कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
उपग्रह-आधारित फसल सर्वेक्षण आंकड़ा एकीकरण
प्रविष्टि तिथि:
02 DEC 2025 5:39PM by PIB Delhi
फसल (एफएएसएएल) कार्यक्रम के अंतर्गत, महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एमएनसीएफसी) देश की 11 प्रमुख फसलों (धान, गेहूं, जूट, कपास, गन्ना, सोयाबीन, अरहर, चना, सरसों, मसूर और रबी ज्वार) के लिए उपग्रह आधारित फसल-पूर्व फसल उत्पादन अनुमान तैयार करता है। फसल मानचित्रण के लिए मल्टीस्पेक्ट्रल और माइक्रोवेव उपग्रह डेटा का उपयोग किया जाता है और मौसम डेटा के साथ उपग्रह-आधारित सूचकांकों का उपयोग मौसम-आधारित और रिमोट सेंसिंग मॉडल के माध्यम से फसल उपज के अनुमान के लिए किया जाता है।
फसल (एफएएसएएल) के कवरेज में 20 राज्य/557 जिले शामिल हैं। राज्यवार जिलों की संख्या आंध्र प्रदेश 26; असम 33; बिहार-38; छत्तीसगढ़ -33; गुजरात-29; हरियाणा-22; हिमाचल प्रदेश-7; झारखंड-24; कर्नाटक 22; केरल 02; मध्य प्रदेश-52; महाराष्ट्र 29; ओडिशा 30; पंजाब 22; राजस्थान 32; तमिलनाडु 21: तेलंगाना 32; उत्तर प्रदेश 75: उत्तराखंड 7; पश्चिम बंगाल-21 2।
पीएमएफबीवाई योजना के अंतर्गत स्थान आधारित इनपुट का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) की योजना बनाना, वाईईएसटेक (प्रौद्योगिकी का उपयोग कर उपज अनुमान प्रणाली) के अंतर्गत धान, गेहूं और सोयाबीन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर उपज अनुमान लगाना तथा उपज और क्षेत्र विसंगतियों के मुद्दों का समाधान करना शामिल है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, एमएनसीएफसी के साथ मिलकर, सेमी-फिजिकल मॉडल पर आधारित परिचालन फसल उपज अनुमान तैयार करने के लिए इसरो के साथ मिल कर काम कर रहा है। इसरो केंद्र मूल्यांकन हेतु नई फसलों को शामिल करने के लिए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में भी सहायता प्रदान करते हैं।
राज्य कृषि विभाग, फसल (एफएएसएएल) कार्यक्रम के अंतर्गत फसल मानचित्रण के उद्देश्य से मॉडल विकसित करने के लिए आवश्यक ग्राउंड डाटा के संग्रह हेतु सहायता प्रदान कर रहे हैं।
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी।
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पीके/केसी/डीवी
(रिलीज़ आईडी: 2198463)
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