबर 2025 तक, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के आठ राज्यों में 30 पूर्णतः कार्यरत ईडीसी स्थापित किए जा चुके हैं और 60 ईडीसी कर्मचारियों और 582 सलाहकारों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। 90 उद्यमिता विकास कार्यक्रमों (ईडीपी) के माध्यम से कुल 943 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है। पायलट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 1 दिसंबर 2025 तक प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की राज्यवार और कार्यक्रमवार जानकारी अनुलग्नक ।-ग में दी गई है।
4. प्रधानमंत्री स्वनिधि लाभार्थियों के लिए पायलट आधार पर राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना – एनआईएसईबीयूडी (निस्बड़) और आईआईई ने एमएसडीई के सहयोग से प्रधानमंत्री स्वनिधि लाभार्थियों के लिए पायलट आधार पर राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना का कार्यान्वयन किया है। इस परियोजना में एक सप्ताह का कक्षा कार्यक्रम और 21 सप्ताह का मार्गदर्शन एवं सहायता कार्यक्रम शामिल है। संस्थानों ने वित्त वर्ष 2023-24 में इस परियोजना के तहत कुल 1744 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है, जिनमें 1205 महिलाएं शामिल हैं। राज्यवार और कार्यक्रमवार महिला प्रतिभागियों की संख्या का ब्यौरा अनुलग्नक 1 -घ में दिया गया है।
5. संकल्प योजना के अंतर्गत क्षमता निर्माण, इनक्यूबेशन सहायता, मेंटरिंग और हैंडहोल्डिंग के माध्यम से उद्यमिता के माहौल को सुदृढ़ बनाना - एनआईएसईबीयूडी ने कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के कौशल अर्जन एवं ज्ञान जागरूकता आजीविका संवर्धन (संकल्प) कार्यक्रम के सहयोग से समाज के विभिन्न हाशिए पर पड़े वर्गों के उद्यमिता इको –सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए एक परियोजना कार्यान्वित की। इस परियोजना का उद्देश्य क्षमता निर्माण, इनक्यूबेशन सहायता, मेंटरिंग और हैंडहोल्डिंग के माध्यम से महिलाओं सहित विभिन्न लक्षित समूहों में उद्यमिता की भावना का सृजन, पोषण और संवर्धन करना था। 2024 में, आईआईई को प्रधानमंत्री वन धन योजना के अंतर्गत वन धन केंद्रों के आदिवासी कारीगरों और एसएफयूआरटीआई (स्फूर्ति) क्लस्टर के सदस्यों को सहायता प्रदान करने के लिए इस परियोजना की स्वीकृति दी गई थी।
संकल्प योजना के अंतर्गत उत्तर–पूर्व में निर्यात-उन्मुख हथकरघा प्रशिक्षण कार्यक्रम: आईआईई ने निर्यात-गुणवत्ता वाले हथकरघा उत्पादों के उत्पादन, निर्यात प्रक्रियाओं की समझ, ब्रांड निर्माण और प्रोटोटाइप विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए वस्त्र क्षेत्र में एक व्यापक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किया। कुल 1166 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया और बाद में उन्हें उन्नत शिक्षा के लिए संबंधित क्लस्टरों से जोड़ा गया। आईआईई ने बाजार संपर्क, हितधारकों की सहभागिता, क्रेता-विक्रेता बैठकें, ऋण संपर्क की सुविधा प्रदान की और आयात-निर्यात परिषद के साथ क्लस्टर पंजीकरण में सहायता की। संस्थान ने प्रमुख निर्यात घरानों को भी आमंत्रित किया, निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ सहयोग किया और प्रशिक्षुओं की निर्यात बाजार में संभावनाओं को मजबूत करने के लिए प्रोटोटाइप विकास को सक्षम बनाया। आवंटित राशि 50,89,41,050/- रुपये के मुकाबले 50,31,61,022/- रुपये का उपयोग किया जा चुका है। महिला प्रतिभागियों की राज्यवार संख्या का ब्यौरा अनुलग्नक I-ड. में है।
6. जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना: जेएसएस, जिसे शुरू में 1967 में श्रमिक विद्यापीठ (एसवीपी) के रूप में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारत सरकार के पूर्ण अनुदान से पंजीकृत समितियों (एनजीओ) के माध्यम से लाभार्थियों के घर पर ही अनौपचारिक रूप से कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से स्वरोजगार/मजदूरी को बढ़ावा देकर घरेलू आय में वृद्धि करना है। योजना के लक्षित लाभार्थी निरक्षर, नवसाक्षर और प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त व्यक्ति, साथ ही कक्षा 12वीं तक के स्कूल छोड़ने वाले 15-45 वर्ष आयु वर्ग के लोग हैं। दिव्यांगजनों और अन्य पात्र मामलों, विशेषकर महिलाओं को आयु में छूट दी जाती है। प्राथमिकता वाले समूह ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी निम्न-आय क्षेत्रों में महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक हैं। वर्ष 2018 से 31 अक्टूबर 2025 तक, जेएसएस योजना के तहत देश भर में कुल 32,53,965 लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। योजना के मुख्य उद्देश्य के अनुरूप, प्रशिक्षित लाभार्थियों में से अधिकांश महिलाएं हैं (~83%)। राज्यवार महिला प्रतिभागियों की संख्या का ब्यौरा अनुलग्नक I-च में दिया गया है।
7. कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) वर्ष 2015 से अपनी प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य देश भर के युवाओं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, को अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना और पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) के माध्यम से कौशल उन्नयन एवं पुनः कौशल प्रदान करना है। इसका लक्ष्य युवाओं को उद्योग से संबंधित कौशल से लैस करके रोजगार के अवसरों तक पहुंच बढ़ाने के लिए उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाना है। वर्तमान में पीएमकेवीवाई 4.0 वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2025-26 तक लागू है।
हाल ही में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित एक विशेष पहल, जिसका शीर्षक 'नव्या' (युवा किशोरियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से आकांक्षाओं का पोषण) है, का शुभारंभ किया गया है। इसका उद्देश्य 19 राज्यों के 27 आकांक्षी जिलों में 3,850 किशोरियों को लक्षित कौशलीकरण प्रदान करना है, ताकि उनकी रोजगार क्षमता और सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ाया जा सके 'नव्या' योजना के तहत प्रशिक्षित/उन्मुख महिला उम्मीदवारों का ब्यौरा ऊपर दिया गया है।
पीएमकेवीवाई 4.0 एक मांग-आधारित योजना है जिसे समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है। इस योजना में विशेष परियोजनाओं के लिए एक समर्पित प्रावधान शामिल है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं और दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) सहित अल्पप्रतिनिधित्व वाले सामाजिक समूहों की भागीदारी को बढ़ाना है। कौशल विकास कार्यक्रमों तक उनकी पहुंच को सुगम बनाकर महिलाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया गया है।
समावेशिता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये समूह प्रशिक्षण में भाग ले सकें और बाद में लाभकारी वेतन या स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें, योजना के तहत महिलाओं, दिव्यांगजनों और विशेष क्षेत्रों (सामान्य मानदंडों के अनुसार परिभाषित) के प्रशिक्षुओं के लिए आवास और परिवहन सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, सामान्य मानदंडों के अनुसार, गैर-आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए परिवहन सहायता भी अनुमेय है। राज्यवार महिला प्रतिभागियों की संख्या का ब्यौरा अनुलग्नक I-छ में दिया गया है।
8. कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के अधीन प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) देश के युवाओं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, को कौशलीकरण प्रदान करने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के नेटवर्क के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) को लागू करता है।
आईटीआई में, एनएसक्यूएफ से प्रमाणित 169 ट्रेडों में शिल्पकार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रत्येक ट्रेड का अपना अलग पाठ्यक्रम है। प्रशिक्षण की अवधि छह महीने, एक वर्ष और दो वर्ष है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम इस प्रकार तैयार किए गए हैं कि प्रशिक्षुओं को अर्ध-कुशल/कुशल कामगार के रूप में रोजगार के लिए तैयार करने हेतु ट्रेडों में बुनियादी कौशल और ज्ञान प्रदान किया जा सके।
वर्तमान में देश में 14,682 आईटीआई स्थापित हैं, जिनमें से 3,345 सरकारी और 11,337 निजी आईटीआई हैं। राज्यवार महिला प्रतिभागियों की संख्या का ब्यौरा अनुलग्नक I-ज में दिया गया है।
पिछले तीन सालों में मंत्रालय की अलग-अलग स्कीमों के तहत प्रशिक्षण पाने वाली महिलाओं की संख्या और राज्य-वार आवंटित और खर्च की गई निधि का ब्यौरा नीचे दिया गया है:-
(अनुलग्नक I-क)
1. प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महा अभियान (पीएम जनमन)
|
क्र.सं.
