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हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अभियान
Posted On:
25 NOV 2025 12:16PM by PIB Delhi
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प्रमुख बिंदु
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- सबसे बड़ा संविधान जन जागरण अभियान: 'हमारा संविधान हमारा सम्मान' अभियान ने भारत के संविधान के 75 वर्ष पूरा होने के मौके पर देश भर में 13,700 से ज़्यादा कार्यक्रमों के ज़रिए एक करोड़ से ज़्यादा नागरिकों को संगठित किया और अभूतपूर्व जनभागीदारी प्रदर्शित की।
- ज़मीनी स्तर से डिजिटल कनेक्टिविटी: देश में 2.5 लाख से ज़्यादा ग्राम पंचायतों, आकांक्षी ज़िलों और दूरदराज के समुदायों तक पहुंच बनाई, साथ ही MyGov शपथ, प्रश्नोत्तरी और रचनात्मक प्रतियोगिताओं के ज़रिए लाखों लोगों को जोड़ा।
- जागरूकता से गौरव तक: इस पहल में कानूनी साक्षरता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नागरिक-नेतृत्व वाली पहलों को शामिल किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संवैधानिक मूल्यों को न केवल समझा जाए,बल्कि उनका पूरी तरह आनंद लिया जाए।
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दिशा
2021 में पूरे भारत के लिए "न्याय तक समग्र पहुंच के लिए अभिनव समाधान तैयार करना" (दिशा) नामक एक अखिल भारतीय योजना पांच वर्षों (2021-2026) की अवधि के लिए शुरू की गई थी। दिशा योजना का उद्देश्य टेली-लॉ, न्याय बंधु (निशुल्क कानूनी सेवाएं) और कानूनी साक्षरता एवं कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से आसान, सुलभ, सस्ती और नागरिक-केंद्रित कानून संबंधी सेवाएं मुहैया कराना है।
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भारत हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाता है जब 1949 में इसी दिन भारत के संविधान को स्वीकार किया गया था। संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और हर साल भारत इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है। पचहत्तर वर्षों से, इसने न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का मार्गदर्शन करने के सिद्धांतों को कायम रखा है।
न्याय विभाग ने भारत के गणतंत्र के रूप में 75वें वर्ष और भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में,आम जनता के लिए संविधान को सरल बनाने के लिए 'हमारा संविधान हमारा सम्मान' नामक पूरे भारत में वर्ष भर चलने वाला राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया।
उपराष्ट्रपति द्वारा 24 जनवरी,2024 को नई दिल्ली स्थित डॉ. बी.आर. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में शुरू किया गया यह अभियान एक समारोह से आगे बढ़कर एक राष्ट्रव्यापी नागरिक अभियान बन गया। सरकार की दिशा योजना से जुड़ा यह अभियान संवैधानिक साक्षरता को व्यावहारिक कानूनी सहायता के साथ जोड़ता है। नागरिक पंच प्राण प्रतिज्ञा ले सकते हैं,कानूनी साक्षरता कार्यशालाओं में शामिल हो सकते हैं और कानूनी सहायता के लिए सही समय पर टेली-लॉ और न्याय बंधु सेवाओं का उपयोग कर के संवैधानिक आदर्शों का जीवन में उपयोग कर सकते हैं।
संवैधानिक आदर्शों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से एक साल तक चले अभियान के बाद, "हमारा संविधान - हमारा सम्मान" 24 जनवरी, 2025 को अपने अगले अध्याय: "हमारा संविधान - हमारा स्वाभिमान" में परिवर्तित हो गया। यह विकसित अभियान 2024-2025 के दौरान उत्पन्न गति को और आगे बढ़ाते हुए, संवैधानिक मूल्यों और कानूनी साक्षरता के साथ जनता की भागीदारी को मजबूत बना रहा है।
"स्वाभिमान" का उद्देश्य नागरिकों में गौरव और गहरी संवैधानिक चेतना का संचार करना है। यह प्रगति कानूनी साक्षरता लाने और नागरिकों को न केवल अपने अधिकारों को जानने, बल्कि उन पर गर्व करने के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
अभियान के उद्देश्यों में शामिल हैं:
- जन चेतना में भारत के संविधान के लिए एक विजुअल मार्कर बनाना।
- भारत के संविधान के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- संविधान को तैयार करने के लिए किए गए अथक परिश्रम को जनता के सामने लाना।
- भारत के लोगों में संविधान के प्रति गर्व की भावना पैदा करना।
पूरे भारत में आयोजित 13,700 से अधिक कार्यक्रमों और 1 करोड़ से अधिक नागरिकों की कुल भागीदारी के साथ, यह पहल नागरिकों में कानूनी साक्षरता और गर्व की भावना पैदा कर रही है।

