खान मंत्रालय
खान मंत्रालय को आईआईटीएफ 2025 में उत्कृष्टता के लिए रजत पुरस्कार मिला
एक लाख से अधिक आगंतुकों को आकर्षित किया, भारत की खनिज संपदा, नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया
Posted On:
27 NOV 2025 7:18PM by PIB Delhi
आईआईटीएफ 2025 में केंद्रीय मंत्रालयों एवं सरकारी विभागों के पैवेलियन श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए खान मंत्रालय के पैवेलियन को रजत पदक (द्वितीय पुरस्कार) से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार आईआईटीएफ के अधिकारियों द्वारा खान मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती फरीदा एम. नाइक और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रदान किया गया। आईआईटीएफ 2025 की थीम "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के अनुरूप, इस मंडप ने एक लाख से अधिक आगंतुकों को आकर्षित किया और भारत की खनिज संपदा, तकनीकी नवाचार, सामुदायिक सशक्तिकरण और स्थिरता पहलों का एक व्यापक प्रदर्शन प्रस्तुत किया, जो 2047 में विकसित भारत की ओर देश की यात्रा को दर्शाता है ।

मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) ने भारत की औद्योगिक और रणनीतिक क्षमताओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। नाल्को ने एल्युमीनियम उत्पादन में अपनी अग्रणी भूमिका और स्वच्छ ऊर्जा, परिवहन एवं रणनीतिक क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों का प्रदर्शन किया। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) ने तांबे के उत्पादों का प्रदर्शन किया, बिजली, निर्माण, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स में तांबे के महत्व पर प्रकाश डाला, साथ ही राम मंदिर में अपने सांस्कृतिक योगदान पर ज़ोर दिया, पत्थरों को जोड़ने और मंदिर की संरचना को मज़बूत करने के लिए लगभग 70,000 शुद्ध तांबे की पट्टियाँ और ब्लॉक की आपूर्ति की। एमईसीएल ने भारत के खनिज संसाधनों की खोज और मानचित्रण के लिए आवश्यक उन्नत अन्वेषण तकनीकों, कोर नमूनों और उपकरणों को प्रस्तुत किया।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने डायनासोर और पौधों के जीवाश्म, अंडों के नमूने, किम्बरलाइट के नमूने, अपतटीय समुद्री पिंड, चूना मिट्टी, निर्माण रेत, आश्चर्यजनक जियोड, नीलम क्रिस्टल, और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण खनिजों के एक व्यापक संग्रह वाली एक व्यापक भूवैज्ञानिक गैलरी से आगंतुकों का मन मोह लिया। इस प्रदर्शनी ने आगंतुकों को भारत की प्राकृतिक विरासत और इसकी रणनीतिक खनिज क्षमता का नज़दीक से अवलोकन कराया।
जेएनएआरडीडीसी ने रचनात्मक ई-वेस्ट मॉडलों—जिनमें ई-वेस्ट से बनी गुड़िया, हाथी और धातु के कबाड़ से निर्मित ग्लोब शामिल थे- के माध्यम से स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) का प्रदर्शन किया। इसकी आरवीएम और प्लास्टिक बोतल क्रशर मशीनों ने 400 किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्र किया, जिससे आगंतुकों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा मिला। एनआईआरएम ने चट्टान परीक्षण क्षमताओं का प्रदर्शन किया और राम मंदिर की मूर्ति और संरचनात्मक घटकों में प्रयुक्त संगमरमर को प्रमाणित करने में अपनी भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे राष्ट्रीय धरोहर और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में वैज्ञानिक सत्यापन के महत्व का प्रदर्शन हुआ।
पवेलियन का मुख्य आकर्षण सामुदायिक सशक्तिकरण था। विभिन्न राज्यों के जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) समर्थित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने बांस शिल्प, हस्तनिर्मित वस्तुओं और क्षेत्रीय विशिष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया। उनकी सामूहिक बिक्री ₹20 लाख से अधिक रही, जो खनन प्रभावित क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण, ग्रामीण उद्यमिता और स्थायी आजीविका को दर्शाती है।
निजी क्षेत्र के नेताओं ने पवेलियन के प्रभाव को और बढ़ाया। दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक और दुनिया के शीर्ष पांच चांदी उत्पादकों में से एक हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) ने एक इंटरैक्टिव, भविष्य के लिए तैयार स्टॉल के माध्यम से भारत की महत्वपूर्ण खनिज क्षमताओं को मजबूत करने में अपनी भूमिका का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी ने एचजेडएल के एक बहु-धातु कंपनी के रूप में विकास को उजागर किया, जो वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के केंद्र में है। इसमें आरएफआईडी-सक्षम अनुभव शामिल थे, जिन्होंने टंग्स्टन, पोटाश, हैलाइट, कैडमियम, जर्मेनियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे क्रिटिकल मिनरल्स के महत्व को दर्शाया- विशेषकर रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में। ये सभी तत्व भारत को विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विज़िटर्स ने सिल्वर, एसएचजी ज़िंक, और एशिया के पहले लो-कार्बन ग्रीन ज़िंक, इकोज़ेन जैसे अलग-अलग प्रोडक्ट्स के साथ ओर के सैंपल देखे, साथ ही एचजेडएल के वर्ल्ड-क्लास माइनिंग और स्मेल्टिंग ऑपरेशन्स के इमर्सिव एआर/वीआर टूर भी किए। एक विशेष सामाजिक प्रभाव अनुभाग में स्थानीय समुदायों द्वारा बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें एचजेडएल की सखी दीदियों और दाइची उपाय के हस्तनिर्मित सामान शामिल थे। यह ग्रामीण उद्यमिता, महिला-नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्यमों और टिकाऊ आजीविका का सुंदर प्रतिबिंब प्रस्तुत करता है।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने चंद्रयान-3, वंदे भारत ट्रेन, एयरोस्पेस और उन्नत इंजीनियरिंग परियोजनाओं में प्रयुक्त एल्यूमीनियम का प्रदर्शन करके तकनीकी गहराई को और बढ़ाया, जिससे हल्के वजन, परिशुद्धता और अगली पीढ़ी के विनिर्माण में भारत की बढ़ती क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
खान मंत्रालय के पैवेलियन ने प्रौद्योगिकी, नवाचार, स्थिरता, सांस्कृतिक विरासत और सामुदायिक सहभागिता को सफलतापूर्वक एक साथ लाकर आईआईटीएफ 2025 में सार्वजनिक संपर्क और क्षेत्रीय प्रदर्शन के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया। अपनी व्यापक प्रदर्शनी, इंटरैक्टिव अनुभवों और सहभागी पहलों के माध्यम से, इस पैवेलियन ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को साकार किया। साथ ही इसने यह भी प्रदर्शित किया कि किस प्रकार भारत का खनन इकोसिस्टम- सीपीएसई, शोध संस्थान, निजी क्षेत्र के सहयोग और सशक्त समुदायों के माध्यम से- देश को आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार भारत की ओर अग्रसर कर रहा है।
पीके/केसी/जीके
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