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औषधि विभाग
दवाओं की गुणवत्ता एवं मूल्य निर्धारण
प्रविष्टि तिथि:
09 DEC 2025 5:23PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण नीति, 2012 (एनपीपीपी, 2012) दवाओं के मूल्यों के विनियमन के लिए सिद्धांत निर्धारित करती है। एनपीपीपी, 2012 के अंतर्गत मूल्य विनियमन के प्रमुख सिद्धांतों में, अन्य बातों के साथ-साथ, लागत-आधारित मूल्य निर्धारण के स्थान पर बाज़ार-आधारित मूल्य निर्धारण के माध्यम से औषधि संरूपणों के मूल्यों का विनियमन शामिल है। यह नीति वर्तमान औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 (“डीपीसीओ, 2013”) के माध्यम से लागू होती है, जिसके तहत मूल्य निर्धारण व्यक्तिगत निर्माता के लागत डेटा के स्थान पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध व्यापक जानकारी के आधार पर किया जाता है।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) उन दवाओं के अधिकतम मूल्य तय करता है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में शामिल हैं और डीपीसीओ, 2013 की अनुसूची-I में सम्मिलित हैं। अनुसूचित दवाओं के सभी निर्माताओं, विपणकों और आयातकों के लिए अपने उत्पादों को इसी अधिकतम मूल्य (साथ में लागू स्थानीय कर जोड़ कर) के भीतर बेचना अनिवार्य है।
एनपीपीए नए दवाओं के खुदरा मूल्य भी तय करता है जैसा कि औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) 2013 में परिभाषित है, अर्थात्, एनएलईएम में अनुसूचित किसी दवा के मौजूदा निर्माता द्वारा उसे किसी अन्य दवा के साथ संयोजित करके, या ऐसी दवा की शक्ति या खुराक या दोनों को बदलकर लॉन्च किए गए संरूपण। आवेदक निर्माता नई दवा को एनपीपीए द्वारा तय किए गए मूल्य से अधिक में नहीं बेच सकता।
इसके अलावा, गैर-अनुसूचित संरूपणों के मामले में, निर्माताओं को ऐसे संरूपणों को पिछले 12 महीनों की अवधि के दौरान रहे इनके अधिकतम खुदरा मूल्यों (एमआरपी) में 10% से अधिक की वृद्धि करने की अनुमति नहीं है। इसके अतिरिक्त, एनपीपीए ने सार्वजनिक हित में असाधारण परिस्थितियों में दवाओं के मूल्यों को नियंत्रित करने के उपाय भी किए हैं।
सामान्य जनता के लिए दवाओं की उचित कीमत सुनिश्चित करने हेतु एनपीपीए द्वारा डीपीसीओ, 2013 के तहत मूल्य नियंत्रण/नियमन में लायी गई दवाओं का विवरण नीचे दिया गया है:
- 1.12.2025 को 935 अनुसूचित संरूपणों के लिए अधिकतम मूल्य तय हैं। एनएलईएम, 2022 के तहत मूल्यों के पुनर्निर्धारण के कारण औसत मूल्य में लगभग 17% की कमी हुई, जिससे जनता के लिए कुल वार्षिक बचत लगभग ₹3,802 करोड़ की रही।
- डीपीसीओ, 2013 के तहत 1.12.2025 तक 3,600 से अधिक नई दवाओं के खुदरा मूल्य अधिसूचित किए गए हैं।
- 2014 में, एनपीपीए ने मधुमेह और हृदय रोग उपचार की 106 गैर-अनुसूचित दवाओं के MRP को अधिकतम सीमा में रखा, जिससे रोगियों को अनुमानित लगभग ₹350 करोड़ की वार्षिक बचत हुई।
- 42 चयनित गैर-अनुसूचित कैंसर विरोधी दवाओं के संरूपणों के व्यापार मार्जिन को व्यापार मार्जिन तर्कसंगत बनाने के दृष्टिकोण के तहत सीमित किया गया, जिसमें लगभग 500 ब्रांडों की दवाओं के मूल्य में औसतन लगभग 50% की कमी की गई, जिससे रोगियों को अनुमानित लगभग ₹984 करोड़ की वार्षिक बचत हुई।
- फरवरी 2017 में, कोरोनरी स्टेंट्स के अधिकतम मूल्य तय कर दिए गए, जिससे रोगियों को अनुमानित लगभग ₹11,600 करोड़ की वार्षिक बचत हुई।
- अगस्त 2017 में, ऑर्थोपेडिक घुटने के इम्प्लांट्स के अधिकतम मूल्य तय कर दिए गए, जिससे रोगियों को अनुमानित लगभग ₹1,500 करोड़ की वार्षिक बचत हुई।
- जून/जुलाई 2021 में, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग मशीन, नेबुलाइज़र, डिजिटल थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर के व्यापार मार्जिन भी सीमित किए गए, जिससे उपभोक्ताओं को अनुमानित लगभग ₹1,000 करोड़ की वार्षिक बचत हुई।
