इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत 40 पेटाफ्लॉप्स की कुल कंप्यूटिंग शक्ति वाले 37 सुपर कंप्यूटर तैनात किए गए


उन्नत अध्ययन की सुविधा के लिए युवा शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए सुपर कंप्यूटरों की "परम रुद्र" श्रृंखला उपलब्ध है

प्रविष्टि तिथि: 10 DEC 2025 3:12PM by PIB Delhi

माननीय प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। यह शोधकर्ताओं (शिक्षाविदों और स्टार्टअप) को अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करने के साथ-साथ भारत में महत्वपूर्ण उप-घटकों के निर्माण को सुनिश्चित करके सुनिश्चित किया जाता है।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) अप्रैल 2015 में 4,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था।

इसे संयुक्त रूप से इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय -एम आई टी वाई और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग -डीएसटी द्वारा सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग-सी-डैक पुणे और भारतीय विज्ञान संस्थान -आईआईएससी बेंगलुरु के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।

सुपर कंप्यूटरों की तैनाती और उपयोग

अब तक 40 पेटाफ्लॉप्स की कुल कंप्यूटिंग शक्ति वाले 37 सुपर कंप्यूटर एनएसएम के अंतर्गत तैनात किए गए हैं। पिछले पांच वर्षों में ही 34 सुपर कंप्यूटर तैनात किए गए हैं। तैनात किए गए सुपर कंप्यूटरों की राज्य और वर्ष-वार सूची अनुबंध-I में संलग्न है।

इसके अलावा 680 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 6 नए सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम की तैनाती का कार्य प्रगति पर है।

ये प्रणालियां आईआईएससी, आईआईटी, सी-डैक, अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं जैसे प्रमुख संस्थानों और देश भर के कई टियर- II और टियर- III शहरों में भी स्थापित की गई हैं।

परम रुद्र

सुपर कंप्यूटरों की "परम रुद्र" श्रृंखला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग "रुद्र" सर्वर के साथ-साथ स्वदेशी रूप से विकसित सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक का उपयोग करके बनाई गई है।

ये सुपर कंप्यूटर युवा शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान में उन्नत अध्ययन की सुविधा के लिए उपलब्ध हैं।

सिस्टम का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश 81% से अधिक क्षमता पर चल रहे हैं और कुछ 95% से अधिक हैं। इन सुपर कंप्यूटरों ने 13,000 से अधिक शोधकर्ताओं का समर्थन किया है। इसमें 260 से अधिक शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के 1,700 से अधिक पीएचडी विद्वान शामिल हैं।

एक करोड़ से अधिक कंप्यूट कार्य पूरे हो चुके हैं और इसके परिणामस्वरूप प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में 1,500 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं।

स्टार्टअप और एमएसएमई भी अपनी एचपीसी-आधारित परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए इन प्रणालियों का उपयोग कर रहे हैं।

ये सुपर कंप्यूटर दवा की खोज, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु मॉडलिंग, खगोल विज्ञान, कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान, द्रव गतिशीलता, सामग्री अनुसंधान, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और कई अन्य अनुसंधान क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान कर रहे हैं।

स्वदेशी विकास और तकनीकी उपलब्धियां

एनएसएम के अंतर्गत सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के केंद्रित लक्ष्य के साथ एक संपूर्ण इकोसिस्टम स्थापित किया गया है। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ, महत्वपूर्ण सुपरकंप्यूटिंग उप-घटकों का डिजाइन, विकास और निर्माण शामिल है, जो इस प्रकार है:

1. रुद्र सर्वर बोर्ड, एक प्रमुख सुपरकंप्यूटिंग घटक, को सी-डैक द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। रुद्र सर्वर की तकनीक को विनिर्माण के लिए तीन भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा (ईएमएस) भागीदारों को हस्तांतरित कर दिया गया है और इस तरह के सर्वर पहले से ही भारत में निर्मित किए जा रहे हैं।

2. कंप्यूटिंग नोड्स के बीच डेटा ट्रांसफर और संचार को बढ़ाने के लिए कंप्यूटर नोड्स के बीच हाई-स्पीड इंटर कम्युनिकेशन नेटवर्क को 40 जीबीपीएस और 100 जीबीपीएस की गति के साथ विकसित और परीक्षण किया गया है। इससे भारत की सुपरकंप्यूटिंग क्षमताओं को मजबूत किया जा सके।

3. इसके अलावा, कूलिंग तकनीक को स्वदेशी रूप से विकसित, प्रदर्शित किया गया है और यह तैनाती के चरण में है।

4. पूर्ण एचपीसी सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक भी विकसित किया गया है और इसे सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है।

5. इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों, शोधकर्ताओं की एचपीसी और एआई गणना की आवश्यकता को पूरा करने के लिए देश में एक सुपरकंप्यूटिंग-इन-द-बॉक्स परम सेवक को डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है।