|
राज्य
|
सदस्यों की संख्या (लक्ष्य)
|
ईडीपी के तहत प्रशिक्षित सदस्य
|
|
पुरुष
|
महिला
|
कुल
|
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
6162
|
841
|
5135
|
5976
|
|
2
|
छत्तीसगढ
|
2422
|
39
|
2356
|
2395
|
|
3
|
गुजरात
|
1050
|
751
|
299
|
1050
|
|
4
|
झारखंड
|
2876
|
352
|
2524
|
2876
|
|
5
|
कर्नाटक
|
1784
|
192
|
976
|
1168
|
|
6
|
केरल
|
433
|
269
|
156
|
425
|
|
7
|
मध्य प्रदेश
|
5151
|
1413
|
3687
|
5100
|
|
8
|
महाराष्ट्र
|
3624
|
1776
|
1848
|
3624
|
|
9
|
ओडिशा
|
3553
|
46
|
2279
|
2325
|
|
10
|
राजस्थान
|
8659
|
0
|
8659
|
8659
|
|
11
|
तमिलनाडु
|
2403
|
0
|
1042
|
1042
|
|
12
|
तेलंगाना
|
1461
|
469
|
992
|
1461
|
|
13
|
उत्तर प्रदेश
|
319
|
0
|
266
|
266
|
|
14
|
उत्तराखंड
|
314
|
0
|
314
|
314
|
|
15
|
त्रिपुरा
|
1702
|
5
|
1697
|
1702
|
|
कुल
|
41,913
|
6153
|
32230
|
38,383
|
(अनुलग्नक I-ख)
2. स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम
पायलट परियोजना के तहत दिनांक 01.12.2025 तक प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की संख्या का राज्य-वार और कार्यक्रम-वार ब्यौरा इस प्रकार है
|
राज्य
|
कार्यक्रम का नाम (कुल प्रशिक्षित)
|
| |
एफडीपी
|
ईएपी
|
ईडीपी
|
|
असम
|
9
|
64
|
-*
|
|
मेघालय
|
8
|
161
|
-*
|
|
मिजोरम
|
10
|
244
|
-*
|
|
उत्तर प्रदेश
|
38
|
491
|
254
|
|
तेलंगाना
|
17
|
150
|
48
|
|
कुल
|
82
|
1,110
|
302
|
*प्रशिक्षण दिसंबर, 2025 से आयोजित किया जा रहा है
अनुलग्नक I-ग
3. उत्तर–पूर्व क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में उद्यमिता विकास केंद्र (ईडीसी) और इनक्यूबेशन केंद्रों (आईसी) की स्थापना, विकास और प्रबंधन करना।
पायलट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 01.12.2025 तक प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की संख्या का राज्य-वार और कार्यक्रम-वार ब्यौरा इस प्रकार है।
|
राज्य
|
पुरुष
|
महिला
|
कुल ईडीपी प्रतिभागी
|
|
अरुणाचल प्रदेश
|
44
|
57
|
101
|
|
असम
|
98
|
35
|
133
|
|
मणिपुर
|
89
|
32
|
121
|
|
मेघालय
|
67
|
53
|
120
|
|
मिजोरम
|
50
|
37
|
87
|
|
नगालैंड
|
78
|
46
|
124
|
|
सिक्किम
|
122
|
41
|
163
|
|
त्रिपुरा
|
66
|
28
|
94
|
|
कुल योग
|
614
|
329
|
943
|
अनुलग्नक I-घ
4. पीएम स्वनिधि लाभार्थियों के लिए पायलट आधार पर राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना
|
परियोजना अवधि
|
राज्य
|
प्रशिक्षित प्रतिभागियों की संख्या
|
प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की संख्या
|
|
2023–24
|
मध्य प्रदेश
|
179
|
136
|
|
ओडिशा
|
1162
|
545
|
|
राजस्थान
|
101
|
38
|
|
उत्तर प्रदेश
|
262
|
175
|
|
कुल
|
1704
|
894
|
अनुलग्नक I-ड.
5. संकल्प योजना के तहत क्षमता निर्माण, इनक्यूबेशन सहायता, परामर्श (मेंटरिंग) और मार्गदर्शन (हैंडहोल्डिंग) के माध्यम से उद्यमशीलता के माहौल को सुदृढ़ करना (2022-23,2023-24,2024-25)
|
राज्य
|
प्रशिक्षित प्रतिभागियों की संख्या
|
प्रशिक्षित महिला प्रतिभागियों की संख्या
|
|
आंध्र प्रदेश
|
500
|
415
|
|
बिहार
|
6296
|
3612
|
|
छत्तीसगढ
|
3565
|
3020
|
|
दिल्ली
|
199
|
177
|
|
गुजरात
|
1550
|
1089
|
|
हरियाणा
|
929
|
604
|
|
हिमाचल प्रदेश
|
1851
|
1532
|
|
जम्मू-कश्मीर
|
2551
|
1416
|
|
झारखंड
|
4601
|
3609
|
|
कर्नाटक
|
1800
|
1307
|
|
केरल
|
200
|
80
|
|
लद्दाख
|
70
|
69
|
|
मध्य प्रदेश
|
6968
|
4683
|
|
महाराष्ट्र
|
3607
|
3007
|
|
ओडिशा
|
6059
|
4399
|
|
पंजाब
|
950
|
556
|
|
राजस्थान
|
3768
|
2248
|
|
तमिलनाडु
|
1450
|
1080
|
|
तेलंगाना
|
1700
|
1617
|
|
उत्तर प्रदेश
|
7182
|
4315
|
|
उत्तराखंड
|
4779
|
3607
|
|
पश्चिम बंगाल
|
2250
|
1357
|
|
कुल
|
62825
|
43799
|
अनुलग्नक I-च
6. दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक जेएसएस स्कीम के तहत प्रशिक्षण पाने वाली महिला लाभार्थियों की संख्या :
|
राज्य
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25
|
2025-26
|
|
अंडमान और निकोबार
|
1270
|
1377
|
1636
|
292
|
|
आंध्र प्रदेश
|
12805
|
9035
|
9365
|
2813
|
|
अरुणाचल प्रदेश
|
0
|
0
|
0
|
0
|
|
असम
|
10178
|
7403
|
9418
|
2282
|
|
बिहार
|
45138
|
29736
|
30824
|
8060
|
|
चंडीगढ़
|
1953
|
1229
|
1164
|
184
|
|
छत्तीसगढ
|
28719
|
17662
|
21218
|
4660
|
|
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
|
2708
|
2667
|
2233
|
335
|
|
दिल्ली
|
6547
|
4200
|
4556
|
1412
|
|
गोवा
|
2449
|
1612
|
1512
|
256
|
|
गुजरात
|
19846
|
11853
|
13616
|
4516
|
|
हरियाणा
|
8207
|
5640
|
2745
|
875
|
|
हिमाचल प्रदेश
|
20694
|
13537
|
14315
|
2383
|
|
जम्मू-कश्मीर
|
375
|
631
|
308
|
90
|
|
झारखंड
|
21334
|
18549
|
18975
|
4597
|
|
कर्नाटक
|
25773
|
17909
|
19190
|
5019
|
|
केरल
|
20849
|
13759
|
14147
|
2692
|
|
लद्दाख
|
441
|
196
|
0
|
20
|
|
लक्षद्वीप
|
1335
|
1682
|
831
|
223
|
|
मध्य प्रदेश
|
56358
|
40553
|
44904
|
11202
|
|
महाराष्ट्र
|
42284
|
29677
|
32038
|
8163
|
|
मणिपुर
|
6508
|
4362
|
4844
|
2158
|
|
मेघालय
|
1102
|
1260
|
1502
|
122
|
|
मिजोरम
|
1435
|
991
|
647
|
181
|
|
नगालैंड
|
1348
|
1539
|
345
|
219
|
|
ओडिशा
|
54323
|
38957
|
44126
|
9101
|
|
पंजाब
|
3646
|
2940
|
2884
|
1134
|
|
राजस्थान
|
14657
|
10935
|
12565
|
4157
|
|
तमिलनाडु
|
16194
|
11890
|
13605
|
2276
|
|
तेलंगाना
|
13403
|
9247
|
9804
|
3162
|
|
त्रिपुरा
|
3951
|
2589
|
2758
|
444
|
|
उत्तर प्रदेश
|
97341
|
67315
|
69586
|
16432
|
|
उत्तराखंड
|
17342
|
12160
|
12548
|
3797
|
|
पश्चिम बंगाल
|
14298
|
9943
|
11349
|
1951
|
|
कुल योग
|
574811
|
403035
|
429558
|
105208
|
|
जेएसएस को जारी कुल अनुदान
|
1,54,65,98,518
|
1,54,37,53,058
|
1,39,55,01,725
|
73,17,60,271
|
अनुलग्नक I-छ
7. पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत चालू वित्त वर्ष (31.10.2025 तक) सहित पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान प्रशिक्षित/उन्मुख और प्रमाणित महिला उम्मीदवारों का वित- वर्ष वार और राज्यवार ब्यौरा :
|
राज्य
|
वित्त वर्ष 23-24
|
वित्त वर्ष 24-25
|
वित्त वर्ष 25-26
|
नव्या के तहत वित्त वर्ष 2025-26*
|
|
प्रशिक्षित / उन्मुख
|
प्रमाणित
|
प्रशिक्षित / उन्मुख
|
प्रमाणित
|
प्रशिक्षित / उन्मुख
|
प्रमाणित
|
प्रशिक्षित / उन्मुख
|
प्रमाणित
|
|
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
|
240