एनपीपीए द्वारा निर्धारित या संशोधित किए गए मूल्यों का विवरण एनपीपीए की वेबसाइट ([www.nppa.gov.in](http://www.nppa.gov.in)) पर उपलब्ध है। ये और अन्य उठाए गए कदम मिलकर लगभग ₹25,000 करोड़ की वार्षिक बचत सुनिश्चित करने में मदद करते हैं और भारत में दवाओं की कीमतें सामान्यतः विश्व में सबसे कम हैं।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने किफायती दरों पर आम आदमी की पहुँच आवश्यक दवाओं तक बढ़ाने के अन्य उपाय भी किए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना योजना शुरू की है, जिसके तहत 17,000 से अधिक जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिनकी दरें सामान्यतः ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 80% तक कम होती हैं।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत, द्वितीयक या तृतीयक देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती हेतु, प्रति परिवार को प्रति वर्ष ₹5 लाख (दवाओं सहित) का स्वास्थ्य आश्वासन/बीमा कवर प्रदान किया जाता है। 42 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को पीएमजेएवाई कार्ड जारी किए गए हैं।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मुफ्त दवा सेवा पहल के तहत, भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस) के तहत अनुशंसित आवश्यक दवाओं की सूची को देश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) से लेकर जिला अस्पतालों तक सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराया जाता है।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की अमृत (अफ़ोर्डेबल मेडिसिन्स एंड रिलायबल इम्प्लान्ट्स फ़ॉर ट्रीटमेंट - AMRIT) पहल के तहत, कैंसर, हृदय रोग और अन्य बीमारियों के उपचार के लिए किफायती दवाएं, इम्प्लांट्स, सर्जिकल डिस्पोजेबल और अन्य उपभोग्य सामग्रियां आदि, कई अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में स्थापित अमृत फ़ार्मेसी स्टोर्स के माध्यम से बाजार दरों पर औसतन 50% तक की छूट पर उपलब्ध कराई जाती हैं।
- राष्ट्रीय आरोग्य निधि और स्वास्थ्य मंत्री के विवेकाधीन अनुदान के तहत, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के गरीब रोगियों को, जो कैंसर सहित अन्य बड़ी जीवन-घाती बीमारियों से पीड़ित हैं, वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
अत्यधिक मूल्य निर्धारण की रोकथाम और उसके तंत्र के संबंध में सूचित किया जाता है कि डीपीसीओ, 2013 प्रत्येक संरूपण के निर्माता के लिए यह अनिवार्य करता है कि वे उस संरूपण के कंटेनर के लेबल पर अधिकतम खुदरा मूल्य मुद्रित करें। इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति किसी भी उपभोक्ता को कोई भी संरूपण उस मूल्य से अधिक में नहीं बेच सकता, जो वर्तमान मूल्य सूची में निर्दिष्ट हो या कंटेनर अथवा पैक पर (जो भी कम हो) बताया गया हो। इसके अतिरिक्त, एनपीपीए अनुसूचित और गैर-अनुसूचित दोनों संरूपणों के मूल्यों की सतत् निगरानी करता है और डीपीसीओ, 2013 के प्रावधानों के अनुसार उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करता है, जो उपभोक्ताओं से अधिक शुल्क लेने के मामले में संलिप्त पाई जाती हैं। इसके तहत जिन शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है, उनमें किसी भी स्रोत से प्राप्त संदर्भों के आधार पर, जिसमें राज्यों में स्थापित मूल्य निगरानी और संसाधन इकाइयां, राज्य औषधि नियंत्रक, खुले बाजार से खरीदे गए नमूने, मार्केट डेटाबेस से रिपोर्ट और विभिन्न शिकायत निवारण चैनलों के माध्यम से दर्ज शिकायतें शामिल हैं।
गुणवत्ता आश्वासन के संबंध में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, पूरे देश में उत्पादित दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:
- देश में दवा निर्माण स्थलों के नियामक अनुपालन का आकलन करने के लिए, केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य दवा नियंत्रकों (एसडीसी) के साथ मिलकर दिसंबर 2022 से 960 से अधिक स्थलों का जोखिम-आधारित निरीक्षण किया और निष्कर्षों के आधार पर, राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों द्वारा औषध नियम, 1945 के प्रावधानों के अनुसार 860 से अधिक कार्रवाईयां, जैसे कि कारण बताओ नोटिस जारी करना, उत्पादन बंद करने का आदेश देना, निलंबन, लाइसेंस/उत्पाद-लाइसेंस रद्द करना, चेतावनी पत्र सौंपना, आदि की गई हैं।
