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भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी के फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएमएंडएच) ने 'एएसयूएंडएच के फार्माकोपियाल मापदंडों' पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया

Posted On: 18 NOV 2025 7:05PM by PIB Delhi

भारतीय औषधि एवं होम्योपैथी फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएमएंडएच) ने आज आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) द्वारा वित्त पोषित क्षेत्रीय कच्चे औषधि भंडार (आरआरडीआर) - गंगा मैदानी क्षेत्र परियोजना के अंतर्गत "एएसयूएंडएच के फार्माकोपियाल मापदंडों" पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

पीसीआईएमएंडएच के निदेशक डॉ. रमन मोहन सिंह ने अपने स्वागत भाषण में प्रतिभागियों को आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी (एएसयूएंडएच) औषधियों के मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण के क्षेत्र में आयोग द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों और हाल की कोशिशों के बारे में जानकारी दी।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, एनएमपीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रो. (डॉ.) महेश कुमार दाधीच ने एएसयू एंड एच प्रणालियों की सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने में प्राकृतिक औषधियों की गुणवत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने आरआरडीआर विकसित करने में पीसीआईएम एंड एच द्वारा की गई प्रगति की सराहना की और बताया कि एनएमपीबी, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के सहयोग से, एएसयू एंड एच औषधियों के लिए भारतीय निर्देशक द्रव्य विकसित कर रहा है। उन्होंने क्यूआर-कोड सक्षम डेटाबेस के साथ विषयगत औषधीय पादप उद्यान स्थापित करने के लिए पीसीआईएम एंड एच की भी सराहना की।

डीआरडीआर के पूर्व एसोसिएट निदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह ने एएसयूएंडएच दवाओं की बढ़ती वैश्विक स्वीकृति को रेखांकित किया और फार्माकोपियल और फार्मूलरी मानकों की स्थापना में पीसीआईएमएंडएच की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।

पीसीआईएमएंडएच की प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी (फार्माकोग्नॉसी) डॉ. ए. जयंती ने गंगा मैदानी आरआरडीआर परियोजना के अंतर्गत गतिविधियों का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पीसीआईएमएंडएच वर्तमान में अपने भंडार में 523 प्रामाणिक कच्ची औषधियों के नमूने और एएसयूएंडएच औषधियों की 218 प्रजातियों के लगभग 1,000 हर्बेरियम नमूने संरक्षित कर रहा है।

कार्यक्रम में लगभग 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें दिल्ली के जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, गाजियाबाद के  राज कुमार गोयल प्रौद्योगिकी संस्थान, जीएस आयुर्वेद कॉलेज, संस्कार कॉलेज ऑफ फार्मेसी, नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), ग्रेटर नोएडा से बैक्सन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, आईएमएस गाजियाबाद आदि संस्थानों ने प्रतिनिधित्व किया ।

तकनीकी सत्रों में आरआरडीआर परियोजना के सलाहकार डॉ. मुकेश कुमार द्वारा औषधीय पौधों की वर्गीकरण संबंधी पहचान; पीसीआईएम एंड एच के पीएसओ डॉ. ए. जयंती द्वारा फार्माकोग्नॉस्टिक मापदंडों द्वारा प्राकृतिक दवाओं की पहचान; पीसीआईएम एंड एच के पीएसओ डॉ. एससी वर्मा द्वारा पारंपरिक दवाओं का गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता मूल्यांकन; और माइक्रोबायोलॉजी के एसओ डॉ. एम. रमेश द्वारा एएसयू एंड एच दवाओं का माइक्रोबियल विश्लेषण पर विशेषज्ञ व्याख्यान शामिल थे।

तकनीकी सत्रों के बाद, प्रतिभागियों को फार्माकोग्नॉसी, रसायन विज्ञान और सूक्ष्म जीव विज्ञान प्रयोगशालाओं में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया और एएसयूएंडएच औषधियों के मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण में प्रयुक्त प्रमुख उपकरणों का प्रदर्शन भी दिखाया गया। हर्बल गार्डन, क्षेत्रीय कच्ची औषधि भंडार और बीज बैंक का भी अवलोकन कराया गया।

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