|
31
|
381
|
382
|
23
|
0
|
|
|
|
आंध्र प्रदेश
|
15,171
|
9,147
|
16,596
|
10,924
|
1,222
|
1,649
|
|
|
|
अरुणाचल प्रदेश
|
2,576
|
373
|
6,297
|
3,962
|
42
|
316
|
|
|
|
असम
|
26,298
|
11,401
|
57,306
|
36,561
|
4,121
|
5,677
|
|
|
|
बिहार
|
11,502
|
5,684
|
50,055
|
30,009
|
1,746
|
5,398
|
|
|
|
चंडीगढ़
|
287
|
153
|
535
|
457
|
123
|
84
|
|
|
|
छत्तीसगढ
|
5,512
|
3,243
|
8,987
|
6,145
|
166
|
323
|
|
|
|
दिल्ली
|
5,506
|
3,278
|
7,415
|
4,707
|
1,240
|
1,413
|
|
|
|
गोवा
|
148
|
22
|
215
|
263
|
|
|
|
|
|
गुजरात
|
9,732
|
3,204
|
23,763
|
17,129
|
315
|
964
|
|
|
|
हरियाणा
|
12,005
|
6,354
|
37,165
|
25,262
|
3,622
|
7,147
|
|
|
|
हिमाचल प्रदेश
|
3,135
|
1,855
|
9,506
|
6,378
|
1,752
|
1,624
|
20
|
19
|
|
जम्मू-कश्मीर
|
16,909
|
8,857
|
57,994
|
47,620
|
2,729
|
5,305
|
119
|
92
|
|
झारखंड
|
5,134
|
3,050
|
17,695
|
10,567
|
229
|
1,460
|
9
|
0
|
|
कर्नाटक
|
5,073
|
2,056
|
38,352
|
17,104
|
2,906
|
10,650
|
21
|
0
|
|
केरल
|
4,686
|
2,584
|
5,235
|
3,102
|
381
|
466
|
|
|
|
लद्दाख
|
314
|
96
|
264
|
314
|
0
|
8
|
|
|
|
लक्षद्वीप
|
0
|
0
|
46
|
0
|
|
|
|
|
|
मध्य प्रदेश
|
18,097
|
9,145
|
1,53,055
|
91,662
|
6,624
|
22,274
|
88
|
70
|
|
महाराष्ट्र
|
15,739
|
6,325
|
35,649
|
21,280
|
1,591
|
4,744
|
39
|
0
|
|
मणिपुर
|
1,865
|
365
|
15,700
|
10,537
|
805
|
1,187
|
|
|
|
मेघालय
|
1,320
|
361
|
4,910
|
2,289
|
282
|
286
|
|
|
|
मिजोरम
|
2,019
|
634
|
4,505
|
2,354
|
905
|
929
|
|
|
|
नगालैंड
|
1,938
|
532
|
3,554
|
2,200
|
329
|
523
|
|
|
|
ओडिशा
|
10,347
|
6,170
|
13,429
|
8,921
|
557
|
718
|
|
|
|
पुदुचेरी
|
1,187
|
781
|
2,235
|
1,426
|
321
|
460
|
|
|
|
पंजाब
|
6,133
|
2,745
|
65,032
|
49,968
|
5,421
|
9,225
|
78
|
20
|
|
राजस्थान
|
11,142
|
5,199
|
1,19,423
|
89,200
|
4,961
|
14,729
|
|
|
|
सिक्किम
|
1,563
|
403
|
1,774
|
648
|
0
|
143
|
|
|
|
तमिलनाडु
|
23,198
|
12,970
|
57,929
|
45,510
|
5,623
|
8,470
|
|
|
|
तेलंगाना
|
7,006
|
4,450
|
11,855
|
8,538
|
2,803
|
2,339
|
|
|
|
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
|
232
|
96
|
900
|
617
|
0
|
184
|
|
|
|
त्रिपुरा
|
3,263
|
1,875
|
10,570
|
6,876
|
939
|
1,045
|
|
|
|
उत्तर प्रदेश
|
33,096
|
16,559
|
2,58,409
|
1,81,336
|
13,973
|
32,208
|
70
|
65
|
|
उत्तराखंड
|
6,127
|
2,700
|
22,110
|
14,306
|
1,066
|
2,369
|
|
|
|
पश्चिम बंगाल
|
13,626
|
6,428
|
20,379
|
13,988
|
1,988
|
2,617
|
|
|
|
कुल
|
2,82,126
|
1,39,126
|
11,39,225
|
7,72,542
|
68,805
|
1,46,934
|
444
|
266
|
पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत, महिला उम्मीदवारों के कौशलीकरण के लिए कोई विशिष्ट धनराशि आवंटित नहीं की गई है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष (दिनांक 31.10.2025 तक) सहित पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान महिला उम्मीदवारों के कौशल विकास के लिए उपयोग की गई निधि का वर्षवार वित्तीय ब्यौरा इस प्रकार है:
|
वित्त वर्ष
|
वित्त वर्ष 2023-24
|
वित्त वर्ष 2024-25
|
वित्त वर्ष 2025-26
|
|
उपयोग की गई राशि करोड़ में
|
356.07
|
781.78
|
6.52
|
अनुलग्नक- I-ज
8. शैक्षणिक सत्र 2022-23 से 2024-25 तक सीटीएस के तहत आईटीआई में महिलाओं का राज्य-वार नामांकन नीचे दिया गया है:
|
क्र.सं.
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
|
सत्र 2022
|
सत्र 2023
|
सत्र 2024
|
|
1
|
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
|
123
|
137
|
270
|
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
2,058
|
2,378
|
2,304
|
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
192
|
205
|
175
|
|
4
|
असम
|
922
|
1,322
|
1,002
|
|
5
|
बिहार
|
5,915
|
8,224
|
8,581
|
|
6
|
चंडीगढ़
|
469
|
498
|
456
|
|
7
|
छत्तीसगढ
|
5,844
|
6,873
|
6,813
|
|
8
|
दिल्ली
|
2,884
|
3,177
|
3,072
|
|
9
|
गोवा
|
478
|
483
|
430
|
|
10
|
गुजरात
|
16,357
|
19,820
|
16,553
|
|
11
|
हरियाणा
|
9,195
|
11,890
|
11,235
|
|
12
|
हिमाचल प्रदेश
|
5,194
|
5,251
|
4,622
|
|
13
|
जम्मू-कश्मीर
|
3,121
|
3,242
|
3,564
|
|
14
|
झारखंड
|
1,603
|
2,032
|
2,736
|
|
15
|
कर्नाटक
|
3,288
|
3,369
|
2,723
|
|
16
|
केरल
|
6,784
|
6,962
|
6,242
|
|
17
|
लद्दाख
|
190
|
220
|
197
|
|
18
|
लक्षद्वीप
|
151
|
148
|
126
|
|
19
|
मध्य प्रदेश
|
9,668
|
10,072
|
10,456
|
|
20
|
महाराष्ट्र
|
21,155
|
22,920
|
20,252
|
|
21
|
मणिपुर
|
186
|
306
|
235
|
|
22
|
मेघालय
|
274
|
316
|
411
|
|
23
|
मिजोरम
|
98
|
129
|
70
|
|
24
|
नगालैंड
|
52
|
56
|
96
|
|
25
|
ओडिशा
|
7,426
|
11,828
|
8,177
|
|
26
|
पुदुचेरी
|
118
|
141
|
147
|
|
27
|
पंजाब
|
12,116
|
12,885
|
11,045
|
|
28
|
राजस्थान
|
9,148
|
10,649
|
8,067
|
|
29
|
सिक्किम
|
164
|
111
|
118
|
|
30
|
तमिलनाडु
|
4,378
|
5,241
|
5,049
|
|
31
|
तेलंगाना
|
1,651
|
2,321
|
2,969
|
|
32
|
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
|
148
|
240
|
204
|
|
33
|
त्रिपुरा
|
721
|
704
|
671
|
|
34
|
उत्तर प्रदेश
|
37,745
|
43,059
|
39,607
|
|
35
|
उत्तराखंड
|
1,760
|
1,877
|
1,438
|
|
36
|
पश्चिम बंगाल
|
4,486
|
6,080
|
5,414
|
|
कुल योग
|
1,76,062
|
2,05,166
|
1,85,527
|
अनुलग्नक II
“महिला उद्यमियों के लिए सहायता” के संबंध में दिनांक 17.12.2025 को उत्तरार्थ राज्य सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 2043 के भाग (क) से (घ) के उत्तर में उल्लिखित अनुलग्नक
भारत सरकार के दूसरे मंत्रालयों/विभागों द्वारा देश भर में महिला उद्यमियों के लिए लागू की जा रही अलग-अलग उद्यमिता विकास पहलों का ब्यौरा इस प्रकार है:
1. ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी): ग्रामीण कौशल प्रभाग के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ग्रामीण गरीब युवाओं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, के लिए कौशल विकास के क्षेत्र में आरएसईटीआई स्कीम लागू कर रहा है ताकि देश में गरीबी खत्म करने के मकसद से उन्हें फायदेमंद नौकरी मिल सके। दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई -एनआरएलएम) की अम्ब्रेला स्कीम के तहत यह स्कीम चलाई जा रही है। पिछले 3 सालों में इस स्कीम के तहत मदद पाने वाली महिलाओं की राज्य-वार सूचना इस तरह है:
|
क्र.सं.
