महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
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सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 के तहत, पोषण वितरण सहायता प्रणाली को मजबूत करने और उसमें पारदर्शिता लाने के लिए आईटी प्रणाली का लाभ उठाया गया


पोषण ट्रैकर, निश्चित संकेतकों पर एडब्‍ल्‍यूसी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों की निगरानी और ट्रैकिंग की सुविधा देता है

प्रविष्टि तिथि: 05 DEC 2025 3:57PM by PIB Delhi

सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 के तहत, आंगनवाड़ी सेंटर्स (एडब्‍ल्‍यूसी) में पोषण वितरण सहायता प्रणाली को मज़बूत करने और उसमें पारदर्शिता लाने के लिए आईटी प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है। मिशन के तहत एक ज़रूरी गवर्नेंस टूल के तौर पर 1 मार्च 2021 को ‘पोषण ट्रैकर’ एप्लीकेशन शुरू किया गया था।

पोषण ट्रैकर सभी एडब्‍ल्‍यूसी, आंगनवाड़ी वर्कर्स (एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यू) और लाभार्थियों को निश्चित संकेतकों पर निगरानी और ट्रैकिंग की सुविधा देता है। बच्चों में स्टंटिंग, वेस्टिंग, कम वज़न की पहचान के लिए पोषण ट्रैकर के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसने आंगनवाड़ी सेवाओं के लिए लगभग वास्तविक समय पर डेटा संग्रह की सुविधा प्रदान की है, जैसे, आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का खुलना और बंद होना, बच्चों की दैनिक उपस्थिति, बच्चों के विकास की निगरानी, ​​प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) गतिविधियाँ, गर्म पका हुआ भोजन (एचसीएम) / टेक होम राशन (टीएचआर-कच्चा राशन नहीं), विकास माप आदि की डिलीवरी। ऐप महत्‍वपूर्ण कार्यों और सेवाओं पर परामर्श वीडियो भी प्रदान करता है जो जन्म की तैयारी, बच्चे के जन्म, प्रसव के बाद की देखभाल, स्तनपान और पूरक आहार पर संदेशों का प्रसार करने में मदद करते हैं। पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन के उपयोग के बारे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए नियमित रूप से क्षेत्र स्तरीय प्रशिक्षण / कार्यशालाएं सीधे आयोजित की जाती हैं। पोषण ट्रैकर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए स्व-शिक्षण वीडियो भी हैं, जो डिजिटल मॉड्यूल के माध्यम से निरंतर क्षमता निर्माण और कार्य के दौरान सीखने में सक्षम बनाते हैं।

इसके अलावा, अंतिम व्‍यक्ति तक सेवा पहुंचाने की निगरानी के लिए, महिला और बाल विकास मंत्रालय (एमडब्‍ल्‍यूसीडी) ने टेक-होम राशन बांटने के लिए पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में चेहरे के जरिये पहचान प्रणाली (एफआरएस) बनाई है, ताकि यह पक्का हो सके कि फायदा सिर्फ पोषण ट्रैकर में रजिस्टर्ड लाभार्थी को ही मिले।

मिशन के तहत, एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यू को राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों द्वारा डेटा एंट्री और पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन के इस्तेमाल के लिए कॉस्ट शेयरिंग बेसिस पर खरीदे गए स्मार्टफोन दिए गए हैं। सभी एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यू, सुपरवाइजर और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को हर एडब्‍ल्‍यूसी के लिए 2000 रुपये सालाना की दर से इंटरनेट कनेक्टिविटी चार्ज दिया जाता है।

ब्लॉक और डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यू को पोषण ट्रैकर के असरदार इस्तेमाल और टेक्निकल दिक्कतों को ठीक करने के लिए ऑन-ग्राउंड मदद देते हैं। इसके अलावा, राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को फिजिकल रजिस्टर का इस्तेमाल बंद करने की भी सलाह दी गई है।

पोषण ट्रैकर में प्राइवेसी से जुड़े कई डेटा प्रोटेक्शन सेफगार्ड मौजूद हैं। कुछ डेटा प्रोटेक्शन सेफगार्ड नीचे दिए गए हैं:

पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन का इस्तेमाल आम तौर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करते हैं, और यह आम लोगों या किसी भी बिना इजाज़त वाले व्यक्ति के लिए खुला नहीं है। गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए एक्सेस रोल-बेस्ड, लॉग और मॉनिटर किया जाता है।

  • इसके अलावा, एप्लिकेशन का इंटरनल डेटाबेस एन्क्रिप्टेड होता है, जिससे ऐप के माहौल के बाहर सेंसिटिव जानकारी तक पहुंच नहीं होती।
  • बेनिफिशियरी का जो डेटा इकट्ठा किया जाता है, वह सभी मौजूदा डेटा प्रोटेक्शन प्रोटोकॉल के तहत आता है, जिसमें मकसद की लिमिट, इन्फॉर्म्ड कंसेंट और पहुंच पर रोक लगाना ज़रूरी है।
  • चेहरे के सत्‍यापन से जुड़े सभी अनुरोध और जवाब ट्रांज़िट के दौरान एन्क्रिप्ट किए जाते हैं, जिससे डेटा इंटरसेप्शन या छेड़छाड़ से सुरक्षित रहता है।
  • उपकरण पर कोई भी छवि या डेटा स्‍थायी रुप से स्टोर नहीं होता है। सावधानी के तौर पर, जब एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यू एप्लिकेशन से लॉग आउट करती है, तो सभी अस्‍थायी फाइलें और डेटा अपने आप हट जाता है।
  • निजी डेटा तक सार्वजनिक पहुंच नहीं होती है; यह सिर्फ़ सत्‍यापन के लिए अधिकृत लोगों के लिए ही उपलब्ध होता है।
  • चेहरे की छवि को ऐप के अंदर एन्कोडेड फ़ॉर्मेट में हैंडल किया जाता है ताकि सुरक्षित प्रोसेसिंग और ट्रांसमिशन पक्का हो सके।
  • मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 एक केन्‍द्र प्रायोजित मिशन है, जहाँ अलग-अलग एक्टिविटीज़ को लागू करने की ज़िम्मेदारी राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की है। यह मिशन एक यूनिवर्सल सेल्फ-सिलेक्टिंग अम्ब्रेला स्कीम है जहाँ किसी भी लाभार्थी के लिए रजिस्टर करने और सर्विस पाने में कोई रुकावट नहीं है।

मंत्रालय ने सावित्री बाई फुले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ विमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट के ज़रिए अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स को पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन और डैशबोर्ड इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी है। पोषण भी पढ़ाई भी (पीबीपीबी) पहल के तहत, मंत्रालय राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में सभी अधिकारियों और फील्ड में काम करने वालों को ट्रेनिंग के एक कैस्केडिंग मॉडल के ज़रिए ट्रेनिंग दे रही है, जिसमें मास्टर ट्रेनर्स (यानी, डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर्स, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर्स और सुपरवाइज़र्स) को ट्रेनिंग दी जाती है और मास्टर ट्रेनर्स फील्ड में सभी आंगनवाड़ी वर्कर्स को आगे ट्रेनिंग देते हैं। 30 नवम्‍बर 2025 तक, देश भर में 8,95,814 एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यू को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

शिकायत सुलझाने का सिस्टम पोषण 2.0 का एक ज़रूरी हिस्सा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी शिकायतें पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन और डैशबोर्ड पर भी भेज सकते हैं। इसके अलावा, एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यू की शिकायतें दर्ज करने के लिए नवम्‍बर 2022 से पोषण हेल्पलाइन (1515) शुरू की गई है। हेल्पलाइन के ज़रिए, कोई भी कार्यकर्ता एप्लीकेशन से जुड़ी अपनी दिक्कतें बता सकती है। हेल्पलाइन 17 भाषाओं में उपलब्ध है।

यह जानकारी महिला और बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने आज लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी।

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पीके/केसी/केपी/एसएस  


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