6. राष्ट्रीय महत्व के एचपीसी अनुप्रयोगों को विभिन्न डोमेन में विकसित और तैनात किया गया है, जैसे जीनोमिक्स और ड्रग डिस्कवरी के लिए एनएसएम प्लेटफॉर्म, बाढ़ पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन, शहरी पर्यावरण और मौसम मॉडलिंग, तेल और गैस के लिए भूकंपीय डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम, सामग्री विज्ञान के साथ-साथ अंतिम उपयोगकर्ताओं यानी भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), आयुष मंत्रालय।

7. स्वदेशी क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए, एचपीसी प्रोसेसर, एक्सेलेरेटर और स्टोरेज का डिजाइन और विकास शुरू किया गया है।

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अनुलग्नक-I

गणना क्षमता के साथ एनएसएम के अंतर्गत तैनात सुपर कंप्यूटरों का विवरण

क्रम संख्या

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

संस्था

सुपर कंप्यूटर

गणना क्षमता

साल

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक, पुणे

संगम टेस्टबेड

150 टीएफ

2017

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक, पुणे

परम श्रेष्ठ

100 टीएफ

2018

  1.  

उत्तर प्रदेश

आईआईटी(बीएचयू), वाराणसी

परम शिवाय

838 टीएफ

2019

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक पुणे राष्ट्रीय एआई सुविधा

परम सिद्धि

6.5 पीएफ/210 एआई पीएफ

2020

  1.  

कर्नाटक

जेएनसीएएसआर, बैंगलोर

परम युक्ति

1.8 पीएफ

2020

  1.  

महाराष्ट्र

आईआईएसईआर पुणे

परम ब्रह्मा

1.7 पीएफ

2020

  1.  

पश्चिम बंगाल

आईआईटी खड़गपुर

परम शक्ति

1.66 पीएफ

2020

  1.  

उत्तर प्रदेश

आईआईटी कानपुर

परम संगणक

1.66 पीएफ

2020

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक पुणे

परम एम्ब्रियो

100 टीएफ

2020

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक पुणे

परम नील

100 टीएफ

2020

  1.  

तमिलनाडु

सेट्स चेन्नई

परम स्फूर्ति

100 टीएफ

2020

  1.  

कर्नाटक

सी-डैक बैंगलोर

सिस्टम सॉफ्टवेयर लैब

82 टीएफ

2020

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक पुणे

परम संपूरन

27 टीएफ

2020

  1.  

तेलंगाना

आईआईटी हैदराबाद

परम सेवा

838 टीएफ

2021

  1.  

पंजाब

एनएबीआई मोहाली

परम स्मृति

838 टीएफ

2021

  1.  

कर्नाटक

सी-डैक बैंगलोर एमएसएमई सुविधा

परम उत्कर्ष

838 टीएफ

2021

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक पुणे

जैव सूचना विज्ञान अनुसंधान एवं विकास सुविधा

230 टीएफ

2021

  1.  

कर्नाटक

आईआईएससी बैंगलोर

परम प्रवेगा

3.3 पीएफ

2022

  1.  

उत्तराखंड

आईआईटी रुड़की

परम गंगा

1.66 पीएफ

2022

  1.  

गुजरात

आईआईटी गांधीनगर

परम अनंत

838 टीएफ

2022

  1.  

तमिलनाडु

एनआईटी त्रिची

परम पोरुल

838 टीएफ

2022

  1.  

असम

आईआईटी गुवाहाटी

परम कामरूपा

838 टीएफ

2022

  1.  

हिमाचल प्रदेश

आईआईटी मंडी

परम हिमालय

838 टीएफ

2022

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक पुणे

परम विद्या

52.3 टीएफ

2022

  1.  

पश्चिम बंगाल

आईआईटी खड़गपुर

परम विद्या

52.3 टीएफ

2022

  1.  

केरल

आईआईटी पलक्कड़

परम विद्या

52.3 टीएफ

2022

  1.  

तमिलनाडु

आईआईटी मद्रास

परम विद्या

52.3 टीएफ

2022

  1.  

गोवा

आईआईटी गोवा

परम विद्या

52.3 टीएफ

2022

  1.  

महाराष्ट्र

सी-डैक पुणे

परम रुद्र पायलट सुविधा

1 पीएफ

2023

  1.  

दिल्ली

आईयूएसी दिल्ली

परम रुद्र

3 पीएफ

2024

  1.  

दिल्ली

एनआईसी दिल्ली

परम प्रणाली

50 एआई पीएफ/1.3 पीएफ

2024

  1.  

महाराष्ट्र

जीएमआरटी-एनसीआरए पुणे

परम रुद्र

1 पीएफ

2024

  1.  

पश्चिम बंगाल

एस.एन. बोस सेंटर कोलकाता

परम रुद्र

833 टीएफ

2024

  1.  

दिल्ली

सी-डैक, दिल्ली

परम रुद्र

200 टीएफ

2024

  1.  

महाराष्ट्र

आईआईटी बॉम्बे

परम रुद्र

3 पीएफ

2025

  1.  

तमिलनाडु

आईआईटी मद्रास

परम रुद्र

3 पीएफ

2025

  1.  

बिहार

आईआईटी पटना

परम रुद्र

833 टीएफ

2025

कुल

40 पीएफ

 

 

यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने 10.12.2025 को लोकसभा में प्रस्तुत की।

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पीके/ केसी/ एसके/डीए


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