सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
पीएम-अजय के अंतर्गत प्रगति
प्रविष्टि तिथि:
03 DEC 2025 7:11PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम अजय) एक 100% केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे 2021-22 से कार्यान्वित किया जा रहा है। यह योजना तीन पूर्ववर्ती योजनाओं अर्थात (i) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम, (ii) अनुसूचित जाति समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान हेतु जिला/राज्य स्तरीय परियोजनाओं के लिए अनुसूचित जाति उपयोजना हेतु विशेष केंद्रीय सहायता(एससीए टू एससीएसपी) और (iii) बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना (बीजेआरसीवाई)- के विलय के बाद शुरू की गई है। अब विलय की गई ये तीनों योजनाएँ प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम अजय) नामक एक समग्र योजना के घटक के रूप में कार्य करती हैं।
2021-22 में शुरुआत से लेकर अब तक, कुल 12,964 गांवों को आदर्श ग्राम घोषित किया गया है और इन गांवों के विकास कार्यों के लिए इस घटक के अंतर्गत 1651.84 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। 2021-22 से अनुदान-सहायता घटक के अंतर्गत अनुसूचित जाति के 2,48,570 लाभार्थियों के लिए 1461.13 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। छात्रावास घटक के अंतर्गत , 2021-22 से अब तक 90 नए छात्रावास मंजूर किए गए हैं, जिससे अनुसूचित जाति के 10,649 छात्रों को फायदा हुआ है और 175.66 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान, योजना के उपरोक्त तीन घटकों के अंतर्गत 892.59 करोड़ रुपये की प्राथमिक स्वीकृति जारी की गई है।
पीएम अजय के अंतर्गत व्यक्तियों के लिए आवास और बुनियादी ढाँचे का कोई प्रावधान नहीं है। हालाँकि, सामुदायिक विकास कार्य किए जा रहे हैं।पिछले दो वर्षों में अनुसूचित जाति बहुल गाँवों में आवश्यक बुनियादी ढाँचे से संबंधित विभिन्न विकास कार्य जैसे:आंतरिक संपर्क सड़क, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन संरचना, सोक पिट, स्ट्रीट लाइट आदि किए गए हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप 7,162 गाँवों को आदर्श ग्राम घोषित किया गया। अनुदान-सहायता घटक के अंतर्गत कौशल विकास और आय सृजन परियोजनाओं सहित 11,484 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इसके अलावा, अनुसूचित जाति छात्रों के लिए बेहतर भर्ती, प्रतिधारण और शैक्षिक परिणामों के लिए 64 छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं।
पीएम अजय ने योजना के ज़रिए सामुदायिक स्तर पर सशक्तिकरण को मज़बूती प्रदान की है, क्योंकि ग्राम विकास योजना तैयार करने की प्रकिया में गाँव स्तरीय समन्वय समिति (वीएलसीसी) को गांव में विकास से संबंधित प्रमुख खामियों का आकलन करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, पीएम अजय के अंतर्गत - (i) अनुसूचित जाति -बहुल गांवों में ज़रूरी अवसंरचना के विकास से शिक्षा, रोज़गार, सफ़ाई, आवागमन और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच बेहतर हुई है; (ii) कौशल विकास और आमदनी बढ़ाने वाली परियोजनाओं से अनुसूचित जाति परिवारों में नौकरी पाने की संभावना बढ़ी है और गरीबी कम हुई है; और (iii) आवासीय छात्रावासों के प्रावधानों से खासकर आकाँक्षी जिलों और अनुसूचित जाति -बहुल प्रखंडों में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए भर्ती, प्रतिधारण और शैक्षिक परिणामों में सुधार हुआ है। पीएम अजय के अंतर्गत समन्वय -आधारित दृष्टिकोण और ग्राम-स्तरीय योजना ने कई तरह की कल्याणकारी योजनाओं तक बेहतर पहुंच सुगम बनाई है और अनुसूचित जाति समुदायों के सामाजिक-आर्थिक समावेशन को बढ़ावा दिया है।
यह जानकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/आरके/डीके
(रिलीज़ आईडी: 2198473)
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