|
राज्य का नाम
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25
|
2025-26
(31-10-25 तक)
|
|
प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
|
1
|
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
|
373
|
397
|
489
|
441
|
572
|
495
|
368
|
182
|
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
8565
|
7187
|
8936
|
7027
|
12374
|
9949
|
7759
|
5203
|
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
239
|
243
|
300
|
141
|
729
|
558
|
456
|
106
|
|
4
|
असम
|
12137
|
9524
|
14811
|
9882
|
21181
|
15590
|
10967
|
5220
|
|
5
|
बिहार
|
16365
|
14496
|
17466
|
15125
|
25109
|
20465
|
14086
|
9025
|
|
6
|
छत्तीसगढ़
|
9749
|
9061
|
9957
|
8154
|
13807
|
10878
|
6291
|
4288
|
|
7
|
दादरा और नगर हवेली
|
628
|
492
|
643
|
461
|
731
|
531
|
394
|
300
|
|
8
|
गोवा
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
|
9
|
गुजरात
|
19290
|
15390
|
21845
|
14827
|
28812
|
21316
|
12927
|
9682
|
|
10
|
हरियाणा
|
11823
|
7721
|
12701
|
9425
|
18049
|
13763
|
9323
|
5705
|
|
11
|
हिमाचल प्रदेश
|
5596
|
3747
|
6460
|
4956
|
9823
|
7283
|
4004
|
2399
|
|
12
|
जम्मू-कश्मीर
|
5826
|
4716
|
6418
|
4680
|
16245
|
12291
|
6200
|
4203
|
|
13
|
झारखंड
|
16027
|
12107
|
16947
|
12648
|
22697
|
16763
|
11368
|
6395
|
|
14
|
कर्नाटक
|
17397
|
13881
|
17345
|
14416
|
21241
|
16661
|
12414
|
9073
|
|
15
|
केरल
|
7951
|
6938
|
8703
|
6801
|
12221
|
9453
|
6214
|
5043
|
|
16
|
लक्षद्वीप
|
444
|
282
|
381
|
312
|
547
|
400
|
281
|
161
|
|
17
|
मध्य प्रदेश
|
25123
|
20086
|
28372
|
22608
|
38569
|
29027
|
19592
|
11484
|
|
18
|
महाराष्ट्र
|
20915
|
17112
|
22192
|
18017
|
32842
|
24333
|
15440
|
10461
|
|
19
|
मणिपुर
|
590
|
562
|
908
|
745
|
1808
|
1476
|
688
|
374
|
|
20
|
मेघालय
|
1534
|
1295
|
2024
|
1345
|
3175
|
2291
|
1290
|
519
|
|
21
|
मिजोरम
|
555
|
495
|
628
|
600
|
1426
|
918
|
485
|
626
|
|
22
|
नगालैंड
|
184
|
208
|
349
|
147
|
384
|
292
|
157
|
106
|
|
23
|
ओडिशा
|
18611
|
16317
|
20046
|
18288
|
27183
|
23015
|
13568
|
11786
|
|
24
|
पांडिचेरी
|
667
|
633
|
746
|
607
|
1043
|
767
|
443
|
304
|
|
25
|
पंजाब
|
8401
|
6839
|
9470
|
7676
|
14342
|
11253
|
7294
|
4580
|
|
26
|
राजस्थान
|
26712
|
23016
|
29256
|
24135
|
37772
|
29527
|
15970
|
12806
|
|
27
|
सिक्किम
|
332
|
269
|
262
|
243
|
905
|
626
|
313
|
194
|
|
28
|
तमिलनाडु
|
22636
|
18014
|
25365
|
21076
|
32911
|
26552
|
18720
|
13429
|
|
29
|
तेलंगाना
|
4929
|
4327
|
5315
|
4520
|
7996
|
6228
|
4051
|
2847
|
|
30
|
त्रिपुरा
|
2377
|
1927
|
3021
|
2377
|
3951
|
2510
|
1502
|
1266
|
|
31
|
संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख
|
508
|
313
|
460
|
334
|
813
|
640
|
311
|
242
|
|
32
|
उत्तर प्रदेश
|
48633
|
41883
|
49257
|
43662
|
66715
|
53753
|
31808
|
22683
|
|
33
|
उत्तराखंड
|
6047
|
4793
|
6920
|
5243
|
12341
|
8926
|
4222
|
2542
|
|
34
|
पश्चिम बंगाल
|
10734
|
8706
|
12325
|
9473
|
17136
|
13256
|
9083
|
5776
|
| |
कुल
|
331898
|
272977
|
360318
|
290392
|
505450
|
391786
|
247989
|
169010
|
पिछले 3 सालों और इस साल के दौरान आरएसईटीआई स्कीम के तहत जारी की गई निधि का ब्यौरा इस तरह है:
|
क्र.सं.
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25
|
2025-26
|
|
1
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
1566.05
|
1566.05
|
0.00
|
0.00
|
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
0.00
|
0.00
|
53.36
|
0.00
|
|
4
|
असम
|
637.36
|
892.96
|
1306.41
|
0.00
|
|
5
|
बिहार
|
0.00
|
1500.00
|
2341.71
|
2087.61
|
|
6
|
छत्तीसगढ
|
1450.81
|
0.00
|
2000.00
|
0.00
|
|
7
|
दादरा और नगर हवेली
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
8
|
गुजरात
|
2176.75
|
862.73
|
817.16
|
0.00
|
|
9
|
हरियाणा
|
450.72
|
352.31
|
500.00
|
328.75
|
|
10
|
हिमाचल प्रदेश
|
0.00
|
0.00
|
1125.86
|
0.00
|
|
11
|
जम्मू-कश्मीर
|
0.00
|
0.00
|
360.58
|
0.00
|
|
12
|
झारखंड
|
1139.65
|
0.00
|
2000.00
|
0.00
|
|
13
|
कर्नाटक
|
2017.36
|
2265.24
|
1109.76
|
1854.41
|
|
14
|
केरल
|
0.00
|
1214.90
|
825.90
|
0.00
|
|
15
|
लक्षद्वीप
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
16
|
मध्य प्रदेश
|
0.00
|
1500.00
|
3500.00
|
0.00
|
|
17
|
महाराष्ट्र
|
2647.82
|
2127.13
|
2500.34
|
0.00
|
|
18
|
मणिपुर
|
0.00
|
98.75
|
149.28
|
0.00
|
|
19
|
मेघालय
|
171.24
|
107.57
|
184.80
|
0.00
|
|
20
|
मिजोरम
|
0.00
|
86.49
|
38.45
|
0.00
|
|
21
|
नगालैंड
|
0.00
|
63.02
|
47.83
|
0.00
|
|
22
|
ओडिशा
|
1133.50
|
1250.76
|
1464.00
|
2119.86
|
|
23
|
पांडिचेरी
|
0.00
|
0.00
|
189.34
|
0.00
|
|
24
|
पंजाब
|
966.27
|
361.67
|
746.34
|
1317.93
|
|
25
|
राजस्थान
|
1322.91
|
1218.42
|
0.00
|
0.00
|
|
26
|
सिक्किम
|
0.00
|
0.00
|
93.01
|
0.00
|
|
27
|
तमिलनाडु
|
1518.84
|
2735.86
|
0.00
|
0.00
|
|
28
|
तेलंगाना
|
1147.63
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
29
|
त्रिपुरा
|
106.40
|
101.21
|
367.60
|
0.00
|
|
30
|
उत्तर प्रदेश
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
31
|
उत्तराखंड
|
248.65
|
0.00
|
200.00
|
0.00
|
|
32
|
पश्चिम बंगाल
|
0.00
|
1000.00
|
390.66
|
0.00
|
| |
कुल
|
18701.96
|
19305.07
|
22312.39
|
7708.56
|
ग्रामीण विकास मंत्रालय - दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई-एनआरएलएम) जून 2011 में शुरू की गई थी। यह भारत सरकार की एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब महिला परिवारों को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित करना और उन्हें दीर्घकालिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपनी आजीविका में विविधता ला सकें, अपनी आय में सुधार कर सकें और बेहतर जीवन जी सकें। डे-एनआरएलएम को वित्त वर्ष 2011-12 से 28 राज्यों और 6 संघ राज्य क्षेत्रों\(दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर) में लागू किया जा रहा है।
दिनांक 31 अक्टूबर, 2025 तक, यह मिशन 28 राज्यों और 6 संघ राज्य क्षेत्रों के 745 जिलों के 7156 ब्लॉकों में कार्यान्वित किया जा रहा है। कुल मिलाकर, 10.05 करोड़ महिलाओं को 90.90 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया है।
डीएवाई-एनआरएलएम अपनी उप-योजना, स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एसवीईपी) के माध्यम से ग्रामीण व्यापार विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है। यह स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और उनके परिवार के सदस्यों को गैर-कृषि आजीविका क्षेत्र में छोटे उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान करता है। एसवीईपी को 31 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में लागू किया गया है। एसवीईपी के तहत 3.95 लाख उद्यमों को सहायता प्रदान की जा चुकी है। पिछले तीन वर्षों में एसवीईपी के तहत सहायता –प्राप्त उद्यमों की राज्यवार संख्या अनुलग्नक में दी गई है।
एसवीईपी एक मांग-आधारित कार्यक्रम है, जिसे ब्लॉक स्तर पर कार्यान्वित किया जाता है। प्रत्येक ब्लॉक के लिए धनराशि का आवंटन राज्यों द्वारा प्रस्तुत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और उनकी वार्षिक कार्य योजना के अनुसार सहायता –प्राप्त उद्यमों की संख्या पर निर्भर करता है। पिछले तीन वर्षों में एसवीईपी के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई धनराशि 27,983.36 लाख रुपये है।
