विधि एवं न्‍याय मंत्रालय
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केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधि आयोग में "मानवाधिकार- भारतीय परंपरा की निरंतरता" पर विशेष सत्र को संबोधित किया


अधिकारियों के साथ बातचीत और निबंध विजेताओं का अभिनंदन इस विशेष कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं हैं

प्रविष्टि तिथि: 12 DEC 2025 6:39PM by PIB Delhi

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भारत के विधि आयोग (एलसीआई) ने 12 दिसंबर की दोपहर को एक विशेष कार्यक्रम के साथ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया। इसमें विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम का मुख्य विषय था मानवाधिकार- भारतीय परंपरा कीजो मानव की गरिमा और उसके अधिकारों के प्रति भारत के सभ्यतागत दृष्टिकोण को दर्शाता है।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ वंदे मातरम के पाठ से हुआ, जिसके बाद विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिनेश महेशवरी ने स्वागत भाषण दिया। अपने भाषण में उन्होंने समकालीन मानवाधिकार विमर्श को आकार देने में भारत की सांस्कृतिक और कानूनी परंपराओं की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री मेघवाल ने महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे महान विचारकों और नेताओं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए भारत की सभ्यतागत यात्रा में मानवीय गरिमा और नैतिक आचरण के विचारों को जिस प्रकार प्रतिपादित किया गया है, उसका वर्णन किया। श्री मेघवाल ने डॉ. बी. आर. अंबेडकर को भारत में मानवाधिकारों का महारथी बताया।

विचार-विमर्श में इस बात पर और जोर दिया गया कि भारत में मानवाधिकार लंबे समय से देश की दार्शनिक और सांस्कृतिक परंपरा का अभिन्न अंग रहे हैं। सार्वभौमिक मानव गरिमा, वसुधैव कुटुंबकम, बंधुत्व और कर्तव्य जैसी अवधारणाओं का संविधान में निहित मूल्यों के साथ स्पष्ट संबंध पाया गया।

इस अवसर के उपलक्ष्य में, विधि आयोग ने 10 दिसंबर को अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए "रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं को सुनिश्चित करना: सभी के लिए सार्वजनिक सेवाएं और गरिमा" विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया था। श्री मेघवाल ने विजेताओं को सम्मानित किया और आयोग से जुड़े अधिकारियों, कानूनी सलाहकारों और प्रशिक्षुओं से प्राप्त विचारोत्तेजक निबंधों की सराहना की। उन्होंने आयोग के अधिकारियों के साथ संवाद भी किया।

कार्यक्रम का समापन विधि आयोग के सदस्य प्रो. डी. पी. वर्मा के धन्यवाद ज्ञापन और उसके बाद वंदे मातरम के पाठ के साथ हुआ। भारतीय विधि आयोग ने श्री मेघवाल की गरिमामय उपस्थिति और उनके संतुलित और दूरदर्शी दृष्टिकोण से चर्चा को संचालित करने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।

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पीके / केसी/ एके


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