संस्कृति मंत्रालय
एएसआई की ओर से प्रोजेक्ट मौसम पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
“हिंद महासागर क्षेत्र के अंदर समुद्री नेटवर्क के महत्वपूर्ण मोड़ पर स्थित द्वीप”
Posted On:
17 NOV 2025 9:30PM by PIB Delhi
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) 18-19 नवंबर 2025 को “हिंद महासागर क्षेत्र के अंदर समुद्री नेटवर्क के महत्वपूर्ण मोड़ पर स्थित द्वीप” शीर्षक से प्रोजेक्ट मौसम विषयगत अध्ययन की रूपरेखा के दस्तावेज के संबंध में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। यह कार्यशाला नई दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के विश्व धरोहर स्थल संग्रहालय में आयोजित की जाएगी। इसमें विदेश मंत्रालय, राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, आईजीएनसीए, भारतीय वन्यजीव संस्थान, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, दक्षिण एशिया के लिए यूनेस्को का क्षेत्रीय कार्यालय, आईसीओएमओएस इंडिया आदि जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत करेंगे और इस अवसर पर "जलाधिपुरयात्रा" और "हिंद महासागर क्षेत्र के अंदर समुद्री नेटवर्क के महत्वपूर्ण मोड़ पर स्थित द्वीप" शीर्षक से विषयगत अध्ययन की रूपरेखा के दस्तावेज से संबंधित दो प्रकाशनों का विमोचन भी किया जाएगा।

प्रोजेक्ट मौसम का नाम अरबी शब्द "मौसिम" से लिया गया है जिसका अर्थ है वे मौसमी मानसूनी हवाएं जो लाल सागर-हिंद महासागर क्षेत्र में नौवहन प्रणाली तैयार करती हैं। जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम और अक्टूबर-नवंबर से फरवरी-मार्च तक उत्तर-पूर्व की ओर बहने वाली ये हवाएं कम से कम पिछले पांच हज़ार वर्षों से लोगों, वस्तुओं और विचारों के आवागमन का मार्गदर्शन करती रही हैं।
यह विशाल क्षेत्र लंबे समय से अफ्रीका, अरब, पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया को जोड़ने वाले वाणिज्यिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र रहा है। ये संपर्क मूर्त रूप में पुरातात्विक अवशेषों, कला सामग्री और ऐतिहासिक परिदृश्य जैसी विरासत तथा वे अमूर्त विरासत जिसमें भाषाएं, लिपियां, चिकित्सा परंपराएं, त्यौहार, पोशाक, भोजन और रीति-रिवाज शामिल हैं, उन दोनों में परिलक्षित होते हैं।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने इस समृद्ध सांस्कृतिक और पारिस्थितिकी संबंधी विविधता का पता लगाने के लिए 2014 में कतर के दोहा में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 38वें सत्र में प्रोजेक्ट मौसम का शुभारंभ किया।
वर्तमान में एएसआई की ओर से संचालित अध्ययन की बहुत-सी शाखाओं से संबंधित यह पहल हिंद महासागर में ऐतिहासिक संबंधों को पुनर्जीवित करने तथा सहयोग, सहभागिता और आदान-प्रदान के नए अवसर सृजित करने का प्रयास करती है।

इस दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय विश्व विरासत नामांकन प्रस्तावों की संभावना तलाशने के साथ-साथ हिंद महासागर के देशों में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत से जुड़े तत्वों का पता लगाना है और साथ ही क्षमता निर्माण, अभिलेखीकरण, ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों के संरक्षण तथा पुरातात्विक अन्वेषण और उत्खनन सहित विरासत से संबंधित क्षेत्रों में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा करना है।
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