पिछले तीन वर्षों के दौरान सहायता –प्राप्त उद्यमों की संख्या:
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
|
पिछले तीन सालों में सहायता-प्राप्त उद्यमों की संख्या
|
|
आंध्र प्रदेश
|
10,179
|
|
अरुणाचल प्रदेश
|
619
|
|
असम
|
13,831
|
|
बिहार
|
13803
|
|
छत्तीसगढ
|
9190
|
|
गोवा
|
2128
|
|
गुजरात
|
282
|
|
हरियाणा
|
1706
|
|
हिमाचल प्रदेश
|
997
|
|
जम्मू-कश्मीर
|
3155
|
|
झारखंड
|
15,736
|
|
कर्नाटक
|
3610
|
|
केरल
|
14,476
|
|
मध्य प्रदेश
|
10,572
|
|
महाराष्ट्र
|
6429
|
|
मणिपुर
|
1628
|
|
मेघालय
|
1059
|
|
मिजोरम
|
1579
|
|
नगालैंड
|
429
|
|
ओडिशा
|
3831
|
|
पंजाब
|
2192
|
|
राजस्थान
|
3888
|
|
सिक्किम
|
860
|
|
तमिलनाडु
|
1692
|
|
तेलंगाना
|
10,162
|
|
त्रिपुरा
|
1739
|
|
उत्तर प्रदेश
|
14,580
|
|
उत्तराखंड
|
2938
|
|
पश्चिम बंगाल
|
14,786
|
|
अंडमान और निकोबार
|
0
|
|
पुदुचेरी
|
0
|
|
कुल
|
1,68,076
|
2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
(क) लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसडीपी) योजना को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों, जिनमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिलाएं, दिव्यांगजन, पूर्व सैनिक और बीपीएल व्यक्ति शामिल हैं, के युवाओं (पुरुष और महिला) को स्वरोजगार या उद्यमिता को करियर विकल्पों में से एक के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इसका अंतिम उद्देश्य नए उद्यमों को बढ़ावा देना, मौजूदा लघु एवं मध्यम उद्यमों की क्षमता का निर्माण करना और देश में उद्यमशीलता की संस्कृति को विकसित करना है। पिछले तीन वर्षों में महिलाओं के लिए ईएसडीपी योजना की प्रगति इस प्रकार हैं :-
|
क्र॰सं॰
|
वित्त वर्ष
|
महिला लाभार्थियों की संख्या
|
|
1.
|
2022-23
|
121058
|
|
2.
|
2023-24
|
201706
|
|
3.
|
2024-25
|
304254
|
|
कुल
|
627018
|
(ख) लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का कार्यान्वयन कर रहा है। यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है जो मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करती है, जिसके तहत संभावित उद्यमियों को गैर-कृषि क्षेत्र में नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान की जाती है।
पीएमईजीपी सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 25% और शहरी क्षेत्रों में 15% मार्जिन मनी (एमएम) सब्सिडी प्रदान करता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिलाएं, पूर्व सैनिक, दिव्यांगजन, ट्रांसजेंडर, उत्तर-पूर्व क्षेत्र, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों से संबंधित विशेष श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35% और शहरी क्षेत्रों में 25% है।
पीएमईजीपी उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) के तहत भावी उद्यमियों और लाभार्थियों को वित्त, उत्पादन, विपणन, उद्यम प्रबंधन आदि जैसे विभिन्न प्रबंधकीय और परिचालन कार्यों से संबंधित मार्गदर्शन और जागरूकता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
पिछले 3 वर्षों अर्थात वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2024-25 तक के लिए सृजित महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों की संख्या जिन्हें सहायता प्रदान की गई, मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की गई, और अनुमानित रोजगार की संख्या।
|
राज्य
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25
|
|
सूक्ष्म उद्यमों की संख्या
|
एमएम सब्सिडी (करोड़ में)
|
सूक्ष्म उद्यमों की संख्या
|
एमएम सब्सिडी (करोड़ में)
|
सूक्ष्म उद्यमों की संख्या
|
एमएम सब्सिडी (करोड़ में)
|
|
अंडमान निकोबार
|
24
|
0.48
|
12
|
0.22
|
12
|
0.24
|
|
आंध्र प्रदेश
|
1,716
|
77.46
|
3,457
|
99.77
|
1,847
|
82.40
|
|
अरुणाचल प्रदेश
|
70
|
3.01
|
78
|
8.46
|
78
|
4.26
|
|
असम
|
907
|
19.51
|
761
|
19.26
|
1,081
|
32.18
|
|
बिहार
|
1,335
|
40.36
|
2,303
|
70.81
|
1,703
|
55.11
|
|
चंडीगढ़
|
10
|
0.34
|
7
|
0.16
|
3
|
0.21
|
|
छत्तीसगढ
|
703
|
25.03
|
662
|
26.19
|
540
|
23.18
|
|
दिल्ली
|
30
|
2.00
|
27
|
1.79
|
19
|
1.07
|
|
गोवा
|
36
|
1.48
|
38
|
1.54
|
19
|
0.92
|
|
गुजरात*
|
1,821
|
161.08
|
1,821
|
219.20
|
1,084
|
138.93
|
|
हरियाणा
|
626
|
32.15
|
638
|
40.22
|
368
|
25.84
|
|
हिमाचल प्रदेश
|
352
|
13.10
|
344
|
14.39
|
257
|
10.40
|
|
जम्मू-कश्मीर
|
5,035
|
90.50
|
7,082
|
118.95
|
3,773
|
84.14
|
|
झारखंड
|
613
|
17.68
|
671
|
17.91
|
438
|
12.71
|
|
कर्नाटक
|
1,888
|
54.59
|
1,654
|
56.97
|
883
|
28.70
|
|
केरल
|
1,257
|
28.05
|
1,396
|
33.19
|
891
|
23.44
|
|
लद्दाख
|
28
|
1.02
|
35
|
1.71
|
36
|
1.83
|
|
लक्षद्वीप
|
1
|
0.01
|
-
|
-
|
-
|
-
|
|
मध्य प्रदेश
|
1,813
|
66.54
|
1,690
|
70.46
|
802
|
33.19
|
|
महाराष्ट्र**
|
1,523
|
66.79
|
1,150
|
63.11
|
801
|
54.87
|
|
मणिपुर
|
244
|
6.99
|
153
|
3.24
|
291
|
7.54
|
|
मेघालय
|
121
|
2.68
|
103
|
2.74
|
515
|
15.68
|
|
मिजोरम
|
195
|
6.33
|
194
|
8.48
|
260
|
8.02
|
|
नगालैंड
|
196
|
6.83
|
244
|
14.47
|
600
|
18.06
|
|
ओडिशा
|
1,757
|
54.22
|
1,430
|
46.88
|
742
|
24.50
|
|
पुदुचेरी
|
13
|
0.38
|
16
|
0.47
|
14
|
0.36
|
|
पंजाब
|
759
|
43.02
|
725
|
58.23
|
468
|
41.52
|
|
राजस्थान
|
596
|
42.18
|
567
|
51.74
|
293
|
27.88
|
|
सिक्किम
|
22
|
0.41
|
68
|
2.36
|
133
|
4.58
|
|
तमिलनाडु
|
2,856
|
75.49
|
3,285
|
81.67
|
1,786
|
49.67
|
|
तेलंगाना
|
953
|
39.78
|
967
|
46.18
|
764
|
36.04
|
|
त्रिपुरा
|
165
|
3.73
|
152
|
3.37
|
216
|
5.33
|
|
उत्तर प्रदेश
|
3,549
|
142.10
|
3,733
|
173.54
|
1,851
|
84.57
|
|
उत्तराखंड
|
484
|
14.48
|
377
|
14.75
|
213
|
7.10
|
|
पश्चिम बंगाल
|
928
|
35.90
|
966
|
41.65
|
653
|
27.95
|
|
कुल
|
32,626
|
1,175.72
|
36,806
|
1,414.07
|
23,434
|
972.42
|
*दमन और दीव सहित**दादरा नगर और हवेली सहित
पिछले 3 वर्षों अर्थात वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2024-25 तक के दौरान पीएमईजीपी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सहायता प्राप्त महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों और वितरित मार्जिन मनी सब्सिडी की संख्या:
| |
2022-23
|
2023-24
|
2024-25
|
|
राज्य
|
सूक्ष्म उद्यमों की संख्या
|
एमएम सब्सिडी
(करोड़ में)
|
सूक्ष्म उद्यमों की संख्या
|
एमएम सब्सिडी
(करोड़ में)
|
सूक्ष्म उद्यमों की संख्या
|
एमएम सब्सिडी (करोड़ में)
|
|
अंडमान निकोबार
|
8
|
0.15
|
7
|
0.14
|
4
|
0.04
|
|
आंध्र प्रदेश
|
1,394
|
66.37
|
2,960
|
84.24
|
1,601
|
72.66
|
|
अरुणाचल प्रदेश
|
65
|
2.88
|
75
|
8.26
|
59
|
3.42
|
|
असम
|
743
|
16.59
|
602
|
15.59
|
864
|
27.10
|
|
बिहार
|
1,019
|
33.91
|
1,712
|
57.72
|
1,315
|
46.28
|
|
चंडीगढ़
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
|
छत्तीसगढ
|
544
|
21.29
|
478
|
20.91
|
407
|
19.38
|
|
दिल्ली
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
-
|
|
गोवा
|
34
|
1.42
|
34
|
1.42
|
16
|
0.79
|
|
गुजरात*
|
1,365
|
128.44
|
1,269
|
167.33
|
796
|
111.91
|
|
हरियाणा
|
456
|
25.71
|
423
|
29.40
|
264
|
20.58
|
|
हिमाचल प्रदेश
|
328
|
12.28
|
319
|
13.74
|
217
|
9.35
|
|
जम्मू-कश्मीर
|
4,546
|
83.83
|
5,641
|
98.36