यह पहल केवल एक समारोह से कहीं अधिक, 2047 तक विकसित भारत के विचार को आकार देने में प्रत्येक भारतीय के सक्रिय योगदान के लिए एक उत्प्रेरक बन गई है।
यह राष्ट्रव्यापी अभियान तीन प्रमुख उप-अभियानों के माध्यम से साकार हुआ:
- सबको न्याय - हर घर न्याय: किसी की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि पर ध्यान दिये बगैर सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना।
- नव भारत नव संकल्प: नवीन विचारों और नये संकल्प से प्रेरित होकर एक नए भारत का संकल्प।
- विधि जागृति अभियान: जमीनी स्तर की पहलों और शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से कानूनी साक्षरता और जागरूकता को बढ़ावा देना।

इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि न्याय जमीनी स्तर पर और सभी के लिए सुलभ हो। यह भारत के नागरिकों के लिए उपलब्ध कानूनी तंत्रों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है, चाहे वे न्यायालय, कानूनी सहायता सेवाएं या सुधार हों जिनका उद्देश्य भारत भर में कानूनी संस्थानों तक उनकी पहुंच को आसान करना है।
विभाग की विभिन्न पहलों के बारे में जागरूकता लाने और प्रत्येक नागरिक में कर्तव्य की भावना जगाने के लिए, सबको न्याय, हर घर न्याय ने नागरिकों में जागरूकता पैदा करने हेतु तीन नयी पहलकदमियां शुरू की हैं:
सबको न्याय: पंच प्राण प्रतिज्ञा
पंच प्राण प्रतिज्ञा निम्नलिखित का प्रतीक है:
- एक विकासोन्मुख देश
- दासता की मानसिकता का उन्मूलन
- अपनी परंपराओं पर गर्व
- एकता और अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता
- सभी नागरिकों में कर्तव्य बोध जगाना

नागरिक MyGov पोर्टल पर जाकर और शपथ को पढ़कर प्रतिज्ञा ले सकते हैं और ई-सर्टिफिकेट बना सकते हैं।
जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को प्रेरित करने के लिए, क्यूआर कोड प्रदर्शित किए गए जो उन्हें MyGov प्लेटफ़ॉर्म अभियान पेज पर ले गए। ये कोड सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुपों पर भी साझा किए गए। 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) ने लोगों से इस आंदोलन को ग्रामीण स्तर तक फैलाने के लिए शपथ लेने का आग्रह किया।
न्याय सेवा मेला: राज्य स्तरीय विधिक सेवा मेला
न्याय सेवा मेला एक राज्य स्तरीय कार्यशाला/मेला है और 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाता है। कार्यशाला में विधि विद्यालयों के डीएलएसए/एसएलएसए/ विधि सहायता क्लीनिकों ने भाग लिया,जिससे न्याय विभाग की राज्य योजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा को बढ़ावा मिला।
मेले में संबंधित राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में लाभार्थियों की आवाज़ के चौथे संस्करण को जारी किया गया। इसके अलावा टेली-लॉ राज्य प्रोफ़ाइल पुस्तिका भी जारी की गयी और क्षेत्रीय पदाधिकारियों का अभिनंदन किया गया। प्रत्येक राज्य में एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिससे स्थानीय लोगों तक पहुंच बनी और टेली-लॉ सेवा तथा 'हमारा संविधान, हमारा सम्मान' अभियान के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया गया।
मेले के बाद सोशल मीडिया और समाचार चैनलों के साथ साथ प्रिंट और डिजिटल मीडिया दोनों पर व्यापक प्रचार किया गया और यह पूरे भारत में 84,65,651 से अधिक नागरिकों तक पहुँचा।
मेले में संबंधित राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में लाभार्थियों की आवाज़ के चौथे संस्करण का विमोचन, टेली-लॉ राज्य प्रोफ़ाइल पुस्तिका और क्षेत्रीय पदाधिकारियों का अभिनंदन किया गया। प्रत्येक राज्य में एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिससे स्थानीय लोगों तक पहुँच बनाई गई और टेली-लॉ सेवा तथा 'हमारा संविधान, हमारा सम्मान' अभियान के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया गया।
मेले के बाद सोशल मीडिया और समाचार चैनलों, जिनमें प्रिंट और डिजिटल मीडिया दोनों शामिल थे, पर व्यापक प्रचार किया गया और यह पूरे भारत में 84,65,651 से अधिक नागरिकों तक पहुँचा।
न्याय सहायक: समुदाय आधारित कानूनी संदेशवाहक
न्याय सहायक कानूनी संदेशवाहक होते हैं जो स्थानीय ब्लॉकों और जिलों में न्याय विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली कानूनी सेवाओं और समाधानों के बारे में घर-घर जाकर जागरूकता फैलाते हैं।
न्याय सहायकों को लक्ष्य की पूर्ति के लिए रेफरल उद्देश्यों हेतु अलग-अलग पहचान पत्र दिए गए थे।
लाभार्थियों को कानून के बारे में शिक्षित करने के अलावा, न्याय सहायकों ने 14,598 से अधिक मामले दर्ज किए। न्याय सहायकों के सराहनीय कार्य के साथ-साथ, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के निर्देशन में गांव या ब्लॉक स्तर पर कानून के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए "विधि बैठक" सत्र आयोजित किए गए।

