जल शक्ति मंत्रालय
यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाने में शिथिलता
प्रविष्टि तिथि:
01 DEC 2025 7:13PM by PIB Delhi
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा दी गई सूचना के अनुसार पिछले 3 वित्त वर्षों में यमुना नदी को स्वच्छ रखने में लगभग 5536 करोड़ रूपए व्यय किया गया है।
यमुना नदी पल्ला गाँव से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रवेश करती है और दिल्ली में नदी के जल की गुणवत्ता की निगरानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के माध्यम से किया जा रहा है। इस स्थान पर जल की उपलब्धता और जलग्रहण क्षेत्र से प्राप्त होने वाले निर्वहन के अनुसार जल की गुणवत्ता पूरे वर्ष बदलती रहती है। सीपीसीबीके अनुसार, जनवरी से जुलाई 2025 की अवधि में, इस बिंदु पर जैव-रासायनिक ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और घुलित ऑक्सीजन (डीओ) का औसत मूल्य क्रमशः 4 मिलीग्राम प्रति लीटर और 6 मिलीग्राम प्रति लीटर होने की सूचना मिली। हालाँकि, डीपीसीसी द्वारा एनएमसीजी को प्रस्तुत की गई मासिक प्रगति रिपोर्ट में दी गई जल गुणवत्ता निगरानी रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में पल्ला में की गई निगरानी के दौरान बीओडी का स्तर 2.5मिलीग्राम प्रति लीटरऔर डीओ 9.5मिलीग्राम प्रति लीटरथा जो कि एक स्वच्छ नदी की बीओडी <3 मिलीग्राम प्रति लीटर एवं डीओ >5 मिलीग्राम प्रति लीटर की सीमा के भीतर है।
दिल्ली में यमुना नदी में प्रदूषण के मुख्य कारण हैं:
- यमुना नदी में अनुपचारित/आंशिक रूप से उपचारित सीवेज का निर्वहन। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, अगस्त 2025 में उपचार में 414 एमएलडी का अंतर है।
- कुछ स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्रों में सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी) का अभाव;
- नई परियोजनाओं के पूर्ण होने और सीवेज उपचार परियोजनाओं के पुनर्वास और/या उन्नयन में विलम्ब।
- इसके अलावा, डीपीसीसी ने एनएमसीजी को सौंपी गई अपनी मासिक प्रगति रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली में ठोस अपशिष्ट उत्पादन 11862 टीपीडी है और 7641 टीपीडी की उपचार हेतु सुविधा मौजूद है, जिससे ठोस अपशिष्ट उपचार में 4221 टीपीडी का अंतर रह जाता है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान कर यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए राज्यों के प्रयासों को संपूरित कर रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत, यमुना नदी के पुनरुद्धार हेतु, एनएमसीजी ने 2,243 एमएलडी एसटीपी क्षमता के निर्माण हेतु 6,534 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कुल 35 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से 21 परियोजनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं।
यह सूचना केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी द्वारा राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।
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एन. डी.
(रिलीज़ आईडी: 2197807)
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