विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर और सीएसआईआर-एनपीएल ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ 2025) के लिए पूर्वावलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया
प्रविष्टि तिथि:
25 NOV 2025 9:22PM by PIB Delhi
भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025 के पूर्वावलोकन कार्यक्रम आज वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर), के विवेकानंद हॉल, पूसा परिसर, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल) ने संयुक्त रूप से किया। इस कार्यक्रम के दौरान दोनों संस्थानों ने जनजातीय गौरव दिवस भी मनाया।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक डॉ. गीता वाणी रायसम ने आईआईएसएफ 2025 के विजन पर प्रकाश डाला और उपस्थित लोगों को इसके प्रमुख विषयगत आयोजनों की जानकारी दी। उन्होंने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025 के विभिन्न आयोजनों, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मीडिया कॉन्क्लेव और विज्ञानिका - विज्ञान साहित्य महोत्सव के महत्व पर प्रकाश डाला।
सीएसआईआर-एनपीएल के कार्यवाहक निदेशक डॉ. संजय आर. धकाते ने आईआईएसएफ के 11वें संस्करण के बारे में बताया और राष्ट्रीय विकास में विज्ञान की भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के निर्धारित भारत के समय मानक के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के प्रशासन नियंत्रक, श्री आरकेएस रौशन ने जनजातीय गौरव दिवस के महत्व पर उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने इस दिवस को मनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और प्राचीन काल से आदिवासी समुदायों द्वारा अपनाए गए वैज्ञानिक ज्ञान और विधियों का उल्लेख किया।
इस कार्यक्रम में आमंत्रित विशेषज्ञ नई दिल्ली राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र के शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश त्रिपाठी, ने विज्ञान के सार और दैनिक जी.वन में उसकी प्रासंगिकता पर व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्रों को प्रयोगों के माध्यम से वैज्ञानिक सिद्धांतों, युक्तियों और भ्रमों के बीच के अंतर को समझाया।
इस कार्यक्रम में पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह और जिज्ञासा से भाग लिया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मीडिया कॉन्क्लेव के समन्वयक डॉ. मनीष मोहन गोरे ने आईआईएसएफ के 11वें संस्करण की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मीडिया कॉन्क्लेव के उद्देश्यों का परिचय दिया और विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका पर चर्चा की, जिसमें नए विज्ञान पत्रकारिता रुझानों से संबंधित सत्र और ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियानों में एआई उपकरणों की तैनाती शामिल थी।
विज्ञानिका के समन्वयक डॉ. परमानंद बर्मन ने विज्ञान संचार में एनआईएससीपीआर के योगदान और सभी के लिए विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आईआईएसएफ 2025 के एक प्रमुख घटक, विज्ञान साहित्य महोत्सव-विज्ञानिका का अवलोकन प्रस्तुत किया।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के वैज्ञानिक एवं सलाहकार, डॉ. जगवीर सिंह ने विज्ञान के व्यापक क्षेत्र जिसमें पृथ्वी विज्ञान भी शामिल है पर प्रकाश डाला। उन्होंने दैनिक जीवन में विज्ञान की भूमिका, आईआईएसएफ के राष्ट्रीय प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान प्रतियोगिताओं में भारत की उपलब्धियों का उल्लेख किया।
अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र (आईयूएसी) के निदेशक प्रोफेसर अविनाश चंद्र पांडे ने आईआईएसएफ, भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं और गगनयान तथा समुद्रयान जैसे प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सीएसआईआर-एनपीएल के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमित मिश्रा ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के आयोजकों, वक्ताओं और प्रतिभागियों के योगदान के लिए उनका धन्यवाद किया और देश भर में वैज्ञानिक सोच को मजबूत करने में आईआईएसएफ 2025 के महत्व की पुष्टि की।


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(रिलीज़ आईडी: 2194633)
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