|
3,075
|
72.77
|
|
झारखंड
|
417
|
13.14
|
402
|
12.45
|
300
|
10.19
|
|
कर्नाटक
|
1,265
|
39.58
|
1,043
|
39.43
|
608
|
21.35
|
|
केरल
|
1,043
|
24.04
|
1,131
|
27.28
|
727
|
19.78
|
|
लद्दाख
|
23
|
0.88
|
31
|
1.59
|
28
|
1.55
|
|
लक्षद्वीप
|
1
|
0.01
|
-
|
-
|
-
|
-
|
|
मध्य प्रदेश
|
1,106
|
47.05
|
989
|
48.30
|
468
|
22.80
|
|
महाराष्ट्र**
|
1,151
|
56.20
|
846
|
53.01
|
641
|
48.12
|
|
मणिपुर
|
204
|
6.21
|
128
|
2.82
|
248
|
6.63
|
|
मेघालय
|
116
|
2.59
|
88
|
2.36
|
445
|
14.30
|
|
मिजोरम
|
144
|
4.31
|
131
|
4.75
|
213
|
6.03
|
|
नगालैंड
|
173
|
6.41
|
189
|
13.46
|
473
|
16.30
|
|
ओडिशा
|
1,283
|
44.00
|
1,017
|
37.47
|
567
|
20.80
|
|
पुदुचेरी
|
6
|
0.23
|
8
|
0.30
|
4
|
0.15
|
|
पंजाब
|
522
|
35.60
|
493
|
46.51
|
329
|
32.15
|
|
राजस्थान
|
446
|
35.08
|
390
|
40.55
|
215
|
21.89
|
|
सिक्किम
|
22
|
0.41
|
45
|
1.69
|
105
|
3.76
|
|
तमिलनाडु
|
2,327
|
66.52
|
2,618
|
68.71
|
1,418
|
43.37
|
|
तेलंगाना
|
739
|
34.29
|
713
|
38.55
|
587
|
29.98
|
|
त्रिपुरा
|
130
|
3.17
|
116
|
2.80
|
165
|
4.40
|
|
उत्तर प्रदेश
|
2,946
|
126.01
|
2,863
|
145.52
|
1,578
|
75.39
|
|
उत्तराखंड
|
334
|
10.95
|
256
|
11.12
|
146
|
5.41
|
|
पश्चिम बंगाल
|
845
|
34.19
|
864
|
38.90
|
588
|
25.98
|
|
कुल
|
25,745
|
983.71
|
27,881
|
1,134.69
|
18,471
|
814.59
|
* दमन और दीव सहित ** दादरा नगर और हवेली सहित
3. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग: नवाचारों के विकास और उपयोग के लिए राष्ट्रीय पहल (एनआईडीएचआई) के तहत, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, निधि प्रयास और निधि सीड सपोर्ट प्रोग्राम के माध्यम से उत्पाद विकास के प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करता है।
निधि प्रयास (युवा और महत्वाकांक्षी नवोन्मेषकों और स्टार्टअप उद्यमों को बढ़ावा देना और गति प्रदान करना) के तहत, 2016 से अब तक 501 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप/महिला नवोन्मेषकों को उनके विचारों को प्रोटोटाइप में बदलने के लिए प्रारंभिक चरण के अनुदान के साथ सहायता प्रदान की गई है।
निधि सीड सपोर्ट प्रोग्राम के तहत, डीएसटी ने 167 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप को प्रारंभिक चरण के निवेश के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है ताकि वे अपने प्रोटोटाइप को उत्पादों में परिवर्तित करके उनका विस्तार और व्यावसायीकरण कर सकें।
4. आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) दिनण्क 30 सितंबर, 2024 तक “दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई–एनयूएलएम)” का कार्यान्वयन कर रहा था, जिसका उद्देश्य शहरी गरीब परिवारों की गरीबी और अरक्षिता को कम करना था। इसके तहत उन्हें लाभकारी स्वरोजगार और कुशल वेतनभोगी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका में स्थायी रूप से सुधार करना था, साथ ही महिलाओं सहित शहरी गरीबों के लिए मजबूत जमीनी स्तर के संस्थानों का निर्माण करना था। यह मिशन दिनांक 30.09.2024 को समाप्त हो गया। डीएवाई–एनयूएलएम के तहत आवंटित और जारी की गई केंद्रीय निधियाँ निम्नानुसार हैं:
|
वर्ष
|
आवंटित निधि
|
उपयोग की गई निधि
|
|
2022-2023
|
550.00
|
548.99
|
|
2023-2024
|
523.00
|
501.38
|
|
2024-2025 (30 सितंबर, 2024 तक)
|
30.00
|
29.03
|
पिछले तीन वर्षों में राज्यवार, डीएवाई-एनयूएलएम के ईएसटी एंड पी घटक के तहत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार पाने वाली महिलाओं की संख्या इस प्रकार है:
पिछले 3 वर्षों (अर्थात 01/04/2024 तक) में डीएवाई-एनयूएलएम के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार प्राप्त करने वाली महिला लाभार्थियों का ब्यौरा
|
क्र.सं॰
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम
|
कौशल प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
|
1
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
121
|
0
|
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
1607
|
572
|
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
985
|
555
|
|
4
|
असम
|
12893
|
7735
|
|
5
|
बिहार
|
4011
|
1273
|
|
6
|
चंडीगढ़
|
1804
|
1213
|
|
7
|
छत्तीसगढ
|
0
|
80
|
|
8
|
गोवा
|
811
|
1555
|
|
9
|
गुजरात
|
21332
|
5480
|
|
10
|
हरियाणा
|
9602
|
3381
|
|
11
|
हिमाचल प्रदेश
|
1066
|
754
|
|
12
|
जम्मू-कश्मीर
|
329
|
93
|
|
13
|
झारखंड
|
13863
|
6831
|
|
14
|
कर्नाटक
|
6164
|
351
|
|
15
|
केरल
|
2058
|
1306
|
|
16
|
मध्य प्रदेश
|
54299
|
29731
|
|
17
|
महाराष्ट्र
|
12174
|
10703
|
|
18
|
मणिपुर
|
8817
|
8209
|
|
19
|
मेघालय
|
693
|
403
|
|
20
|
मिजोरम
|
1707
|
1228
|
|
21
|
नगालैंड
|
380
|
92
|
|
22
|
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
|
836
|
259
|
|
23
|
ओडिशा
|
0
|
0
|
|
24
|
पुदुचेरी
|
2293
|
182
|
|
25
|
पंजाब
|
28091
|
19067
|
|
26
|
राजस्थान
|
21028
|
5679
|
|
27
|
सिक्किम
|
0
|
0
|
|
28
|
तमिलनाडु
|
31933
|
28857
|
|
29
|
तेलंगाना
|
117
|
0
|
|
30
|
त्रिपुरा
|
10
|
0
|
|
31
|
उत्तर प्रदेश
|
26345
|
9863
|
|
32
|
उत्तराखंड
|
1427
|
345
|
|
33
|
पश्चिम बंगाल
|
4835
|
2225
|
| |
कुल
|
2,71,631
|
1,48,022
|
5. जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए): जनजातीय कार्य मंत्रालय, जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (टीआरआईएफ़ईडी) के माध्यम से प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) योजना को कार्यान्वित करता है। इसका उद्देश्य देश भर में जनजातीय महिलाओं सहित आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) की स्थापना के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। ये केंद्र मुख्य रूप से जनजातीय स्वयं सहायता समूहों के समूह होते हैं, जिनका गठन लघु वन उत्पादों (एमएफपी) और गैर-एमएफपी उत्पादों के मूल्यवर्धन और विपणन के माध्यम से व्यापक लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक वीडीवीके में लगभग 15 वन धन स्वयं सहायता समूह होते हैं और इसमें अधिकतम 300 सदस्य होते हैं, जिनमें से अधिकांश जनजातीय महिलाएं होती हैं। कुल 4105 वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) को 12,27,231 सदस्यों के साथ 609.23 करोड़ रुपये की कुल राशि से स्वीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) पहल के तहत, कुल 539 वीडीवीके को 45,924 सदस्यों को जोड़ने के लिए कुल 2298.05 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
इसके अलावा, जनजातीय कार्य के मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) पात्र अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों को आय सृजन, स्वरोजगार और आजीविका गतिविधियों के लिए रियायती ऋण प्रदान करता है। यह ऋण सहायता सावधि ऋण योजना, आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना (एएमएसवाई), स्वयं सहायता समूहों के लिए सूक्ष्म ऋण योजना (एमसीएफ) और आदिवासी शिक्षा ऋण योजना (एएसआरवाई) जैसी योजनाओं के तहत दी जाती है। पिछले तीन वर्षों के दौरान एनएसटीएफडीसी योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, का ब्यौरा नीचे दिया गया है:
|
वित्त वर्ष
|
लाभार्थियों की कुल संख्या
|
महिला लाभार्थी
|
|
2022-23
|
72,992
|
54,461
|
|
2023-24
|
95,142
|
65,377
|
|
2024-25
|
88,758
|
58,679
|
