पंचायती राज मंत्रालय
ओडिशा में पंचायती राज योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति
प्रविष्टि तिथि:
03 DEC 2025 3:55PM by PIB Delhi
ओडिशा में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के लिए अनुदानों का आवंटन, केन्द्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार लगातार बढ़ रहा है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है:
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केन्द्रीय वित्त आयोग
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आवंटित अनुदान
(करोड़ रुपये में)
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XIII वित्त आयोग
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2898.22
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XIV वित्त आयोग
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8850.00
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XV वित्त आयोग
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11058.00
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वर्ष
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जारी धनराशि
(करोड़ रुपये में)
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2022-23
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11.40
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2023-24
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27.33
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2024-25
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20.00
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यहां यह बताना ज़रूरी है कि अनुदान का अंतिम वितरण इस बात पर निर्भर करता है कि राज्य, वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्य धनराशि का वितरण किस प्रकार करता है। इसके अलावा, पंचायती राज योजना यानी नए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की केन्द्र प्रायोजित योजना तहत धनराशि के प्रवाह, राज्य द्वारा वार्षिक कार्य योजना को समय पर अंतिम रुप देने, राज्य के मैचिंग शेयर जारी करने, उपयोग संबंधी प्रमाणपत्र जमा करने और खर्च की कुल रफ़्तार जैसे कारकों पर निर्भर करता है। पिछले तीन वर्षों में आरजीएसए योजना के तहत ओडिशा को केन्द्रीय हिस्से की जो धनराशि जारी की गई है, वह इस तरह है:
ओडिशा राज्य आरजीएसए योजना के तहत पीआरआई के चुने हुए प्रतिनिधियों और उनके अधिकारियों के लिए केन्द्र सरकार से मदद पाने वाले क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है। 2022-23 से राज्य में पीआरआई के चुने हुए कुल 6,62,345 प्रतिनिधियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। ये कार्यक्रम स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायती राज (एसआईआरडीएंडपीआर), नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायती राज (एनआईआरडीएंडपीआर), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (आईआईएम) जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों और डिस्ट्रिक्ट पंचायत रिसोर्स सेंटर (डीपीआरसी) जैसे दूसरे संगठनों के ज़रिए चलाए जाते हैं। इन प्रशिक्षण का मकसद योजना बनाना, कार्यान्वयन, संसाधन जुटाना और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में शासन की काबिलियत और लीडरशिप कौशल को मज़बूत करना है। इसके अलावा, पीआरआई सदस्यों और अधिकारियों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंग समानता, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिम सुरक्षा और सुशासन जैसे क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने वाली विषय अधारित कार्यशाला भी आयोजित की गई हैं।
इसके अलावा, आरजीएसए की क्षमता निर्माण योजना को सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों पर लागू मंजूर दिशा-निर्देशों के हिसाब से लागू किया जाता है और किसी भी राज्य को योजना की गाइडलाइंस से ज़्यादा कोई लचीलापन नहीं दिया जाता है।
यह जानकारी केन्द्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने 03 दिसम्बर 2025 को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी।
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पीके/केसी/केपी/ डीके
(रिलीज़ आईडी: 2198386)
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