आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
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बाजारों से स्मारकों तक: स्वच्छ शौचालयों और स्वच्छ स्थानों को बढ़ावा देना

Posted On: 17 NOV 2025 5:53PM by PIB Delhi

स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के तहत समूचे भारत के विभिन्न शहर विशेषकर पर्यटन स्थल, व्यस्त बाजार और परिवहन केंद्रों जैसे अधिक भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों में स्वच्छता को सुलभ एवं समावेशी बनाने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। यह मानते हुए कि वास्तव में कचरा-मुक्त और रहने योग्य शहर वही है जहां सभी के लिए स्वच्छ और इस्तेमाल किए जाने योग्य शौचालय उपलब्ध हों, शहरी स्थानीय निकाय आधुनिक, समावेशी और सुव्यवस्थित सार्वजनिक सुविधा केंद्र बनाने के लिए नए नए सुधार कर रहे हैं, जो हर दिन लाखों नागरिकों और आगंतुकों को सेवा प्रदान करते हैं।

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तीर्थ नगरों से लेकर तटीय शहरों और व्यस्त बाज़ारों तक, सुलभ स्वच्छता ने गरिमा, स्वच्छता और स्थिरता को बनाए रखते हुए शहरी जीवन के अनुभव को बदल दिया है और यह सब स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत संभव हो रहा है।

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भारत के सर्वाधिक भीड़-भाड़ वाले तीर्थस्थलों में से एक तिरुपति ने अपनी नागरिक अवसंरचना के तहत स्वच्छता और सुगमता को प्राथमिकता दी है। तिरुपति नगर निगम ने आधुनिक शौचालय परिसरों का निर्माण किया है जो श्रद्धालुओं, पर्यटकों तथा स्थानीय निवासियों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

बस स्टेशन के पास महिलाओं के लिए एक विशेष ‘पिंक टॉयलेट’ कॉम्प्लेक्स श्रीनिवासम, विष्णुवासम, रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल को जोड़ने वाली एक केंद्रीय सुविधा के रूप में कार्य करता है। इसमें भारतीय और पश्चिमी शौचालय, विश्रामकक्ष, मातृ देखभाल और चेंजिंग रूम, कचरा निस्तारण के लिए इंसीनरेटर (भस्मक) और सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें उपलब्ध हैं। यह सुविधा प्रतिदिन 12,000-15,000 उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करती है और एक सुव्यवस्थित तीन-शिफ्ट सफाई प्रणाली के माध्यम से इसका रखरखाव किया जाता है।

इसके अलावा, रेलवे स्टेशन के पास एक सार्वजनिक शौचालय परिसर पुरुषों, महिलाओं, ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों, दिव्यांगों और बच्चों के लिए सुलभ स्वच्छता प्रदान करता है, जो प्रतिदिन गोविंदराजस्वामी मंदिर क्षेत्र में आने वाले 20,000-25,000 श्रद्धालुओं की सेवा करता है। रैंप, हैंडरेल, बच्चों के अनुकूल उपकरणों और स्नानघरों से सुसज्जित यह मंदिर भारत के सबसे व्यस्त तीर्थयात्रा गलियारों में से एक में सार्वभौमिक पहुंच और स्वच्छता सुनिश्चित करता है।

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प्रसिद्ध श्री माता वैष्णो देवी मंदिर का आधार शिविर होने के नाते बेहद व्यस्त शहर कटरा प्रतिवर्ष लाखों तीर्थयात्रियों का स्वागत करता है। स्वच्छ और सुलभ स्वच्छता की मांग को पूरा करने के लिए एसबीएम-यू 2.0 के अंतर्गत नगरपालिका समिति कटरा ने त्रिकुटा भवन के पास एक आधुनिक तीन मंजिला सार्वजनिक शौचालय परिसर की स्थापना की है जो प्रतिदिन लगभग 1,000 उपयोगकर्ताओं की सेवा करता है।

सार्वभौमिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई इस सुविधा में लैंगिक-विशिष्ट खंड, दिव्यांग-अनुकूल शौचालय, तथा मासिक धर्म स्वच्छता सुविधाएं जैसे सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और भस्मक शामिल हैं। सुलभ इंटरनेशनल की निगरानी में 24 घंटे पेशेवर देखभाल स्वच्छता और रखरखाव सुनिश्चित करता है। इस सुविधा ने स्वच्छ, सुरक्षित और समावेशी स्वच्छता प्रदान करके तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाया है - जिससे महिलाओं, बुजुर्ग श्रद्धालुओं और दिव्यांग व्यक्तियों को लाभ हुआ है, साथ ही आस पास के विक्रेताओं एवं स्थानीय लोगों को भी लाभ पहुंचा है।