6. वित्त मंत्रालय (एमओएफ़): वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफ़एस) ने सदस्य ऋणदाता संस्थानों (एमएलआईएस अर्थात् अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबीएस), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सीएस) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफ़आईएस) द्वारा 20 लाख रुपये तक का बिना गारंटी वाला ऋण प्रदान करने के लिए दिनांक 8 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) शुरू की। कोई भी व्यक्ति, जो अन्यथा ऋण लेने के लिए पात्र है और जिसके पास लघु व्यवसाय उद्यम के लिए एक व्यवसाय योजना है, वह इस योजना के तहत आय सृजन गतिविधियों के लिए विनिर्माण, व्यापार, सेवा क्षेत्रों सहित कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए चार ऋण श्रेणियों में ऋण प्राप्त कर सकता है, जैसे कि शिशु (50,000 रुपये तक के ऋण), किशोर (50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक के ऋण), तरुण (5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के ऋण) और तरुण प्लस (10 लाख रुपये से अधिक और 20 लाख रुपये तक के ऋण उन उद्यमियों के लिए जिन्होंने 24.10.2024 से 'तरुण' श्रेणी के तहत पिछले ऋण लिए हैं और सफलतापूर्वक चुकाए हैं।
स्टैंड-अप इंडिया योजना दिनांक 5 अप्रैल 2016 को शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक के ऋण की सुविधा प्रदान करना था, जिसमें प्रत्येक बैंक शाखा में कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र में नए उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण उपलब्ध कराया गया था, जिसमें कृषि से संबंधित गतिविधियां भी शामिल थीं। यह योजना मार्च 2025 तक वैध/संचालित थी। अक्टूबर 2025 तक, पीएमएमवाई के तहत कुल 55.38 करोड़ ऋण खाते, जिनकी कुल राशि 36.18 लाख करोड़ रुपये है, को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 37.06 करोड़ ऋण खाते, जिनकी कुल राशि 15.89 लाख करोड़ रुपये है, महिला उद्यमियों को दिए गए हैं। इसके अलावा, स्टैंड अप इंडिया योजना ने देशभर में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को 2.75 लाख से अधिक ऋण उपलब्ध कराए हैं, जिनमें 31.03.2025 तक महिला उद्यमियों को कुल 1,92,217 ऋण शामिल हैं, जिनकी राशि 43,884.41 करोड़ रुपये है।
पिछले तीन वर्षों के दौरान पीएमएमवाई और स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत लाभान्वित महिला उद्यमियों का राज्यवार ब्यौरा इस प्रकार है:
|
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई)
|
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वार/वर्ष-वार - महिला उद्यमी
|
|
(राशि करोड़ रुपये में)
|
| |
|
वित्त वर्ष 2022-23
|
वित्त वर्ष 2023-24
|
वित्त वर्ष 2024-25
|
वित्त वर्ष 2025-26 *
|
|
क्र॰सं.
|
राज्य / संघ राज्य क्षेत्र का नाम
|
ऋण खातों की संख्या
|
स्वीकृत राशि
|
ऋण खातों की संख्या
|
स्वीकृत राशि
|
ऋण खातों की संख्या
|
स्वीकृत राशि
|
ऋण खातों की संख्या
|
स्वीकृत राशि
|
|
1
|
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
|
562
|
13.35
|
571
|
13.29
|
521
|
15.87
|
240
|
9.41
|
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
6,89,779
|
4,495.76
|
7,50,822
|
6,369.27
|
6,74,262
|
6,042.98
|
3,34,432
|
3,669.86
|
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
7,712
|
48.04
|
11,026
|
87.65
|
15,453
|
135.90
|
9,632
|
102.92
|
|
4
|
असम
|
3,51,662
|
2,287.37
|
2,03,922
|
1,120.78
|
2,46,703
|
1,760.86
|
1,96,300
|
1,133.92
|
|
5
|
बिहार
|
65,32,391
|
31,210.94
|
64,94,879
|
33,029.29
|
51,39,409
|
30,668.51
|
19,41,996
|
12,595.43
|
|
6
|
चंडीगढ़
|
2,792
|
29.99
|
3,479
|
31.94
|
4,764
|
37.36
|
545
|
15.46
|
|
7
|
छत्तीसगढ़
|
8,11,878
|
3,803.05
|
6,80,785
|
3,642.90
|
6,56,331
|
3,781.31
|
2,56,727
|
1,603.18
|
|
8
|
दादरा और नगर हवेली
|
2,902
|
20.26
|
282
|
4.67
|
307
|
7.64
|
129
|
5.42
|
| |
दमन और दीव
|
214
|
3.28
|
210
|
2.45
|
322
|
7.72
|
130
|
3.17
|
|
9
|
दिल्ली
|
1,91,195
|
798.43
|
1,04,885
|
510.86
|
42,713
|
393.36
|
28,436
|
286.42
|
|
10
|
गोवा
|
24,131
|
207.04
|
18,886
|
184.92
|
11,461
|
130.56
|
4,673
|
67.19
|
|
11
|
गुजरात
|
11,41,667
|
5,914.31
|
10,53,086
|
5,667.44
|
7,43,200
|
4,706.13
|
3,71,485
|
2,834.15
|
|
12
|
हरियाणा
|
6,95,327
|
3,639.87
|
5,17,474
|
3,141.74
|
3,27,256
|
2,367.80
|
1,90,362
|
1,576.17
|
|
13
|
हिमाचल प्रदेश
|
41,759
|
378.24
|
36,693
|
382.47
|
26,310
|
372.73
|
13,212
|
190.06
|
|
14
|
झारखंड
|
16,21,485
|
6,578.33
|
15,39,551
|
6,860.85
|
11,60,664
|
6,487.41
|
4,81,758
|
3,206.86
|
|
15
|
कर्नाटक
|
38,86,919
|
18,026.60
|
46,00,828
|
23,503.62
|
34,39,457
|
22,314.12
|
10,15,232
|
7,702.80
|
|
16
|
केरल
|
11,23,464
|
6,660.29
|
13,17,404
|
7,931.22
|
13,96,499
|
8,615.39
|
4,93,227
|
3,528.27
|
|
17
|
लक्षद्वीप
|
456
|
3.35
|
481
|
5.34
|
476
|
6.18
|
255
|
3.89
|
|
18
|
मध्य प्रदेश
|
26,64,770
|
12,330.61
|
22,76,897
|
10,919.95
|
21,75,265
|
12,369.53
|
9,48,587
|
6,242.01
|
|
19
|
महाराष्ट्र
|
43,49,579
|
18,755.03
|
40,96,893
|
19,769.97
|
33,69,875
|
22,088.97
|
11,69,671
|
9,835.46
|
|
20
|
मणिपुर
|
27,882
|
204.25
|
5,274
|
64.46
|
4,743
|
100.10
|
3,540
|
83.67
|
|
21
|
मेघालय
|
12,721
|
106.25
|
11,893
|
106.34
|
9,794
|
111.17
|
5,257
|
65.95
|
|
22
|
मिजोरम
|
16,256
|
172.24
|
21,386
|
563.57
|
13,109
|
199.22
|
6,347
|
96.05
|
|
23
|
नगालैंड
|
7,915
|
98.06
|
7,559
|
105.52
|
12,335
|
141.76
|
6,372
|
91.36
|
|
24
|
ओडिशा
|
31,94,666
|
13,446.03
|
29,84,794
|
13,937.67
|
21,42,017
|
12,044.08
|
7,64,309
|
5,389.86
|
|
25
|
पांडिचेरी
|
57,541
|
326.60
|
87,011
|
556.11
|
51,449
|
377.93
|
20,496
|
215.86
|
|
26
|
पंजाब
|
7,33,555
|
3,762.76
|
4,75,957
|
2,885.51
|
2,72,225
|
2,211.80
|
1,72,646
|
1,456.27
|
|
27
|
राजस्थान
|
18,96,203
|
8,971.42
|
15,01,159
|
7,822.96
|
11,35,044
|
7,562.96
|
5,77,712
|
4,082.91
|
|
28
|
सिक्किम
|
7,634
|
91.78
|
7,363
|
74.55
|
6,084
|
72.03
|
3,183
|
37.53
|
|
29
|
तमिलनाडु
|
47,06,514
|
25,477.64
|
54,60,898
|
34,297.74
|
33,27,929
|
25,394.08
|
11,31,519
|
10,715.06
|
|
30
|
तेलंगाना
|
3,83,898
|
2,673.09
|
4,00,264
|
2,974.34
|
4,64,266
|
3,716.77
|
1,94,095
|
1,519.23
|
|
31
|
त्रिपुरा
|
2,50,570
|
1,516.92
|
1,13,784
|
531.64
|
1,11,334
|
574.27
|
48,909
|
280.38
|
|
32
|
उत्तर प्रदेश
|
43,54,563
|
19,768.15
|
45,15,469
|
21,475.75
|
30,88,006
|
16,992.72
|
14,57,061
|
9,644.79
|
|
33
|
उत्तराखंड
|
2,82,274
|
1,479.08
|
2,49,202
|
1,359.08
|
1,56,442
|
1,033.12
|
65,370
|
536.67
|
|
34
|
पश्चिम बंगाल
|
41,02,497
|
22,147.91
|
28,46,929
|
14,157.85
|
23,64,232
|
13,454.01
|
10,26,656
|
6,502.69
|
|
35
|
संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-े कश्मीर
|
78,600
|
1,446.45
|
91,351
|
1,734.40
|
99,508
|
1,869.63
|
46,318
|
912.49
|
|
36
|
संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख
|
2,880
|
61.40
|
2,934
|
58.96
|
3,364
|
68.04
|
1,385
|
30.41
|
| |
कुल
|
4,42,56,813
|
2,16,954.17
|
4,24,92,281
|
2,25,887.07
|
3,26,93,129
|
2,08,234.02
|
1,29,88,204
|
96,273.23
|
|
पिछले तीन वर्षों (01.04.2022 से 31.03.2025 तक) के दौरान स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत महिला उद्यमियों को दिए गए ऋणों का राज्यवार/वित्त वर्षवार ब्यौरा।
|
|
(राशि करोड़ रुपये में)
|
|
क्रमांक.