विभिन्न स्थानों पर मासिक रूप से आयोजित होने वाली पांच बैठकों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत समिति/ग्राम सभा, विद्यालय प्रबंधन समितियां, स्वयं सहायता समूह और बच्चे/पर्यवेक्षक उन विभिन्न क्षेत्रों के समूहों में शामिल थे जिन्होंने भाग लिया।
नव भारत नव संकल्प अभियान, MyGov प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से नागरिकों, विशेषकर युवाओं के बीच पंच प्राण और संविधान के सिद्धांतों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू की गई एक पहल है। इस अभियान में चार संवादात्मक गतिविधियाँ शामिल हैं:

विधि जागृति अभियान का उद्देश्य लोगों को, विशेष रूप से ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों में, उनके कानूनी अधिकारों और उन्हें प्राप्त करने के साधनों के बारे में शिक्षित करना है। यह अभियान नागरिकों को कानून के तहत प्राप्त विभिन्न अधिकारों, जिनमें सामाजिक कल्याण लाभ, सकारात्मक कार्रवाई नीतियां और हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए कानूनी सुरक्षा शामिल है, के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने का प्रयास करता है।
इस उप-अभियान में तीन परिवर्तनकारी पहलकदमियां निहित हैं:

ग्राम विधि चेतना: छात्रों ने कई गांवों में कानूनी जागरूकता गतिविधियां आयोजित कीं और जमीनी स्तर पर नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की। इस पहल से 10,000 से ज़्यादा लाभार्थियों तक पहुँच बनी।

वंचित वर्ग सम्मान अभियान: इस पहल के माध्यम से, विभाग ने इग्नू और दूरदर्शन के साथ मिलकर हाशिए पर पड़े विभिन्न समूहों के अधिकारों पर ऑनलाइन कार्यशालाएं/वेबिनार आयोजित की गई।
वंचित वर्ग सम्मान अभियान के अंतर्गत, निम्नलिखित 7 विषयों पर चर्चा की गई:
- अधिकारों का सम्मान (बच्चे,दिव्यांग महिलाएं,अनुसूचित जाति,ट्रांसजेंडर और वरिष्ठ नागरिक)।
- देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चे
- महिला का अपमान
- विकलांग व्यक्तियों का सामाजिक समावेशन
- अनुसूचित जातियों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं
- ट्रांसजेंडर के लिए समावेशी सामाजिक कल्याण योजना
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए कानूनी सहायता और जागरूकता
नारी भागीदारी: इस पहल के तहत, व्यापक जागरूकता के लिए लिंग-आधारित मुद्दों पर ऑनलाइन कार्यशालाएं/वेबिनार आयोजित किए गए,जिससे समाज के विभिन्न वर्गों में कानून संबंधी जानकारी बढ़ी और नागरिकों को जानकारी देकर समर्थ बनाया गया।
नेशनल लॉ स्कूल, बेंगलुरु, विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज,नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली जैसी कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा महिलाओं के विरुद्ध हिंसा से संबंधित विभिन्न विषयों पर ग्राम स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उल्लेखनीय कार्यक्रम और उपलब्धियाँ
24 जनवरी, 2024 को अभियान के शुभारंभ के बाद, अभियान की विकेन्द्रीकृत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए चार क्षेत्रीय कार्यक्रम आयोजित किए गए।
बीकानेर (राजस्थान) – 9 मार्च 2024
9 मार्च 2024 को, विधि एवं न्याय मंत्रालय ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान में "हमारा संविधान - हमारा सम्मान" अभियान का पहला क्षेत्रीय कार्यक्रम आयोजित किया।