- औषध नियम, 1945 को 2023 में संशोधित किया गया है, जिसके तहत उक्त नियमों की अनुसूची एच2 में सूचीबद्ध शीर्ष-300 दवा संरूपण ब्रांडों के निर्माताओं के लिए प्राथमिक पैकेजिंग लेबल पर या जहां स्थान अपर्याप्त हो वहां द्वितीयक लेबल पर बारकोड या क्यूआर कोड मुद्रित या संलग्न करना अनिवार्य है, जिससे प्रमाणीकरण के लिए सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से पढ़े जा सकने वाले डेटा को संग्रहित किया जा सके। इसी प्रकार, उक्त नियमों को इस प्रकार भी संशोधित किया गया है कि प्रत्येक सक्रिय फार्मास्यूटिकल अवयव (बल्क ड्रग), चाहे निर्मित हो या आयातित, प्रत्येक पैकेजिंग स्तर पर क्यूआर कोड धारण करेगा, जो डेटा सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से पढ़ने योग्य होगा जिससे ट्रैकिंग और ट्रेसिंग को सुगम बनाया जा सके।
- गुणवत्ता निगरानी के भाग के रूप में, सीडीएससीओ अपनी वेबसाइट पर गुणवत्ता जांच में असफल दवा नमूनों का विवरण मासिक दवा अलर्ट के रूप में अपलोड करता है। सीडीएससीओ के तहत दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) में नहीं पाए गए नमूनों के लिए, निर्माताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे तत्काल उत्पाद को वापस लें और आगे का वितरण रोक दें। जांच निष्कर्षों के आधार पर, संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकरण औषध एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम, 1940 और इसके तहत बनाए गए नियमों के तहत कार्रवाई करता है, जिसमें उत्पादन/परीक्षण आदेश रोकना, लाइसेंस निलंबित या रद्द करना, चेतावनी पत्र और कारण बताओ नोटिस शामिल हैं।
- औषध नियम, 1945 की अनुसूची एम को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की 28.12.2023 की अधिसूचना के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मानकों {विश्व स्वास्थ्य संगठन के} के अनुरूप संशोधित किया गया है, और यह 29.6.2024 से ₹250 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले दवा निर्माताओं पर लागू हो गया है। हालांकि, ₹250 करोड़ तक के टर्नओवर वाले निर्माताओं के लिए, 11.2.2025 की अधिसूचना के माध्यम से इसे लागू करने की समय सीमा 31.12.2025 तक बढ़ा दी गई है।
- फरवरी 2024 में, सीडीएससीओ ने केंद्रीय और राज्य दवा निरीक्षकों के लिए दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों के नमूनाकरण हेतु नियामक दिशानिर्देश प्रकाशित किए। ये दिशानिर्देश एक-समान दवा नमूनाकरण पद्धति के माध्यम से बाजार में उपलब्ध उत्पादों की गुणवत्ता और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
- सितंबर 2023 से सीडीएससीओ की दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं को एकीकृत करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल, सुगम (SUGAM) शुरु किया गया है। यह चिकित्सा उत्पादों (दवाएं, टीके, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरण) के परीक्षण के पूरे कार्यप्रवाह को स्वचालित करता है, जिससे गुणवत्ता विशिष्टताओं को पूरा किया जा सके और प्रयोगशालाओं में परीक्षण की स्थिति का पता लगाया जा सके।
- औषध नियम, 1945 में संशोधन किया गया है, जिससे यह अनिवार्य किया जा सके कि यदि कोई आवेदक दवा को किसी ब्रांड नाम या ट्रेड नाम के तहत बाजार में उतारने का इरादा रखता है, तो ऐसे आवेदक को लाइसेंसिंग प्राधिकरण को निर्धारित फॉर्म में एक घोषणा करनी होगी कि देश में किसी भी दवा के संबंध में ऐसा या समान ब्रांड नाम या ट्रेड नाम पहले से मौजूद नहीं है और प्रस्तावित ब्रांड नाम या ट्रेड नाम से बाजार में कोई भ्रम या धोखा उत्पन्न नहीं होगा।
- औषध एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 को लागू करने में एकरूपता बनाए रखने के लिए, केंद्रीय दवा नियंत्रक, राज्य दवा नियंत्रण संगठनों की गतिविधियों का समन्वय करता है और राज्य दवा नियंत्रकों के साथ आयोजित ड्रग्स कंसल्टेटिव कमिटी की बैठकों के माध्यम से विशेषज्ञ सलाह प्रदान करता है।
- केंद्रीय सरकार सीडीएससीओ और राज्य दवा नियामक प्राधिकरणों के अधिकारियों के लिए अच्छी निर्माण पद्धतियों पर नियमित आधार पर आवासीय और क्षेत्रीय प्रशिक्षण तथा कार्यशालाएं आयोजित करती है। अप्रैल 2023 से, सीडीएससीओ ने 43,000 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया है।
यह जानकारी आज राज्यसभा में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल द्वारा लिखित उत्तर में दी गई।
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(रिलीज़ आईडी: 2201310)
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