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
|
वित्त वर्ष 2022-23
|
वित्त वर्ष 2023-24
|
वित्त वर्ष 2024-25
|
|
खातों की संख्या
|
स्वीकृत राशि
|
खातों की संख्या
|
स्वीकृत राशि
|
खातों की संख्या
|
स्वीकृत राशि
|
|
1
|
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
|
53
|
12.68
|
41
|
7.92
|
34
|
5.78
|
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
1966
|
459.2
|
2120
|
396.43
|
1480
|
347.43
|
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
40
|
9.35
|
47
|
8.03
|
128
|
24.1
|
|
4
|
असम
|
337
|
79.94
|
335
|
76.54
|
433
|
116.41
|
|
5
|
बिहार
|
1360
|
263.23
|
1070
|
181.04
|
1588
|
382.36
|
|
6
|
चंडीगढ़
|
63
|
14.67
|
48
|
12.29
|
53
|
16.05
|
|
7
|
छत्तीसगढ
|
522
|
140.73
|
525
|
143.3
|
486
|
150.31
|
|
8
|
दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली
|
13
|
2.16
|
6
|
2.53
|
20
|
5.14
|
|
9
|
दिल्ली
|
409
|
108.62
|
561
|
151.52
|
702
|
185.99
|
|
10
|
गोवा
|
117
|
25.2
|
111
|
27.74
|
102
|
24.58
|
|
11
|
गुजरात
|
2308
|
592.51
|
2226
|
729.16
|
2379
|
770.43
|
|
12
|
हरियाणा
|
1125
|
212.07
|
965
|
216.88
|
1182
|
327.34
|
|
13
|
हिमाचल प्रदेश
|
454
|
135.15
|
329
|
91.99
|
380
|
100.69
|
|
14
|
जम्मू-कश्मीर
|
158
|
38.8
|
144
|
36.47
|
169
|
36.9
|
|
15
|
झारखंड
|
478
|
95.71
|
556
|
106.18
|
588
|
138.17
|
|
16
|
कर्नाटक
|
3407
|
696.86
|
1577
|
344.83
|
1705
|
380.28
|
|
17
|
केरल
|
2116
|
388.14
|
2462
|
443.03
|
1677
|
342.23
|
|
18
|
लद्दाख
|
16
|
2.81
|
20
|
4.31
|
17
|
2.9
|
|
19
|
लक्षद्वीप
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
|
20
|
मध्य प्रदेश
|
1512
|
438.01
|
1890
|
464.21
|
1684
|
441.99
|
|
21
|
महाराष्ट्र
|
4066
|
992.31
|
3093
|
737.53
|
3793
|
879.07
|
|
22
|
मणिपुर
|
66
|
14
|
17
|
5.01
|
59
|
13.73
|
|
23
|
मेघालय
|
38
|
10.59
|
71
|
14.33
|
48
|
10.93
|
|
24
|
मिजोरम
|
38
|
8.32
|
23
|
5.3
|
49
|
9.01
|
|
25
|
नगालैंड
|
62
|
12.14
|
44
|
11.6
|
43
|
10.26
|
|
26
|
ओडिशा
|
1038
|
284.17
|
707
|
222.95
|
1345
|
339.04
|
|
27
|
पुदुचेरी
|
55
|
16.85
|
62
|
13.33
|
98
|
20.17
|
|
28
|
पंजाब
|
1281
|
237.69
|
1207
|
295.09
|
1117
|
311.45
|
|
29
|
राजस्थान
|
1962
|
425.58
|
1719
|
384.17
|
2529
|
617.1
|
|
30
|
सिक्किम
|
42
|
7.44
|
35
|
6.23
|
41
|
5.7
|
|
31
|
तमिलनाडु
|
2984
|
644.3
|
2587
|
540.56
|
4160
|
822.59
|
|
32
|
तेलंगाना
|
925
|
241.92
|
1751
|
318.37
|
1934
|
415.91
|
|
33
|
त्रिपुरा
|
67
|
13.12
|
84
|
14.28
|
112
|
25.82
|
|
34
|
उत्तर प्रदेश
|
2540
|
533.13
|
3486
|
762.04
|
3549
|
803.23
|
|
35
|
उत्तराखंड
|
235
|
53.74
|
313
|
70.38
|
608
|
212.31
|
|
36
|
पश्चिम बंगाल
|
1413
|
266.79
|
1217
|
196.32
|
1734
|
357.77
|
|
कुल
|
33266
|
7477.92
|
31449
|
7041.88
|
36026
|
8653.17
|
7. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग - स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत, सरकार विभिन्न श्रेणियों और क्षेत्रों में स्टार्टअप उद्यमों को उनके व्यावसायिक चक्र के विभिन्न चरणों में सहायता प्रदान करने के लिए तीन प्रमुख योजनाओं, अर्थात् स्टार्टअप्स के लिए निधि कोष (एफ़एफ़एस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (एसआईएसएफ़एस) और स्टार्टअप्स के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसएस) को लागू कर रही है। महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को सहायता देने और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख उपायi इस प्रकार हैं
i. महिला -नेतृत्व वाले आवेदकों को स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफ़एफ़एस) और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) की प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत प्रोत्साहित किया जाता है।
ii. क्षमता निर्माण कार्यक्रम जैसे महिला क्षमता विकास कार्यक्रम (विंग), वर्चुअल इनक्यूबेशन प्रोग्राम, टेक्नोलॉजी में महिलाओं के लिए स्टार्टअप लर्निंग प्रोग्राम, महिला उद्यमियों को गति देने वाला कार्यक्रम महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप और महिला उद्यमियों को उनके स्टार्टअप कार्य में सहायता देते हैं।
iii. आउटरीच और जागरूकता उपायों में स्टार्टअप इंडिया हब पोर्टल पर एक समर्पित वेबपेज शामिल है जिसमें सरकारी उपायों का ब्यौरा दिया गया है, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए एक्सेलरेटिंग स्टार्टअप कैलिबर एंड एंटरप्रेन्योरियल ड्राइव (एएससीईएनडी) स्टार्टअप वर्कशॉप सीरीज़, सुपरस्ट्री पॉडकास्ट, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ महिलाओं के लिए स्टार्टअप वर्कशॉप और देश भर में महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप और उद्यमियों तक पहुंचने के लिए विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से सूचना का प्रसार किया गया है।
iv. महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप और उद्यमियों को उनकी प्रगति और उपलब्धियों के लिए भी पहचाना जाता है, जैसे कि भारत के माननीय राष्ट्रपति के साथ महिला उद्यमियों की बातचीत, राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए सहायता को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग प्रक्रिया में खास प्रावधान और राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार (एनएसए में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए विशेष श्रेणी।
v. उपर्युक्त उपायों के अलावा, अन्य मंत्रालयों और विभागों ने भी महिला उद्यमिता का समर्थन करने के लिए कार्यक्रम और पहलों को लागू किया है, जैसे महिला स्वयं सहायता समूहों (डब्ल्यूएसएचजी) के लिए डिजिटल मार्केटिंग और उद्यमिता विकास, आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना (एएमएसवाई), महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (डब्ल्यूईडीपी), महिलाओं के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसटीडब्ल्यू) कार्यक्रम, स्वावलंबिनी -महिला उद्यमिता कार्यक्रम, महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी), कौशल उन्नयन और महिला कॉयर योजना, आदि।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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पीके/केसी/एसकेएस/एमपी
(रिलीज़ आईडी: 2205522)
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