इस कार्यक्रम में भारत के 500 आकांक्षी ब्लॉकों के लिए "न्याय सहायक" पहल सहित जमीनी स्तर पर कानूनी सेवाओं का नेतृत्व करने वाले नवाचारों को औपचारिक रूप से जारी किया गया। इस कार्यक्रम में टेली-लॉ कार्यक्रम के विस्तार और पहुँच को ध्यान में रखते हुए,राजस्थान की एक राज्य पुस्तिका और "वॉयस ऑफ़ बेनिफिशरीज़" का एक विशेष महिला संस्करण भी प्रस्तुत किया गया।
इस कार्यक्रम में 900 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें बार एसोसिएशन, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता और क्षेत्रीय स्तर के टेली-लॉ कार्यक्रम के अधिकारी सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल थे।
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – 16 जुलाई 2024
इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया।

इस ऐतिहासिक अवसर पर "हमारा संविधान हमारा सम्मान" पोर्टल का शुभारंभ किया गया, जिसकी परिकल्पना एक व्यापक डिजिटल नॉलेज स्टेशन के रूप में की गई है जो नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और संवैधानिक सुरक्षा के बारे में आसान जानकारी प्रदान करेगा। इसमें लगभग 800 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
गुवाहाटी (असम) – 19 नवंबर 2024
अभियान का तीसरा क्षेत्रीय चरण 19 नवंबर 2024 को आईआईटी गुवाहाटी सभागार में विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में तीन उत्पादों पॉडकास्ट, कॉमिक बुक्स और संविधान कट्टा का शुभारंभ किया हुआ।

संविधान कट्टा पत्रिका में 75 कहानियां हैं जो भारतीय संविधान के दैनिक जीवन पर प्रभाव को दर्शाती हैं।
कार्यक्रम के दौरान एक कॉमिक बुक का अनावरण किया गया, जिसमें 10 लाभार्थियों की वास्तविक जीवन की कहानियां हैं, जिन्होंने अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए टेली लॉ और न्याय बंधु कार्यक्रमों का उपयोग किया है।
इसके अलावा, आठ पॉडकास्ट जारी किए गए, जो नागरिकों को उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करने में टेली लॉ और न्याय बंधु कार्यक्रमों की भूमिका पर केंद्रित थे।
इस कार्यक्रम में लगभग 1400 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कुंभ (प्रयागराज, उत्तर प्रदेश) – 24 जनवरी 2025
घाट, प्रयागराज में अपने शीर्ष पर पहुँच गया। यह "हमारा संविधान - हमारा सम्मान" का चौथा क्षेत्रीय आयोजन था।

इस अवसर पर "हमारा संविधान हमारा सम्मान" अभियान पर एक उपलब्धि पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसमें साल भर चले अभियान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।
इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित न्यायाधीशों, विद्वानों और सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के पदाधिकारियों सहित लगभग 2000 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का राष्ट्रीय स्तर पर सीधा प्रसारण भी किया गया, जिससे इसकी व्यापक लोकप्रियता बढ़ी और इसमें उपलब्धियों के उत्सव के साथ-साथ संवैधानिक मूल्यों की एक सशक्त स्वीकार्यता भी साबित हुई जिसमें जागरूकता, एकता और सहभागी लोकतंत्र पर ज़ोर दिया गया।
“हमारा संविधान-हमारा सम्मान” अभियान, और उसके बाद हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अभियान, भारत में सबसे व्यापक संवैधानिक जन जागरण पहलों में से एक हैं। न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों को बढ़ावा देते हुए, यह अभियान औपचारिक आयोजन से आगे बढ़कर संविधान और उसके मूल्यों के साथ जमीनी स्तर पर निरंतर संपर्क बनाने में सक्षम हुआ है।
एक वर्ष के दौरान, इस अभियान ने देश भर में 13,700 से अधिक कार्यक्रमों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक नागरिकों को संगठित किया, जिन्हें शपथों, रचनात्मक प्रतियोगिताओं, कानूनी सहायता मेलों, जागरूकता कार्यशालाओं और डिजिटल प्लेटफार्मों जैसे विविध जनजागरण के उपायों से सहायती दी गयी। क्षेत्रीय कार्यक्रमों,हाशिए पर पड़े समुदायों और युवाओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने से यह सुनिश्चित हुआ कि अभियान का प्रभाव समावेशी और स्थायी दोनों हो।
अभियान के स्वाभिमान चरण में बाधारहित प्रवेश सरकार के इरादे को जाहिर करता है कि वह न सिर्फ नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सूचित करे, बल्कि उस दस्तावेज को लेकर उनमें गर्व का अहसास कराये जिसने भारत के संवैधानिक चरित्र को सुरक्षित रखा है।
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