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अगर पश्चिम की ओर बढ़ें तो नवी मुंबई नगर निगम (एनएमएमसी) ने सेक्टर 14, कोपरखैरणे में आकांक्षी शौचालय (स्वचालित फ्लशिंग, ध्वनि सहायता, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग कमरे एवं पावर बैकअप जैसी सुविधाओं से लैस शौचालय) विकसित किए हैं जो अधिक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र निसर्ग उद्यान शहरी बगीचे के पास स्थित है। प्रतिदिन 8,000-9,000 आगंतुकों की सेवा करने वाली यह स्थायी रूप से निर्मित सुविधा, पर्यावरण के प्रति सजग शहरी डिजाइन का एक मॉडल है।

पुन: प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक शीटिंग का उपयोग करके 426 वर्ग मीटर में निर्मित इस सुविधा को बनाने में 5.3 मीट्रिक टन एकल-उपयोग प्लास्टिक, 11,700 प्लास्टिक बोतलें, 35,200 बोतल के ढक्कन, 85 पुन:प्रयोजनीय कंप्यूटर कीबोर्ड और 284 किलोग्राम स्क्रैप धातु का इस्तेमाल किया गया है, जो ‘रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकल’ के सिद्धांतों का बेहतर उदाहरण है। लैंगिक-विशिष्ट खंड, बच्चों और दिव्यांगजन के अनुकूल इकाइयां, शिशु देखभाल केंद्र और सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें सभी उपयोगकर्ताओं के लिए गरिमा और सुलभता सुनिश्चित करती हैं। उपचारित सीवेज जल से संचालित फव्वारा इसके टिकाऊ डिजाइन को और अधिक निखारता है, जिससे यह परिसर पर्यावरणीय नवाचार और नागरिक गौरव का एक आदर्श उदाहरण बन जाता है।

तिरुवनंतपुरम: शांघमुघम बीच पर समावेशी सुविधा और आराम

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तिरुवनंतपुरम नगर निगम ने मनोरम शांगमुघम समुद्र तट के किनारे ‘‘टेक अ ब्रेक’’ नामक एक आकांक्षी सार्वजनिक शौचालय सुविधा की स्थापना की है, जिसे स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के सहयोग से विकसित किया गया है। इसका उद्घाटन 2024 में किया गया था, यह पहल पर्यटकों की सुविधा, सार्वजनिक स्वच्छता और सतत शहरी पर्यटन को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रतिदिन 200 उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करने वाली इस सुविधा में छह यूरोपीय शैली के शौचालय और छह मूत्रालय हैं, जिनमें रैंप और सपोर्ट हैंडल हैं जो दिव्यांगजनों एवं बुजुर्ग आगंतुकों के लिए पूर्ण पहुंच सुनिश्चित करते हैं। यह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अनुकूल भी है, जो सभी उपयोगकर्ताओं की समावेशिता और उनकी गरिमा के प्रति निगम की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। निकटवर्ती कैफेटेरिया में हल्का नाश्ता उपलब्ध रहता है, जो उपयोगकर्ता के आराम को बढ़ाता है तथा इस परिसर को पर्यटकों और निवासियों दोनों के लिए एक स्वागत योग्य विश्राम स्थल बनाता है।

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भोपाल में, नगर निगम ने डीबीओटी (पीपीपी) मॉडल के तहत ‘फ्रेशरूम’ - स्मार्ट और लक्जरी सार्वजनिक सुविधा केंद्र विकसित किए हैं। अत्यंत भीड़ भाड़ वाले 10 नंबर मार्केट में रणनीतिक रूप से स्थित 800-1000 वर्ग फुट का स्मार्ट लाउंज प्रतिदिन 500-1000 आगंतुकों की सेवा करता है और इसने खरीदारों, विक्रेताओं और यात्रियों के लिए शहरी स्वच्छता में व्यापक बदलाव किया है।

इस सुविधा में सेंसर-आधारित शौचालय, स्पर्श-रहित मूत्रालय, गर्म/ठंडे शावर, एक कैफे, वेंडिंग मशीन, लॉकर, वाई-फाई, शिशुओं से संबंधित बेबी चेंजिंग रूम और एक डिजिटल सूचना पट्ट शामिल हैं। पुरुषों, महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग और सुलभ सुविधाएं इसे समावेशी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाती हैं। प्रौद्योगिकी, आराम और स्थिरता को एकीकृत करके फ्रेशरूम्स इस बात का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि कैसे नवीन मॉडल वित्तीय आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करते हुए विश्वस्तरीय स्वच्छता प्रदान कर सकते हैं।

नवीन डिजाइन, टिकाऊ सामग्री, सार्वभौमिक पहुंच और कठोर रखरखाव प्रणालियों के माध्यम से ये सुविधाएं एक साझा राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं: यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक नागरिक - चाहे उसका लिंग, क्षमता या स्थान कुछ भी हो — वह सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छ, सुरक्षित और गरिमापूर्ण शौचालय तक पहुंच प्राप्त कर सके।

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पीके/केसी/एसएस


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